ब्रह्ममुहुर्त में जागरण का रहस्य , इतने लाभों से वंचित क्यों रहें?

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  • čas přidán 6. 09. 2024
  • ब्रह्ममुहुर्त में जागरण का रहस्य , इतने लाभों से वंचित क्यों रहें?

Komentáře • 4

  • @apaurusheyaveda
    @apaurusheyaveda Před 4 lety +2

    बहुत सुंदर वर्णन 👌🙏

  • @DrMonikaYoga
    @DrMonikaYoga Před 4 lety +1

    Jai Gurudev

  • @krishnasrivastava9627
    @krishnasrivastava9627 Před 4 lety +1

    धन्यवाद ब्रह्ममुहुर्त में उठने के लाभ ही लाभ है। इसे ही हम‌ अमृतबेला भी कहते हैं इसे भोर का प्रहर भी कहते हैं। पहले इस समय ही बड़ें बुजुर्ग युवा और बच्चे सब उठ जाते थे। घर की औरतें इस समय ही उठ कर गृह कार्य में लग जाती थी। धीरे-धीरे हम बिकसित होने लगे। हमारी दैनिक दिनचर्या में परिवर्तन हो गया। और हमारे देश की एक बड़ी जनसंख्या और खास करके युवा पीढ़ी इसके चपेट में आते गए।रात्रि के एक,दो तो पहले टी,बी देखने में और आज-कल मोबाइल देखने में निकल जाते हैं। नींद तो पुरी करनी ही है।सो दिन के दस बारह बजे तक सो के उठना। एक साधारण बात हो गई है।अब‌आते है अमृत बेला तो इस समय प्राण ऊर्जा हमारे बायुमंडल में प्रवाहित होती है।हमें भोर में उठकर इसका लाभ उठा सकते हैं। दुसरा लाभ इस समय हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। तीसरा लाभ इस समय दिव्य चेतना हमसे संपर्क बनाती है।यदि हमारी प्राणचेतना उच्च स्तर की है।तो वह लाभ उठा सकती है। हम सबको अमृत बेला में उठने का प्रयास करना चाहिए। प्रणाम।।

  • @singh4241
    @singh4241 Před 4 lety +1

    वो