Parveen shakir mushaira

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  • čas přidán 8. 09. 2024

Komentáře • 2

  • @damodarmistry5842
    @damodarmistry5842 Před měsícem +1

    परवीन जी,
    आह
    कि, आपको रूबरू सुन नहीं पाए;
    फिर भी खुशकिस्मती है कि आपको सुन/पढ़ पा रहे हैं ।
    आपके हुनर को जिंदगी के सारे सलाम ।

  • @kamleshkumardiwan
    @kamleshkumardiwan Před měsícem +1

    गुल को मालूम है क्या दस्ते सबा चाहता है...... बहुत खूब कहा है परवीन शाकिर साहिबा ने