आपस में संत लोगों की बहस सुनके जीत हार की अनुभूति करके क्या लेना चाहते हो जो बात तुम्हे अच्छी लगे, वही ठीक हो ऐसा ज़रूरी नहीं है। अगर तुम्हें बात ठीक लगती है तो रखो, वरना आगे बढ़ो
@@shandilyaraj3273तुम्हारे धर्म में अब तक ढोंगी ही हुए हैं तुमने आज तक साधु देखे ही नहीं तो तुम्हें पहचान भी नहीं है हर बाबा बलात्कारी निकलता है तुम्हारे में
अहिंसा मय सनातन संस्कार सभ्यता जैन संस्कृति की जय हो एक माँ के दो बेटे हिन्दू जैन सिर्फ पुजा पाठ पद्धति अलग अलग जय श्री राम जय श्री महावीर जय हिंद जय भारत
ऋषभदेव जी का सनातन परिवार में प्रादुर्भाव हुआ बुध जी का सनातन परिवार में जन्म हुआ इतिहास निकला जाए। हमारा मकसद किसी को नीचा दिखाना नहीं है लेकिन सच सच है
Veda are not born in 2500 BC. It is said that Vedas are born when Shristi formed. That's why they are known as Sanatan Dharma literature. Sanatan means Aadhi from beginning. Ved vyas Rishi compiled them only in 2500 BC and he is not the originator of Vedas. So Hindu cannot be treated as sourced from Jainism
हर किसी को हिन्दूओं से पुराना होना है और मजे की बात बौद्ध हो या जैन हर एक ग्रंथों में वेदो का खण्डन मिलता है और वेद अकेला है जिस में किसी का खण्डन ही नहीं। आप अनुमान भी लगा लें तो सत्य पता चलेगा 😅 आदि काल में मानव मांसाहारी थे खुद जो खाते थे वहीं चडाते थे। जैन ग्रंथ तो नहीं पर बौद्ध दर्शन त्रिपिटक पढ़ा है उस में बहुत जगह कही वेद का समर्थन कहीं खण्डन मिलता है विशेष त अथर्ववेद का। आप असलायन सुत्त तेविजसुत्त बहायु सुक्त पढ़ लें पुग्गलसुक्त पढ़ लें, भुरिदत्त जातक पढ़ लें पता चल जाएगा प्राचीन कौन है। वेद में कहीं शाक्य मुनि बुद्ध या कहें शंक बुद्ध कि प्रसंग नहीं है पर त्रिपिटक के अनुसार में जब बुद्ध मिथिला में प्रवचन दे रहे थे तो ब्रम्हायु नामक वैदिक शिक्षक जिसे पाली में बहायू सम्बंधित किया है उस का प्रसंग है जो 120 साल का है और बहायु सुक्त के अनुसार ही वेद उपनिषद पन्च इतिहास पढ़ाते थे। वेदव्यास एक पद है वेद पर अभ्यास करनेवाला पर भारतीय सीरियल ने वेदव्यास को व्यक्ति का नाम बना दिया। शंकराचार्य जैसी ही प्राचीन एक पद्धति है । कोई भाषण देने लग जाते हैं बुद्ध के समय में जातिवाद नहीं था पर त्रिपिटक पुग्गलसुक्त में बुद्ध खुद राजा प्रसेनजीत को जाति भेद समझा रहे हैं पाली में है खुद पढ़ लें। और खुद बुद्ध का परिवार जातीय हिंसा का शिकार हो गया बिडुडव के हाथों मारेगए। बिडुडव राजा प्रसेनजीत का बेटा । www.tititudorancea.com/z/puggalasuttavannana_tpdasn0118.htm
शास्त्रों का अध्ययन करें। पहला फर्क तों यह हिंदू धर्म में अवतार बताया, और जैन धर्म में हर व्यक्ति भगवान बन सकता है। दूसरा आपके कल्याणक की तिथि नहीं है, जैन धर्म में पांच कल्याणक होते और उसकी तिथी हैं,।आपके चौबीस अवतार है पहले अवतार से पहले कितने अवतार हुए।। लेकिन जैन धर्म में ऋषभदेव जी भगवान से पहले भी तीर्थंकर हूए है और भविष्य में होंगे उनके भी नाम है।। फिर प्रश्न है महादेव जी ने दो धर्म क्यों चलाया अवतार लेने के बाद । जैन धर्म के अनुसार ऋषभदेव जी दो धर्म नहीं चलाया, बल्कि मोक्ष जानें के लिए इन्द्रियों को जीतकर जिनेन्द्र बनें । ऋषभदेव के बाद 23 तीर्थंकर भी हुएं।। इसलिए जैन धर्म और संस्कृति किसी की जड़ से नहीं निकला है।। जैन संस्कृति हैं जो हर जाति और हर समाज जैन संस्कृति से जी सकता है।
@@prateekjain7955 Is there any religious process in Jainism that any one who is following Jain practices in aahar vihaar can adopt the Jain Dharam. Is there any Jain organisation, which work on this?
@@gehlotashok6707 जैन धर्म की प्रक्रिया का कोई भी पालन कर सकता है भगवान सब क्षत्रिय वंश में जन्मे और जैन दिगंबर मुनि दीक्षा ली और दिगंबर मुनि की आहार चर्या सब बताई और उन्होंने ही जैन धर्म आगे चलाया और आज भी दिगंबर मुनि के द्वारा यह चल रहा है। जैन धर्म को कोई भी अपना सकता है। जैन धर्म में केवल वितरागी प्रतिमा को पुजा जाता है, जैन धर्म में भगवान के गुणों की पुजा की जाती है। भगवान के आगे कुछ भी जैसे चावल या फल आदि चढाया जाता है तों चढ़ाने वाला वह नहीं खाता है वो पुजारी के पास जाता है, ऐसे कई नियम है
Me APKA AADAR KARTA HU..ME BHI APKE JAISE HI SOCHTA THA LEKIN MERA NAJARIYA TAB NADAL GAYA JAB MENE DR.RAJENDRA PRASAD SINGH HAS NO DUNA ( WITH ARCHAEOLOGICAL PROOFS) TO MERI TO ANKHE KHUL GAYEE..UNKA YOU TUBE CHANNEL HE ..AMIT TIWARI HER KA BHI HE
जैन धर्म में भूत काल में २४ तीर्थंकर हुए हैं वर्तमान काल में २४ तीर्थंकर हुए हैं भविष्यतकाल में २४ तीर्थंकर होंगे श्रि राम जी का जन्म वर्तमान २४ तीर्थंकरों मे से २० वे तीर्थंकर मुनिसुब्रतनाथ के काल में श्रीराम जी का पावन रामायन हुआ है, श्रीराम जी जैन मुनि बनकर मोक्ष प्राप्त किये है ,
@@PrathamJain-wl2cc😂😂😂 koi evidence nahi hai mai toh tujhe Aram se 2200. + Years ki archiological proof de sakta hu plus 10000 BCE old proof de sakta hu woh bhi office ASI ki report se 😂😂😂 tu de kuch
I fully agree with Acharya Maharaj Ji. My finding is also very similar. We have become victimized by some groups of people. There is a long story behind it.
यदि सनातन धर्म सहिष्णु नहीं होता तो भारत में ईतनी धार्मिक विविधता नहीं होती । विदेशी आक्रांताओं ने हमेशा सनातन पर आक्रमण किया और जहां जहां सनातन ने अन्य भारतीय धर्म में रुपांतरण हुआ तो वहां वो क्षेत्र आक्रांताओं ने पूरी तरह ईस्लाम में चला गया । आज अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बंग्लादेश ,तिब्बत जैसे कई क्षेत्र आज भारत में नहीं ।
गूगल क्या किसी देवता ने बनाया है?😂 गूगल मे वही आता है जो लोगो द्वारा डाला जाता है। इसलिये बच्कानी बाते मत करो। यह सवाल।सिद्धांतो का है। जिन्हे बहुत कम लोग जानते और समझते है।
🙏🙏🙏 अद्भुत अभी तक का सबसे अच्छा और जवळन्त प्रश्न और उसका सटीक सारगर्भित उत्तर जो कोई नहीं प्रमाण के साथ वैज्ञानिक तरीके से आप ही दे सकते है इससे बड़ा सत्य उदघाठीक कोइ नहीं कर सकता आप की अनेकान्त मय हिम्मत को बारम्बार 🙏 नमन नमोस्तु 🙏 मे जल्द ही आप के पास आ रहा हु जिससे कुछ सत्य और मिल सके नमो वितरागाय योगाचार्य डॉ नवीन जैन
@@rbpurohit2687 Krishna bhi jain hi the bro kbhi badrinath ki murti Bina shringar ke dekhna , dikh jaayega kiski pratima hain, fir kbhi tirupati ki murti Bina shringar ke dekhna, dikh jaayega kiski murti hai smjhe ,
Sanskrit 1000 purani he eske pehle koi pramanhi nhi or ved sankrit me hi likhe gye he or sanskrit se pehle pali prakurit or dhamm lipi thi in bhasaome to ved ka 1 panna bhi nhi likha mila Asok k sila lekh koe par nhi paya angrejone parkr dikhaya to indusveli ki likhavt ki to bathi choro😎😎😎
@@Sabirkara-kp6nv Jain sanskriti sab se pracheen hai sab se jyada ashilalekh jaha vaha Jain sanskriti ke hai, chandragupta morya, ashoka bindusar chankya sab Jain thy
क्या लिखा हुआ है कुछ मुख्य पॉइंट बताओ। श्री कृष्ण नारायण से भगवान नही। और फेर फार मिलावट तो हर जगह की गयी स्वार्थी ब्रामहण बने लोगो द्वारा। वो तो सिद्धांतो को पढकर और तुलना करके ही पता चल जाता है की क्या सत्य हो सकता है क्या नही। अनेकांत जैसा समर्द्ध और व्यापक सिद्धांत ही अपने आप मे प्रमाणिक की यही सत्य मार्ग बताने वाला है। बाकी सब एकतरफा बाते है।
@@ayushjain4226 सनातन' शब्द का उपयोग पहली बार भगवद गीता में किया गया था, और इसका मतलब आत्मा के ज्ञान से है, जो शाश्वत है।" किसी के कुछ भी मानने या ना मान ने से सत्य नहीं बदलता। और सनातन किसी व्यक्ति विशेष का धर्म नही है, सब अपनी डफली अपना राग गा रहे है।
@@Shashankthakurji शब्द से क्या लेना देना। जो सच है वो सच ही रहेगा। तुम्ही ने कहा जो शाश्वत सत्य वही सनातन है। तो मै भी तो वही कह रहा हू ना जो शाश्वत सत्य है वही सनातन है। अब सत्य को सनातन कहो या जो भी नाम दो इससे क्या फर्क पड़ने वाला है। मुझे इससे कोई मतलब नही की सनातन शब्द कहा से आया। लेकिन मै इतना तो समझ चुका हूँ की शास्वत सत्य क्या है।😁
@@PrathamJain-wl2cc लगता है आपका दिमाग कमजोर है। क्योकि मैने तो किसी मान्यता का मजाक उडाया ही नही। लेकिन तुम्हे अपने आप एसा लगा। इसलिये अपना दिमाह ठीक करो। फिर कह रहा हूँ कि रही बात सनातन है यो वो वर्तमान दिगंबर जैन दर्शन ही है। जैन दर्शन मूल सनातन धर्म है।
उड़ने वाले बंदर की कहानी को सच मानते हो , तुम्हारा काल्पनिक धर्म का सत्य से कुछ लेना देना नही , और हमारे महामुनि के प्रवचन को दुकान कहते हो । सब हिंदुओ के बाप जैन है मान जाओ 🏳️🌈
वेद में ऋषभ देव का नाम है और वास्तव में वेद भी जैन सिद्धांत आदि नाथ के द्वारा भरत के के पुत्र ने ब्रह्मण को दीक्षित किया था । ब्रह्मण धर्म जैन सिद्धांत को नही माना इसलिए अलग हो गए ।जैन धर्म का पालन करने में जनता को कष्ट हुआ तो वह वैदिक धर्म की ओर जाते गए ।
क्षत्रिय वैश्य शूद्र ...ये तीनो वर्ण ऋषभदेव ने बनाए थे। परंतु उनके पुत्र भरत ने ब्रामह वर्ण बनाया था जो आगे चलकर अति सम्मान के कारण स्वार्थ से पोषित होकर स्वयं को पुज्वाने के लिये सिद्धांतो मे फेर बदल करने लगे। ये कार्य अचानक नही हुआ बल्कि धीरे धीरे हुआ काल के हिसाब से। यही सब अलग अलग मान्यताये बनकर अलग अलग मत बनते चले गये। क्योकि ब्रामहण की बात प्रामाणिक मानी जाती थी। कारण उनका कार्य ही ज्ञान दान था। पर क्या हो जब प्रमाणिक माने जाने वाले व्यक्ति के मन मे छल आ जाये या स्वयं को उचा बनाने की भावना आ जाये। यही हुआ ब्राम्हनो का। तो ब्रामहण वर्ण बाद मे बना। लेकिन कोई भी निस्वार्थ और समझदार व्यक्ति तुलनात्मक अध्ययनो द्वारा सत्य का पता लगा सकता है। जैन दर्शन किसी व्यक्ति विशेष द्वारा बताया गया नही बल्कि स्वयं सर्वज्ञ भगवन के केवलज्ञान मे आया वस्तु का स्वरुप है। जो कभी गलत हो ही नही सकता क्योकि स्वयं केवल ज्ञान मे आया है। उसमे जैसा संसार का स्वरुप ज्ञान मे आया वैसा ही गणधरो द्वारा लिपिबद्ध कर दिया गया। इसलिये आज तक जैन दर्शन के मूल सिद्धांतो मे पूर्वा पर विरोध नही है।
Adinath is the first king of Bharat gives the whole BHARAT ALL THE PAST THINGS WRITTEN IN BOOKS NOT THE FUTURE THAT WILL HAPPEN GIVES FROM RISHAB DEV AND 22 THIRTHANKER NEMINATH THE COUSIN BROTHER OF SHRI KRISHANA
आचार्य श्री हम तुलना नहीं करेंगे । हम सिद्धि प्राप्त, ज्ञान प्राप्त महात्मा से वार्तालाप करने का इंतजार कर रहे हैं। हमने यह चुनौती विनम्रता पूर्वक दुनिया को दे रखी है कि हम सिद्धि प्राप्त, ज्ञान प्राप्त महात्मा से वार्तालाप करने को तैयार हो रहे हैं। और हमारे गुरुदेव श्री कृष्ण जी हैं इस बात का ध्यान रखना होगा।
@@tushar4753जय जिनेंद्र भैया इनको समझना हर किसी के बस की बात नहीं होती तो आप अपने दिमाग को ज्यादा तकलीफ मत दो क्योंकि सच कड़वा होता है और हर बड़े बड़े मर्ज की दवा कड़वी ही होती है आप आर्कियोलॉजिस्ट अमीश कपूर ( जिन्होंने रामायण के हर पात्र पर किताबें लिखीहै) की बुक में भी देखना इक्ष्वाकु वंश के संस्थापक भगवान ऋषभदेव थे l यह वर्तमान चौबीसी में पहले तीर्थंकर हैं इनसे पहले भी भूतकाल की चौबीसी (24 तीर्थंकर) है आपके भी पूर्वज है यह गुरुवर 🙏 यह है तीन काल की 24 तीर्थंकर( चौबीसी)के नाम वर्तमान की चौबीसी 😊🙏 1ऋषभ 2अजित 3 संभव 4 अभिनंदन 5सुमति 6पद्मप्रभु 7 सुपार्श्व 8 चंद्रप्रभु 9 पुष्पदंत 10 शीतल 11 श्रेयांस 12 वासुपुज्य 13 विमल 14 अनंत 15 धर्म 16 शांति 17 कुंथु 18 अर 19 मल्लि 20 मुनिसुव्रत 21 नमि 22 नेमि 23 पार्श्वनाथ 24 वर्द्धमानाश्चेति वर्तमान काल चतुर्विशति तिर्थंकरेभ्यो नमो नम: भूतकाल के तीर्थंकर😊🙏 ॐ 1 निर्वाण 2 सागर 3 महासाधु 4विमलप्रभु 5 श्रीधर 6 सुद्त्त 7 अमलप्रभी 8 उध्दर 9 अंगिर 10 संमति 11 सिंधु 12 कुसुमांजली 13 शिवगण 14 उत्साह 15 ज्ञानेश्वर 16 परमेश्वर 17 विमलेश्वर 18 यशोधर 19 क्रुष्णमति 20 ज्ञानमति 21 शुध्दमति 22 श्रीभद्र 23 अतिक्रांत 24 शांताश्चेति भुतकाल चतुर्विशतितिर्थं करेभ्यो नमो नम: भविष्यकाल के तीर्थंकर😊🙏 ॐ 1 महपद्म 2 सुरदेव 3 सुपार्श्व 4 स्वयंप्रभु 5 सर्वात्मभुत 6 देवपुत्र 7 कुलपुत्र 8 उदंक 9 प्रौष्ठिल 10 जयकीर्ति 11 मुनिसुव्रत 12 अर 13 निष्पाप 14 निष्कषाय 15 विपुल 16 निर्मल 17 चित्रगुप्त 18 समाधिगुप्त 19 स्वयंभु 20 अनिवर्तक 21 जय 22 विमल 23 देवपाल 24 अनंतवीर्याश्चेति भविष्यत्काल चतुर्विशति तिर्थंकरेभ्यो नमो🪔🙏😊
आदरणीय महाराज जी, प्रणाम मैं जिस मोहल्ले ward में रहता हूँ मेरे घर के सामने ही जैन मंदिर है, ईश्वर के सम्बन्ध में मुझे जो शिक्षा मिली है, उस शिक्षा से मैं ईश्वर शक्ति को एक मानता हूँ, उस ईश्वर को अनंत, infinite भी कहा जाता है, मेरे गुरु ने मुझे भाव की भक्ति सिखाई न की कर्मकांड की, इसलिए जैन मंदिर के शिखा दर्शन कर मैं मन में णमोकार मन्त्र करता हूँ, मेरा यह भाव अन्य सभी धर्मों के लिए भी है, बीतराग का अर्थ मेरे तेरे से मुक्त करवाने के लिए होगा, अपने सच्चे स्वरुप को पा लेना या जान लेना ही मुक्त होने की ओर जाना है फिर उस सत्य स्वरुप को, जैन, बौद्ध, सनातन या अन्य किसी मार्ग से जाना या पाया जाए, इससे क्या फर्क पड़ता है 😊 प्रणाम
@@anantjain5528 Jain bhi Sanatan ka part hai isliye Hindu aur Jain ek hai,..... Aapas me ladna theek nahi, nahi to iska fayeda Zehadi uthayenge......Naminath Bhagwan Krishna ke cousin brother the to kahi na kahi dono log relatives hi hai....... Jai Jinendra.... 🙏
मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज, Best of Shanka Samadhan में अपने एक प्रवचन में कहते हैं कि द्रविड़ों का संबंध जैन धर्म से रहा है और वैदिक सभ्यता का संबंध आर्यों से। लेकिन श्री निर्भय सागर जी कह रहे हैं कि आर्य ही मुनि कहलाते थे और ये जैन थे।
there is very strong brotherhood between hindu and jain i am hindu and many of my friends are jain we both follow vegetrarinism in this non-veg world this saint is accusing some very serious allegations and if the saint on our side started saying same things on these lines, animosity will develop and muslim and cristions will benefit from it our vegetrarian people will start eating meat
Jain supper hain Hindu sudra dharam hain.koi cheej nahi milti hai.Jain Hindu murdgate per nahi Jalte na hi Kisi hindu ko jain mandir main jane dente hain.Jain Dharam Ishwar ka banya Super religion hai.
गलत तरीके से व्याख्या कर रहे है जब राम और कृष्ण गुरुकुल गए थे अध्ययन के लिए तो उन्होंने भी वेदों का अध्ययन किया था आर्य कोई जाति नहीं होती वेदों में श्रेष्ठ लोगों को आर्य कहा है जैन मत और बौद्ध मत इन दोनों ने इस देश धर्म का सबसे ज्यादा बंटाधार किया है
हमारा धर्म वेदों पर आधारित था । अतः इसका नाम वैदिक धर्म था और हम-सब आर्य थे । इसीलिए हमारे देश का नाम भी आर्यावर्त था । यह हिन्दू नाम हमे इरानियों ( मुसलमानों ) ने दिया है । जो अपमान जनक था । जिसका अर्थ चोर, उचक्का,काला आदि है । जो लोग यह मानते हैं कि सिन्धु के स को ह होकर हिन्दू शब्द बना है ,वे यह नहीं बता पाते कि सिन्धु नदी या सिन्ध प्रदेश में स को ह आजतक क्यों नहीं हुआ । सिंधु नदी को हिंदू नदी क्यों नहीं कहा गया। मेरा मानना हैं कि दोनों एक ही धर्म है कालांतर में फर्क डाला गया है।सिंध प्रांत तो हिंद प्रांत नहीं हुआ आज तक
गुरुवर सनातन हिंदुओं का सबसे पुराना वेद ऋग्वेद है ,उसमे भी आदिनाथ भगवान को विष्नु भगवान का आठवां अवतार बताया गया जो जैनों के पहले तीर्थंकर हुए ,उनसे पहले भी विष्नु भगवान सात अवतार में हो चुके है ।
महात्मा बुद्ध को भी विष्णु का अवतार कहते हैं सब,,,, जैन धर्म के तीर्थको भी भगवान विष्णु का अवतार कहते हैं सब,,,, बहुत जल्द यीशु मसीह को भी विष्णु का अवतार कहेंगे सब और पैगंबर को भी विष्णु का अवतार कहेंगे सब,,,, अभी देखते जाओ किस किस को यह विष्णु का अवतार बताते हैं,,,, बहुत जल्द मोदी को भी कहेंगे सबके विष्णु का अवतार है😂😂😂
सब काल्पनिक है। क्योकि अवतार होते ही नही है। पहली बात विष्णू संज्ञा है ऋषभदेव की ना की कोई वास्तविक। कभी ऋषभदेव से पूर्व इन अवतारो की कहानियो को तो नोटिस करो। क्या वास्तविकता लगती है? कितने तथ्य लगते है? कितना विज्ञान और कितना लाजिक है ये बताओ? सब हवा हवाई है। कही से कही को लाकर जोड़ दिया गया है और सवालो के जवाब को अकल्पनीय पार्लौकिक शक्तियो के बल पर डाल दिया गया है। ऋषभदेव का भी कोई व्यवस्थित विवरण नही है। जितना की जैन दर्शन मे है। माना आप हिन्दू मान्यता वाले परिवार वाले हो पर एक बार जैन दर्शन के सिद्धांतो को समझो तब पूरी कहानी समझ आएगी। तुलनात्मक अध्ययन ही सच को सामने लाता है। अगर अवतार होते तो सब एक ही मान्यता वाले होते। जैसे मुस्लिमो मे अल्लाह की धारणा वैसे ही हिन्दुओ मे अवतारो की।
@@ayushjain4226Tm bhot bdi bdi baatein krr rhe ho , adwait vedant pdh lena kbhi tb smjh me aayega Jain Dharm me aisa unique kch nhi hai. Bde bde scientists jaise Neils Bohr , Warner Heisenberg jinko quantum physics ke liye Nobel prize Mila , Nicola Tesla jo is modern era ka sbse bda genius tha sbne Upnishads pdhe hain aur bhot tarif ki hai. Bohr ne to kaha hai ki jb bhi mjhe mere sawalo ke zawab chahiye hota hai mai Upnishado ki traf dekhta hu. Pauranic kahaniyo ko tmlogo ne hindu dharm smjhke rkha hai bs. Veda aur 6 darshan ke takkar ka kch nhi hai is pure vishwa me .
JAIN DHARM BHARAT KA NHI PURI DUNIYA SABSE PRACHIN DHARM HAI SINDHU GHATI SE PRAPT KATYOSARG MURTI JO KISI DHARM MAI NHI HOTI Jo jain dharm se realted hai wo bhi kili hai 🔥
@@AnilSharma-et8jp bilkul, aur ye baat jain dharm ko or b khas banati h ki isne follower k chakkar me rules nhi change kiye Jo rule h so rule h That's why aaj b jain log sabse jyada vegetarian hai Charity krte h nonviolence me believe krte h
Hinduism ne jainio ko nhi bacha rkha vo apne astitv ki raksha khud kar sakte he jese tumne shikharji ko capture karne ki koshish Kari thi par jainio ne shikharji ko vapas liye or ab girnar ji capture karne ki koshish kar rhe ho kripya Gyan pelne se phle khud Gyan arjit kare
Sablog khud ko prachin bataney k liye kitna jhut boltey hey. Buddhist bhi khud ko jain aur hindu sey prachin bataney lagey hey. Fir jain bhi hindu sey prachin keheney lagey hey. Muslim bhi hindu sey prachin bataney lagey hey. christian bhi hindu sey prachin kehetey hey.kiski baat biswas karey.koi janam sey hindu muslim sikh jain Buddhist christian nahi hota . Insaan bano .yeh mat sampradayekta majab religion insaan ko andhabhakta banadeta hey. pehele koi jain nahi sab tribal thee .insaan banao vedh bhi yehi keheta hey. Shiva sutra bhi yehi keheta hey majab mat sampradaye mey fasey hey inssaan .ham kon hey ham aatma hey aur sabi log beutiful soul hey .tyo kyu hate failarahey ho.
हिन्दू धर्म कहीं भी खुदाई में नहीं मिलता जहां भी मिलता है जैन इतिहास ही मिलता है कभी सुना की राम की मूर्ति निकली कृष्ण की मूर्ति निकली शिव की मूर्ति निकली जहां भी देखो जैन धर्म के ही प्रमाण मिलते हैं हिन्दू धर्म का इतिहास कहीं भी परिपूर्ण नहीं मिलता जबकि जैन इतिहास परिपूर्ण है हां इसको नष्ट करने का प्रयास शंकराचार्य द्वारा किया गया बहुत सारा इतिहास नष्ट भी किया गया फिर भी आज जैन इतिहास परिपूर्ण है दुनिया में सबसे अधिक जैन मंदिर है और जैन तीर्थ है
Tum log apne jain dharam ka praman bhi hindu dharam sastro se deto ho 😂 rahi baat khudai ki to sabse jada mandir aur murtiyon ki to vo hindu dharam ki nikli hai
Rahi baat koun sa dharam purana hai mai ispe jana nahi chahta 😂 kyonki jis hisab se aap bol rahe ho to duniya ke sabhi panth sampraday khud ko sabse purana batate hai 😂
@@enmfggrd8948khatam nahi ho Raha hai kuchh samye ke liye Rukh Gaya tha samjho jiske pass lakho book nalanda University thi beh kuchh chhal se doosre ne hata Diya tha lekin Satya nahi chhupta na pehle bhi to budhhist bharat tha ,
Buddhists claim the same thing. We all are sanatani arya. Jain and Buddha are the sects based on respective philosophical ideas within Sanatan Hindu Dharma🎉
Bahut achcha Sundar bataya sar
जैन महान धर्म की जय हो
आपकी बात कुछ हद तक सही है, बहुमत का बोल बाला होता है एक अच्छी शुरुवात की है बात आगे तक जानी चाहिए ताकि सत्य को उजागर किया जा सके।
हिन्दू धर्म ८वीं से १०वीं सदी से अस्तित्व में आया है।
Indus valley civilization me Hindu ke saboot mile hai.
Jainio ka. Kya. Mila?😂😂
I had been researching about this topic.
And I totally agree and I am completely in same thoughts with Shree Nirbhay Sagar Maharaj ji.
Mujhe nahi lagta hindu jain se nikla hai... Walki jain hindu se nikla hai
@@naveenbamhan3713kuch bhi😂
@@abhijain9542 kuch bhi nahi bhai tum bata do tumhe esa kyu lagta hai hindu jain se nikla hai me bata skta hu ki jain hindu se nikla hai
@@naveenbamhan3713 bas tu itna bata de esa likha kaha hai kuch esa batana jispe viswas Kiya Jaa sake koi faltu theory mt batana
@@abhijain9542 tujhse yahi to pucha mene tujhe esa esa kuch lagta hai fir me bata raha hu na
Om Namah Shivay
@@machinelearning6726 om namah shivay
हिंदू जैन साथ में रहा है और साथ में चलता रहेगा
मैं जैन हूँ
भारत माता की जय
आप श्री रामभद्राचार्य जी से बहस कर लीजिए....सिंधु से हिन्दू वाली बात के विरोध में वो दर्जनों उदाहरण दे चुके है।
आपस में संत लोगों की बहस सुनके जीत हार की अनुभूति करके क्या लेना चाहते हो
जो बात तुम्हे अच्छी लगे, वही ठीक हो ऐसा ज़रूरी नहीं है। अगर तुम्हें बात ठीक लगती है तो रखो, वरना आगे बढ़ो
@@prashantjain6692शास्त्रार्थ कर लेना चाहिए
@@prashantjain6692aise dhongi sant kaha se late ho😂😂😂 pakad ke
@@shandilyaraj3273 चरणों की धूल भी नहीं है तू ।
सबसे ज्यादा आडम्बर और ढोंग कहां फैला हुआ है, किसी से छिपा नही है।
@@shandilyaraj3273तुम्हारे धर्म में अब तक ढोंगी ही हुए हैं तुमने आज तक साधु देखे ही नहीं तो तुम्हें पहचान भी नहीं है हर बाबा बलात्कारी निकलता है तुम्हारे में
किसको किसको लग रहा है कि यह झूठ बोल रहे हैं कृपया लाइक करें❤❤❤❤
Satya kaha Munivar ji ne.
Namostu gurudev gurudev aap ka gyan bohot hi high level ka hai bohat acche se samjate
@@bharatijain1478 Jai shree Ram 🚩🚩
अहिंसा मय सनातन संस्कार सभ्यता जैन संस्कृति की जय हो एक माँ के दो बेटे हिन्दू जैन सिर्फ पुजा पाठ पद्धति अलग अलग
जय श्री राम जय श्री महावीर जय हिंद जय भारत
हम जैन हिंदू भाई भाई है जय महावीर जय श्री राम
मैं जैन हूँ
Ham hinduo ke liye sadew adar or samananiya hai mahabeer ji unki ahinsa ke beena ham hinduo ki ahinsa ka vichar adhura hai@@Gauravshahab2186
दरिया दुजे धर्म से, संशय मिटे न शूल।
"राम" नाम रटते रहो, सब धर्मों का मूल।।
ऐसे विचार ही धर्म की आस्था डगमगाते हैं !
मतलब सिन्धु (हिन्दू)सभ्यता जैन से पहले विद्यमान थी !
सत्य सनातन धर्म से ही जैन ओर बौद्ध religion निकले हुए हैं ,😏
ऋषभदेव जी का सनातन परिवार में प्रादुर्भाव हुआ
बुध जी का सनातन परिवार में जन्म हुआ
इतिहास निकला जाए।
हमारा मकसद किसी को नीचा दिखाना नहीं है लेकिन सच सच है
उड़ने वाले बंदर की कहानी को सच मानते हो और खुद को पुराना कह रहे हो 😂😂
सब हिंदुओ के बाप जैन है मान जाओ 🏳️🌈
Maharaj ji ki ek ek baat 1000 parsant sach h
Veda are not born in 2500 BC. It is said that Vedas are born when Shristi formed. That's why they are known as Sanatan Dharma literature. Sanatan means Aadhi from beginning. Ved vyas Rishi compiled them only in 2500 BC and he is not the originator of Vedas. So Hindu cannot be treated as sourced from Jainism
जैन हिंदू हुए की नही पर महाराज जी जरूर भ्रमित हो गए है😂😂
Muni ji sach bol rahe hain inko giyan hai.muni ji per sach ke kapde hain ,hindu panda kapde main nanga hai.jain ek dharam hai ,Hindu ek mat hai.
हर किसी को हिन्दूओं से पुराना होना है और मजे की बात बौद्ध हो या जैन हर एक ग्रंथों में वेदो का खण्डन मिलता है और वेद अकेला है जिस में किसी का खण्डन ही नहीं। आप अनुमान भी लगा लें तो सत्य पता चलेगा 😅 आदि काल में मानव मांसाहारी थे खुद जो खाते थे वहीं चडाते थे। जैन ग्रंथ तो नहीं पर बौद्ध दर्शन त्रिपिटक पढ़ा है उस में बहुत जगह कही वेद का समर्थन कहीं खण्डन मिलता है विशेष त अथर्ववेद का। आप असलायन सुत्त तेविजसुत्त बहायु सुक्त पढ़ लें पुग्गलसुक्त पढ़ लें, भुरिदत्त जातक पढ़ लें पता चल जाएगा प्राचीन कौन है। वेद में कहीं शाक्य मुनि बुद्ध या कहें शंक बुद्ध कि प्रसंग नहीं है पर त्रिपिटक के अनुसार में जब बुद्ध मिथिला में प्रवचन दे रहे थे तो ब्रम्हायु नामक वैदिक शिक्षक जिसे पाली में बहायू सम्बंधित किया है उस का प्रसंग है जो 120 साल का है और बहायु सुक्त के अनुसार ही वेद उपनिषद पन्च इतिहास पढ़ाते थे। वेदव्यास एक पद है वेद पर अभ्यास करनेवाला पर भारतीय सीरियल ने वेदव्यास को व्यक्ति का नाम बना दिया। शंकराचार्य जैसी ही प्राचीन एक पद्धति है । कोई भाषण देने लग जाते हैं बुद्ध के समय में जातिवाद नहीं था पर त्रिपिटक पुग्गलसुक्त में बुद्ध खुद राजा प्रसेनजीत को जाति भेद समझा रहे हैं पाली में है खुद पढ़ लें। और खुद बुद्ध का परिवार जातीय हिंसा का शिकार हो गया बिडुडव के हाथों मारेगए। बिडुडव राजा प्रसेनजीत का बेटा ।
www.tititudorancea.com/z/puggalasuttavannana_tpdasn0118.htm
उड़ने वाले बंदर की कहानी को सच मानते हो और हमारे महामुनि को भ्रमित कहते हो ।
सब हिंदुओ के बाप जैन है मान जाओ 🏳️🌈
Jai श्री राम हम सब सनातनी हिंदू धर्म के पोषक है
not true
jahil se kam ho
Mene history ki 32 kitabe pad li but maharaj ji apki ek v bat ka prman sach ni nikla 😢😢
शास्त्रों का अध्ययन करें। पहला फर्क तों यह हिंदू धर्म में अवतार बताया, और जैन धर्म में हर व्यक्ति भगवान बन सकता है। दूसरा आपके कल्याणक की तिथि नहीं है, जैन धर्म में पांच कल्याणक होते और उसकी तिथी हैं,।आपके चौबीस अवतार है पहले अवतार से पहले कितने अवतार हुए।। लेकिन जैन धर्म में ऋषभदेव जी भगवान से पहले भी तीर्थंकर हूए है और भविष्य में होंगे उनके भी नाम है।।
फिर प्रश्न है महादेव जी ने दो धर्म क्यों चलाया अवतार लेने के बाद । जैन धर्म के अनुसार ऋषभदेव जी दो धर्म नहीं चलाया, बल्कि मोक्ष जानें के लिए इन्द्रियों को जीतकर जिनेन्द्र बनें । ऋषभदेव के बाद 23 तीर्थंकर भी हुएं।। इसलिए जैन धर्म और संस्कृति किसी की जड़ से नहीं निकला है।। जैन संस्कृति हैं जो हर जाति और हर समाज जैन संस्कृति से जी सकता है।
@@prateekjain7955 Is there any religious process in Jainism that any one who is following Jain practices in aahar vihaar can adopt the Jain Dharam.
Is there any Jain organisation, which work on this?
@@gehlotashok6707 जैन धर्म की प्रक्रिया का कोई भी पालन कर सकता है भगवान सब क्षत्रिय वंश में जन्मे और जैन दिगंबर मुनि दीक्षा ली और दिगंबर मुनि की आहार चर्या सब बताई और उन्होंने ही जैन धर्म आगे चलाया और आज भी दिगंबर मुनि के द्वारा यह चल रहा है। जैन धर्म को कोई भी अपना सकता है। जैन धर्म में केवल वितरागी प्रतिमा को पुजा जाता है, जैन धर्म में भगवान के गुणों की पुजा की जाती है। भगवान के आगे कुछ भी जैसे चावल या फल आदि चढाया जाता है तों चढ़ाने वाला वह नहीं खाता है वो पुजारी के पास जाता है, ऐसे कई नियम है
@@prateekjain7955esliye jain bhee khastriye vanshi Hindu jain pooja padthee alag hai
Me APKA AADAR KARTA HU..ME BHI APKE JAISE HI SOCHTA THA LEKIN MERA NAJARIYA TAB NADAL GAYA JAB MENE DR.RAJENDRA PRASAD SINGH HAS NO DUNA ( WITH ARCHAEOLOGICAL PROOFS) TO MERI TO ANKHE KHUL GAYEE..UNKA YOU TUBE CHANNEL HE ..AMIT TIWARI HER KA BHI HE
कल्पना मात्र है
Namostu maharaji. ,🙏🏻🙏🏻🙏🏻
😂😂😂 बहुत बढ़िया जोक
Suchchai hai ye Naa ki joke
Satya hi sanatan hain
Sanatan hi satya hain..
....
जैन धर्म में भूत काल में २४ तीर्थंकर हुए हैं
वर्तमान काल में २४ तीर्थंकर हुए हैं
भविष्यतकाल में २४ तीर्थंकर होंगे
श्रि राम जी का जन्म वर्तमान २४ तीर्थंकरों मे से २० वे तीर्थंकर मुनिसुब्रतनाथ के काल में श्रीराम जी का पावन रामायन हुआ है, श्रीराम जी जैन मुनि बनकर मोक्ष प्राप्त किये है ,
श्री राम के जैन समाज को अपनाने का उल्लेख किसी भी ग्रंथ में नहीं है। उनके गुरु भगवान व्यास है ।
नंगे धर्म से हिंदुओ का कुछ लेना देना नही
Why there are no female tirthankaras in Jainism,only male domination?
Duniya ka Sabse Purana Dharm Sanatan Dharm hai Baaki koi nahi
और सनातन क्या है?😂
सनातन पर किसी का ठेका है ही नही। सिद्धांत कभी बदलते नही😁
जैन दर्शन के सिद्धांत समझो तब सब समझ आ जाएगा। वास्तविक सनातन यही है।
@@ayushjain4226 Jainism is the oldest religion but not older than Hinduism
@@ayushjain4226 i respect jain thithankar and I belong to jain family but I follow Hinduism
@@PrathamJain-wl2cc😂😂😂 koi evidence nahi hai mai toh tujhe Aram se 2200. + Years ki archiological proof de sakta hu plus 10000 BCE old proof de sakta hu woh bhi office ASI ki report se 😂😂😂 tu de kuch
Right 👍
🌞 सनातन वह है जो अनंत है अविनाशी है सत्य है और सभी धर्मो का मूल है वत्स, सनातन की छत्रछाया में ही विश्व में शांति आ सकती है। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌷
Kese ayegi shanti dalito ko nicha dikhakar
Sanatan dharm nahi hai bhai ye bhraman dharm hai
@@Ramnik-yk7xc सनातन ही सत्य है सनातन ही धर्म है बाकी सब तो पंत है धर्म एक ही है जो है सनातन धर्म ।
सनातन मूल है बाकी सब तो टहनियॉ हैं । ... 🙏🌷
@@Ramnik-yk7xc achha dharm sab jagah hota hai, lekin tumhara sanatan bas India ka hai
सनातन का मतलब है न बदलने वाला लेकीन सती परंपरा..विधवा केशवपन..छुआछुत..महिलाओको संपती मे अधिकार..क्यो बदल गये ??
Fargy....pel diye baba ji😂😂
I fully agree with Acharya Maharaj Ji.
My finding is also very similar.
We have become victimized by some groups of people. There is a long story behind it.
Namostu gurudev🙏🙏🙏
यदि सनातन धर्म सहिष्णु नहीं होता तो भारत में ईतनी धार्मिक विविधता नहीं होती । विदेशी आक्रांताओं ने हमेशा सनातन पर आक्रमण किया और जहां जहां सनातन ने अन्य भारतीय धर्म में रुपांतरण हुआ तो वहां वो क्षेत्र आक्रांताओं ने पूरी तरह ईस्लाम में चला गया । आज अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बंग्लादेश ,तिब्बत जैसे कई क्षेत्र आज भारत में नहीं ।
यह सनातन कुछ नहीं था ब्राह्मण धर्म था सिर्फ ब्राह्मण धर्म
सनातन धर्म है
गुरु जी सनातन धर्म इतना पुराना है कि गुगल भी सही से जवाब नहीं दे सकता हूं
गूगल क्या किसी देवता ने बनाया है?😂
गूगल मे वही आता है जो लोगो द्वारा डाला जाता है। इसलिये बच्कानी बाते मत करो।
यह सवाल।सिद्धांतो का है। जिन्हे बहुत कम लोग जानते और समझते है।
Apna baap ka barth sartificet dekhlonhindu jain vanik likha huwa dikhega@@ayushjain4226
भाई दुनिया की सबसे बड़ी व पुरानी खोज नेतराज की मूर्ति है,अब बताओ की कौन पहले से है
संत जी ने बिलकुल सही कहा जिनका बहुमत है वोही अपना धर्म सिद्ध कर सकता है 😢
🙏🙏🙏 अद्भुत अभी तक का सबसे अच्छा और जवळन्त प्रश्न और उसका सटीक सारगर्भित उत्तर जो कोई नहीं प्रमाण के साथ वैज्ञानिक तरीके से आप ही दे सकते है
इससे बड़ा सत्य उदघाठीक कोइ नहीं कर सकता
आप की अनेकान्त मय हिम्मत को बारम्बार 🙏 नमन नमोस्तु 🙏
मे जल्द ही आप के पास आ रहा हु जिससे कुछ सत्य और मिल सके
नमो वितरागाय
योगाचार्य डॉ नवीन जैन
@@tushar4753 kabhi apne maharaj (called as dhongi) ko dekha hai
@@rbpurohit2687 Krishna bhi jain hi the bro kbhi badrinath ki murti Bina shringar ke dekhna , dikh jaayega kiski pratima hain, fir kbhi tirupati ki murti Bina shringar ke dekhna, dikh jaayega kiski murti hai smjhe ,
Jai ho Gurudev
Bohat sahi jankari
क्या जानकारी ? सब फेका फेक कर रहे हे गुरू जी तो। 😂😂
@@tushar4753 😂😂
Sanskrit 1000 purani he eske pehle koi pramanhi nhi or ved sankrit me hi likhe gye he or sanskrit se pehle pali prakurit or dhamm lipi thi in bhasaome to ved ka 1 panna bhi nhi likha mila
Asok k sila lekh koe par nhi paya angrejone parkr dikhaya to indusveli ki likhavt ki to bathi choro😎😎😎
@@Sabirkara-kp6nv Jain sanskriti sab se pracheen hai sab se jyada ashilalekh jaha vaha Jain sanskriti ke hai, chandragupta morya, ashoka bindusar chankya sab Jain thy
@@bharatijain1478 Jainism and boudha hi sabse purane 👍
तो फिर जैन धर्म कैसे पैदा हुए थे
पंथ है। एक धारा जो हिंसा फॉलो करती थी। यह खस्ट्रीय थे इनके राजा। यह खुद कोई राजपूत नही। सारे कनवर्टेड है 😊
गीता जो साक्षात भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से रचना हुआ है यही सत्य है और गीता में ही सनातन धर्म का उल्लेख मिलता है।
जय सनातन 🙏🙏🙏
क्या लिखा हुआ है कुछ मुख्य पॉइंट बताओ।
श्री कृष्ण नारायण से भगवान नही। और फेर फार मिलावट तो हर जगह की गयी स्वार्थी ब्रामहण बने लोगो द्वारा।
वो तो सिद्धांतो को पढकर और तुलना करके ही पता चल जाता है की क्या सत्य हो सकता है क्या नही।
अनेकांत जैसा समर्द्ध और व्यापक सिद्धांत ही अपने आप मे प्रमाणिक की यही सत्य मार्ग बताने वाला है। बाकी सब एकतरफा बाते है।
@@ayushjain4226 सनातन' शब्द का उपयोग पहली बार भगवद गीता में किया गया था, और इसका मतलब आत्मा के ज्ञान से है, जो शाश्वत है।" किसी के कुछ भी मानने या ना मान ने से सत्य नहीं बदलता। और सनातन किसी व्यक्ति विशेष का धर्म नही है, सब अपनी डफली अपना राग गा रहे है।
@@Shashankthakurji शब्द से क्या लेना देना। जो सच है वो सच ही रहेगा। तुम्ही ने कहा जो शाश्वत सत्य वही सनातन है। तो मै भी तो वही कह रहा हू ना जो शाश्वत सत्य है वही सनातन है। अब सत्य को सनातन कहो या जो भी नाम दो इससे क्या फर्क पड़ने वाला है।
मुझे इससे कोई मतलब नही की सनातन शब्द कहा से आया। लेकिन मै इतना तो समझ चुका हूँ की शास्वत सत्य क्या है।😁
@@ayushjain4226 ayushjain Sanatan dhram ki insult mat karo main tumhare hain dhram ki insult nahi kar raha. Jai shree Ram 🚩🚩. Har Har Mahadev 🚩🚩
@@PrathamJain-wl2cc लगता है आपका दिमाग कमजोर है। क्योकि मैने तो किसी मान्यता का मजाक उडाया ही नही। लेकिन तुम्हे अपने आप एसा लगा। इसलिये अपना दिमाह ठीक करो।
फिर कह रहा हूँ कि रही बात सनातन है यो वो वर्तमान दिगंबर जैन दर्शन ही है। जैन दर्शन मूल सनातन धर्म है।
सच्चे सनातन धर्म को छोड़कर सभी ने अपनी अपनी दूकान खोल कर रखी है दूकान के अलावा कुछ नहीं है
उड़ने वाले बंदर की कहानी को सच मानते हो , तुम्हारा काल्पनिक धर्म का सत्य से कुछ लेना देना नही , और हमारे महामुनि के प्रवचन को दुकान कहते हो ।
सब हिंदुओ के बाप जैन है मान जाओ 🏳️🌈
वेद में ऋषभ देव का नाम है और वास्तव में वेद भी जैन सिद्धांत आदि नाथ के द्वारा भरत के के पुत्र ने ब्रह्मण को दीक्षित किया था । ब्रह्मण धर्म जैन सिद्धांत को नही माना इसलिए अलग हो गए ।जैन धर्म का पालन करने में जनता को कष्ट हुआ तो वह वैदिक धर्म की ओर जाते गए ।
Nahin bhai Rig Ved me Rishabh naam Bail ke liye Upyog kiya gaya hai
@@Matedotये एक number ka लैंड फकीर गुरु है। lagta है ये मुझे ओर ये दारू पीके आया है
क्षत्रिय वैश्य शूद्र ...ये तीनो वर्ण ऋषभदेव ने बनाए थे। परंतु उनके पुत्र भरत ने ब्रामह वर्ण बनाया था जो आगे चलकर अति सम्मान के कारण स्वार्थ से पोषित होकर स्वयं को पुज्वाने के लिये सिद्धांतो मे फेर बदल करने लगे। ये कार्य अचानक नही हुआ बल्कि धीरे धीरे हुआ काल के हिसाब से। यही सब अलग अलग मान्यताये बनकर अलग अलग मत बनते चले गये। क्योकि ब्रामहण की बात प्रामाणिक मानी जाती थी। कारण उनका कार्य ही ज्ञान दान था। पर क्या हो जब प्रमाणिक माने जाने वाले व्यक्ति के मन मे छल आ जाये या स्वयं को उचा बनाने की भावना आ जाये। यही हुआ ब्राम्हनो का। तो ब्रामहण वर्ण बाद मे बना।
लेकिन कोई भी निस्वार्थ और समझदार व्यक्ति तुलनात्मक अध्ययनो द्वारा सत्य का पता लगा सकता है।
जैन दर्शन किसी व्यक्ति विशेष द्वारा बताया गया नही बल्कि स्वयं सर्वज्ञ भगवन के केवलज्ञान मे आया वस्तु का स्वरुप है। जो कभी गलत हो ही नही सकता क्योकि स्वयं केवल ज्ञान मे आया है। उसमे जैसा संसार का स्वरुप ज्ञान मे आया वैसा ही गणधरो द्वारा लिपिबद्ध कर दिया गया। इसलिये आज तक जैन दर्शन के मूल सिद्धांतो मे पूर्वा पर विरोध नही है।
Vedh mey sab ka naam hey 😅
Adinath is the first king of Bharat gives the whole BHARAT ALL THE PAST THINGS WRITTEN IN BOOKS NOT THE FUTURE THAT WILL HAPPEN GIVES FROM RISHAB DEV AND 22 THIRTHANKER NEMINATH THE COUSIN BROTHER OF SHRI KRISHANA
आचार्य श्री हम तुलना नहीं करेंगे ।
हम सिद्धि प्राप्त, ज्ञान प्राप्त महात्मा से वार्तालाप करने का इंतजार कर रहे हैं।
हमने यह चुनौती विनम्रता पूर्वक दुनिया को दे रखी है कि हम सिद्धि प्राप्त, ज्ञान प्राप्त महात्मा से वार्तालाप करने को तैयार हो रहे हैं।
और हमारे गुरुदेव श्री कृष्ण जी हैं इस बात का ध्यान रखना होगा।
तो बुलाओ कृष्ण को मै उनसे बात करता हूँ😂😂
Namostu gurudev! सटिक लॉजिक के साथ समझाया!
💯 अपने बच्चों से भी ये सारा ज्ञान share कीजिए 🙏 मिथ्यात्व से दूर रखिए
चलते जाओ।नास्तिकों
I feel the same
Jainism was always there...Hindu is born from Jainism..
@@tushar4753ha ha jo samaj na hai samaj lo waise dharam tho kalpanik khata suna kar logo ko bewakuf bana kar hi bana hai
@@tushar4753😂😂😂
Ye jain sadhu nhi dhongi hai
@@shandilyaraj3273तुम्हारे सारे साधु ढोंगी ही हुए हैं तो तुम्हारा साधुओ से विश्वास उठ गया दुःख है मुझे तुम्हारे लिए
@@tushar4753जय जिनेंद्र भैया इनको समझना हर किसी के बस की बात नहीं होती तो आप अपने दिमाग को ज्यादा तकलीफ मत दो क्योंकि सच कड़वा होता है और हर बड़े बड़े मर्ज की दवा कड़वी ही होती है
आप आर्कियोलॉजिस्ट अमीश कपूर ( जिन्होंने रामायण के हर पात्र पर किताबें लिखीहै) की बुक में भी देखना इक्ष्वाकु वंश के संस्थापक भगवान ऋषभदेव थे l यह वर्तमान चौबीसी में पहले तीर्थंकर हैं इनसे पहले भी भूतकाल की चौबीसी (24 तीर्थंकर) है आपके भी पूर्वज है यह गुरुवर 🙏
यह है तीन काल की 24 तीर्थंकर( चौबीसी)के नाम
वर्तमान की चौबीसी 😊🙏
1ऋषभ
2अजित
3 संभव
4 अभिनंदन
5सुमति
6पद्मप्रभु 7 सुपार्श्व
8 चंद्रप्रभु 9 पुष्पदंत
10 शीतल 11 श्रेयांस
12 वासुपुज्य 13 विमल 14 अनंत 15 धर्म 16 शांति 17 कुंथु 18 अर 19 मल्लि 20 मुनिसुव्रत 21 नमि
22 नेमि 23 पार्श्वनाथ
24 वर्द्धमानाश्चेति वर्तमान काल चतुर्विशति तिर्थंकरेभ्यो नमो नम:
भूतकाल के तीर्थंकर😊🙏
ॐ 1 निर्वाण 2 सागर
3 महासाधु 4विमलप्रभु
5 श्रीधर 6 सुद्त्त
7 अमलप्रभी 8 उध्दर
9 अंगिर 10 संमति
11 सिंधु 12 कुसुमांजली 13 शिवगण 14 उत्साह
15 ज्ञानेश्वर 16 परमेश्वर 17 विमलेश्वर 18 यशोधर 19 क्रुष्णमति 20 ज्ञानमति 21 शुध्दमति 22 श्रीभद्र
23 अतिक्रांत
24 शांताश्चेति भुतकाल चतुर्विशतितिर्थं करेभ्यो नमो नम:
भविष्यकाल के तीर्थंकर😊🙏
ॐ 1 महपद्म 2 सुरदेव
3 सुपार्श्व 4 स्वयंप्रभु
5 सर्वात्मभुत 6 देवपुत्र
7 कुलपुत्र 8 उदंक
9 प्रौष्ठिल 10 जयकीर्ति
11 मुनिसुव्रत 12 अर
13 निष्पाप 14 निष्कषाय 15 विपुल 16 निर्मल
17 चित्रगुप्त 18 समाधिगुप्त 19 स्वयंभु
20 अनिवर्तक 21 जय
22 विमल 23 देवपाल
24 अनंतवीर्याश्चेति भविष्यत्काल चतुर्विशति तिर्थंकरेभ्यो नमो🪔🙏😊
Hahahaaaa
Namostu gurudev.
आदरणीय महाराज जी,
प्रणाम मैं जिस मोहल्ले ward में रहता हूँ मेरे घर के सामने ही जैन मंदिर है, ईश्वर के सम्बन्ध में मुझे जो शिक्षा मिली है, उस शिक्षा से मैं ईश्वर शक्ति को एक मानता हूँ, उस ईश्वर को अनंत, infinite भी कहा जाता है, मेरे गुरु ने मुझे भाव की भक्ति सिखाई न की कर्मकांड की, इसलिए जैन मंदिर के शिखा दर्शन कर मैं मन में णमोकार मन्त्र करता हूँ, मेरा यह भाव अन्य सभी धर्मों के लिए भी है, बीतराग का अर्थ मेरे तेरे से मुक्त करवाने के लिए होगा, अपने सच्चे स्वरुप को पा लेना या जान लेना ही मुक्त होने की ओर जाना है फिर उस सत्य स्वरुप को, जैन, बौद्ध, सनातन या अन्य किसी मार्ग से जाना या पाया जाए, इससे क्या फर्क पड़ता है 😊
प्रणाम
सनातन की आड़ लेकर ही बौद्ध और जैन का अस्तित्व है फिर भी ज्ञान दे रहे है .......😊
Aur majority ke karan tumhare juth chal raha hai nahi tu kab ka khatam hu chuka hota😂
सनातन का अर्थ है जिसका आदि और अंत नहीं हो यह आत्मा और पूनर्जन्म को मानने वही सनातन धर्म है।
@@anantjain5528 Jain bhi Sanatan ka part hai isliye Hindu aur Jain ek hai,..... Aapas me ladna theek nahi, nahi to iska fayeda Zehadi uthayenge......Naminath Bhagwan Krishna ke cousin brother the to kahi na kahi dono log relatives hi hai....... Jai Jinendra.... 🙏
@@anantjain5528 हमारी majority ke karan tum जीवित हो नंगों
@@aayushsharma6029
Juban sambhal k bat kr
Its totally wrong Sanatan dharma se hi Saree dharma nikle hai
नमोस्तु गुरुदेव
Nice
सत्य सनातन धर्म की जय
मेरे पापा का जन्म मुझसे हुआ है।
वाह इनके आगे बहस करना मूर्खता है , आपने सही टोंट मारा
@@kameshpanwar 😂😂😂 betelog abhi app brham me hi rahe ho jag jao
मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज, Best of Shanka Samadhan में अपने एक प्रवचन में कहते हैं कि द्रविड़ों का संबंध जैन धर्म से रहा है और वैदिक सभ्यता का संबंध आर्यों से। लेकिन श्री निर्भय सागर जी कह रहे हैं कि आर्य ही मुनि कहलाते थे और ये जैन थे।
Bilkul sahi jankari di.Namostu gurudev
💯 अपने बच्चों से भी ये सारा ज्ञान share कीजिए 🙏 मिथ्यात्व से दूर रखिए
ये धर्म किसने बनाये एक काही नहीं बनाया.सब का एक ही धर्म हो मानवता
there is very strong brotherhood between hindu and jain
i am hindu and many of my friends are jain
we both follow vegetrarinism in this non-veg world
this saint is accusing some very serious allegations and if the saint on our side started saying same things on these lines, animosity will develop
and muslim and cristions will benefit from it
our vegetrarian people will start eating meat
Jain supper hain Hindu sudra dharam hain.koi cheej nahi milti hai.Jain Hindu murdgate per nahi Jalte na hi Kisi hindu ko jain mandir main jane dente hain.Jain Dharam Ishwar ka banya Super religion hai.
Jain Hindu ki madad karta hai,Hindu jain ke mandir per kabja karte hain ye Ithas hai kadwa sach hai.
@@monisingh6978 tune dekha bhagwan ko jakr yah apni atma ko dekha hai toh muje bi bta muje bi dikha
@@monisingh6978 kisne keh diya tumko मूर्ख महिला जैन नास्तिक धर्म है वेदों को प्रमाण नहीं मानता वेद सर्वश्रेष्ठ है।
Beautiful, Meaningful, Worth Full, Useful, Truthful Lively Historical Discussion... for our future generations.
😂😂😂😂😂
Namostu Gurudev ji 🙏🙏
गलत तरीके से व्याख्या कर रहे है जब राम और कृष्ण गुरुकुल गए थे अध्ययन के लिए तो उन्होंने भी वेदों का अध्ययन किया था आर्य कोई जाति नहीं होती वेदों में श्रेष्ठ लोगों को आर्य कहा है जैन मत और बौद्ध मत इन दोनों ने इस देश धर्म का सबसे ज्यादा बंटाधार किया है
Aaj jain dharm ka ithhas sabhi jagah padhana chahiye, aaj आदिनाथ bhagwaan se leke sanhi tirthnker ki padhai jain dharm sikhana hi चाहिए
पहले में जैन मुनियों को विद्वान समझता था। लेकनी इस video में जो फेकम बाजी की है। देखकर लगता नही की विद्वान होंगे ये लोग😂😂😂
@@tushar4753तुम्हारे सर्टिफिकेट से कोई विद्वान की श्रेणी में न तो आएगा न ही उस श्रेणी से जाएगा इसलिए जो सोचना है सोचते रहो
@@tushar4753क्या गेहूं के बाल में जीवन होता हैं
और जब किसान उसे काटता हैं तो क्या उसे दर्द होता हैं?*
@@tushar4753 मुझे तो लगता हैं हर बढती हुई चीज में जीव हैं
और यह भी एक हत्या हैं पर इंसानों ने इसे शाकाहारी का नाम दे दिया हैं
अब आपको क्या लगता हैं?
😅😅😅😅😅😊
हमारा धर्म वेदों पर आधारित था । अतः इसका नाम वैदिक धर्म था और हम-सब आर्य थे । इसीलिए हमारे देश का नाम भी आर्यावर्त था । यह हिन्दू नाम हमे इरानियों ( मुसलमानों ) ने दिया है । जो अपमान जनक था । जिसका अर्थ चोर, उचक्का,काला आदि है । जो लोग यह मानते हैं कि सिन्धु के स को ह होकर हिन्दू शब्द बना है ,वे यह नहीं बता पाते कि सिन्धु नदी या सिन्ध प्रदेश में स को ह आजतक क्यों नहीं हुआ ।
सिंधु नदी को हिंदू नदी क्यों नहीं कहा गया।
मेरा मानना हैं कि दोनों एक ही धर्म है कालांतर में फर्क डाला गया है।सिंध प्रांत तो हिंद प्रांत नहीं हुआ आज तक
बहुत सुंदर हर बात को समझाया गया।
गुरुवर सनातन हिंदुओं का सबसे पुराना वेद ऋग्वेद है ,उसमे भी आदिनाथ भगवान को विष्नु भगवान का आठवां अवतार बताया गया जो जैनों के पहले तीर्थंकर हुए ,उनसे पहले भी विष्नु भगवान सात अवतार में हो चुके है ।
ऋग्वेद लिखा कब गया किसी लिपि भासा में
महात्मा बुद्ध को भी विष्णु का अवतार कहते हैं सब,,,, जैन धर्म के तीर्थको भी भगवान विष्णु का अवतार कहते हैं सब,,,, बहुत जल्द यीशु मसीह को भी विष्णु का अवतार कहेंगे सब और पैगंबर को भी विष्णु का अवतार कहेंगे सब,,,, अभी देखते जाओ किस किस को यह विष्णु का अवतार बताते हैं,,,, बहुत जल्द मोदी को भी कहेंगे सबके विष्णु का अवतार है😂😂😂
सब काल्पनिक है। क्योकि अवतार होते ही नही है। पहली बात विष्णू संज्ञा है ऋषभदेव की ना की कोई वास्तविक। कभी ऋषभदेव से पूर्व इन अवतारो की कहानियो को तो नोटिस करो। क्या वास्तविकता लगती है? कितने तथ्य लगते है? कितना विज्ञान और कितना लाजिक है ये बताओ? सब हवा हवाई है। कही से कही को लाकर जोड़ दिया गया है और सवालो के जवाब को अकल्पनीय पार्लौकिक शक्तियो के बल पर डाल दिया गया है। ऋषभदेव का भी कोई व्यवस्थित विवरण नही है। जितना की जैन दर्शन मे है।
माना आप हिन्दू मान्यता वाले परिवार वाले हो पर एक बार जैन दर्शन के सिद्धांतो को समझो तब पूरी कहानी समझ आएगी। तुलनात्मक अध्ययन ही सच को सामने लाता है। अगर अवतार होते तो सब एक ही मान्यता वाले होते। जैसे मुस्लिमो मे अल्लाह की धारणा वैसे ही हिन्दुओ मे अवतारो की।
एतत् विडियो दृष्ट्वा भ्रमः मा भवतु, यतः एषः भिक्षुः सनातनिओ भङ्गयति।
@@ayushjain4226Tm bhot bdi bdi baatein krr rhe ho , adwait vedant pdh lena kbhi tb smjh me aayega Jain Dharm me aisa unique kch nhi hai. Bde bde scientists jaise Neils Bohr , Warner Heisenberg jinko quantum physics ke liye Nobel prize Mila , Nicola Tesla jo is modern era ka sbse bda genius tha sbne Upnishads pdhe hain aur bhot tarif ki hai. Bohr ne to kaha hai ki jb bhi mjhe mere sawalo ke zawab chahiye hota hai mai Upnishado ki traf dekhta hu. Pauranic kahaniyo ko tmlogo ne hindu dharm smjhke rkha hai bs. Veda aur 6 darshan ke takkar ka kch nhi hai is pure vishwa me .
Sabhi dhram jain dhram k baad aaye h
आर्य समाज यज्ञ करते है। भ्रम न फैलाएं।।
Hindu dharm se jain dharm nikla he aacharya ji thoda teek se jaakar pado apne granthon ko logo ko chutoya mat banaao
Tum Brahman pakandwad faila ne mi mahir ho pura bharat tum logo se pareshan hi
@@shaileshjain8361 bro mujh e explain karoge kyaa
सनातन धर्म ही सत्य है
Except islam no religion r real! But respect for everyone believes
JAIN DHARM BHARAT KA NHI PURI DUNIYA SABSE PRACHIN DHARM HAI
SINDHU GHATI SE PRAPT KATYOSARG MURTI JO KISI DHARM MAI NHI HOTI Jo jain dharm se realted hai wo bhi kili hai
🔥
Jay Jay Shree Aadinath 🔥
Namostu gurudev 🙏
I don’t have any doubt that Hinduism is an off shoot of Janism
Sanatan is God religion hindu koi dharam nai hai apne apne vichar baki brahma vidhnu mahesh hi bhagwan hai bas
@@anilagr5749सिर्फ आपके लिए है ब्रह्मा विष्णु और महेश भगवान सब के लिए नही
@@meghajain743 Jain ek कट्टरता वादी धर्म है, इतनी कठोरता की वजह से लोगों ने jain धरम नहीं अपनाया
@@AnilSharma-et8jp bilkul, aur ye baat jain dharm ko or b khas banati h ki isne follower k chakkar me rules nhi change kiye
Jo rule h so rule h
That's why aaj b jain log sabse jyada vegetarian hai Charity krte h nonviolence me believe krte h
😂
Sanatan hi Satya h
Maharaj ji jhooth faila rahe h
कुछ भी... मतलब कुछ भी
Nmostu🙏🙏🙏
Sindhu se hindu bane he think lagata he but Sanatan Dharm se hi Jain panth niklta he . Dharm kewal ek he Santan Dharm baki sab mat ,panth sampraday he
Sabse purana dhram jain dhram h
सिन्घू का अप्बृहंस ही हिन्दू हुआ हे तब जैन का नाम भी नही था विष्णू का 8 अवतार रिशब देव हुए ओर वहा से जैन शुरु हुआ ।
100% True Vyas Ji Me Bhi Koi Aap Jaise Ka Comment Hi Dekh Raha Tha!!!!!! Hindusism Ke Badd Hi Sare Dharm Aaye Hai!!!!
विष्णुजी के 8वे अवतार कृष्ण जी थे l
Kuch bhi 😂
जैन धर्म तो अनादि काल से है क्योंकि जैन धर्म में हर चौथे काल में तीर्थंकर होते है जब से धरती है तब से जैन धर्म है
Many people misinterpret this. Visnu ka avtaar means "वो जीव जिन्होनें धर्म को reintroduce किया हो" उसमे आते हैं- rishabhdev, buddh etc..
Vedic Sanatana Dharma oldest
Aaj bhi agar hinduon ne jain dharm ko bachaa rakha he warna aurangjeb kw vanshaj jain dharm ko samaapt kar dete
Hinduism ne jainio ko nhi bacha rkha vo apne astitv ki raksha khud kar sakte he jese tumne shikharji ko capture karne ki koshish Kari thi par jainio ne shikharji ko vapas liye or ab girnar ji capture karne ki koshish kar rhe ho kripya Gyan pelne se phle khud Gyan arjit kare
संत ज्ञान के पुजारी होते है .. इसलीये ऐसे चर्चा न करे जिससे ज्ञान का महत्त्व कम हो..😢
जैन धर्म स्वयं कहां से आया है?
ज् जहां से तुम्हारा नकली धर्म हिंदू आया है,,, जो म्मूगलो द्वारा गाली है😂😂😂
ऐसी खोज कहां की गई ?
😂😂
संसार में संपूर्ण ज्ञान की पुस्तक ऋग्वेद है ऋग्वेद से पुरानी पुस्तक कहीं नहीं है
हिन्दू धर्म 1 देश में बौद्ध धर्म पूरे एशिया मे हा,,,, हा ,,,,, हा,,,,,,,हा😢😢😢😢😢😢,,,
@@Ritik03355Sanatan Dharm ke log poori Duniya me hain Or Sabse safal hain.
@@Ritik03355jain toh fir aur bi Kam hai faltu ki bate
Ved 4 ,5 Sadi me likhe Gaye hai
जो हमने जाना सिर्फ वही सच नहीं है भाई ।उसके आगे और पहले भी बहुत है।थोड़े से ज्ञान को ही सम्पूर्ण मानना बुद्धि मत्ता नहीं बुद्धि मंदता है
गुरु महाराज पूरी मन गढ़त बात।
बहूत सटीक जाणकारी, नमोस्तू गुरुवर..
🌞
Adhyatmic Gyaan :
Discussion on
Shrimad Rajchandra Mission
🪔
हिन्दू धर्म से जैन धर्म निकला है । हिंदू धर्म ज्यादा पुराना है
prrof
@@Dhammo_Sanantano09जिस धर्म का जन्म पीर पैगंबर मुनि के आधार पर हो वह प्रथम धर्म कैसे हो सकता है।
Sablog khud ko prachin bataney k liye kitna jhut boltey hey. Buddhist bhi khud ko jain aur hindu sey prachin bataney lagey hey. Fir jain bhi hindu sey prachin keheney lagey hey. Muslim bhi hindu sey prachin bataney lagey hey. christian bhi hindu sey prachin kehetey hey.kiski baat biswas karey.koi janam sey hindu muslim sikh jain Buddhist christian nahi hota . Insaan bano .yeh mat sampradayekta majab religion insaan ko andhabhakta banadeta hey. pehele koi jain nahi sab tribal thee .insaan banao vedh bhi yehi keheta hey. Shiva sutra bhi yehi keheta hey majab mat sampradaye mey fasey hey inssaan .ham kon hey ham aatma hey aur sabi log beutiful soul hey .tyo kyu hate failarahey ho.
हिन्दू धर्म कहीं भी खुदाई में नहीं मिलता जहां भी मिलता है जैन इतिहास ही मिलता है कभी सुना की राम की मूर्ति निकली कृष्ण की मूर्ति निकली शिव की मूर्ति निकली जहां भी देखो जैन धर्म के ही प्रमाण मिलते हैं हिन्दू धर्म का इतिहास कहीं भी परिपूर्ण नहीं मिलता जबकि जैन इतिहास परिपूर्ण है हां इसको नष्ट करने का प्रयास शंकराचार्य द्वारा किया गया बहुत सारा इतिहास नष्ट भी किया गया फिर भी आज जैन इतिहास परिपूर्ण है दुनिया में सबसे अधिक जैन मंदिर है और जैन तीर्थ है
tanuja i am jain plz can you explain me about Jainism
Itna jada bhi mat feka kare 😂 bhai jaise islam vale fekte hai 😂 hindu dharam sastra ramayan mahabharat me kahi bhi jaino ka ullekh tak nahi hai 😂
Tum log apne jain dharam ka praman bhi hindu dharam sastro se deto ho 😂 rahi baat khudai ki to sabse jada mandir aur murtiyon ki to vo hindu dharam ki nikli hai
Rahi baat koun sa dharam purana hai mai ispe jana nahi chahta 😂 kyonki jis hisab se aap bol rahe ho to duniya ke sabhi panth sampraday khud ko sabse purana batate hai 😂
@@rajeshpandey3847kabja dhram hai hindu dharm jain buddhist pe kabja konsi murti nikli vo bahi batya tune
Mast joke 😂😂
सहमत नहीं हूं।
Ye khushamat , faltu , makkar log .... Dharma dharmo me aag lagane koshish chal rahi hai . Sawdhan .
Dharma Adi Sanatan hai hindu koi Dharma nahi hota
Aryans came from outside. Aryan I Theory. Reflect on this Guruji.
असत्य बताया जा रहा है कार्बन डेटिंग मे द्वारिका नगरी 5000 वर्ष पुरानी है ऐसा समाज मे गलत भ्रामक बाते नहीं फैलाये
Jain muni kabhi jhoot nhi bolte esa karne par paap lgta he isliye jain muni par. Bilkul bharosa Kara ja skta hai
35000 warsh. Ok.
जान बूझ के नहीं पर अनजाने मे झूठ बोल रहे । yam niyam ka palan karna chahiye @@SakshamJain3281
Duniya ke sabase prachin grantha Rigved hai.
Dharam sanatan Hai Vedic Hai dharam Hindu nahi Hindu ia e art of living and art of culture. This interpretation is absolutely wonderful.
Sanatan dhrama Buddha ne use Kiya na ki tanataniyo ne, jaise Islam fake hai waise hi hindu/tanatani copied hai.
@@pankajkumarpk4827Hinduism is the oldest religion Google karle.
Rigveda is oldest religious scripture
@@pankajkumarpk4827tbhi to buddhism khatam ho rha 😂😂
Bharat me to ho hi chuka
China khatam kr hi de rha
😂😂😂
Japan log chod hi rhe😂
@@ManishYadav-ht3srgovernment ke Karan hai jab bahujan ki government hogi to kuchh or batyega yeh depend on time
@@enmfggrd8948khatam nahi ho Raha hai kuchh samye ke liye Rukh Gaya tha samjho jiske pass lakho book nalanda University thi beh kuchh chhal se doosre ne hata Diya tha lekin Satya nahi chhupta na pehle bhi to budhhist bharat tha ,
Buddhists claim the same thing. We all are sanatani arya. Jain and Buddha are the sects based on respective philosophical ideas within Sanatan Hindu Dharma🎉
बिल्कुल सत्य बात तर्क सहित 👍