पाठ-19- तीसरे श्लोक का उच्चारण,वर्ण-विभेद,संधिविच्छेद -आओ, सीखें भक्तामर स्तोत्र

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  • čas přidán 8. 06. 2024
  • सादर जय जिनेन्द्र जी
    आदरणीय स्वाध्याय प्रेमियों ,
    “आओ सीखे भक्तामर स्तोत्र” क्लास से संबंधित आपके जो भी प्रश्न हमें प्राप्त हुए हैं, वे सब गुरुदेव जी तक् पहुँच दिए गए हैं|
    परम पूज्य गुरुदेव जी ने शनिवार का दिन तय किया है |
    आप अपनी जिज्ञासा नीचे दिए नंबर पर भिजवाएं
    कृपया whattsapp करें
    7986469396
    भक्तामर स्तोत्र जैन परंपरा का चामत्कारिक स्तोत्र है |भक्तामर स्तोत्र में वर्णित श्लोकों एवं प्रयोगों का उपयोग मंत्र-यंत्र-तंत्र विद् जैन एवं जैनेतर लोग करते हैं और परिणाम भी पाते हैं |
    आओ, इस स्तोत्र के विषय में आचार्य श्रीमद् विजय धर्मधुरंधर सूरि जी महाराज साहेब के श्री मुख से कुछ सुनें,जानें और सीखें |
    आशा करते हैं आपने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया है |
    विडिओ अच्छी लगी तो comment जरूर करें |
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    Timecodes
    0:00 Intro
    0:13 मंगलाचरण
    1:55 तीसरे श्लोक का उच्चारण
    10:30 श्लोक 3 के वर्ण-विभेद
    24:20 संधि-विच्छेद
    33:20 जय हो जय हो जिनवरा by आरव जैन , usa
    38:20 मांगलिक
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Komentáře • 3

  • @satendrajain270
    @satendrajain270 Před 27 dny

    Jai jai gurudev ji

  • @promilajain9774
    @promilajain9774 Před 27 dny

    जय गुरुदेव। कृपया एक समाधान कर दें कि अगर बुद्धया में द् और ध् दोनों ही मूल व्यंजन हैं तो क्या बुद्ध्या शब्द में द्ध अक्षर हलन्त वाला नहीं होना चाहिए।पर किसी पुस्तक में इस ‌अक्षर के नीचे हलन्त नहीं मिलती।ऐसा क्यों?

    • @sandesh490
      @sandesh490  Před 27 dny

      आपका प्रश्न गुरुदेव जी के पास पहुँच दिया गया है जी