गुरु से प्रेम, सत्य से प्रेम || आचार्य प्रशांत, गुरु कबीर पर (2013)
Vložit
- čas přidán 11. 09. 2024
- संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें:
acharyaprashant...
या कॉल करें: +91- 9650585100/9643750710
आप अपने प्रश्न इस नम्बर पर व्हाट्सएप्प कर सकते हैं: +91-7428348555
~~~~~~~~~~~~~
आचार्य प्रशांत संग ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए: solutions.acha...
~~~~~~~~~~~~~
आचार्य प्रशांत से मुलाकात हेतु, और उनकी जीवनी, कृतित्व, पुस्तकों, व मीडिया के लिए:
acharyaprashan...
~~~~~~~~~~~~~
इस अभियान को, और लोगों तक पहुँचाने में आर्थिक सहयोग दें: acharyaprashant...
~~~~~~~~~~~~~
वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 24.11.13, अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा, भारत
प्रसंग:
~ गुरु से प्रेम कैसा?
~ यह प्रेम जीवन और मरण से मुक्त कैसे?
~ क्या गुरु के प्रति ही वास्तविक प्रेम हो सकता है?
~ क्या गुरु से प्रेम होना संभव है?
~ क्या गुरु ही सच्चा प्रेमी है?
~ क्या गुरु परम तक पहुँचने की सीढ़ी है?
संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~~~~~~~~~
दोहा:
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
~ गुरु कबीर