हिम्मत ना हारिये हॅसते मुस्कराते हए जिंदगी गुजारिये \आचार्य सतीश सत्यम \ACHARY SATISH SATYAM
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- čas přidán 28. 04. 2024
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●राष्ट्र के प्रति जागरूक करना,वैदिक संस्कृति ,आर्य समाज के प्रचार व प्रसार के कार्यक्रम।
●वैदिक प्रचार, राष्ट्र रक्षा व निर्माण ,भारतीय संस्कृति, ऋषियों द्वारा दिए गए ज्ञान व संस्कारो को समर्पित।
MY SECOND CHANNEL-ASM BHAJAN / @vaidicbhajan9514
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बहुत ही सुन्दर आचार्य जी
ARYA SAMAJ AMAR RAHE
MAHARISHI SWAMI DAYANAND SARASWATI JI AMAR RAHE
🎉 जब से सृष्टि बनी है कोई भी पूर्ण ब्रह्म परमात्मा को नहीं जानसका। जिसने भी भक्ति करी निराकार तक ही गए। वेदों में भी निराकार तक का ही ज्ञान है। निराकार से आगे का नहीं। और निराकार माया है। किस बात की साक्षी वेद भी दे रहे हैं।
यजुर्वेद कामंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है कलयुग बुद्ध शाखा में निराकार के पार उसके भी पार का जागृत ज्ञान प्रगट हुआ है इस लिए कलि चारों युगों में श्रेष्ठ है।
इसका वर्णन त्रेता युग के श्री राम भी अपनी वाणी से करतेहैं।
कलयुग केवल नाम अधारा सुमर सुमर नर उतरि ही पारा।।
वेदों में भी इसका वर्णन है
क्षर परात अक्षर अक्षर परात पर:
कुरान में वर्णन है
ला इलाहा इल्लल्लाह।