Sangat Ep.76 | Priyadarshan on Stories, Poetry, Translation, Ranchi, Ravish & NDTV | Anjum Sharma
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- čas přidán 13. 06. 2024
- हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के एपिसोड 76 में मिलिए पत्रकार-लेखक प्रियदर्शन से।
Sangat Episode 76 with Journalist and Writer Priyadarshan.
संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गए लिंक पर जाएँ : • संगत
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#Hindwi #Sangat #Interview - Zábava
Thank you so much अंजुम जी 🙏 76 वें episode के साथ ही इतना कुछ सीखने जानने को मिला और मिलता ही जा रहा है
नमस्कार अंजुम जी
प्रियदर्शन जी के साथ साक्षत्कार रोचक लगा। रचना प्रक्रिया की बात बहुत अच्छी लगी
रचनाकार भी सामाजिक प्राणी होने के नाते इन सभी स्थितियों से गुजरता है। वह जो कुछ भी देखता है, सुनता है, भोगता है, उसे अपने ढंग से उसे अपने एकांतिक क्षणों में अभिव्यक्त करता है। अपने किसी अनुभव को लेकर अथवा किसी घटना से प्रेरित होकर जब रचना का सृजन होता है, तब वह एक प्रकार से वास्तविकता को गल्प में बदलना होता है। यथार्थ को रचना का रूप देना होता है। यह रचनाकार की अपनी निजी ज़िंदगी की बात है, उसके आंतरिक संघर्ष की बात है, जिसमें वह रचना लिखने की प्रक्रिया से जूझ रहा होता है। आत्मसंघर्ष के द्वारा रचना एकांत के क्षणों की सहचरी बन जाती है ।
उन्होंने सही कहा कि रचना पकती रहती है।
स्वर्ण ज्योति 35:15
अंजुम जी मुआफ़ कीजिएगा, आप एक हिंदी राजनीतिक पत्रकार की तरह प्रश्न पूछते हैं। साहित्यिक पत्रकारिता में।थोड़े।धैर्य की जरूरत होती है। उदय प्रकाश ,संजीव के साथ भी आपने काफी जल्दबाजी की है।।थोड़ा ठहर जाते तो लेखक और भी खुलता और शानदार इंटरव्यू होता।
खैर, आपको बधाई देता हूं।
अंजुम जी एक सप्ताह आप गायब हो गए बहुत मिस किया संगत को और आपको भी।
प्रियदर्शन जी और अंजुम जी दोनों ही ज़रूरत से ज़्यादा समृद्धि के लिये यूटोपिया में जी रहे हैं।आप दोनों स्वतंत्र हैं इसलिए सोच सकते हैं किसी जादू की छड़ी के विषय में......। धन्यवाद
जीना भी चाहिए। पूरा का पूरा जीवन चाहिए और यह तो लेश मात्र जीवन भी नहीं है।
एक प्रभावशाली व्यक्तित्व हैं प्रियदर्शन जी। हमेशा की तरह अंजुम जी ने एक बेहतरीन साक्षात्कार प्रस्तुत किया है।
अगला इंटरव्यू क्यों अपलोड नहीं हो रहा
प्रियदर्शन जी, को सुनना हमेशा समृद्ध करता है। शानदार बातचीत।
@priyadarshan जी को सुनना हमेशा अच्छा लगता है💙💙
प्रियदर्शन जी अत्यंत सुलझे हुए विचार ❤
बिल्कुल सही घटना का कहानी में आना, उसके आयाम को तो विस्तार देता है , संवेदना को गहराई ।
अत्यन्त रोचक। ✍️✍️✒️
अच्छी और जरूरी बात। वाकई अच्छी किताबों का जिक्र नहीं हो रहा है..
हर बार की तरह बहुत खूब!❤
बहुत अच्छा विश्लेषण,प्रश्न।
सही 2024 के चुनावी नतीजे ने ये साबित कर दिया कि- मत कर गुमान ऐ बंदे, झूठी तेरी शान रे़
एक अच्छा साक्षात्कार अच्छे प्रश्न बेहतरीन उत्तर
बहुत अच्छा साक्षात्कार।
वाह, बहुत खूब।
बहुत अच्छी बातचीत।🙏🙏
रोचक संवाद। 😊😊
achchha lagaa. bahut kuchh aur bhee jaanaa.
स्वागत है
👍❤️👍
कह सकते हैं कि डिमांड कुछ लेखकों के लिए catalyst की तरह काम करती है।
👍👍👍🙏
भूमिका लिखना कु-आलोचना के भय से तो नहीं लिखी जाती
Priyadarshan ji ka twitter handle??
इसलिए कविता के अनुवाद छायानुवाद भी कहते हैं
संभवतः आपके पास ocassion के हिसाब से कपड़े तैयार रहते हैं। क्या?
अखिलेश की भाषा बोल रहे हम तो दक्षिणपंथी है पर गुण सीखेगे
Pasmanda kahi hai app ke agenda me?
अच्छा हुआ रुश्दी अनुवादक नहीं बना
प्रियदर्शन जी ने जिस बेपरवाही से गोलवरकर जी और वीर सावरकर का जिक्र किया, वह बड़ा अखरा। आपको टोकना चाहिए था।
कृपया इससे दूर रखिए इतने सुन्दर मंच को।
इस सुंदर मंच पर नफ़रत-बाज़ों और फ़ासीवादियों की पोल खोल न की जाए? गोलवलकर और सावरकर को पढ़िए फिर समझ आएगा कि इसका ज़िक्र बेपरवाही से नहीं किया गया है।
@@user-bp7cs6by5q जेहाद, जघन्यता का विरोध करना अगर नफरती है तो मुझे नफरती ही बनना है।
इस मंच पर प्रियदर्शन जी ने अनावश्यक नहीं वल्कि जान समझ कर , गोलवलकर और सावरक के विषय में बोले। जिसके लिए साक्षात्कार के प्रारम्भ में ही अंजुम जी ने दो वाक्यों में चुनाव नतीजों की पृष्ठभूमि बनाई थी।उसी को पकड़ कर प्रियदर्शन जी ने अपने को बताया कि "मैं क्या नहीं हूं"। लेकिन अन्त तक यह नहीं समझा पाये कि असल में वह हैं क्या?
बेहतर ✍️🙏