माता सती के अग्नि कुंड में समाधि के बाद वीर भैरव का अवतार

Sdílet
Vložit
  • čas přidán 22. 08. 2024
  • माता सती के पिता राजा दक्ष थे। सती ने अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध भगवान शिव को अपना जीवन साथी चुन लिया और उनसे विवाह कर लिया। उनके इस फैसले से राजा दक्ष बहुत दुखी और क्रोधित हुए। वे भगवान शिव को पसंद नहीं करते थे। उन्होंने भगवान शिव को अपमानित करने के लिए एक यज्ञ किया, जिसमें सती तथा भगवान शिव को निमंत्रण नहीं भेजा। सूचना मिलने पर सती ने भगवान शिव से उस यज्ञ में शामिल होने के लिए निवेदन किया। तब उन्होंने सती को समझाया कि बिना निमंत्रण किसी भी आयोजन में नहीं जाना चाहिए, चाहें वह अपने पिता का घर ही क्यों न हो। लेकिन सती नहीं मानी, उन्होंने सोचा कि पिता के घर जाने में कैसा संकोच? वे हट करने लगीं।

Komentáře • 50