निमित्तकुमार का सूरत में ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव (भाग-2) : Vimalsagarsuriji

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  • čas přidán 30. 03. 2018
  • ◆ परम पवित्र, पावन प्रीतम, पुरुषादानीय, पुण्यनिधान, प्रकट प्रभावी, पार्श्व प्रभु के महामंगलकारी पंचाभिषेक से हुआ.....
    ◆ मुमुक्षु निमित्तकुमार श्रीश्रीमाल के ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव का भव्य आगाज़....
    ◆ परम श्रद्धेय, सरलमना, आचार्य भगवंत श्री वर्धमानसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब एवं
    पूज्यवर गुरुजी, हजारों लोगों के जीवन उद्धारक, आचार्य श्री विमलसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब आदि श्रमण-श्रमणी वर्ग के यशस्वी सान्निध्य में सूरत में हुआ यादगार आयोजन.....
    • संगीत की मनमोहक सुरावली,
    • उत्तम सामग्री का संयोग,
    • हजारों भक्तों की उपस्थिति,
    • भक्ति-नृत्य की भावभीनी प्रस्तुति
    और
    • आयोजन की सुंदर संयोजना का शानदार नज़ारा !
    ◆ विक्रम संवत् 2074, माघ शुक्ल अष्टमी, 25 जनवरी 2018, गुरुवार की सुहानी सुप्रभात.....
    ◆ प्रस्तुत है सूरत के उस ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव के अविस्मरणीय जीवंत संस्मरण.....
    ◆ Part-2
    *************
    It is a generous campaign dedicated to Lord Mahaveer's principle in the name of Revolutionary, Versatile & Vigorous Preacher Aacharya Shree Vimalsagarsuriji.
    It is Purely Sacred, Perceptional & Intellectual effort to bring one’s attention on life values ​​in the form of Religious Integrity, Social Intimacy, National Pride, Human Values, Spiritual Supremacy,
    Non Violence, Good Faith, Vegetarianism, Indian Culture, Karma Theory & much more.
    It Emphasizes on Awakening the Youth, Prospering Women Welfare, Promoting Communal Harmony, Maintaining Cultural Pride & Enhancing Jain Ideology.
    क्रांतिकारी-ओजस्वी प्रवचनकार आचार्य श्री विमलसागरसूरिजी महाराज के प्रवचन और विविध आयोजन भगवान महावीरस्वामी के सिद्धांतों को समर्पित सर्व हितकारी अभियान हैं.
    यह जैनधर्म, अध्यात्म, समाज, संस्कृति, राष्ट्रीयता, अहिंसा, नैतिकता, सुसंस्कार, शाकाहार, सद्भावना, आहार विज्ञान, कर्मवाद और मानवता की सेवा का पावन पुरुषार्थ है.
    सकारात्मक सोच, युवा जागरण, कन्या उत्कर्ष, साम्प्रदायिक सद्भाव और सांस्कृतिक गौरव इसके सार्थक माईल स्टोन हैं.

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