Guru mantra,Guru yantra
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- čas přidán 2. 07. 2024
- गुरु मंत्र और यंत्रों की उपयोगिता के विषय में तांत्रिक और धार्मिक परंपराओं में विशेष महत्व रखता है, जो मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं में उपयोगी साबित होते हैं। ये उपकरण आध्यात्मिक और मानसिक समृद्धि के प्राप्ति में मदद कर सकते हैं, जहां गुरु मंत्र ध्यान और उच्च स्तरीय मानसिक अवस्था को प्राप्त करने में सहायक होते हैं, वहीं यंत्र विभिन्न उद्देश्यों जैसे शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य और सुरक्षा की प्राप्ति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
*गुरु मंत्र की उपयोगिता:*
गुरु मंत्रों का महत्व और उनका उपयोग प्राचीन काल से ही भारतीय धार्मिक और तांत्रिक परंपराओं में माना गया है। गुरु मंत्र विशेष शब्दों या ध्वनियों का एक समूह होता है जिन्हें सद्गुरु की शक्ति और आध्यात्मिक शक्ति के साथ जोड़ा जाता है। ये मंत्र विशेष रूप से ध्यान और मन की शुद्धि में सहायक होते हैं, जो आध्यात्मिक अनुभव की गहराईयों तक जाने में मदद कर सकते हैं। गुरु मंत्रों का जप करने से मन का शांति प्राप्त होती है और व्यक्ति अपने आत्मचेतना के गहरे स्तर तक पहुंच सकता है। इन मंत्रों को गुरु के प्रेरणा से प्राप्त किया जाता है और इसके माध्यम से शिष्य गुरु के दिशानिर्देश में अपने आध्यात्मिक सफर पर अग्रसर होता है।
गुरु मंत्रों का उपयोग ध्यान, मेधा और आत्मविश्वास को बढ़ाने में भी किया जाता है। इन मंत्रों का जाप आध्यात्मिक समृद्धि की दिशा में भी उच्च स्तर पर मदद करता है। गुरु मंत्रों का प्राणायाम और ध्यान के साथ जप किया जाता है, जिससे ध्यान की गहराई में प्रवेश करने में सहायक होता है। ये मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं जो आध्यात्मिक विचारधारा की ओर अग्रसर होना चाहते हैं और अपने आ
सकते हैं। यंत्र एक और महत्वपूर्ण तांत्रिक उपकरण हैं जो विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति में मदद करते हैं। यंत्र विशेष रूप से एक निश्चित चित्र, चित्रा, या ज्योतिषीय आयामों का समन्वय करते हैं और उसके माध्यम से उस उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायक होते हैं। ये उपकरण ध्यान और मेधा को बढ़ाने, स्थानीय समस्याओं का समाधान करने, संतान सुख, और व्यापार में वृद्धि के लिए प्रयोग किए जा सकते हैं।
यंत्रों के उपयोग का प्रमुख अंश उनकी एकता और समन्वय में है। ये उपकरण विशिष्ट रूप से विशेष चित्रों और ज्योतिषीय परामर्शों के आधार पर निर्मित होते हैं, जिन्हें ध्यान में लाकर उनके द्वारा निर्मित उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है। यंत्रों की शक्ति और प्रभाव विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों में विभिन्न रूपों में मानी गई है। उदाहरण के लिए, हिंदू तांत्रिक परंपरा में विभिन्न देवताओं और शक्तियों के लिए विशेष यंत्र हैं जो उनकी आराधना और साधना में सहायक होते हैं।
यंत्रों का निर्माण विशेष धातुओं, मंत्रों, और ध्यान के सही तकनीकों का समावेश करता है। ये उपकरण संवेदनशीलता का एक प्रकार होते हैं जो अनुभवी और परंतु विशिष्ट विचारधारा के साथ संयोजन कर सकते हैं। यंत्रों के प्रयोग से व्यक्ति अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार कर सकता है, जैसे कि आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, और आध्यात्मिक प्रगति।
गुरु मंत्र और यंत्रों की समान्य उपयोगिता उसे अपने आध्यात्मिक और व्यक्तिगत उत्थान के प्रति अग्रसर करने में सहायक करना है। वे विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त हो सकते हैं जो ध्यान और मेधा को बढ़ाने, ध्यान और धारणा में सुधार करने, और अपने आध्यात्मिक अनुभव में मदद प्राप्त करना चाहते हैं।
ham puja path se sambandhit sari jankari ap tak pahuchane ke liye sankalpit hai.
is chaneel par ap ko nitya puja ,sadhana, karmakanda se sambandhit pramanik jankari dete hai.
ap se nivedan haiki aap is sankalp me hamara sahyog de ,apne sujhav coment box me jarur de.
dhanywad
Pandit ji
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pranam
आचार्य जी प्रणाम 👏👏👏
आशा करते हैं कि सकुशल होंगे आप
Narvan mantra के साथ ओम ना लगाने पर उसके 900000 जाप कर सकते हैं या ओम लगाकर ही करे क्युकी न्यास विधि me भी ओम लगा है
क्या ओम लगाने से मंत्र 10 अक्षरी नहीं हो जाता है या उससे 9 वर्ण ही रहता है
ऊं मंत्र नही है उस जगह पर
तो ओम प्रणव लगाने से मंत्र 9 वर्ण ही रहता है
आपका बहुत बहुत धन्यावाद 👏👏👏
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