विदुषी दिप्तिजी, प्रणाम! आपका इंटर्व्यू सुन कर खुशी हुई। आप समयको सार्थक करके अपने और अन्योंके जिवनको ज्ञान सभर बनाने की राह पर चल रही है। बहुत ही अच्छी बात है।शुभ कार्यों में हमारी हार्दिक शुभेच्छा! प्रणाम!!!
@@vinodbhavsar5509 कबीर साहेब जी ही सतलोक सचखंड में सिंहासन पर बैठे हैं, उनके एक रोम कूप में करोड़ों सूर्य करोड़ों चंद्रमा का प्रकाश हैं। कबीर साहेब जी ही संत रूप में लीला करने आते हैं और अपनी प्यारी आत्मा को नाम दीक्षा देकर सतलोक ले जाते हैं, कबीर सागर, कबीर बीजक, इन सब में प्रमाण है की कबीर साहेब जी ही पुर्ण ब्रह्म, परम अक्षर ब्रह्म है। कबीर साहेब जी ने सभी प्रमाण दिए हैं। लेकिन कोइ तत्वदर्शी संत ही पहचान सकता है परमात्मा को, जोकि सिर्फ संत रामपाल जी महाराज जी ही है।
Pram.prnam.ji.sundarsaat.ji
प्रेम प्रणामजी
Sunder sath k Charan m koti koti Prem parnam ji❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Prem🙏 ji
Pranamji ❤❤❤❤❤
Pranam ji
Pranamji 🌹
विदुषी दिप्तिजी, प्रणाम!
आपका इंटर्व्यू सुन कर खुशी हुई। आप समयको सार्थक करके अपने और अन्योंके जिवनको ज्ञान सभर बनाने की राह पर चल रही है। बहुत ही अच्छी बात है।शुभ कार्यों में हमारी हार्दिक शुभेच्छा! प्रणाम!!!
प्रेम प्रणाम जी अत्ती सुन्दर प्रस्न उत्तर प्रणाम जी🌹🙏🌹🙏🌹🙏💗💕
Prem pranam ji ❤❤❤❤❤ very nice sathi ji
Aatem ke Piya ji ke bare me bahut achchhi bat khi h pernam ji
प्रेम प्रणाम जी।❤❤❤
Prem pranam ji 🙏🙏🙏🙏♥️♥️♥️♥️
🌹🙏सप्रेम प्रणामजी🙏🌹
Pranam ji sath ji
❤❤❤❤❤pranam ji sath ji
Pranam ji 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
Shree prannath pyare ki jay . Aap sabhi sundar saath ji ko charan kamal me kotan kot prem pranam ji .
🙏🏽 प्रणाम जी ! बहुत ही अच्छा प्रश्न और उत्तर है ।
❤ પ્રણામજી❤
Narayan Sakar Hari 🙏
Purnbrham parmatma akhnd he
Utar dene ki kripa karna prnamji
* Pranamji..
* SAT + CHID +ANAND or
4th (Chautha) kahya ANANT ADVAYIT LAXAN PANCHVA-5th kaho Viveki
SANT.....
* PRANNATH Pyareki Jay..
* Ekam evam Adwitiyam.
Sab Sundarsath ko Koti-koti pranamji...pranamji Pranamji..
પ્રેમ પ્રણામ જી ❤❤
पूर्ण ब्रह्म पूर्ण परमात्मा। कबीर साहेब जी ही है।
🙏🏽 पूर्णब्रह्म परमात्मा केवल नूरी याने करोड़ो सूर्य के भी ज्यादा तेजस्वी स्वरूप में है । कबीर साहब जी में अक्षरब्रहम का चेतन आनंद रूपी आंस है ।
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कबीर साहेब जी ही सतलोक सचखंड में सिंहासन पर बैठे हैं, उनके एक रोम कूप में करोड़ों सूर्य करोड़ों चंद्रमा का प्रकाश हैं।
कबीर साहेब जी ही संत रूप में लीला करने आते हैं और अपनी प्यारी आत्मा को नाम दीक्षा देकर सतलोक ले जाते हैं, कबीर सागर, कबीर बीजक, इन सब में प्रमाण है की कबीर साहेब जी ही पुर्ण ब्रह्म, परम अक्षर ब्रह्म है।
कबीर साहेब जी ने सभी प्रमाण दिए हैं।
लेकिन कोइ तत्वदर्शी संत ही पहचान सकता है परमात्मा को, जोकि सिर्फ संत रामपाल जी महाराज जी ही है।
श्री राज श्याम जी के चरणों मेंदंडवत पड़ा@@vinodbhavsar5509
कबीर जी अक्षर की पांच वाचन में आती हैं और अक्षर भगवान पूर्ण ब्रह्म परमात्मा का सत स्वरूप अंग है@@vinodbhavsar5509
आपको अधिक जानकारी के लिए श्री निजानंद संप्रदाय श्री प्राणनाथ नाटक यूट्यूब पर देखना पड़ेगा आपके स संशय मिट्टीएंगे प्रयास तो कीजिए