संसार में कौन भगवत्प्राप्ति जल्दी कर लेता है?

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  • čas přidán 8. 09. 2024
  • प्रामाणिक उपदेश :
    विश्व के पाँचवें मूल जगद्गुरु एवं काशी विद्वत् परिषत् द्वारा जगद्गुरूत्तम की उपाधि से विभूषित श्री कृपालु जी महाराज को 'सनातनवैदिकधर्मप्रतिष्ठापन सत्सम्प्रदाय परमाचार्य' की उपाधि से भी अलंकृत किया गया है। इस दृष्टि से श्री महाराज जी के श्रीमुख से निकले दिव्य श्रीवचन ही वास्तविक सनातन वैदिक धर्म के उद्घोषक हैं। उनके उपदेश का प्रत्येक शब्द शास्त्र वेद सम्मत होने से स्वतः प्रामाणिक है। इसी हेतु काशी विद्वत् परिषत् ने महाराज श्री को 'श्रीमद्पदवाक्यप्रमाणपारावारीण' की उपाधि से भी अलंकृत किया।
    श्री महाराज जी ने हम कलियुगी जीवों के कल्याणार्थ समस्त वेद शास्त्रों का सार अपने दिव्य प्रवचनों में अत्यंत सरल एवं रोचक शैली में प्रस्तुत किया है।
    यह वीडियो श्री महाराज जी द्वारा पद/संकीर्तन व्याख्या पर आधारित एक विशेष प्रवचन का अंश है।
    भक्तियोगरसावतार रसिक शिरोमणि जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु महाप्रभु द्वारा स्वरचित संकीर्तन-
    'तूने अब लौं छला मोहिं ओ छलिया।'
    की व्याख्या।
    दिनांक : 12.11.1999
    मनगढ़
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