भारतेंदु हरिश्चंद्र का जीवन परिचय। मां हिंदी।Biography of Bhartendu Harishchandra. Ma Hindi
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- čas přidán 9. 05. 2021
- भारतीय साहित्याकाश के चंद्र अर्थात् भारतेंदु हरिश्चंद्र का एक दोहा आज निज भाषा की उन्नति का मूल मंत्र बन गया है --
निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति के मूल।
बिन निज भाषा ज्ञान के मिटत न हिय के शूल।।
इस मां हिन्दी चैनल पर आधुनिक हिंदी के पितामह महाकवि भारतेंदु हरिश्चंद्र का जीवन परिचय प्रस्तुत किया जा रहा है। हिंदी साहित्य के इतिहास में 1850 से 1900 ई. के कालखंड को भारतेंदु युग के नाम से जाना जाता है। भारतेंदु से ही हिंदी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारंभ माना जाता है। ऐसे महान कविवर जिन्होंने मां हिन्दी को अनमोल साहित्य-रत्न दिया उनके चरणों में हम कोटि-कोटि नमन करते हैं।
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मौलिक नाटक---
वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति (१८७३ई., प्रहसन)
सत्य हरिश्चन्द्र (१८७५,नाटक)
श्री चंद्रावली (१८७६, नाटिका)
विषस्य विषमौषधम् (१८७६, भाण)
भारत दुर्दशा (१८८०, ब्रजरत्नदास के अनुसार १८७६, नाट्य रासक),
नीलदेवी (१८८१, ऐतिहासिक गीति रूपक)।
अंधेर नगरी (१८८१, प्रहसन)
प्रेमजोगिनी (१८७५, प्रथम अंक में चार गर्भांक, नाटिका)
सती प्रताप (१८८३,अपूर्ण, केवल चार दृश्य, गीतिरूपक, बाबू राधाकृष्णदास ने पूर्ण किया)
अनूदित नाट्य रचनाएँ----
विद्यासुन्दर (१८६८,नाटक, संस्कृत 'चौरपंचाशिका’ के यतीन्द्रमोहन ठाकुर कृत बँगला संस्करण का हिंदी अनुवाद)
पाखण्ड विडम्बन (कृष्ण मिश्र कृत ‘प्रबोधचंद्रोदय’ नाटक के तृतीय अंक का अनुवाद)
धनंजय विजय (१८७३, व्यायोग, कांचन कवि कृत संस्कृत नाटक का अनुवाद)
कर्पूर मंजरी (१८७५, सट्टक, राजशेखर कवि कृत प्राकृत नाटक का अनुवाद)
भारत जननी (१८७७,नाट्यगीत, बंगला की 'भारतमाता'के हिंदी अनुवाद पर आधारित)
मुद्राराक्षस (१८७८, विशाखदत्त के संस्कृत नाटक का अनुवाद)
दुर्लभ बंधु (१८८०, शेक्सपियर के ‘मर्चेंट ऑफ वेनिस’ का अनुवाद)
निबंध संग्रह---
नाटक
कालचक्र (जर्नल)
लेवी प्राण लेवी
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है?
कश्मीर कुसुम
जातीय संगीत
संगीत सार
हिंदी भाषा
स्वर्ग में विचार सभा
काव्यकृतियां----
भक्तसर्वस्व (1870)
प्रेममालिका (१८७१),
प्रेम माधुरी (१८७५),
प्रेम-तरंग (१८७७),
उत्तरार्द्ध भक्तमाल (१८७६-७७),
प्रेम-प्रलाप (१८७७),
होली (१८७९),
मधु मुकुल (१८८१),
राग-संग्रह (१८८०),
वर्षा-विनोद (१८८०),
विनय प्रेम पचासा (१८८१),
फूलों का गुच्छा- खड़ीबोली काव्य (१८८२)
प्रेम फुलवारी (१८८३)
कृष्णचरित्र (१८८३)
दानलीला
तन्मय लीला
नये ज़माने की मुकरी
सुमनांजलि
बन्दर सभा (हास्य व्यंग्य)
बकरी विलाप (हास्य व्यंग्य)
कहानी--
अद्भुत अपूर्व स्वप्न
यात्रा वृत्तान्त--
सरयूपार की यात्रा
लखनऊ
आत्मकथा--
एक कहानी- कुछ आपबीती, कुछ जगबीती
उपन्यास--
पूर्णप्रकाश
चन्द्रप्रभा
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हिंदी भाषा को अपने चरम तक पहुंचाने वाले महान लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र जी के चरणो में कोटि-कोटि शत शत नमन वंदन करते हैं
Bahut hi sundar samjaya hai thank you so much for explain 👍👌👌👌🙏🙏
Thanks sar 😊
Jai Bheem ❤
Nice
हिंदी का जगमगाता सितारा भारतेंदु हरिश्चंद्र ❤
Bohot hi Sundar tarike se bataya hai
धन्यवाद आपका 🙏
Nice radhe krisna thanks
राधे कृष्णा 🙏
ATI Sundar prastuti
सुन्दर प्रस्तुति।
आभार आपका 🙏
बहुत ही अच्छी व्याख्या करने के लिए धन्यवाद 👏
बहुत बहुत आभार आपका 🙏
NAMAN...
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सर जी मुझे आपकी आवाज़ बहुत अच्छी लगी ♥️ मैंने कम से कम 25 वीडियो को देखने के बाद आपकी वीडियो मिली मैने आपकी आवाज सुनी मुझे आपकी आवाज बहुत अच्छी लगी मैने आपका चैनल सब्सक्राइब कर दिया कृपया इस चैप्टर की कॉपी दे दीजिए🙏🙏
आपका आज्ञाकारी शिष्य सात्विक शुक्ला कृपया करके हमे इस चैप्टर की कॉपी प्रदान करे प्लीज सर 🙏🙏🙏🙏🙏
इतने प्यारे शब्दों के लिए आपका हृदय तल से आभार सात्विक ❤️❤️🙏🙏
मैं आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करूंगा पर मुझे समझ में नहीं आ रहा कि आप किस चैप्टर की बात कर रहे हैं? और कॉपी से आपका क्या मतलब है?
क्या आप भारतेंदु हरिश्चंद्र के जीवन पर नोट्स माँग रहे हैं?
जी हां सर जी♥️
सर मेरा मतलब नोट्स से है जैसे आप किसी भी एक चैप्टर को पढ़ाते है तो उस चैप्टर की नोट्स भी दे दीजिए
धन्यवाद सर जी♥️♥️🙏🙏
नमस्ते सात्विक!
आप मेरे Instagram page पर संपर्क करें -- @ma_hindee
Thanks sir 🎉🎉🎉🎉
Good sr
❤❤❤❤
Bahut sudar prastuti
धन्यवाद 🙏
Sundar prastuti
❤
Good
♡ Jai Shree RAM ♡
Bhot Accha explained Kiya hai But Bhot Under hai 😅
Queens College mein hi me v study krta hu
sir please muje reply dijiye ki 19 september ko junm ua ta ki 9 september ko junm ua ta please reply me.
जी 9 सितंबर को ही हुआ था।
@@MaHindee thanks sir ji.
"Inklab zindabad"
भारतेन्दू सरस्वती पुत्र थे
Apne birth date galat Dali hai please sahi information dala kijiye apke karan kitne bacho ka galat ho jata hoga question
आपका बहुत बहुत आभार 🙏
मैं मानता हूं कि मेरी ग़लती थी तथा आपसे माफ़ी भी चाहता हूँ।
विडियो upload होने के बाद उसे सुधारा तो नहीं जा सकता लेकिन मैंने उस हिस्से को धुंधला कर दिया है जिससे कि अन्य दर्शकों को ऐसी समस्या न आए।
Birth 6 January 1885 death 9 September 1950 rahega
Harish में r लिखना रह गया है
धन्यवाद आपका याद दिलाने के लिए
Vasudev Sharan Agrawal ka jivan Parichay bataiye
Inka janam marne ke baad me hua tha kya
@VARSHA DEVI
ये तो सच में बहुत बड़ी गलती हो गई है।
मुझे थोड़ा ध्यान देना चाहिए था।
भारतेंदु का जन्म 1850ई. में हुआ था ग़लती से मैंने 1850 की जगह 1950 लिख दिया है।
इसके लिए मैं आप लोगों से माफी चाहता हूँ।🙏🙏
और मुझे इस गलती से अवगत कराने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
ऐसी ही कोई और गलती नज़र आए तो जरूर बताएं।🙏
Kal exam h😂 sukriya
बहुत बहुत शुभकामनाएं 👍👍
यार अच्छे से समझाओ
Urdu shabdo ko avoid krein.
नमस्कार🙏
मुझे नहीं लगता कि उर्दू और हिंदी में कोई विभेद करने की आवश्यकता है। दोनों भाषाएं एक दूसरे की पूरक हैं। यदि हम उर्दू के शब्दों को हिंदी से निकाल दें तो हिंदी का शब्दकोश बहुत छोटा हो जाएगा। इसलिए मुझे नहीं लगता कि हमें उर्दू के शब्दों से परहेज़ करने की आवश्यकता है।
और एक बार आपके कहने पर मैं इस विषय में विचार कर भी लूंगा पर पहले आप अंग्रेजी के शब्दों को "Avoid" करना शुरू करें।
और उसके साथ ही देवनागरी लिपि का भी प्रयोग करें तो ज्यादा अच्छा लगता।
आगे आपकी इच्छा 🙏
आप ऐसे ही अपने विचार हमें जरूर दें।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
@@MaHindee महोदय, हिंदी के शब्दकोश का विस्तार तो असीमित है। उर्दू जैसी मैली भाषा के शब्द यदि हिंदी से हट गए तो हिंदी तो परम स्वच्छ एवं निर्मल हो जाएगी। संस्कृत भाषा से जन्मी हिंदी में मलेछों की भाषा उर्दू का क्या अर्थ? उर्दू भाषा केवल दूषित करने का कार्य करती है।
स्वयं भारतेंदु हरिश्चंद्र जी का मत उर्दू भाषा के लिए कितना घृणा वाला है कदाचित आपको पता होगा जो कि उचित ही है।
I , although, believe that english can be used as a bridge for different indic languages to come together. Urdu on the other hand should be rejected with despise.
@@miscelleneousstuff मैं इस बात पर आपसे पूरी तरह सहमत हूँ कि हिंदी के शब्दकोष का भंडार असीमित है और आप अध्ययनशील भी हैं इसका प्रमाण भी मुझे आपकी इस टिप्पणी से मिल गया है।
मैं आपके विचारों का सम्मान करता हूँ।
महाभारत में भी कहा गया है कि --
"तर्कोऽप्रतिष्ठः श्रुतयो विभिन्ना नैको ऋषिर्यस्य मतं प्रमाणम्।
धर्मस्य तत्त्वं निहितं गुहायाम् महाजनो येन गतः सः पन्थाः॥"
अतः विविध तर्कों, मतों और विचारों में किसी को पूर्णतया उचित या अनुचित नहीं ठहराया जा सकता है।
मैं ये तो नहीं कह सकता हूं कि आपका मत गलत है पर मेरे विचार से सभी भाषाओं को आदर दिया जाना चाहिए।
भाषा की परिवर्तनशीलता उसकी स्वाभाविक क्रिया है कोई भी भाषा इस क्रिया से बची नहीं रह सकती। और कहा जाता है न कि 'भाषा बहता नीर'
भाषा विज्ञान की दृष्टि से वही भाषा सबसे अच्छी मानी जाती है जो विभिन्न भाषाओं के शब्दों को स्वयं में समाहित करने की क्षमता रखती हो।
और जहां तक रही भारतेंदु की बात तो भले ही बाद में वे उर्दू के विरोधी हो गये हों पर भारतेंदु ने उर्दू साहित्य को भी अपनी ग़ज़लों और शेरों से समृद्ध किया है। तो क्या हम भारतेंदु के ग़ज़लों को हिंदी साहित्य से बाहर कर सकते हैं?
और अंग्रेजी की बात करें तो मुझे लगता है कि अंग्रेजी से कहीं अधिक सशक्त हिंदी ही वह सेतु है जो भारतीय भाषाओं को जोड़ने की क्षमता रखती है।
@@MaHindee जी महोदय, कोइ संशय नहीं की हिन्दी अन्य सभी भाषाओं को जोड़ने कि क्षमता रखती है निःसंदेह अंग्रेजी से अधिक ही। यद्यपि आपके कुछ विचारों से सहमत नहीं हूं परन्तु हिंदी के प्रति आपके मन मे सम्मान से अति प्रसन्न हूं। आपके चैनल के दर्शक बढ़ते रहें मेरी कामना है।
कृपया मेरा साधुवाद स्वीकार करें । प्रणाम।
@@miscelleneousstuff
मैं ये कभी नहीं चाहूंगा कि आप मेरी बात से हमेशा सहमत हों। नये विचारों की उत्पत्ति के लिए दो अलग-अलग विचारों का आदान-प्रदान आवश्यक है। ऐसे ही हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते रहिए ताकि हम और आप मिलकर माँ हिंदी के विकास की दिशा में कदम बढ़ाएँ।🙏🙏🙏