Avartansheel kheti (आवर्तनशील खेती की पूरी जानकारी) | Tour of a prem singh's farm | prem singh banda
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- čas přidán 29. 08. 2024
- Cracking the Farming Code | Prem Singh | TEDxGurugram
मशहूर किसान प्रेम सिंह की सफ़लता के गुरु मंत्र। Avartansheel Kheti Model। Prem Singh
ऐसे भी किसान होते हैं, मुंह से यही निकलेगा, बातें सुन आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे
खेती से पैसे कैसे कमाए ? Is making profit only aim of farming?
Agriculture: Avartansheel Kheti (आवर्तनशील खेती) changing lives with periodic proportionate farming
Tour of Prem Singh's organic farm।Avartansheel kheti। आवर्तनशील खेती।Ted Talks
बुंदेलखंड , उत्तरप्रदेश राज्य का एक ऐसा खंड जो अपने उजाड़ व सूखे के लिय कुख्यात है। बुंदेलाओ का ये क्षेत्र बरसो सूखे की मार झेल रहा है।
मई जून की गर्मियों मे सूखे का तो आलम ये हो जाता है की पानी बाहर से मंगवाना पड़ता है।
इसी तपती बंजर भूमि को अपनी लगन और परिश्रम से सींचा एक ऐसे किसान ने जिसने अपनी खेती के तरीके से इस विधवा बंजर भूमि को पुन: सुहागन बना दिया।
आज ऐसे ही महान किसानों के परिश्रम से बुंदेलखंड की भूमि वापस लेह- लहा उठी है।
इस उन्नत किसान का नाम है श्री #प्रेमसिंह।
प्रेम सिंह जी उत्तरप्रदेश के बांदा जिले से कुछ ही दूर के बड़ोखर खुर्द गांव के रहने वाले किसान है।
आज इनसे खेती किसानी की गुरुमंत्र सीखने सिर्फ बुन्देलखण्ड या भारत के ही नही।
अमेरिका, इजरायल,अफ्रीका,फ्रांस जैसे 24 देशों के लोग आ चुके है।
आज हम इस वीडियो के माध्यम से इन्हिके सफर के बारे में और इनकी खेती पद्धति के बारे में जानेंगे।
इस समृद्धि की खेती करने की पद्धति का नाम अवर्तनशील खेती #aavartansheelkheti है।
जो की प्रकृति के सह अस्तिववाद के सिद्धांत पे आधारित है।
आवर्तनशील कृषि क्या है?
कृषि की यह पद्धति सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व (Harmonious Co-existence) के सिद्धांत पर आधारित है।
इसके अनुसार, पृथ्वी पर उपस्थित सभी पशु-पक्षी, वृक्ष, कीड़े व अन्य सूक्ष्म जीवों के जीवन का एक निश्चित क्रम है। यदि मानव इनके क्रम को नुकसान न पहुँचाए तो ये कभी नष्ट नहीं होंगे।
कृषि की इस पद्धति में इन सभी जीवों का समन्वय तथा सहयोग आवश्यक है जिससे कृषि को धारणीय, वहनीय एवं प्राकृतिक वातावरण के अनुकूल बनाया जा सके।
आवर्तनशील कृषि में एक बड़े जोत को इस प्रकार बाँटा जाता है कि उसमें सब्जियाँ व अनाज उगाने, पशुपालन, मछलीपालन तथा बागवानी आदि के लिये पर्याप्त स्थान मौजूद हो।
इसके अतिरिक्त इस पद्धति में एकल कृषि (Monoculture) के स्थान पर मिश्रित कृषि (Mixed Farming) तथा मिश्रित फसल (Mixed Cropping) पर बल दिया जाता है।
कृषि की इस पद्धति में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर गोबर, सब्जियों के छिलके, बचा हुआ खाना व अन्य जैव अपशिष्ट पदार्थों के प्रयोग से बनी जैविक खाद, कंपोस्ट (Compost), वर्मीकंपोस्ट (Vermi Compost) व नाडेप (NADEP) विधि से बनी खाद का प्रयोग किया जाता है।
इस प्रकार की कृषि में सिंचाई के लिये जल का सीमित उपयोग तथा वर्षा के जल का संरक्षण किया जाता है।
आवर्तनशील कृषि में इस बात पर विशेष बल दिया जाता है कि कृषि उत्पादों को सीधे बाज़ार में बेचने की बजाय लघु स्तर पर प्रसंस्करण (Processing) किया जाए।
इससे न केवल इन उत्पादों का मूल्यवर्द्धन होगा बल्कि किसानों को उनके उत्पाद की उचित कीमत भी मिलेगी।
इस पद्धति के अंतर्गत उत्पादित अनाज के एक हिस्से को संरक्षित किया जाता है ताकि अगली फसल की बुआई के लिये बाज़ार से बीज खरीदने की आवश्यकता न पड़े।
आवर्तनशील कृषि के लाभ:-
इस प्रकार की कृषि में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग किया जाता है। इससे मृदा की प्राकृतिक उर्वरता बनी रहती है तथा मृदा की जल धारण क्षमता का विकास होता है।
रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों तथा हाइब्रिड बीजों की खरीद में अतिरिक्त लागत न लगने की वजह से आवर्तनशील कृषि आधुनिक परंपरागत कृषि के स्थान पर एक सस्ता एवं धारणीय विकल्प है।
भारत में स्थित सूखाग्रस्त क्षेत्र जहाँ किसानों की एक बड़ी आबादी सिंचाई के लिये वर्षा के जल पर निर्भर है, वहाँ इस पद्धति द्वारा उनकी समस्याओं को कम किया जा सकता है।
वर्तमान भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण, बेरोज़गारी, किसानों द्वारा आत्महत्या, युवाओं का शहरों की तरफ पलायन आदि प्रमुख समस्याएँ है। आवर्तनशील कृषि इन समस्याओं का एक बेहतर समाधान हो सकती है।
क्योंकि इस पद्धति में जीव-जंतुओं, वृक्षों तथा मानवीय समन्वय पर ज़ोर दिया जाता है इसलिये पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने का यह एक प्रभावी तरीका है।
आप भी यहां आकर प्रेम सिंह जी से आवर्तनशील खेती के बारे में जान सकते हैं।
प्रेम सिंह की बगिया पे आने का रास्ता :-
By Road - प्रेम सिंह की बगिया बड़ोखर खुर्द गांव में जो की बांदा जिले से महज 5 km की दूरी पे है।ये प्रयागराज रोड पे ही गांव बसा हुआ है।। यहां पे आप बस के द्वारा या अपना वाहन लेके आ सकते है।
By Train :- ट्रेन से आने के लिय आप बांदा जंक्शन (210001) रेलवे स्टेशन आ सकते है यही से आपको डायरेक्ट बड़ोखर खुर्द गांव के लिय साधन मिल जायेगा।
By Air - हवाई मार्ग से आने के लिय आप प्रयागराज या लखनऊ एयरपोर्ट आ सकते है.
Introduction part Credit Goes to -@KisanOfIndia
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music Credits: -
/ avartansheelkheti
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Very much informative
Thanks rational aadmi.you may also my new videos too.
Bahut badiya sattu talks..
Jai kisan jai bharat
धन्यवाद निगम जी।
जय किसान जय भारत
बहुत बढ़िया
Bahut sundar satyam bhai.
हृदय की गहराइयों से धन्यवाद साहब आपका
Kya aap bhi kisan hai?
बनने की कोशिश कर रहा हु।
यदि सब कुछ अच्छा रहा तो इस साल के अंत तक 1 acre जमीन भी लेलूंगा
Contect no Prem ji aadres
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Please yaha ki adress details aur sambandhit aadmi ka number bhi de dijiye taaki ham sab yaha aa paye
Please check the comments i already gave the full detail with contact number many times