भगवान विष्णु ने नारद का अहंकार कैसे तोडा... Dhanvantri Das Ji
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- čas přidán 11. 06. 2024
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🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 हर हर महादेव
बहुत सुंदर कथा ❤जय श्री राधे 🙏
... जय श्री राम जय श्री कृष्ण
Har Har mahadev 💖 ♥️
❤🎉❤ जय जय श्री कृष्ण जी
भगवान अपने भक्त का स्वाभिमान तो रखते हैं लेकिन अभियान तोड़ देते हैं
क्योंकि भक्त को अभिमान नहीं होना चाहिए
एक बार किसी अभियान के कारण नारद जी माया के चक्कर में पड़ गए और भगवान की माया ने उन्हें रुला दिया नारद जैसे संत योगी कामवासना से इतनी ग्रसित हो गए की माया की विश्व मोहिनी को देखकर और हस्तरेखा में लिखा था कुछ समझ गये,कुछ,
भगवान विष्णु भगवान ने बता दिया नारद या माया हमको भी बंधन में फंसा देती है तुम क्या जानते हो।
नारद,उर,अंकरएहउ,भारी
बेगि,हो,मैं,डारिहों,उठायी,,माया,का,
दबदबा,,,
माया तेरी बड़ी कठिन है राम
ब्रह्मा को ब्याह की विष्णु को व्यापी व्यापी जग अभिराम।
नारद बाबा को ऐसी व्यापी कर दी नींद हराम,
ये माया तेरी बड़ी कठिन है राम,
विष्णु ब्रह्म तेहि,जात डराई
इन,जीव,केही,लेंगे,माहीं।
विश्व मोहिनी की हस्तरेखा में लिखा था जो इसका वर्णन करेगा वह
पहले से अमर होना चाहिए
लेकिन नारद जी ने पढ़ा उल्टा की जो विशेष विवाह करेगा वह अमर हो, जायैगा,
फिर क्या था,
जप,तप ना हो ही तेहि,काला,
हे विधि मिले कवन विधि वाला।