ये दुनिया किसने बनाई? ईश्वर, भगवान, या असली बात कुछ और है? || आचार्य प्रशांत (2024)

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  • čas přidán 16. 06. 2024
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    वीडियो जानकारी: 03.06.24, वेदान्त संहिता, ग्रेटर नॉएडा
    प्रसंग:
    ~ ये दुनिया किसने बनाई?
    ~ भगवान किसे कहा जा सकता है ?
    ~ ईश्वर किसे कहा जा सकता है ?
    ~ प्रकृति की परिभाषा क्या है?
    संगीत: मिलिंद दाते
    ~~~~~

Komentáře • 333

  • @ShriPrashant
    @ShriPrashant  Před 9 dny +268

    "आचार्य प्रशांत से गीता सीखना चाहते हैं?
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    • @user-mt8se6wc9y
      @user-mt8se6wc9y Před 8 dny +18

      Aacharya ji is video ka part 2 laiye
      Jisme hame finally kya Krna chahiye, clear ho ske
      Vese thoda bhut clear to huva hai par confusion bhi h is video me

    • @user-kk9go2zx9k
      @user-kk9go2zx9k Před 8 dny

      @@user-mt8se6wc9y आप सत्रों से जुड जाइए , आपको सब समझ में आ जायेगा, सत्रों से जुडने के लिए link ऊपर ही है 🙏🙏

    • @exploringall71
      @exploringall71 Před 5 dny +5

      Acharya ji ko pranaam! mera ek hi prashn hai jabse maine us video ki hinsakta ko dekha , main baar baar us zebra ki jagah apne aap ko dekh rha hoon uski jivit avastha mein hi aisi haalat dekh kar main thoda bhaybhit sa ho gya hoon acharya ji kripaya maargdarshan dein!

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +143

    वेदों में शुरुआत होती है प्रकृति की पूजा से और अंत होता है प्रकृति से मुक्ति पर।

  • @susheelkumarsantoriya6125

    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्
    हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं ईश्वर आचार्य जी को स्वस्थ और दीर्घायु जीवन दे
    🙏🙏🙏 💐💐💐

  • @Gulab..Shaikh..Sayyed
    @Gulab..Shaikh..Sayyed Před 9 dny +60

    जगत जीव से है और जीव जगत से, ये दोनों एक-दूसरे पर परस्पर आश्रित हैं🧍🏻‍♂️🌍🐵

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +82

    जिनका अहंकार पर बहुत विश्वास होता है, वो बाहर वाले ईश्वर पर चलते हैं और जो सत्य के पारखी होते हैं, वो भीतर वाले ईश्वर पर चलते हैं। भीतर वाले ईश्वर को ही आत्मा कहते हैं।

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +60

    जगत जीव से है और जीव जगत से
    ये दोनों एक - दूसरे पर परस्पर आश्रित हैं।

  • @priyankathakur7891
    @priyankathakur7891 Před 9 dny +69

    कबीर कुत्ता राम का, मोतिया मेरा नाम।
    गले राम की जेबरी, जित खिंचे तित जाऊं।।
    संत कबीर जी ❤

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +60

    जो मान्यतावादी होते हैं बड़े झूठे होते हैं, झूठ उनकी मजबूरी हो जाता है।

  • @SachinTamrakar-um9fh
    @SachinTamrakar-um9fh Před 9 dny +57

    जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ।
    मैं बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ।।
    - संत कबीर

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +40

    ज्यों तिल माही तेल है, ज्यों चकमक में आग।
    तेरा साई तुझ में है, जाग सके तो जाग।।
    ~ संत कबीर

  • @aloksingh7530
    @aloksingh7530 Před 9 dny +43

    ईश्वर माने वो निर्गुण, वो निराकार जो सब सगुण साकार को चला रहा है। स्वामी की तरह, चालक की तरह।

  • @Neelamchauhan0
    @Neelamchauhan0 Před 9 dny +128

    ये बहुत छोटा भेद होता है कि कौन ईश्वर को मानता है और कौन नहीं।
    असली भेद ये होता है कि कौन ईश्वर को बाहर मानता है और कौन भीतर ..।

  • @Imortexm
    @Imortexm Před 9 dny +29

    स्वयं को जानना ही भगवतता को प्राप्त करना है, वह कोई उपाधि, नहीं केवल स्वयं का विगलन मात्र है। अहंकार के विनष्ट होने पर जो रह जाए वही सत्य है। 🙏

  • @asingh017
    @asingh017 Před 9 dny +73

    आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
    यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰

  • @dnyaneshwarkadam6795
    @dnyaneshwarkadam6795 Před 9 dny +31

    सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद

  • @madhavjha1
    @madhavjha1 Před 9 dny +38

    दुनिया हमारा ही तो प्रतिबिंब है, मतलब हमने ही बनाया है...

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +51

    अहम जिसकी तलाश में है, अहम जो हो जाना चाहते हैं प्रकृति के माध्यम से उसे आत्मा बोलते हैं।

  • @ramkanya9516
    @ramkanya9516 Před 9 dny +23

    कोई नहीं मेरा जरूरत तेरी
    लागे ना जिया देखूं ना जो सूरत तेरी
    तू है तो दिल धड़कता है, तू है तो सांस आती हैं
    तू ना तो घर घर नहीं लगता, तू है तो डर नहीं लगता
    तू है तो गम ना आते हैं, तू है तो मुस्कुराते हैं..!
    Love you acharya ji 🙏🌍😢❤❤❤
    तू और तेरी जैसे शब्दों के लिए क्षमा 🙏🙏

  • @SachinTamrakar-um9fh
    @SachinTamrakar-um9fh Před 9 dny +32

    चलती चक्की देखकर, दिया कबीरा रोय।
    दुयै पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोय।।
    - संत कबीर

  • @user-kk9go2zx9k
    @user-kk9go2zx9k Před 9 dny +268

    गीता, वेदांत,ईश्वर,भगवान ,दर्शन, ये सब आपने सिखा दिया हैं मगर हम इतने जलदी ये सब कैसे सिख जायेंगे, ..... आज तक सिर्फ फिल्मी दुनियां में घूमते थे.... सिर्फ. आप है जो अहम, आत्मा व्रती नीति ईमानदारी, इन सब से मिलवाया आपने, एक दिन हम ओ सब सिख जायेंगे जो आप हमे सिखना समझाना चाहते हैं, 🙏🙏🙏🙇‍♀️🙇‍♀️🍁🍁

    • @harivanshsingh143
      @harivanshsingh143 Před 9 dny +14

      👏💪

    • @chhayajaitwar7948
      @chhayajaitwar7948 Před 8 dny +9

      Haa🙏🪔💫

    • @dishayadav151
      @dishayadav151 Před 8 dny +10

      Voh ek din kisi vishesh din nhi aaega har din hi vishesh h or hme har din sikhna h smjhna h or behtr se behtr hona h👍🏻💪🏻

    • @neerakansal4300
      @neerakansal4300 Před 8 dny +2

      Acharya ji jab se apko sunana shuru kiya jeevan badlne lga....sir ghukakar shat shat naman......

    • @user-kk9go2zx9k
      @user-kk9go2zx9k Před 8 dny

      @@dishayadav151 जी हमे हर रोज प्रयास करणा है, और जादा सीखने का समझने का , इसके लिए सत्रों से जुडना चाहीए मै जुड चुकी हूं, क्या आप भी जुड़े है, जुड़े है तो बहुत अच्छा, नही तो ये शुभ काम अभी करे और सत्रों से जुड़े 🙏🙏🙏

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +20

    कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढे बन माँहि।
    ऐसे घट घट राम है, दुनिया देखे नाही।।
    ~ संत कबीर

  • @abhay99048
    @abhay99048 Před 9 dny +26

    प्रकृति को प्रकृति ही चलता है ना की प्रकृति को कोई स्वामी भगवान इत्यादि इत्यादि चलाता है।
    ☄️और प्रकृति हमेशा गतिशील और परिवर्तनशील है जैसे हम भी और जो हम देख रहे हैं वह भी प्रकृति और मैं कल्पना कर रहा हूं वह भी प्रकृति है।

  • @aloksingh7530
    @aloksingh7530 Před 9 dny +27

    प्रकृति अपनी स्वामिनी स्वयं है।
    प्रकृति को कोई नहीं चला रहा है वह स्वयं अपने को चलाती हैं।

  • @aloksingh7530
    @aloksingh7530 Před 9 dny +25

    प्रकृति अपने नियम से स्वयं चलती है।

  • @arushi816
    @arushi816 Před 9 dny +18

    प्रणाम अचार्य जी 🙏🙏🙏🙏

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +23

    घाटे पानी सब भरे, अवघट भरे न कोय।
    अवघट घाट कबीर का, भरे सो निर्मल होय।।
    ~ संत कबीर

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +21

    आत्मा एक तरह से प्रकृति का पिता हुई: आचार्य जी❤❤❤❤

  • @PrabhakarSharma-qg4ov
    @PrabhakarSharma-qg4ov Před 9 dny +17

    आचार्य प्रशांत जी सादर नमस्ते 🙏🙏 सुप्रभात मित्रों दोस्तों परिवार सत्य सनातन धर्म सत्य सनातन संस्कृति एवं तकनीकी शिक्षा निश्चित तौर तरीके से समझाया गया ज्ञान शिक्षा प्राप्त करने का प्रयास करें और अपने परिवार के सदस्य बच्चों को भी ये जानकारी देते रहें देवो के देव महादेव महादेव के देव सूर्य देव 🕉️🌞🙏🙏

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 Před 8 dny +22

    धर्म की आरंभिक अवस्था में ईश्वर खोजा जाता है प्रकृति में
    और धर्म जब आगे बढ़ता है, अध्यात्म बन जाता है।
    अध्यात्म माने स्वयं में तलाशना तो फिर ईश्वर भीतर स्थापित हो जाता है।
    -आचार्य प्रशांत

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +27

    अहम लगातार संसार में खोंज रहा है तृप्ति, मुक्ति या अपना विगलन।

  • @susheelkumarsantoriya6125

    लाडू लावन लापसी ,पूजा चढ़े अपार
    पूजी पुजारी ले गया,मूरत के मुह छार
    🙏🙏🙏🙏

  • @Krishna-vh5ku
    @Krishna-vh5ku Před 8 dny +8

    आत्मा ही सत्य है और ईश्वर हे , सागर ही पूरा हे हमारे पास तो प्यास बुझाने के लिए कुछ बूंद की तलाश प्रकृति में क्यूँ करें।
    बहुत सुंदर समझाया आचार्य जी ने ❤

  • @pavanbadnagre5348
    @pavanbadnagre5348 Před 9 dny +18

    सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण

  • @UP_Police_Preparation_2024

    आजकल हर किसी के जीवन में बहुत बैचैनी है हर कोई बाहर शांति को खोजने में लगा हुआ है मगर शांति तो हमारे अंदर है उसे जागृत करने की जरूरत है

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Před 9 dny +33

    मृत्यु के बाद कुछ विशेष नहीं होता, मृत्यु के पहले भी प्रकृति का ही खेल खेल रहे हो और मृत्यु के बाद भी प्रकृति का ही खेल चलेगा।

    • @riteshg1675
      @riteshg1675 Před 8 dny

      आप सही बोल रही हो जी

  • @surajkatuwal1712
    @surajkatuwal1712 Před 8 dny +11

    प्रकृति ही ईश्वर हैं।🙏🙏🙏

  • @payal-conceptwithtrick
    @payal-conceptwithtrick Před 8 dny +15

    हम जितने भीतर से दुखी होंगे उतना ही बाहर खुशी तलाशेंगे, लेकिन बाहरी दुनिया में सुख मिलता है नहीं, सही अध्यात्म ही सब दुखों का इलाज है 🙏🙏

  • @vikashkr4
    @vikashkr4 Před 9 dny +32

    प्रकृति की परिभाषा ही है वो जो अपने नियमों से स्वयं चलती हो।🌎🌎

  • @omshantibksumit1754
    @omshantibksumit1754 Před 7 dny +3

    आचार्य जी भारत व विश्व के लिए एक वरदान है, मानव जीवन का सही अर्थ जानने का सही समय आ गया है, अब नहीं तो कब नही. हमारा वास्तविक जीवन "श्री मद भागवत गीता " है ,यहीं सच्चा ज्ञान हम अपना जीवन बनाकर इस कलयुग में जो हमारी पशु समान वृत्ति है उसको त्याग कर चेतना को जाग्रत कर ऊंची स्थिति पर ले जा सकते है... अंततः ऊंची चेतना के आधार पर हमारी वृत्ति ही बाहर की संस्कृति बन जाती है..

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +10

    जिसको तुम चेतना कहते हो वो भी प्रकृति मात्र है: आचार्य जी❤❤❤❤

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +9

    जिसने निर्गुण होते हुए भी सगुण प्रकृति को बनाया और चलाया है उसे ईश्वर कह देते है। आचार्य जी❤❤

  • @sonigupta007
    @sonigupta007 Před 8 dny +9

    शुरुआत होता है धर्म का ईश्वर को बाहर मानने से.
    अंत होता है अध्यात्म से ईश्वर को भीतर जानने से🙏

  • @vikashkr4
    @vikashkr4 Před 9 dny +12

    प्रकृति को चलाने वाला स्वयं प्रकृति ही है।

  • @i_m_nirala.
    @i_m_nirala. Před 9 dny +15

    जगत और जीव है दोनों जड़ यही प्रकृति है

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 Před 8 dny +11

    आस्तिक-नास्तिक कहने को अलग-अलग हैं।
    वास्तव में दोनों एक ही हैं क्योंकि दोनों मान्यता पर चलते हैं।
    -आचार्य प्रशांत

  • @techinfobyKARTIK
    @techinfobyKARTIK Před 8 dny +12

    अध्यात्म को इतनी गहराई से समझाने के लिए आचार्य जी को बहुत बहुत धन्यवाद 😊😊🙏

  • @indreshkumar8347
    @indreshkumar8347 Před 9 dny +12

    ❤❤❤ नमन आचार्य जी🙏🙏❤️❤ राम तेरी माया समझ ना आये 🙏🥰🥰🥰

  • @JNVianMathWale
    @JNVianMathWale Před 9 dny +16

    तेरा साइ तुझ में है जाग सके तो जाग ❤❤❤

  • @beenabeena6640
    @beenabeena6640 Před 9 dny +14

    समुचे प्रकृति ही माया है, आत्मा मात्र सत्य है, तो प्रकृति का उद्भव कहा से हुआ, आत्मा
    भीतर वाले ईश्वर को ही आत्मा कहते हैं,

  • @AaradhyaMishra-fq8iz
    @AaradhyaMishra-fq8iz Před 9 dny +16

    Aacharya Shri Ji aapko Koti Koti Pranam💐🙏

  • @chhavisharma5834
    @chhavisharma5834 Před 7 dny +2

    आज आचार्य जी ने बहुत गहरी और सच्ची बात सामने रखी है धन्यवाद आचार्य जी 🙏
    आज मैं अपने आस-पास धर्म के नाम पर कुछ और ही देख रहीं हूं वो सभी लोग सिर्फ सुनकर कुछ भी विश्वास करते है कुछ भी करेंगे अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए सिवाय खुद को जानने के और सिवाय आत्मज्ञान के, ना खोजेंगे ना पढ़ेंगे लेकिन सुनकर कुछ भी करेंगे

  • @Thanks11444
    @Thanks11444 Před 9 dny +9

    Dhanyawad Aabhar 🙏🙏🌈

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +7

    जो ईश्वर को समझने लग गया वो भगवान कहलाता है: आचार्य जी❤❤❤

  • @rachnasingh6008
    @rachnasingh6008 Před 9 dny +10

    ❤.....aapke shree charno me hamara pranam

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +7

    वेदांत कहता है आत्मा मात्र सत्य है बाकी सब क्या है विपर्यय है: आचार्य जी❤❤❤❤

  • @JNVianMathWale
    @JNVianMathWale Před 9 dny +12

    आचार्य जी को शत शत नमन ❤❤❤

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +7

    प्रकृति ही ईश्वर है आचार्य जी❤❤

  • @surajkatuwal1712
    @surajkatuwal1712 Před 8 dny +8

    समुचि प्रकृति ही माया हैं,आत्म मात्र सत्य हैं।🙏🙏🙏

  • @omshantibksumit1754
    @omshantibksumit1754 Před 7 dny +2

    आचार्य जी के इस mission में हम सब को तन मन और धन से संपूर्ण समर्पण के साथ आगे बढ़ना है..यह हम सब का सर्वप्रथम कर्त्तव्य है कि यह गीता ज्ञान संपूर्ण विश्व तक जल्द से जल्द पहुंचाना है. क्यों कि अब ज्यादा समय नही है..
    हम सब को यह प्रतिज्ञा करना है हमारा जो भी अपने पास धन पूजीं है सब इसी विश्व कल्याण के कार्य मे लगाकर अपना धन सही अर्थ मे सफल करना है..घर परिवार रिश्तेदार अन्य मित्र संबंध में ईन अज्ञानी अधर्मी विकारी लोंगो पर अपना धन खर्च न करें....

  • @subodhbhattarai2222
    @subodhbhattarai2222 Před 8 dny +5

    You simply explained the unexplainable.
    I think this session is enough once and for all.
    Ab Kuch bacha hi Nahi.
    Thank you and sorry for commenting twice.
    I can not refren myself.

  • @sakshirathore2765
    @sakshirathore2765 Před 8 dny +9

    तेरा साई तुझ में है , जाग सके तो जाग ।।

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +6

    प्रकृति अपनी स्वामिनी खुद है: आचार्य जी🎉❤❤

  • @PushPendrASHakYa.
    @PushPendrASHakYa. Před 9 dny +12

    चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤️❤️❤️

  • @VimleshSaini.29
    @VimleshSaini.29 Před 9 dny +12

    Jay Shree Krishna ❤️🙏 Dear Sir ❤️🙏🐣🐟🦇🐤🦉🐥🐐🌏🐪🐒🦌🥒🥦🌎🌍🐪🦛🦛

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +18

    जिसको तुम जीवन समझ रहे हो वो मृत्यु ही है जिसको तुम चेतन कहते हो वो भी जड़ ही है: आचार्य जी❤❤❤❤🎉

  • @whoareweall3714
    @whoareweall3714 Před 8 dny +8

    अज्ञान के प्रकाश में अंधे कर्म सब त्याग दो।
    निराश हो निर्मम बनो ताप रहित बस युद्ध हो।

  • @4ukailash
    @4ukailash Před 9 dny +10

    Pranam Acharya Ji ❤

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +11

    वेदांत इसीलिए श्रेष्ठ है की वो कुछ नही मानता। इतनी कड़ाई इतनी सख्ती: आचार्य जी❤❤❤❤

  • @Chandanisingh3246
    @Chandanisingh3246 Před 8 dny +7

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤Acharya Ji ❤❤❤❤❤❤

  • @Gulab..Shaikh..Sayyed
    @Gulab..Shaikh..Sayyed Před 9 dny +18

    जिसे तुम जीवन समझ रहे हो वो भी मिर्त्यु है जिसे तुम चेतन समझ रहे हो वो भी जड़ है 😌⚰️

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +5

    दृष्टा प्रकृति में समाप्ति ढूंढ रहा है: आचार्य जी❤❤

  • @abhimanyusahani2519
    @abhimanyusahani2519 Před 9 dny +7

    प्रकृति की परिभाषा है वो जो स्वयं को चलाती हो ।🙏🙏🙏

  • @beenabeena6640
    @beenabeena6640 Před 9 dny +9

    सब प्रकृति का खेल चल रहा है,उसी प्रकृति के एक छोर पर बैठा हुआ है,जीव और दूसरे छोर पर बैठा हुआ है जगत,
    एक छोर पर बैठा हुआ है, अंहकार और दूसरे छोर पर बैठा हुआ है, संसार
    और ये जो अहम् है, वो संसार में लगातार क्या खोज रहा है, मुक्ति, तृप्त,अपना विगलन अपनी समाप्ति,

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +7

    एक फकीर से एक आदमी ने पूछा की मौत के बाद की जिंदगी के बारे में कुछ बताइए। तो वो हंसने लगा खूब जोर से और बोला की मौत से पहले भी जिंदगी होती है क्या? : आचार्य जी❤❤❤

  • @2secondentertainment410
    @2secondentertainment410 Před 9 dny +6

    विज्ञान का ईश्वर कहता है कि
    प्रकृति के नियम ही प्रकृति को चलाते हैं तो प्रकृति के नियमों को ही हम
    ईश्वर मानेंगे और फिर सबसे ऊपर अध्यात्म का ईश्वर अध्यात्म का ईश्वर कहता है कि प्रकृति स्वयं उद्भव है आत्मा से तो आत्माको ही ईश्वर माना जा सकता है किसी और को नहीं आत्मा ही ईश्वर हैl
    अष्टावक्र कह रहे हैं जिसको यह बात समझ में आ गई वह क्या हो गया उसकी आशाएं मिट गई व निष्काम हो गया वह सदा के लिए शांत हो गया।

  • @shashankkumar3977
    @shashankkumar3977 Před 9 dny +7

    Right sir dhanyawad ❤

  • @rachnagahlawat6641
    @rachnagahlawat6641 Před 9 dny +12

    Pranam Acharya ji aapki Har baat deep Ander tak chot karta hai. Jo shanti pradaan karta hai.

  • @Adavit_life_education_
    @Adavit_life_education_ Před 9 dny +6

    Adavit life education by acharya Prashant jii ❤️❤️🔥🔥

  • @apurvasoni4065
    @apurvasoni4065 Před 8 dny +5

    24:35 प्रकृति का खेल:
    दृष्टा और दृश्य
    जीव और जगत
    अहंकार और संसार

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +5

    प्रकृति की परिभाषा ही है वो जो अपने नियमों से स्वयं चलती हो: आचार्य जी ❤❤❤❤

  • @manojkesharwani2661
    @manojkesharwani2661 Před 9 dny +19

    प्रकृति के दो भाग है एक दृष्टि दूसरा दृष्टा, ❤❤❤

  • @ashcatchemable
    @ashcatchemable Před 9 dny +11

    Pranam acharya ❤

  • @Priyankasingh-br5pr
    @Priyankasingh-br5pr Před 8 dny +7

    Love you aachariye ji ❤❤

  • @rakhiverma7404
    @rakhiverma7404 Před 9 dny +8

    Acharya ji aap ko koti koti naman 🙏

  • @GitanjaliVishwakarma-mr4qp

    🌸🌸प्रणाम प्रिय आचार्य जी....🙏🏻🌸🌸

  • @amarkumarsah6861
    @amarkumarsah6861 Před 9 dny +6

    Thanks for this video ❤

  • @ekatamishra3453
    @ekatamishra3453 Před 9 dny +7

    Pranaam achary ji

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 Před 8 dny +14

    वेदों की शुरुआत होती है- प्रकृति पूजन से और वेदों का अंत होता है प्रकृति से मुक्ति से।
    -आचार्य प्रशांत

  • @surajkatuwal1712
    @surajkatuwal1712 Před 8 dny +5

    दृश्य+दृष्टा=प्रकृति

  • @nishantyadav9852
    @nishantyadav9852 Před 9 dny +11

    प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏

  • @payal-conceptwithtrick
    @payal-conceptwithtrick Před 9 dny +5

    सर कृप्या आप अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखो, आपके बिना हम कुछ भी नहीं है अभी हमे आपके साथ की बहुत जरूरत है 🙏🙏🙏🙏

  • @PradeepSah-zl1zb
    @PradeepSah-zl1zb Před 8 dny +5

    गुरु जी आप की चरणो में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🚩❤️🕉️

  • @YogeshYadav-ih9jj
    @YogeshYadav-ih9jj Před 8 dny +3

    असली भेद ये है कि कोई ईश्वर को कहां मानता है ❤❤❤

  • @isteyakalam9763
    @isteyakalam9763 Před 8 dny +2

    This session is very senstive and intresting l love Achrya ji ❤😊😊

  • @KuldeepveganKuldeepvegan-yi4cl

    बिलकुल सही कहा सर

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 Před 8 dny +3

    जगत जीव से है और जीव जगत से, ये दोनों एक दूसरे पर परस्पर आश्रित हैं: आचार्य जी❤❤

  • @n.gokrishnajeet.
    @n.gokrishnajeet. Před 9 dny +9

    Good morning ❤❤❤❤

  • @Lab_dmlt
    @Lab_dmlt Před 8 dny +3

    Ishwar he atma h 🙏

  • @Galaxy8252
    @Galaxy8252 Před 9 dny +8

    प्रणाम आचार्य जी 🙏😌🎋🌱🌿🌻🐇🌳🥳🌍💫🔥🪔🙏

  • @user-lb4wg3qk6t
    @user-lb4wg3qk6t Před 9 dny +7

    Subh prabhat guru ji