Sangat Ep.33 | Ashok Kumar Pandey on his Life, Literature, Kashmir, Gandhi & Savarkar | Anjum Sharma
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- čas přidán 8. 09. 2024
- अशोक कुमार पांडेय हिंदी के चर्चित कवि-कथाकार और अनुवादक हैं। कश्मीर के इतिहास विशेषज्ञ के तौर पर अपनी पहचान बना चुके अशोक कुमार पांडेय का जन्म 24 जनवरी, 1975 को पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले के सुग्गी चौरी गाँव में हुआ। वह गोरखपुर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक हैं। दो काव्य-संग्रह, एक कहानी संग्रह के साथ ‘कश्मीरनामा’, ‘कश्मीर और कश्मीरी पंडित’, ‘उसने गांधी को क्यों मारा’ और ‘सावरकर : काला पानी और उसके बाद’ उनकी बहुचर्चित पुस्तकें हैं। प्रेम : विश्व साहित्य से अमर सूक्तियाँ, आज़ादी की लड़ाई और भारतीय मुसलमान, कविताओं और वैचारिक गद्य का फुटकर अनुवाद भी उन्होंने किया है।
अपनी किताब, लेखन-यात्रा, निजी जीवन से लेकर उनसे जुड़े विवादों पर अशोक कुमार पांडेय ने अंजुम शर्मा के सवालों के जवाब दिए। देखिए-सुनिए 'संगत' का यह एपिसोड।
संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गये लिंक पर जाएँ : • संगत
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इस साम्प्रदायिक विद्वेश एवं घृणा के परिवेश मे पाण्डेय जी की वैैचारिकता भारत की भारतीयता का एक सम्पूर्ण चित्र उभार रही हैै।जो देश को जोडे रखने मे विशेष बल देगी- कोटि -कोटि धन्यवाद
अंजुम जी आपने ऐसे प्रश्न पूछे, जो लोग पीठ पीछे कहते हैं/बोलते हैं और अशोक सर ने वैसे ही बेबाकी के साथ जवाब दिया जैसे वो है, बहुत शानदार तरीके से आप दोनों ने अपने कार्य को किया।
Wow amazing beautiful vichar 👌👌
अंजुम मेरी जान तुम कसम से लोगो की बौद्धिक अकेलेपन को दूर कर रहे हो🌞🌷🌱
बहुत सुन्दर उम्दा ज्ञानवर्धक साक्षात्कार अंजुम जी ❤
2016 से देख सुन समझ रहा हूँ अशोक सर को.....इतना पता है शख्सियत शानदार है एक ही चहेरे के साथ जी रहे है......जो सही है बस सही है।
शानदार। लगभग एक दशक से अशोक भाई को देख रहा हूँ। उनकी प्रगति प्रेरणादायक है। वे कमाल के उर्जावान शख्स हैं। उन्हे हमारी शुभकामनाएं।
आपका भी आभार अंजुम भाई
❤
Ashok Kumar Pandey is trying his best to intervene into the contemporary complex world of politics and literature with a clear stand,,,rise of communal right wing in recent years must be encountered to save democratic ethos & he is doing the best he can,,,the time needs more foot soldiers fighting on diverse fronts against reactionary forces,,,❤all the best!
अशोक जी की कविता मां की डिग्रियां बहुत मार्मिक है
सत्ता से टकराने वाला
सत्य के प्रति दृढ़
अंजुम जी ह्रदय से आभार
अशोक कुमार पाण्डेय से मिलने मिलाने का
Ashok Kumar Pande is a progressive intellectual. He knows his subjects well. He has recited a few powerful poems. It is an illuminating interview. Dr Surender Bhutani in Warsaw (Poland)
इस साक्षात्कार के बाद अशोक कुमार पांडेय का परिचय त्रिआयामी होकर हमारे सामने आता है। सतह की अपनी जगह है किंतु सतह के नीचे भी बहुत कुछ ऐसा होता है जिसे ढूँढना पड़ता है। जिसकी खोज करनी पड़ती है। हमारे खाते के यह 100 मिनट उसी पर खर्च हुए। धन्यवाद अंजुम शर्मा जी (क्या यह आपका असली नाम है?)।
अशोक सर ऑलराउंडर हैं
अंजुम अच्छे फील्डर बॉलर
दोनों इंसनियत को सलाम
अहा अंजुम! खूब जियो, स्वस्थ रहो और ऐसे ही एपिसोड्स लाते रहो। अशोक सर को मेरा प्रणाम।❤❤
भाई ये वो महामूर्ख है जो कुछ फालोवर्स वियुज के लिए खुद के समाज को दिन रात ट्रोल कर के हजारों गाली सुन कर कांग्रेसी इतिहासकार बन कर रोजी रोटी चला रहा है अगर इस तरह के लोग आप के आईडल है तो मूझे आप पर तरस आता हैं
@@rajput-ft2wm क्यों तरस रहो भाई? वैसे भी, अशोक जी को गाली कोई और दे रहा है। उन्होंने नहीं दिया है। जिन्होंने दिया, गलत किया। आप भी अगर दे रहे हो तो रुको, ठहरो जरा। मत करो गाली गलौज। यह ठीक नहीं। उनकी वैचारिकी और लेखन पर बात करो। कोई भी इंसान या विचारधारा परफेक्ट नहीं होती। अशोक जी इससे अलग नहीं। अपनी आपत्तियां शालीनता से दर्ज करो। उन्हें टैग कर विनम्रता पूर्वक अपनी बात को तथ्यों के साथ रखो। मुझे पुरी उम्मीद है कि अब आप गाली नहीं देंगे और न ही मेरे जैसे जड़ _मति पर तरस खाएंगे। साथ ही यह बात अपने दोस्तों को भी बताएंगे। धन्यवाद।🙏🙏
अंजुम भाई लव यू ❤ एक और शानदार साक्षात्कार..
बेबाक और यथार्थवादी परिचर्चा। अंजुमजी को शुभकामनाएं और शुभाशीष 🌹अशोक जी को प्रणाम।
अंजुम शर्मा , इतनी कम उम्र में इतनीप्रखर दृष्टि इतने सरल रूप में । धन्यवाद।
#anjumsharma जी को बहुत बहुत शुक्रिया।
"अगर नेकनीयती में विवेक नहीं है तो वह भी उतना ही नुकसान पहुंचा सकती है जितना कि मानवद्रोह या दुर्भावना ।" अशोक पाण्डेय जी में नेकनीयती भी है और विवेक भी, इसलिए वे संभावना के ऐतिहासिक कलाकार हैं यही वजह उनको अन्य सभी से अलग करती है। वे देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण फैक्ट देकर लोकतंत्र को मजबूत बना रहे हैं। अशोक कुमार पाण्डेय सत्य न्याय और ईमानदारी के प्रति आस्थावान हैं उन्होंने आपके चैनल पर पधारे असगर वजाहत की राष्ट्रपिता महात्मा के खिलाफ़ फिल्मी झूठ लिखने और धूर्तता नीचता मक्कारी मूढ़ता के बाजे बजा दिए थे अपने चैनल पर। एक आप हैं जो असगर वजाहत नामक नरपिशाच को चैनल पर बुलाते हैं इंटरव्यू लेते हैं और उसके झूठ को प्रसारित करते हैं।
शानदारहै आप ओर आपके ईतियास की खोज
रोचक बातचीत !
शानदार, जानदार, ज़बर्दस्त 🙏🙏
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, अंजुम ! अशोक जी का पिता और माता को याद करना दिल को छू गया. अभी आधा ही विडिओ देखा है. मेरी भी तीन डिग्रियां बक्से में रखी रहती थी! 🙁फिर मैंने दो और डिग्रियों के लिए पढ़ाई शुरू कर दी! 🤓
उदयन वाजपेयी जी को सुनना हमेशा ही बहुत रोचक होता है।
अगले हफ़्ते का बेसब्री से इंतज़ार है।
शानदार साक्षात्कार अंजुम भाई ❤️
बहुत खूब टीम हिन्दवी
Excellent 👌👌
बेहतरीन साक्षात्कार!हार्दिक बधाई। अंजुम जी और आ•पाण्डेय जी।
आपकी साफगोई अच्छी लगी।🙏🙏
रज़ा मुराद सी बुलन्द आवाज़ लग रही है पांडे जी की।
कविता इज़ अ फुल time जॉब। बहुत खरी बात। मेरे मन की बात
बहुत शानदार बातचीत।
Salute to Ashok sir.proud of u sir .
बेहतरीन ✨
इस पाण्डेय से यह भी पूछना चाहिए था कि गोरखपुर में 90 के दशक में यह आन्दोलन से पैन्ट में सुसु करके क्यों भाग गया था, जब वहां पुलिस द्वारा दमन हुआ था। उसके बाद से ही इसका मुत्तन पाण्डेय नाम पड़ा है।
Interesting conversation! Very proud of you, Ashok,for your achievements one after another so fast! So much more is expected from you! Best wishes!
बहुत अच्छा इंटरव्यू
Bahut maza aaya sun kar ...bahut kuchh seekhne ko bhi mila ❤❤
मैं संभवतः सही नहीं समझ पा रहा हूँ, पर मुझे ये लगता है कि हिन्दी साहित्य लेखन इसी दायरे में रह गई कि फ़लाने वामपंथी हैं तो फलाने progressive हैं। सांप्रदायिक, प्रगतिशील, व्यक्तिवादी इत्यादि। अरे भई, मैं राष्ट्रवादी होते हुए भी सनातनी और हिंदू राष्ट्र का पक्षधर हो सकता हूँ, मैं ग़रीबों पर चिंतन करते हुए भी विदेश में रहने वाला व्यक्तिवादी NRI हो सकता हूँ, मैं मानवीय और नास्तिक होते हुए भी इस्लाम का घोर विरोधी और उपनिषदों पर गहरा अध्ययन रख सकता हूँ। मैं शहरी होकर भी ग्रामीण दर्शन में पारंगत हो सकता हूँ। मैं उच्च जाति से आते हुए भी दलित चिंतन में डूबा हुआ हो सकता हूँ। मेरा मेरे एक लेख, एक किताब, एक वक्तव्य पर कब तक आँकलन होगा? यदि आज की पीढ़ी की कोई आवाज़ नहीं है या सुनाई नहीं दे रही है, वो संभवतः इसी लिये है कि लेखन विधा और लेखन की दुनिया के जो मापदंड और वहाँ की जो राजनीति है वो नये लेखकों को डरा देती है। आदमी एक ही साँचे का चाहिये।
Very nice and educative interview.
Ashok ji ko sundar bahut prabhahit huaa.
शानदार बेबाक साक्षात्कार
कई बार लगता है या तो साहित्यकारों के काम को पढ़ना चाहिए या उन्हें संगत जैसे माध्यम पर ही सुनना चाहिए। सोशल मीडिया पर साहित्यकारों का ओवरएक्सपोजर उन्हें पाठक से दूर ही लेजाता है।
नमस्कार अशोक जी
अंजुम भैया सुशोभित का इंटरव्यू लो
❤❤❤❤❤❤
शुभकामनाएं।
अशोक सर को अपनी आत्मकथा लिखनी चाहिये!☺️ ❤
शानदार
💐💐💐
Your all subjects were marks scoring .
भोपाल के पद्मश्री डॉ रमेश चंद्र शाह, पद्मश्री मेहरुन्निसा परवेज़ एवं पद्मश्री डॉ कपिल तिवारी को भी संगत में बुलवाइए।
इस सम्बंध में कोई ज़रूरत पड़ने पर मेरी मदद भी ले सकते हैं।
मेहरूनिसा परवेज़ को हम भी सुनना चाहेंगे
प्रो अपूर्वानंद से भी बात करिए दिल्ली यूनिवर्सिटी।
बहुत जरूरत है।
Hmmm
बेहद शानदार, रील्स के दौर में इतना लंबा इंटरव्यू देखना अपने आप में मुश्किल काम है, बावजूद इसके मैं इसे एक बार में देख गया।
अहसान कर दिया?
भाई अब्दुल के गोटे चाटने वाले किसी भी कचड़े का तुम इंटरव्यू देख सकते हो इस की मैं हजार % गारंटी दे सकता हुं 😂😂😂😂
शतप्रतिशत कोई नहीं होता।न राहुल न अशोक और न अंजुम। द्वैत, द्वंद्व, अंतर्विरोध ही जीवन है। गांधी, नेहरू, टाल्सटाय, जिन्ना , तुलसी,
कबीर, निराला, मुक्तिबोध, नामवर, रामविलास,
यशपाल, निर्मल, जयप्रकाश, लोहिया , अज्ञेय आदि कोई भी अद्वैत नहीं है।
Ashok bhai
इनको बुला लिया तो अजीत भारती को भी बुलवा लीजिये ।
सार्थक
👍💐
मैंने अशोक जी की कविताएं पढ़ी है उनकी किताबें पढ़ी है उन किताबों में सर ने तथ्यों के साथ बातें रखी है
इस इंटरव्यू में भी पता चलता है की वो व्हाट्सएप के ज्ञान पे आश्रित व्यक्ति नहीं है
लेकिन वो ट्विटर पे हर किसी को जवाब देते एक ट्रोलर से अधिक कुछ नहीं लगते
उनका लेखक के तौर पर जीवन सोशल मीडिया से काफ़ी अलग है
शायद कई बार जवाब देना ज़रूरी भी हो सकता है।
@@atheistnothing5039 जी बिल्कुल
लेकिन अशोक जी उससे कहीं अधिक है जो ट्विटर पे लड़े झगड़े
@@aspirant9457 भाई पहली बात तो वो ना कोई महान लेखक हैं और ना कोई अच्छा इंसान बस कांग्रेस की चाटुकारिता कर के धंधा चलता है लोगों को गुहार करने का एक धर्म एक पार्टी एक संगठन को टारगेट करने वाला कैसा इतिहासकार महोदय इस को लोग ट्रोल नहीं करते ये खुद ट्रोल होकर जल्दी से अब्दुल मीम और कुछ गधों की फौज का हिरो बनने की कोशिश में लगा हुआ है इस की औरत और ये दोनों इस काम में मास्टर हैं।
अंजुम जी सुरेन्द्र वर्मा को संगत में बुलाइए कभी
Very rarely.
निश्चय ही अशोक जी प्रखर लेखक है परंतु उनकी बातों में दबंग व्यवसायिक बार सामने खड़ा हो जाता है।😂
विनोद कुमार शुक्ल जी से भी बात करिए अगर जरूरत पड़े तो उनके पास जा कर भी।
बिल्कुल
मैंने अंजुम भैया को मैसेज भी किया
anand swaroop Verma and abhinaw Sinha awhaan chalaatey they..
अशोक जी शायद फ्लो में शमशेर बहादुर सिंह को ठाकुर कह गए या सिंह सरनेम के वजह से भी हो सकता है। जबकि वे जाट समाज से थे और जाट समाज ओबीसी में आता है।
हां बिल्कुल जाट थे। मुझे याद नहीं आ रहा पर उनको किसी ने कहा था कि यार शमशेर तुम जाटों पर कलंक हो।
मतलब शमशेर शरीर से दुबले पतले थे इसलिए मजाक किया।
हां, शमशेर बहादुर सिंह जाट ही थे!
यानी अपनी भाषा का संरक्षण करना अपराध है क्या?
Waiting for Dr vikas divyakirti
ہندوی۔۔۔ اردو کا ایک نام۔۔ ریختہ بھی اردو کا ہی ایک نام ہے۔ ہندوستانی بھی۔
रातों को पढ़ना रातें खराब करना कब से और कैसे हो गया?
अशोक जी ठीक ठाक लिख लेते हैं, लेकिन इनका साक्षात्कार लेना इतना महत्वपूर्ण नही है । इन्हे हिंदवी के स्तर पर पहुंचना अभी बाकी है ।
कृपया बताएं कि मोती लाल नेहरू का परिवार मुसलमान था जैसा कि लोग वटस अप पर नेहरू परिवार के बाबत फालतू का लिख रहे हैं
Lokpriya kabse aur kaise? Academic nahin ho toh kuchh bhi man-gadhan bolne lagogey.
इन्हें सुनना तो यातना है l इतना घमंड l
Lokpriya chhodiye janab aap to itihaskar hi nhi hain.
Anjum Sharma is behaving like godi anchor
भैया चश्मा उतारो
अंजुम जी आपका हिदी सिनेमा की समझ बहुत कम और अधूरी है