परपोगंडा फैलावत के पहले, भगवान के हरएक शब्द का अर्थ जानिऐजी, भ ( भूमि ) , ग (गगन) वा (वायू ) , न मतलब नीर, क्या ईन्हें आप भगवान नही मानेंगे क्या? ईन चार चीजें में से एक भी चीज आपको नही मिलेगी तो आपका जीवन चलेगा क्या? झूठा प्रोपेगंडा फैलाकर लोगों को गुमराह मत करीऐ, ऐ सब अपने घर वालों को सुनाईऐजी ज्ञ्यानी जी, नमो नमो .
Panch mahabhut sarwoch sakti hai pani pwn dharti agnyi aakash ke bager koi bhi prani jinda nhi rh sakta chahe WO insan pasu pakchi ho,,, jay sewa jay dharti jay aadiwasi jay panch mahasakti
तो क्या पानी की पूजा करने से प्यास बुझ जाती है की पीने से ,पानी का आदर करना,उसे व्यर्थ में ना बहाना यह सब ही पूजा है लेकिन क्या अगरबत्ती ले कर उसकी आरती लेना ही पूजा है पूजा का अर्थ तो ज्ञान आना सदाचार का आना ही पूजा
जब सब कुकर्म करते करते थक जाता है तो संत हो जाता है जैसे रामपाल जो पहले एक कत्ल का मुलजिम थे राम रहीम भी ऐसे ही थे आशाराम भी वही गब्बर मनबढ़ झगडा़लू ही संत होते है किस्सा कहानी कहने वाला होना चाहिए कबीर पंथी बुद्ध वाले जब भगवान नही मानते है तो इस माया जाल में क्यों रहते है हमारे यहां कबीर पंथी शराब मांस सब खाते है हमारे सामने की बात है आवो तो मिलाते है
बाबा हम तो आपकी ही पूजा करते लेकिन क्या करें जितने बाबाओं को हमने पूजा सब आसाराम बन गए आप पर भी भरोसा कैसे किया जाए पेड़ पौधे नदी पहाड़ पत्थर इन पर इतना तो भरोसा है कि यह कुकर्म नहीं करेंगे बाबा कुकर्मी हो सकते हैं
पूजा से आपका लाभ होगा राम निकले या आशाराम निकले आपको उससे क्या लेना देना आप अपना जीवन को स्वरिये धर्म की रह पर चलिए पेड़ पौधे का सम्मान कीजिए नदी का आदर कीजिए उसकी आरती उतारने को ही पूजा समझेंगे क्या आचरण में सुध्ता का लाना ही पूजा फिर कोई आशाराम निकले या विश्राम
यह प्रवक्ता लोगो क़ो यह कहना चाहता है क़ि कबीर दास क़ो ही भगवान मानें ज़ो समझ से बाहर है वक्त पर प्यासो क़ो पानी नहीं मिले तो यह जीवत्मा शरीर से बाहर निकल जाएगा या आप का वक्ता बंद
उसके बाद सारे समस्या का समाधान हो जाता है पूजा का अर्थ तो अपने आचरण में सदाचार लाना है पेड़ पौधों का सम्मान कीजिए नदियों का आदर करना जीव हत्या ना करना ,प्रेम पूर्वक सबसे रहना सब सदाचार है (भक्ति)
@@hsrai7241 राम का नाम और बजरंगबली की जय बोलने से कोई संत या बहुत बड़ा भक्त नही हो जाता मन में राम और जीव मात्र के लिए दया होना आवश्यक है जय जय श्री राम
@@MDPrince-ie5ny पहले पता करो सत्य क्या होता है जब सत्य का ही पता नहीं तो सत्य सत्य सत्य कर रहे हो भगवान का पता नहीं दिनभर भगवान भगवान कर रहे हो लोगों को मूर्ख बनाने का सिस्टम चल रहा है अपना बिजनेस चल रहा है इसी में रहना है बढ़िया गाड़ी से चलना है अच्छे मकान में रहना है सुख सुविधाएं भोगना है यही तो है आज का धर्म और धर्म गुरु
@@hsrai7241 आपको कौन सा पता है सत्य के बारे आपके लिए तो सत्य सिर्फ पूजा की थाली में अगरबत्ती में रखी पात्र को कहते है और जो संत महात्मा कहते ओ पाखंडी लगते है सत्य अगर जीव हत्या पाप है बोल रहे तो क्या सत्य नही ,सत्य कही पड़ा होता क्या जो देख कर आयेगे ,की कही पेड़ पर लगा रहता जी उसे तोड़ेंगे सदा आचरण में रहना ,शराब न पीना ,गलत सगत में ना रहना ,मेहनत करना सच की राह पर चलना ,यह सत्य नही तो क्या है अगर यह सत्य नही तो सत्य क्या होता है सत्य परिभाषा क्या है संत महात्मा की बात बुरी लगती है क्योंकि वे कुसंगत से दूर रहने की शिक्षा देते है और अगर तुम्हे यह सब बाते बुरी लगती है तो तुम भी भगवान से परिचित नहीं हो
@@tokeshsahu9182 हिंदू धर्म के वेद और ग्रंथ का विरोधी व्यक्ति किस धर्म का प्रचार करता है सबसे पहले यह तय होना चाहिए अपने धर्म के प्रचार में हिंदू धर्म के देवी देवता और किताबों का नाम लेना कहां तक जायज है जब इनका विरोध ही करना है। खुद को सर्वज्ञ नहीं मानना चाहिए प्रवचन में खुद का ज्ञान नहीं वेदों के ज्ञान का प्रचार और प्रसार करना चाहिए
@@tokeshsahu9182 जिनको सत्य का पता ही नहीं है वह पूजा की थाली क्या जाने सत्य कोई नई चीज नहीं है न किसी के मन की उपज है सत्य और असत्य दोनों का अस्तित्व एक दूसरे के बगैर नहीं
Nice thinking about this we like this very much for all Jay Bhim Namo Buddhism
बहुत ही सुन्दर विचार प्रस्तूत किया हैऔर ग्यान वर्धक वर्णन किया है, शाहब बंदगी
Prakiti ki jay ho
V nice
VVGood
Saheb bandgi
साधुवाद
बहुत सुंदर विचार है साहेब जी 🌹🌹👌👌🌹🌹
Very good
Saheb bandgi . Saheb bandi chhor Jay Jay Jay Jay Jay kabir saheb mere nath
Saheb aap ka prawachan bilkul sahi h aapko hirdey se pranam
साहिब बंदगी
साहेब बंदगी साहेब जी
सादर बन्दगी साहेब जी ईन्दोर से बहुत सुंदर विचार आपकी जय हो
Saheb bandagi saheb ji ko
AK KBIR PNTHI
RAM PAL BHI HY JEL WALE
मिट्टी, पानी, हवा, सूर्य इन्ही से जीवन है महाराज पूजा तो इन्ही की करनी चाहिए। विज्ञान को जानिए चेतन इन्ही सब चीजों से है। भगवान को कौन देखा है।
बिलकुल सत्य ❤❤❤❤
परपोगंडा फैलावत के पहले, भगवान के हरएक शब्द का अर्थ जानिऐजी, भ ( भूमि ) , ग (गगन) वा (वायू ) , न मतलब नीर, क्या ईन्हें आप भगवान नही मानेंगे क्या? ईन चार चीजें में से एक भी चीज आपको नही मिलेगी तो आपका जीवन चलेगा क्या? झूठा प्रोपेगंडा फैलाकर लोगों को गुमराह मत करीऐ, ऐ सब अपने घर वालों को सुनाईऐजी ज्ञ्यानी जी, नमो नमो .
Jharkhand
Ok
Jameen ( mitty ) na hothe tho ham kaha rah saktha????
Shree charan me pranam
धन्यवाद
आपकी वाणी से अंधविश्वास और भर से छुटकारा मिल सकता है
आपको कोटी कोटी बंदगी।
XE
Please 🙏🙏🙏.....
Sandeep Maheshwari sir ke sath session kijiye Please 🙏🙏🙏🙏🙏🙏.........
Ham logon ko bahut kuchh sikhane ko milega 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏......
Saheb bandagi ...ek baar Biratnagar Nepal aaiyega baba g
Panch mahabhut sarwoch sakti hai pani pwn dharti agnyi aakash ke bager koi bhi prani jinda nhi rh sakta chahe WO insan pasu pakchi ho,,, jay sewa jay dharti jay aadiwasi jay panch mahasakti
साहेब बंदगी । नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत ।
Ek din pani jab nahi milega pine ke liye tab aapko pata chalega ki pani kya hai aur kya nahi
तो क्या पानी की पूजा करने से प्यास बुझ जाती है की पीने से ,पानी का आदर करना,उसे व्यर्थ में ना बहाना यह सब ही पूजा है
लेकिन क्या अगरबत्ती ले कर उसकी आरती लेना ही पूजा है पूजा का अर्थ तो ज्ञान आना सदाचार का आना ही पूजा
Aap ko pranam Aap Sahi kah Rahe hain aap aag, pani dharti Pawan sab ko chhod do pahle Aap chhodauge tatpashchat Sabhi chhod dainge
जब सब कुकर्म करते करते थक जाता है तो संत हो जाता है जैसे रामपाल जो पहले एक कत्ल का मुलजिम थे राम रहीम भी ऐसे ही थे आशाराम भी वही गब्बर मनबढ़ झगडा़लू ही संत होते है किस्सा कहानी कहने वाला होना चाहिए कबीर पंथी बुद्ध वाले जब भगवान नही मानते है तो इस माया जाल में क्यों रहते है हमारे यहां कबीर पंथी शराब मांस सब खाते है हमारे सामने की बात है आवो तो मिलाते है
बाबा हम तो आपकी ही पूजा करते लेकिन क्या करें जितने बाबाओं को हमने पूजा सब आसाराम बन गए आप पर भी भरोसा कैसे किया जाए पेड़ पौधे नदी पहाड़ पत्थर इन पर इतना तो भरोसा है कि यह कुकर्म नहीं करेंगे बाबा कुकर्मी हो सकते हैं
पूजा से आपका लाभ होगा राम निकले या आशाराम निकले आपको उससे क्या लेना देना आप अपना जीवन को स्वरिये धर्म की रह पर चलिए
पेड़ पौधे का सम्मान कीजिए नदी का आदर कीजिए उसकी आरती उतारने को ही पूजा समझेंगे क्या आचरण में सुध्ता का लाना ही पूजा
फिर कोई आशाराम निकले या विश्राम
उसी पानी से जिन्दा हो शरीर मे पानी की कमी से मर जाओगे तुम्हारा चेतन देह के आश्रित है देह से अलग चेतन किसी काम का है?
बिल्कुल आप सही जवाब लिखें है ये सब बहरुपिए बाबा देश में धर्म को मिटाने चलें है
यह प्रवक्ता लोगो क़ो यह कहना चाहता है क़ि कबीर दास क़ो ही भगवान मानें ज़ो समझ से बाहर है वक्त पर प्यासो क़ो पानी नहीं मिले तो यह जीवत्मा शरीर से बाहर निकल जाएगा या आप का वक्ता बंद
पानी भगवान नही है तो तुमको पानी देवे ही तो पता चलेगा
इंसान पर बिश्वास नहीं, इसलिए पत्थर को पानी पेड़🌲 को पुजा जाता है
उसके बाद सारे समस्या का समाधान हो जाता है
पूजा का अर्थ तो अपने आचरण में सदाचार लाना है
पेड़ पौधों का सम्मान कीजिए नदियों का आदर करना
जीव हत्या ना करना ,प्रेम पूर्वक सबसे रहना सब सदाचार है (भक्ति)
हर हर महादेव
@@hsrai7241 बस जय बुलाने से बहुत बड़े भक्त हो गय
जय श्री राम
Jai guru maa durga ki mirga naini kajal se bach gaye unki pyari aachal se 🙏🙏🙏🙏💯💯💯💯💯🙏💯🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💯💯💕🦋😍😍👌👌❤️🖖👍🤘🤟🌺💓💓👋👋🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
Sant ji pani aap ka kabir ji rokdete or aap pani jiwan hai per bhagwan hai pani ke bina jiwan nhi hai
Kahani sikhne kayak hse
Maharaj ji please study the science and history to know the importance of stone and water .
😊
इसको खुद को समझ नहीं है कि पानी किया चीज है मुर्ख बाबा पानी के बिना आप कितने दिन रह सकते हैं अगर आप दो दिन पानी नहीं पिजिऐ तब आपको पता चलेगा
बहुत से कबीर पंथी कुत्ता-बिल्ली भी मारकर खाते हैं
बाबा जी को पंडोखर सरकार भेज देना चाहिए फिर इनको समझ में आ जाएगा
आपको आया क्या पंडोखर सरकार में ज्ञान
@@tokeshsahu9182 जय जय श्री राम जय हनुमान
@@hsrai7241 राम का नाम और बजरंगबली की जय बोलने से कोई संत या बहुत बड़ा भक्त नही हो जाता मन में राम और जीव मात्र के लिए दया होना आवश्यक है
जय जय श्री राम
AP APNI KUNDLNIJGA LE
SB JGH HR SMY BHGWAN DIKHEGA
MURKHO KO BHI
आपको दिखता है क्या भगवान अगर आपको दिखता है तो आपके बात के अनुसार आप भी मूर्ख है
अन्यथा भगवान सदैव ज्ञान में ,आचरण में
संत व्यक्तियों में रहता है
💜💜💜💜💜🙏🙏🙏🏰💗💗💗💗💗
Bolta aatma nahi h
Jay bhim namo namo buddhaay
रमाशंकर जी आप कुछ भी नहीं जानते हो।चुप रहो।जिसको तुम चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे हो।वह गलत है।कबीर साहब जी क्या कह गये तुम क्या जानो?
ये पारखी बाबा है की पाखंडी बाबा है लोगो को मूर्ख है इससे पूछता हूँ पानी केया ये मूर्ख को पता नहीं है
तुमको अगर सत्संग सुनने से कष्ट होता है तो तुम भी मूर्ख हो
Pravachan karna sikh lijiye bekar bak bak mat karen
आप सच सुनना सिख लीजिए तो आपको इनकी बात से दुख नही होगा
धर्म के नास्तिक लोग यही
सत्य वचन को बोलने वाले नास्तिक होता है कहा लिखा है बताओ
@@MDPrince-ie5ny पहले पता करो सत्य क्या होता है जब सत्य का ही पता नहीं तो सत्य सत्य सत्य कर रहे हो भगवान का पता नहीं दिनभर भगवान भगवान कर रहे हो लोगों को मूर्ख बनाने का सिस्टम चल रहा है अपना बिजनेस चल रहा है इसी में रहना है बढ़िया गाड़ी से चलना है अच्छे मकान में रहना है सुख सुविधाएं भोगना है यही तो है आज का धर्म और धर्म गुरु
@@hsrai7241 आपको कौन सा पता है सत्य के बारे आपके लिए तो सत्य सिर्फ पूजा की थाली में अगरबत्ती में रखी पात्र को कहते है
और जो संत महात्मा कहते ओ पाखंडी लगते है
सत्य अगर जीव हत्या पाप है बोल रहे तो क्या सत्य नही ,सत्य कही पड़ा होता क्या जो देख कर आयेगे ,की कही पेड़ पर लगा रहता जी उसे तोड़ेंगे
सदा आचरण में रहना ,शराब न पीना ,गलत सगत में ना रहना ,मेहनत करना सच की राह पर चलना ,यह सत्य नही तो क्या है
अगर यह सत्य नही तो सत्य क्या होता है सत्य परिभाषा क्या है संत महात्मा की बात बुरी लगती है क्योंकि वे कुसंगत से दूर रहने की शिक्षा देते है
और अगर तुम्हे यह सब बाते बुरी लगती है तो तुम भी भगवान से परिचित नहीं हो
@@tokeshsahu9182 हिंदू धर्म के वेद और ग्रंथ का विरोधी व्यक्ति किस धर्म का प्रचार करता है सबसे पहले यह तय होना चाहिए अपने धर्म के प्रचार में हिंदू धर्म के देवी देवता और किताबों का नाम लेना कहां तक जायज है जब इनका विरोध ही करना है। खुद को सर्वज्ञ नहीं मानना चाहिए प्रवचन में खुद का ज्ञान नहीं वेदों के ज्ञान का प्रचार और प्रसार करना चाहिए
@@tokeshsahu9182 जिनको सत्य का पता ही नहीं है वह पूजा की थाली क्या जाने सत्य कोई नई चीज नहीं है न किसी के मन की उपज है सत्य और असत्य दोनों का अस्तित्व एक दूसरे के बगैर नहीं
साहेब बंदगी साहेब