#nav

Sdílet
Vložit
  • čas přidán 13. 06. 2024
  • #nav ke pad
    #havelisangeet
    #pushtimargkirtan
    1.
    raag.sarang
    taal.dhamar
    श्याम जमुनां बीच खेवत नाव ।।
    एक सखी आई घरतें कहे मोहुकों बेठाव ॥१॥
    बेठों केसे घाट ओघट हे रपट परत हैं पाय ।।
    हाथ पकर बेठाय आप ढिंग रसिकन रच्यो उपाय ॥२॥
    2.
    raag.sarang
    taal.dhamar
    जमुनातीर अहीरन भीरन मोहन नाव चलावत जाई ॥
    सुंदर मुख अवलोकित सब त्रिय अंतरंग मानों नवनिधि पाई ॥१ ॥
    सुंदर सुखद स्रवत अंगअंग पीय अति मृदुबेन सुनत न अघाई ।।
    श्रीविठ्ठल गिरिधर बिन देखें केसें धीर रहे मेरी माई ॥२॥
    swar: gopal patoliya (nagalpur)
    pakhavaj: gopal patoliya
    janj: nayan malaviya
    harmoniyam: dasbhai (nagalpur)
  • Hudba

Komentáře • 3