गुरु से प्रेम, सत्य से प्रेम || आचार्य प्रशांत, गुरु कबीर पर (2013)

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  • čas přidán 11. 09. 2024
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    वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 24.11.13, अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा, भारत
    प्रसंग:
    ~ गुरु से प्रेम कैसा?
    ~ यह प्रेम जीवन और मरण से मुक्त कैसे?
    ~ क्या गुरु के प्रति ही वास्तविक प्रेम हो सकता है?
    ~ क्या गुरु से प्रेम होना संभव है?
    ~ क्या गुरु ही सच्चा प्रेमी है?
    ~ क्या गुरु परम तक पहुँचने की सीढ़ी है?
    संगीत: मिलिंद दाते
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    दोहा:
    गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
    बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
    ~ गुरु कबीर

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