आहार, विहार, साधाचार, व्यवहार सात्विक करें । श्री प्रेमानंद जी महाराज । जय श्री राधे🙏

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  • čas přidán 5. 09. 2024
  • 🙏🌹🙏 गुरुदेव श्री प्रेमानंद जी महाराज जी
    की अमृत वाणी ,,🙏
    ,,,,, कोई गंदा नशा मत करो कोई हिंसा आदि कर्म ना करो जिसमे दूसरे को ना दुख पहुंचे।बहुत कम जीवन है बहुत संकट पूर्ण जीवन है, पता नहीं की आ पाओ की ना पाओ कितना खतरा है हम सोचते है की अरे क्या पता नहीं आज शाम देख पाओगे हम देख पायेंगे की नहीं।मतलब बड़ाभ्यावेश है ये अब माया का खेल हैं समझ में नही आ रहा है। हंसते खेलते जा रहे है खूब गाड़ी रफ्तार में किये 😪ये तीनो के तीनो समाप्त हो गये अब उनको पता है अभी हंस रहे है अब आगे क्या होने वाला है राधा राधा राधा🙏कोई ऐसा कर्म ना करो और सबसे भयानक कार्य होता है दूसरे को हिंसा करना दंड अब जैसे लोग मांस वांश खाते हैं अब बताओ भला दूसरे के शरीर को तुम खा रहे हो खुद आप सोचो क्या हो तुम वो तो हर जीव अपना शरीर को बचाना चाहता है नही तो ये ज्ञान विज्ञान की बाते ।केवल सुनोगे कर कुछ नही कर पाओगे। जब तुम्हारी बुद्धि ही शुद्ध नहीं तो क्या कर पाओगे। भोजन सुधारो और जैसे बने तैसे नाम तभी नाम जप करो।हम कर रहे है तुम्हारा स्नान का मन नहीं है सुबह से बैठ गए। राधा राधा राधा जब तुम्हारा मन हो तब नहा लेना ,नाम जप कर रहे हो ना बढ़िया नाम जप के लिऐ मंत्र जप के लिए तो फिर पवित्रता और विधान।नाम किसी भी अवस्था में खूब नाम जप करो अच्छा आहार करो शुद्ध भाव रखो कोई भी अधर्म कार्य मत करो देखो कभी आनंद आने लगेगा,,,,🙏🌹🙏 राधे राधे 🙏🌹🙏

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