विंध्यवासिनी चालीसा(Vindhyavashini Chalisa) by सरिता 'सदी'

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  • čas přidán 27. 08. 2024
  • • ॥ श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा ॥
    • दोहा
    नमो नमो विन्ध्येश्वरी नमो नमो जगदंबे ।
    संतजनो के काज में मां करती नहीं विलंभ ॥
    जय जय जय विन्ध्याचल रानी । आदि शक्ति जग विदित भवानी ॥
    सिंहवाहिनी जै जग माता । जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता ॥
    कष्ट निवारिनी जय जग देवी । जय जय जय जय असुरासुर सेवी ॥
    महिमा अमित अपार तुम्हारी । शेष सहस मुख वर्णत हारी ॥
    दीनन के दुःख हरत भवानी । नहिं देख्यो तुम सम कोई दानी ॥
    सब कर मनसा पुरवत माता । महिमा अमित जगत विख्याता ॥
    जो जन ध्यान तुम्हारो लावै । सो तुरतहि वांछित फल पावै ॥
    तू ही वैष्णवी तू ही रुद्राणी । तू ही शारदा अरु ब्रह्माणी ॥
    रमा राधिका शामा काली । तू ही मात सन्तन प्रतिपाली ॥
    उमा माधवी चण्डी ज्वाला । बेगि मोहि पर होहु दयाला ॥
    तू ही हिंगलाज महारानी । तू ही शीतला अरु विज्ञानी ॥
    दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता । तू ही लक्श्मी जग सुखदाता ॥
    तू ही जान्हवी अरु उत्रानी । हेमावती अम्बे निर्वानी ॥
    अष्टभुजी वाराहिनी देवी । करत विष्णु शिव जाकर सेवी ॥
    चोंसट्ठी देवी कल्यानी । गौरी मंगला सब गुण खानी ॥
    पाटन मुम्बा दन्त कुमारी । भद्रकाली सुन विनय हमारी ॥
    वज्रधारिणी शोक नाशिनी । आयु रक्शिणी विन्ध्यवासिनी ॥
    जया और विजया बैताली । मातु सुगन्धा अरु विकराली ।
    नाम अनन्त तुम्हार भवानी । बरनैं किमि मानुष अज्ञानी ॥
    जा पर कृपा मातु तव होई । तो वह करै चहै मन जोई ॥
    कृपा करहु मो पर महारानी । सिद्धि करिय अम्बे मम बानी ॥
    जो नर धरै मातु कर ध्याना । ताकर सदा होय कल्याना ॥
    विपत्ति ताहि सपनेहु नहिं आवै । जो देवी कर जाप करावै ॥
    जो नर कहं ऋण होय अपारा । सो नर पाठ करै शत बारा ॥
    निश्चय ऋण मोचन होई जाई । जो नर पाठ करै मन लाई ॥
    अस्तुति जो नर पढ़े पढ़ावे । या जग में सो बहु सुख पावै ॥
    जाको व्याधि सतावै भाई । जाप करत सब दूरि पराई ॥
    जो नर अति बन्दी महं होई । बार हजार पाठ कर सोई ॥
    विंध्यवासिनी चालीसा(Vindhyavashini Chalisa) by सरिता 'सदी'
    निश्चय बन्दी ते छुटि जाई । सत्य बचन मम मानहु भाई ॥
    जा पर जो कछु संकट होई । निश्चय देबिहि सुमिरै सोई ॥
    जो नर पुत्र होय नहिं भाई । सो नर या विधि करे उपाई ॥
    पांच वर्ष सो पाठ करावै । नौरातर में विप्र जिमावै ॥
    निश्चय होय प्रसन्न भवानी । पुत्र देहि ताकहं गुण खानी ।
    ध्वजा नारियल आनि चढ़ावै । विधि समेत पूजन करवावै ॥
    नित प्रति पाठ करै मन लाई । प्रेम सहित नहिं आन उपाई ॥
    यह श्री विन्ध्याचल चालीसा । रंक पढ़त होवे अवनीसा ॥
    यह जनि अचरज मानहु भाई । कृपा दृष्टि तापर होई जाई ॥
    जय जय जय जगमातु भवानी । कृपा करहु मो पर जन जानी ॥
    #bhaktibhajan #virelvedeo #chalisa

Komentáře • 10

  • @user-wh1dv6dh7i
    @user-wh1dv6dh7i Před 7 hodinami +1

    जय माता विंध्यवासिनी माँ

  • @deepanshusharma5814
    @deepanshusharma5814 Před měsícem +2

    Jai Mata Di 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏♥️♥️♥️

  • @ajeetnmhshivay6403
    @ajeetnmhshivay6403 Před 2 měsíci +1

    Jay mataji 🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

  • @urmilabhagat5377
    @urmilabhagat5377 Před 11 dny

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹jai,bindvasinee,mata

  • @user-ku9fv8se2n
    @user-ku9fv8se2n Před 4 měsíci +3

    Jai Mata Rani Jai Mata Di ❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @subhashyadav8300
    @subhashyadav8300 Před 4 měsíci

    Jai maa 🙏🌹🚩🚩

  • @brijgopal219
    @brijgopal219 Před 4 měsíci

    Jay SiyaRam 🙌🏻❤️

  • @sanjnagupta5.0
    @sanjnagupta5.0 Před 5 měsíci +1

    🙏🙏

  • @vindhyavasiniclasses
    @vindhyavasiniclasses Před rokem

    🙏❤️