वाह, शेखर दा महान विभूति और अनोखे व्यक्तित्व के धनी हैं। अति मृदुल भाषी और संगीतमय बोली ही उनकी पहचान है। मुझे बडे प्यारे लगते है। उनसे मिलना भर ही उत्सव बन जाता है। अनेक भाषाओं को आत्मसात कर जिस तरह उन्होंने अपने सभी एकांकीयों को स्वरूप दिया है वह केवल प्रकृति में दैविक गुणों के अस्तित्व का प्रमाण ही है। बहुत सुंदर अभिलेख एवं चित्र संयोजन किया आपने जया जी। एक छोटा जीवन सफर दर्शन करवा दिया आपने शेखर दा का। आनंद विभोर हो गये।
वाह, शेखर दा महान विभूति और अनोखे व्यक्तित्व के धनी हैं। अति मृदुल भाषी और संगीतमय बोली ही उनकी पहचान है। मुझे बडे प्यारे लगते है। उनसे मिलना भर ही उत्सव बन जाता है। अनेक भाषाओं को आत्मसात कर जिस तरह उन्होंने अपने सभी एकांकीयों को स्वरूप दिया है वह केवल प्रकृति में दैविक गुणों के अस्तित्व का प्रमाण ही है। बहुत सुंदर अभिलेख एवं चित्र संयोजन किया आपने जया जी। एक छोटा जीवन सफर दर्शन करवा दिया आपने शेखर दा का। आनंद विभोर हो गये।
बहुत-बहुत आभार आभार और अशेष धन्यवाद आपको अपनी इतनी सुंदर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिये। मैने आगे दादा को सम्प्रेषित कर दी है।
Such a beautiful compilation and narration
बहुत शानदार परिचय शेखर जी का
Thanks for shekhar sen nam ki mithai khilane ke liye aap ne parosa bhi jordar hai mai to gujrat se per i am highly impressed by their Art
जय श्री कृष्णा 🙏🙏
Aushaadhaaroan compilation...टाट से ठाट का सफ़र- क्या क्या सुंदर उपमाएँ दी हैं आपने।और आवाह संगीत भी मानो इसके लिए बनाया गया हो।
अरे वाह अभिजीत। आपको अच्छा लगा। ये सोचकर मुझे इतनी ख़ुशी हो रही है!
Nicely presented
सुंदर प्रस्तुति , जया जी,
Thank you so much...