क्या ये विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा है? क्या इसे मशीनों से बनाया गया है? | प्रवीण मोहन
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- čas přidán 30. 06. 2024
- क्या सिर्फ आदिम औजारों और तकनीकों से इतनी बड़ी संरचना को पहाड़ी की चोटी पर ले जाना संभव है? क्या यह संभव है कि इस मूर्ति को तराशने से पहले यह चट्टान प्राकृतिक रूप से मौजूद थी?
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00:00 - परिचय
00:56 - सफेद ग्रेनाइट से बनी मूर्ति
01:47 - एकमात्र संभावना
02:43 - रोचक चीजोंके लिए प्रसिद्ध प्रतिमा
03:17 - मूर्ति की विशेषताएं
05:19 - दिलचस्प सुराग
06:02 - एक और नक्काशी
06:55 - कुछ रहस्यमय तथ्य
07:43 - भारतीय अंधविश्वासी हैं?
09:05 - पहाड़ी पर मूर्ति को कैसे ले जाया गया?
09:43 - एक रहस्यमयी नक़्क़ाशी
10:40- निष्कर्ष
हे दोस्तों, आज हम दुनिया की सबसे बड़ी अखंड (एकल चट्टान से बनी) मूर्ति के रहस्य का पता लगाने जा रहे हैं। गोम्मतेश्वर नामक यह प्राचीन संरचना एक हजार साल से भी पहले बनाई गई थी यह एक ठोस चट्टान से बना है। यह ऐसे समय में कैसे बनाया गया जब इतिहासकार दावा करते हैं कि कोई उन्नत तकनीक नहीं थी?
क्या सिर्फ आदिम औजारों और तकनीकों से इतनी बड़ी संरचना को पहाड़ी की चोटी पर ले जाना संभव है? यह प्रतिमा लगभग पचपन फीट लंबी, आधार पर लगभग चालीस फीट चौड़ी है और इसका वजन एक हजार टन से अधिक है यह 2 मिलियन पाउंड की ठोस चट्टान तो, सवाल यह है कि इसे इस पहाड़ी की चोटी पर कैसे पहुंचाया गया जो जमीन से 400 फीट से अधिक है? विशेषज्ञ इस प्रश्न का उत्तर नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ने अनुमान लगाया है कि पत्थर पहले से ही पहाड़ी पर उपलब्ध था।
यदि यह चट्टान पहले से ही होती, तो मूर्तिकारों को बस मूर्ति को तराशना पड़ता परिवहन की आवश्यकता नहीं थी। क्या यह संभव है कि इस मूर्ति को तराशने से पहले यह चट्टान प्राकृतिक रूप से मौजूद थी? नहीं, विशेषज्ञ पुष्टि करते हैं कि यह मूर्ति सफेद ग्रेनाइट से बनी है, एक ऐसी सामग्री जो पहाड़ी पर बाकी चट्टानों से अलग है। वास्तव में पहाड़ी पर या आसपास के क्षेत्र में कहीं भी सफेद ग्रेनाइट नहीं है। आप प्रतिमा और मंदिर को बनाने वाली बाकी चट्टानों के बीच रंग में विपरीतता देख सकते हैं।
तो, एकमात्र संभावना यह है कि इस मूर्ति या एक पूरे स्लैब को जमीन से पहाड़ी तक ले जाया गया था। मान लीजिए कि उन्होंने मूर्ति को पहाड़ी तक पहुँचाया, न कि एक अधूरा स्लैब, क्योंकि ओरिजिनल चट्टान का वजन खुदी हुई मूर्ति से लगभग दोगुना होगा। कुछ इतिहासकारों ने तर्क दिया है कि इस मूर्ति को शीर्ष पर ले जाने के लिए हाथियों का इस्तेमाल किया गया था। अब एक हाथी अधिकतम 660 पाउंड वजन उठा सकता है। प्रतिमा को स्थानांतरित करने के लिए कुल 3000 हाथियों की आवश्यकता होगी, लेकिन आप 3000 हाथियों को एक पंक्ति में कैसे बांधेंगे, और उन्हें 57 फीट लंबी वस्तु से कैसे बांधेंगे?
चूंकि यह संभव नहीं है, तो मूर्ति को पहाड़ी की चोटी पर कैसे ले जाया गया? शायद मूर्ति को करीब से देखने पर हमें कुछ सुराग मिल सकता है। यह प्रतिमा बहुत ही रोचक चीज़ों के लिए प्रसिद्ध है, इसमें कोई मानवीय त्रुटि नहीं है। यदि आप बीच में एक रेखा खींचते हैं, तो यह पूरी तरह से सममित है, ऊपर से नीचे तक 57 फीट की पूरी ऊंचाई में। क्या ऐसी समरूपता मशीनों की सहायता के बिना संभव है? हम जानते हैं कि भारत मूर्तियों की भूमि है, और हम दुनिया के किसी भी देश की तुलना में लाखों अधिक अद्भुत नक्काशी पा सकते हैं।
लेकिन यह मूर्ति अपने विशाल आकार के कारण काफी अलग है। लेकिन फिर भी इस मूर्ति में हम छोटे से छोटे विवरण को भी देख सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप उसकी नाक और होठों के बीच इस खांचे को देख सकते हैं। सभी मनुष्यों के चेहरे की यह संरचना होती है, लेकिन फिर भी अधिकांश मूर्तियां इस विशेषता को नहीं दिखाती हैं। यहां तक कि स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी में भी यह विशेषता नहीं है। लेकिन यह 1000 साल पुरानी इस मूर्ति पर खुदी हुई है।
ये विशेषताएं नग्न आंखों को दिखाई नहीं देती हैं, वे केवल तभी दिखाई देती हैं जब आप अपने कैमरे से ज़ूम इन करते हैं। यह वास्तव में कुछ असाधारण दिखाता है - खरोंच जो मूर्ति के चेहरे पर जानबूझकर खुदी हुई हैं। यह क्षरण का परिणाम नहीं है (मौसम या लंबे समय के कारण चट्टानों का टूटना), मैं आपको टूटना दिखाऊंगा। ये खरोंचें क्यों बनाई गईं? क्योंकि यह प्रतिमा बाहुबली का प्रतिनिधित्व करती है, एक राजकुमार जिसने अपने ही भाई से लड़ाई की थी। प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख है कि दोनों भाइयों ने आपस में युद्ध किया और घायल हो गए बाहुबली ने अपने खड़े होने की मुद्रा में अपना ध्यान शुरू करने से ठीक पहले।
प्राचीन बिल्डरों ने सबसे छोटा विवरण भी क्यों बनाया? हालांकि इतिहासकारों का दावा है कि प्राचीन लोग इन सूक्ष्म विवरणों को अपनी नग्न आंखों से नहीं देख सकते थे? आंखों के कोनों पर मांस के छोटे-छोटे धब्बे देखिए, ये आपको कहीं नहीं दिखेंगे ये अत्यंत सूक्ष्म विवरण हैं जिन्हें पूर्णता के लिए उकेरा गया है। यदि आप इस साइट पर जाते हैं, तो इन पत्तों पर ज़ूम इन करें, और आप देख सकते हैं कि कैसे इन पत्तियों पर नसों को अविश्वसनीय रूप से उकेरा गया है, वे बिल्कुल असली पत्तियों की तरह दिखते हैं।
क्या इस तरह के विवरणों को मानव हाथों से पूर्ण समरूपता में उकेरा जा सकता है? या प्राचीन निर्माता आधुनिक मनुष्यों की तरह नक्काशी के लिए मशीनों का उपयोग कर रहे थे? लेकिन सबसे दिलचस्प सुराग इस विशाल मूर्ति पर नहीं, बल्कि उनके पैरों के पास रखी इन 2 छोटी मूर्तियों पर मिलता है।
#हिन्दू #praveenmohanhindi #प्रवीणमोहन
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ॐ शांति
🚩अहिंसा परमो धर्मः
अर्थात :- निःसन्देह निर्दोषों को क्षमा करना परम धर्म हैँ l
धर्महिंसा तथैव च
अर्थात :- अपराधियों, दोषियों को दंड(हिंसा ) देना परमधर्म से भी परम धर्म हैँ 🚩
हिंसा करना -दंड देना
🌙पार्थ सारथी श्री कृष्ण
🔱🔱 सिद्ध आदेश 🔱🔱
🙏🏼क्षमा करें पर आप गलत दिशा में चल रहे हैं 🙂
जैन धर्म जिसके अन्य प्राचीन नाम परम् अहिंसामयी विश्वधर्म, अहिंसा परमो धर्म, सनातन धर्म (हालाँकि आज यह केवल हिन्दू धर्म के लिए प्रयोग किया जाता हैं लेकिन यह जैन धर्म का प्राचीन नाम हैं ),वीतराग धर्म, श्रमण धर्म, निर्ग्रन्थ धर्म, परमहंस दिगम्बर धर्म, अर्हत धर्म, वैदिक धर्म( २०वे तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ के समय तक जैन धर्म को वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता था और जिनवाणी को ही वेद के रूप में अध्ध्यन किया एवं कराया जाता था लेकिन एक वैदिक गुरु क्षीरकदम्ब के पुत्र पर्वत ने मद में आकर एक व्यंतर के साथ मिलकर खोटे वेदों की रचना कर दी तब दो प्रकार के वेद आर्ष वेद(जिनवाणी) एवं अनार्ष वेद (हिंसा प्रधान खोटे वेद) अस्तित्व में आ गए थे(आचार्य जिनसेन के हरिवंश पुराण के अनुसार), आज जो वेद देखने को मिलते हैं वे संभवतः इन्ही दोनों वेदो के मिश्रण से उत्पन्न होने का अनुमान हैं ), व्रती धर्म, गृहस्थों की अपेक्षा से श्रावक धर्म या क्षत्रिय धर्म (क्षत्रियता का अर्थ प्रजा और राज्य की रक्षा के साथ साथ धर्म के संरक्षण एवं संवर्धन भी होता हैं यही कारण हैं कि सभी तीर्थंकरो का जन्म क्षत्रिय कुल में ही होता हैं ), जिन धर्म आदि हैं के अनुसार संपूर्ण सृष्टि या लोक ६ द्रव्यों से मिलकर के बना हैं
१) आकाश (Space), २) काल (Time) ३) पुद्गल (Matter and Energy) ,
४) जीव (Living beings or souls) ५) धर्मास्तिकाय (Medium of Motion)
६) अधर्मास्तिकाय (Medium of Rest)
आधुनिक विज्ञान उपरोक्त ६ द्रव्यों में से प्रारम्भ के ३ को ही जनता हैं इसीलिए अपूर्ण हैं| इसीलिए आधुनिक विज्ञान के सिद्धांत जो कि लोक की सनातनता (eternity) पर प्रश्न चिन्ह लगाये, को सत्य मान लेना बहुत बड़ी भूल हैं |
कृपया tag में # जैन धर्म करे न कि हिन्दू क्योकि में सिद्द कर सकता हूँ दिगम्बर जैन धर्म ही वास्तविक सनातन या शाश्वत धर्म है।
@@ankitlakum1 मैंने ऐसा कब कहा बंधु कि मुझे बुद्ध पसंद है ❓ म्यानमार में बौद्ध भिक्षु विराथु द्वारा मुस्लिमों का कत्लेआम और उनका अनेकों पंथों में बट जाना बौद्धों के मानवीय स्वभाव को सत्यापन करता है जो किसी भी सम्प्रदाय विशेष में रहकर भी अपने प्राकृतिक रूप और गुणों व अवगुणों को दर्शाता है 🙏🏼 इसलिए मुझे केवल इंसान और इंसानियत पर भरोसा है जो किसी धर्म,सम्प्रदाय, पंथ आदि की बैसाखियों के सहारे का मोहताज नही है |
आपका प्रयास वास्तव में बहुत अच्छा है। सभी भारतीयों और भारत सरकार को आपकी सहायता करके इस मुहिम को ओर तेजी से आगे ले जाना चाहिए। हमे अपनी महान भारतीय संस्कृति को फिर से वही स्थान दिलाना है।
आप का ये प्रयास भारत के हर भारतीय के लिए उपयोगी है
ताजमहाल से फुरसत मिलेगी तो भारतीय संस्कृती को समझेंगे.
Pahli baar inki video dekh mere bhi muh se same baatein nikli. Inhe sarkar ka sahyog dena chahiye. Inke hi Karan mein apne Dharm aur viraasat se poori tarah jood paya hoon pahle aisa nahi tha.
Why is there no English Language version? Many foreigners are followers of Praveen.
@@peteremmanuel2762 his channel Praveen Mohan is in English. Infact this is dubbed from English to Hindi for Hindi speakers. Let me get the English channel link if I can.
अद्भुत और आश्चर्य जनक .
आज अगर तक्षशिला या नालंदा सुरक्षित होते तो जरूर वहाँ के किसी ग्रन्थ में इस तकनीक का ज्ञान जरूर मिलता .
Nalanda vidyapith mai her type ka प्रशिक्षण दिया जाता था जो भगवान महावीर के समय बना था ,जानबूजकर उनको अग्रंजो ने मिटा कर भारत की संस्कृति को मिटाकर अग्रंजी को लाया और जो अच्छा ज्ञान था उसको मिटा या
Bilkul sahi
Yes नालंदा में जरूर होता।
Bihar me 3 main universities thi:- Nalanda, Vikramshila and Odantpuri
Nalanda University world ki ekloti in university thee jahan videshi padhne aate they . Aaj ham Kahan khadey h afsosh .
हमारी पुरानी संस्कृति बहुत आगे थी जिसे भुलाकर हम पश्चिमी सभ्यता के पीछे भाग रहे है
बिलकुल सही
हमें अब पश्चिमी संस्कृति के पिछे भागना बंद करना होगा । 😤😤🚩🚩🚩
Sab bhagwan ki leela hai,wo jesa chahte hai wesa hi hota hai 🙏
ये भी बस पश्चात मीडिया की देन है। असलियत में अगर हम अपनी संस्कृति को जाने तो किसी और की तरफ आकर्षण पैदा होगा ही नहीं।
😢😢
इतना जबरदस्त विश्लेषण 🙏
हम सिर्फ ये पढ़ते हैं कि ये मंदिर कहां है किसने बनवाया। लेकिन इतने सूक्ष्मता से जानने का प्रयास कभी नहीं किया। आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏🙏🙏🙏
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आपको मेरा काम पसंद आया। कृपया अधिक से अधिक लोगों को इस परिवार से जोड़े। जिससे हमारी नई पीढ़ी भी प्राचीन ज्ञान से अवगत हो सके। धन्यवाद 🙏🏻
Jai Jinendra!!
This is one of best sculpture ever made !
Bahubali was the son of first Jain Tirthankar lord Shri.Vrishabhdev (Adinath).
Jainam Jayati Shasanam !!
Ahimsa parmo dharm yato! Dharmostato Jay !!
ये मूर्तियां इतनी रहस्यमय होती हैं कि इनके बारे में जान कर लगता है हम बहुत कुछ जानते ही नहीं है।विज्ञान कितना भी आगे चला जाए लेकिन कुछ चीजों के जवाब ढूंढ़ने नामुमकिन है।गर्व है हमें आप पूर्वजों पर
सर आपके नॉलेज
हमे और पुरे विश्व को विचार करने पर विवश कर
हमने अपने इतिहास भुला कर सबसे बडी गलती कि है
आप जैसे विचारवंत तो की हमे जरूरत है
धन्यवाद
आप की जानकारी अद्भुत एवं ज्ञानवर्धक है! शायद ही कभी किसी ने बाहुबली भगवान की प्रतिमा का वर्णन ऐसे किया हो!
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद
हमारे पूर्वजों के ज्ञान को समझना बहोत ही मुश्किल है
आज हमारे पास उनका 10 प्रतिसत ज्ञान भी नहीं है
आज विज्ञान कितनी भी मशीनें लगा लें पर उनके जैसा अदभुत कार्य करने में असफल हैं
🙏राधे राधे🙏
🙏राधे राधे🙏
इससे यह सिद्ध होता है कि हमारे पूर्वज कितने उन्नत हुआ करते थे।
सत्य
आप बहुत अच्छा काम कर रहे हो आप ऐसे ही अपना कार्य करते रहो हम आपके साथ हैं 🇮🇳❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
धन्यवाद
जय जिनेंद्र ,प्रविणजी,
भारतवर्ष की अदभूत कलाऐं आप लोगो को अवगत करवाते हो यह कार्य सराहनीय है। लोग भी आपका यह कार्य बहुत पसंद करते है और उनके support के वजह से ही आपका channel भी चलता है। इस कारण आपका भी यह कर्तव्य है की आप सदैव जिस विषय का video बना रहे हो उसकी सच्ची और सही जानकारी दे। इस video मे भगवान बाहुबली की मूर्ती के बारे मे जानकारी दी है जो की जैनधर्मीयों का पवित्र तिर्थक्षेत्र भी है। आपके दुसरे अनेक video मे उस स्थान का उल्लेख होता है परंतु यहा नही किया है, क्यो?
अगर आप खुद यहा इतिहासकारोंको यह सुझाव देते हो की भगवान जी का महामस्तकाभिषेक में जो वस्तुऐं उपयोग होते है वही अन्य मूर्तीयों के लिए भी उपयोग करें और संवर्धन करे, तो हम जैनी जो पुरातन काल से हर १२ वर्ष मे इस मूर्ति का महामस्तकाभिषेक करवाते है वे अंधविश्वासी कैसे? जैन धर्म वैज्ञानिक तत्वों पर रचा है और उसकी नीव शाश्वत है। आप मूर्तीयों के बारे मे सही सही जानकारी जरूर दे और कोई भी धर्म का अवमान न करे। यह मूर्ती पहाड पर उपलब्ध पाषाण से बनाई है। सदैव अभ्यासपूर्ण जानकारी दे ।
जैनं जयति शासनं !
अंध विश्वास वाली बात व्यंग में कही गई है, इसे गलत ना समझें🙏🏻
भारतीय संस्कृति में ऐसी एक से एक कला कृती है जिसे देख कर आश्चर्य होता है कि यह कि इसका निर्माण कैसे हुआ था।
👍👍True
जय जिनेन्द्र👏👏
नमस्कार प्रवीण जी
यह प्रतिमा भगवान बाहुबली की है जो जैन धर्म के अनुसार प्रथम तीर्थंकर ऋषभ नाथ भगवान के द्वितीय पुत्र थे
यह प्रतिमा देव निर्मित मानी जाती है क्योंकि इसके निर्माण का कोई प्रमाण या उल्लेख कहीं भी नहीं मिलता है
बल्कि इस प्रतिमा जी की प्रचलित कहानी के अनुसार राजा चामुंड राय को स्वप्न में इस मूर्ती के पहाड़ में दबे होने की जानकारी हुई एवं उनके द्वारा इस प्रतिमा जी को पहाड़ से खोद कर निकाला गया जो इसी स्वरूप में प्राप्त हुई थी
जानकारी के लिए बता दूँ की प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है
एवं तुलनात्मक रूप से भगवान ऋषभ देव (आदि नाथ) एवं भगवान शिव में गुणात्मक एवं प्रतीकात्मक समानताएं दर्शित होती हैं
bilkul sahi hai.... vikram ji
निर्माण संबंधित पूरा शिलालेख है
कृपया जानकारी लेकर कॉमेंट करें
🤓🤓🤓🤓
आप हमारी संस्कृति की महानता के प्रमाण देकर एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम कर रहे है आपको नमन।
धन्यवाद
@@PraveenMohanHindi मैं आपसे व्यक्तिगत जबाव पाकर अति प्रसन्न हूँ। यह संस्कृति आप जैसे दाधिचीयों के कारण प्राणमय है।
अचंभित, रोचकता एवं ज्ञानवर्धक।। 👌✌️💐
*ओम हर हर महादेव।। जय माँ।।*
🙏🏽🔱⚔️🏹🚩🌞🌳🌷🌼🌻🌺🌴🌿☘🍀🍁
हर हर महादेव
हमारा इतिहास और ज्ञान बहुत उन्नत था, सिर्फ वामपंथी विचारधारा के कारण हमें पिछड़ा हुआ बता दिया गया!
भारत को सनातन धर्म की धरती होने का गौरव
ऐसे महान विभूतियों के कारण मिला है
बहुत बहुत बधाई आकर्षक ज्ञानपरक जानकारी देने के लिए। आगे भी इसीप्रकार सिलसिला चलता रहे।💐
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद , मैं आगे भी ऐसी जानकारी आपके सामने लाता रहूँगा
हर हर हर महादेव |
Hara hara mahadeva
It's jain dharm he....bahubali bhagwan
हर हर महादेव
Jai jai Bahubali
@@mangalbodele9775 pls read about 1st tirtankar of jain it is our lord shiva adi yogi
हम क्या बताए साहाब ? ये विवरन सुन कर हम खुद हैरान है । धन्यवाद आपका ।
Sahi kha
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद
@@PraveenMohanHindi आपका धन्यवाद साहाब , हम लोगो कि अच्छी किस्मत है कि आप को ईश्वरने ये सब जान ने और समझाने के लिये भेजा .
धन्यवाद .
आपकी हर एक वीडियो देखने के बाद और भी जायदा गौरवान्वित महसूस करते है कि हम उस सत्य सनातन वैदिक हिंदू धर्म के अंश हैं।🚩🚩🚩🚩
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद
भारत के सभी तंत्रज्ञान पूरे विश्व के लिए एक बहुत बड़ा रहस्य है जिसे सुलझाना आज के बहुत से बहुत बड़े वैज्ञानिक भी सुलझा नहीं सकते. क्योंकि जो भारत का तंत्रज्ञान है. जय भारत वर्ष.
सब कुछ बताया परन्तु ये मुंह से नहीं निकला कि ये जैनों के गौरव का प्रतीक है।।
ये प्रतिमा भगवान बाहुबली की है जो प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभ देव के बेटे थे,,,, और जैन अंधविश्वासी नहीं होते।।
सही कहा आपने 🙏🙏🙏
Jis tarah yaha ye bhartiya naam laga kar andhvishwas ka naam de rahe hai. Bahut galat baat hai. Bhartiya shradha ko andhvishwas ka naam na de.
Praveen bhai thoda jain philosophy pad lo or jain andhvisvashi nhi hote jainism is oldest dharma and it is totally depend on science of aatma
@@jain380 are bhai unka kehna aap jaino ko nhi un gohchu secular ko jo humhe hindu or Jain ka majak udate hai ki yeh murti pooja krte hai or doodh chadhate hai
Sahi श्रद्धा रखने से जो अभिषेक का नमन है उससे मैना सुंदरी ने 700कोढ़ी का कोढ़ दूर किया ,आप अंधश्रद्धा कैसे बोल सकते ,आप किसी जैन से बात करते फिर वीडियो बनाते क्यों की गलत बात होती तो गलत विचारधारा बनती
🙏गोमटेश्वर बाहुबली भगवान की जय 🙏
गजब का नजारा!!!बहुत ही सटीक जानकारी दे रहे है प्रवीणभाई ।हम आपके आभारी है। क्योंकि इतनी बढिया जानकारी आपके अतिरिक्त कोई ओर नही दे सकता है। जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🏻 कृपया अधिक से अधिक लोगों को इस परिवार से जोड़े। जिससे हमारी नई पीढ़ी भी प्राचीन ज्ञान से अवगत हो सके।
जय जिनेन्द्र 🙏
यही हमारे वैदिक ज्ञान और उन्नतता के परिचय है और केवल हमारे अपने इसी ज्ञान को आगे कर के हम सनातन धर्म को मानने के लिए विवश हो जाते हैं और
हमारे यहां तो पत्थर में भी प्राण फूंक ने कि तकनीक उपलब्ध थी इसलिए तो मंदिरों को प्राण प्रतिष्ठित किया जाता था और है ।
आप की इस पुरातनकाल को जानने की लगन को और कार्य सिद्धि को में हृदय से नमन करता हूं ।
।। धन्यवाद ।। 🙏
आदरणीय प्रवीण भाई आपका अभियान बहुत ही सराहनीय है आपके वीडियो देख कर मन बहुत ही प्रफुल्लित हो जाता है
धन्यवाद
शायद ब्लैक मूर्ति चीफ इंजीनियर की है, जिन्हे ये औजार बनाना ओर चलना आता था, उनको भी सम्मान देने के लिए मुख्य मूर्ति के पास बनाया गया है
आप कहाँ थी अभी तक आपकी मंघडंत जानकारी की जरूरत हर क्षेत्र को हैं 🤣🤣🤣
मूर्ति क पूरा इतिहास है पढ सकते हैं राजा चामुंड राय ने इस मूर्ति को बनवाया था और इस एक चट्टान को आकार देकर ही इस मूर्ति का निर्माण हुआ है नीचे ऊपर नहीलाया गया वहीं की वंही निर्माण हुआ है खुले मे रहने बावजूद मूर्ति की परछाई नही पडती है मूर्ति पर कोई पक्षी नही बैठता ये भी मूर्ति की विषेशता है
जयस्तु भारतम श्रीमान...🙏
आपका ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति दृश्टिकोण अतुल्य ओर अद्वितीय है, हम आपसे विनती करते है कि (गुजरात,जूनागढ़ में गिरनार पर्वत ) है वहा बहुत ही पुरातन शिल्पकला पूरित मंदिर और जैन स्तुभ है, आप वहा जाकर कृपया उसके बारे में सबको अवगत कराएं ये विनती है आपसे.🙏जयस्तु भारतम....🇮🇳🚩
गुजरात मैं जैन तीर्थंकर नेमीनाथ मोक्ष गए है और वो प्राचीन जैन मंदिर है पर अभी वहा जैन मुनियों को मारते थे,फिर जैन समाज के लोगो को साधु मारते थे और अब वह राजगीरी जैसा अतिक्रमण करके दत्त का मंदिर बनाया ,जो प्राचीन हैं उसको क्यों मिटाते,yesa bar bar hota bohat dard hota jan इतिहास को मिटाते
Jai ho Bahubali bhagwan ke jai ho 🙏
Sir in sabhi mandiro ko agar aap dhyn se dekhege to isme aapko future se le k past tk ki sbhi jankari miljayegi ye dekhne me bht hi aanokha anubhav h.. sbhi mndiro me science h kyuki phle mndiro me study hoti thi wo school jse the.. ❤😊
अकल्पनीय ,अविस्मरणीय सनातन संस्कृति के प्रमाण ।
🙏🙏
Request you all to spread this channel unless it reaches to all nook and corner of the world .
These are not mere theories which one can debate and put to rubbish . These are live established facts which no other religion can boast of, show to masses .
जय जिनेंद्र 🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏🙏
जय मानवता, जय विज्ञान
@@P.K-lc6dg chal nikal be
@@user-pq4ep3zd3j
नंगे बाबा के चेले चपाटे लगते हो ❓ 🤓🤓🤓🤓🤓
@@P.K-lc6dg ha chal nikal hag mat
@@user-pq4ep3zd3j
हाँ गौबर गोमूत्र सेवन करने वालें लोगों को हर जगह अपनी ही पसंद दिखाई देती हैं🤓🤓🤓🤓🤓
My mind just blown after watching that magnetic levitation.
You are a genius praveen
Thanks
यही है हमारे प्राचीन सभ्यता जय मानवता जय बुध्द ।
Aap Bahubali bhagwan ki bhi jai bol sakte per
Reflects the depth of knowledge of our ancestors. Jai Shri Ram and Bharat Mata ki Jai Vande Matram and Gau Mata ki Jai
Jain dharm ki jai
बहुत सुंदर प्रयास आपका। कुछ तो खास कारीगरी और बैज्ञानिक पद्धति इस मंदिर और कलाकृतियों में छुपा है।
जय हिंदू राष्ट्र।
सनातन धर्म की जय।
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद
Great efforts Mr.Praveen Mohan .You have shown us to see our heritage with scientific approach & perspective. Jainism being one of the oldest religion is a way of living .It is based on science. Doing the "Abhishek" is not superstition. It is a way of getting the energy from the idol.Abhishek is done on "Shivling" also .Most of the rituals are related to science which still are not explained by the scientists.
JAI SHIRI RAM
BHARAT MATA KI JAI
HAR HAR MAHADEV SANATAN DHARM KI JAI
JAI SHIRI KRISHNA
SABHI GURUJANO JAI
NAMAN HAI SABHI VEERO KO JINHONE DESH KE LIYE APNE PRANO KI AAHUTI DI
Bilkul mai bhi manti hu hmari sabhyta aj se bhi kafi zyada unnat rhi hai.. isiliye ise nasht krne ki sari koshishen ki gyi.. Taki wo log aj khud ko credit de ske ki hmne khoja.. jhoote nirmam dust dhurt log..
आपकी हर वीडियोसे बहुत ही अद्वितीय ज्ञान मिलता है.और सनातनी होनपर बहुत ही गर्व होता है.🙏
जय श्रीराम.🙏🙏
कृपया और लोगों तक इस ज्ञान को पहुँचाने में मदद करें जिससे लोग हमारी प्राचीन संस्कृति से अवगत हो सकें 💖🙏🏻
जय श्रीराम🙏
भारतीय संस्कृति अमर रहे ।
Bhagvan Bahubali ki yah pratima jain ke liye bohot hi sanmanniy hai yah pratima ham syayam dekhkar aye hai Jay Jinendra. Sanatan digambar jain dharm ki jay 🙏🙏🙏
Jai jinendra 🙏
Kaya passand hai
Racna, g.m
Baad mai muslim,, sikh aur kitnay dharm ban gae.
श्री मन प्रवीण मोहन जी आपको शत शत नमन..
🙏
मेरे लिए भारतीय इतिहास से बढ़कर कुछ नहीं है। अत्यंत ही गौरवशाली।
Hi Pravin, To know answers who was Bahubali and who was his brother you need to go deep in Jainism. Bahubali and Bharat was two brothers who were son of First Jain Tirthankar Rushabhdev. And Bharat was a Chakravarti King by whose name, our country is called "BHARAT" . And Bahubali opposed him and won in fight too.
According to the Puranas, this country is known as Bharatavarsha after the king Bharata Chakravarti. This has been mentioned in Vishnu Purana (2,1,31), Vayu Purana,(33,52), Linga Purana(1,47,23), Brahmanda Purana (14,5,62), Agni Purana ( 107,11-12), Skanda Purana, Khanda (37,57) and Markandaya Purana (50,41) it is clearly stated that this country is known as Bharata Varsha. Vishnu Purāna mentions:
ऋषभो मरुदेव्याश्च ऋषभात भरतो भवेत्
भरताद भारतं वर्षं, भरतात सुमतिस्त्वभूत्
Rishabha was born to Marudevi, Bharata was born to Rishabh,
Bharatavarsha (India) arose from Bharata, and Sumati arose from Bharata
यह प्रतिमा श्री 1008 बाहुबली भगवान की है जो कि गोमटेश्वर (कर्नाटक) मैं विराजमान हैं भगवान का चरण पर अभिषेक प्रतिदिन होता हैं परंतु 12 वर्ष बाद महामस्तकाभिषेक होता हैं यह प्रतिमा जैन समाज का गौरव है। जय हो बाहुबली भगवान की जय हो।
🙏🙏🙏
Jay jinendra , jay sanatan dharm ki 🙏
अदभुत, बहुत सुंदर ! अनुमान के अनुसार बताई गई
इतनी विशाल चट्टान को तब तो क्या, आज के समय में भी इतनी उंचाई पर ले जा पाना संभव नही। उस समय के अद्भुत वैज्ञानिकों के समूह ने ये काम भला कैसे संभव किया होगा? यहा मैं उस समय के लोगो को अद्भुत वैज्ञानिकों की श्रेणी में इसलिए रख रहा हूँ क्योंकि आज के समय के सर्वोच्च वैज्ञानिक भी इस तरह के कार्य को अंजाम नही दे सकते।
इसी धरती पर इतने कमीने लोग भी हैं जो मूर्तियों को तोड़ देते हैं।जब बनाने की औकात नहीं है तो तोड़ते क्यूं हैं। हिम्मत हो तो बना कर दिखाओ
आज तक कोई भी वैज्ञानिक ये नही बता पाया कि प्राचीन मूर्तियां कैसे बनाई गई है।
Your efforts is precious findings of our great civilization which was moderate and unforgettable to our generation. Please try to protect with much care and observation as they can be restored carefully for our national interest.
कहते हैं पुराना सोमनाथ का शिवलिंग भी इसी तरह हवा में बिना सहारे लटका रहता था.
लगे रहो प्रवीण भाई
आपकी वीडियो हमेशा ही बहुत अच्छी लगती है
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद
If one comes here , watches these all craftsmanship with unbiasedness, he will surely start believing in sanatam dharm. No other religion can come close to our scientific sanatam dharm.
It's not sanatan dharm it's Jain dharm
@@purvajain9225 jainism is part of sanatan dharm.... dr vasant vijay ko jante ho?
I really don’t know how you put together the craftsmanship and a religion.
@@realjam because they were hindus
@@lokeeb1486 you are right to a good extent that it's a part of sanatam dharm . but principally a religion cannot emanate from a religion . The pedigree , Sections ,Practices can emanate from a religion .
This is JAIN (Digambar) shrine in Shravan Belagola Karnataka .Maha Mastakabhishek will organize every 12 years.
@@animax1034 I'm not dividing bro..telling the fact..Me myself is Hindu.n Jainism is also a part of Hinduism.
@@angrybird0987 OK, I thought some missionary creating divide.
This is Hindu Temple
@@animax1034 There is sacred place nearby this called DHARMASTHALA famous for God Manjunath ( SHIVA),where the head of that Temple is from Jain community( Veerendra Heggade).. He's is one of iconic Sheer in Karnataka.
@@angrybird0987 Wow, thanks for sharing, pranam
Har Har Mahadev.
Adbuth Praveen Mohan ji
श्री सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🚩 🚩
जय मानवता, जय विज्ञान
gadhe, ye jain god bahubali hai, isme vedic kaha se ghused diya, chutiye kahike
@@esotericwanderer6473 bete, jain is also a member of sanatan culture.
@@TechDonBIHARI bache, jain tum bramhano ka hi baap hai, learn about other faiths before writing anything non-sense, simply calling yourself sanatan does not make you anything, we jains identify hindu as a brahman cult as written in our agamas, we dont believe in ganjedi shiva and other animal gods and fake panchtantra stories and that dirt filthy anti-human and racist vedas.
Praveen Mohan you are absolutely genuine. I am proud of you. No matters how we earn. it matters how we live. We Are The Tenents On This Earth. Our Mother. I think all of you understood what I said. ego, jealousness, selfishness......WHY WHY WHY ??? 😔😔😔😔😔
As per jain scriptures heights of man gradually decresed to average 5.5feet today from more than 15 feets during Rishab dev, first tirthankar. No wonder huge structures in Giza, Mesopotamia, Incas, Maya Luxor or Bahubalis could be so effortlessly made
You are right dude👍 Human hight has been decreased iver the period! I'm curious if ancient Jain scriptures has more info about ancient temple building techniques! If uou are aware of any such information do share with us! :)
Yes same is written in Puranas. According to puranas humans were taller in previous yugas and in satyug humans were tallest. As the time passed height decreased.
Yes even I connect everything with jain scriptures and found out to be logical
Jai Gomteshwar ji ki🇮🇳🙏 Indian culture is the best👍💯 culture in the world.
धन्यवाद सरजी. Salute to our ancient builders.feel very proud to be an Indian
धन्यवाद
Bhojeshwar temple ke bareme or bhalei Mata ke bareme batao
JAI SHRI RAM
Passand
आपकी वीडियो देख देख कर बड़ी जिज्ञाशा जाग गई है मंदिर घूमने की
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद
Kya itna sal se abhisek karnese uske colour par Kuch fark parega
अतुलनीय 🙏
Beshak... Praveen ji. U r hundred percent correct✅
😮 "magnetic lavitation".. !!
😳 Wow.. . . . !!!!
🙏💗💗💗💐
बाहुबली जी की है ये मुरत।
Congratulations. You work very hard to throw light on such great sculptures. Thank you so much
Thank you so much!
Proud being jain Jai jinshashan jai mahaveer ❤️🙏
Dear praveen Mohan ji I like your videos so much. I watched your videos in English language even though I am watching in Hindi also,so much knowledge in them
Thanks for watching
Most Appreciable
You are genius ... & true explorer !!! Always stunned !!!
अप्रतिम आपका धन्यवाद
Bahut badhiya 👌
धन्य हो आप आपकी खोज
Sachme Bhartiya sanskruti duniyaki sabse badhiya hai....sabkuchh adbhut hai.kaise kiya hoga ye sawal to hai hi.
Prachin kal me..adhunik jamana se bahut uche Machine ka prayog kiya jatatha... Jay sanatan 🙏🙏🙏
कृपया अनुनांकि का संपूर्ण विश्लेषण बताये,,,, अनुनांकि का पृथ्वीपर आनेका मुख्य उद्देश क्या हो सकता है,,,और 3000 सालो बाद उनके पृथ्वीपर आनेका विचार सही है क्या?
Jai Gometeashwar 🕉️🙏🏻🙏🏻✌🏼🔥Hari Om Tatsatt 🕉️🙏🏻🙏🏻🕉️
Dhanyavaad Praveen Bhrata Shri 🕉️🙏🏻🕉️✌🏼✌🏼
अति महत्वपूर्ण जानकारी
आपका bohot bohot धन्यवाद.. इतना अछा विश्लेषण कोई नहीं कर सकता.. जैन धर्म सबसे पुराना धर्म है
अरे भोसड़ी वाला यह क्यों कहता है सबसे पुराना धर्म है म****** यह हिंदू धर्म का ही या हिंदू धर्म का ही एक ब्रांच है शाखा है रूप है
Akdam sahee
जय हिंद जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏
इस मंदिर को बनाने का पूरा विवरण जैन धर्म में मौजूद है
Yes u r right,all ur answers r there in Jainism
सही कहा आपने 🙏🙏🙏
ये बहुत अद्भुत है ,हमारे कल्पना से परे है
ये दैवीशक्ती के लोग ही कर सकते है l
Jai Jinendra
Jai ho 1008 bahubali bhagwan ki jai 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद प्रवीण जी
Sir pranam 🙏. Jay Bharat jay Jagannath 🙏
Great sculpture... salute to ancient builders
Thanks for watching
Excellent👍...
Thanks
Dear Praveen Bhai....
Your are brilliant......👏👏🙏
Thank you so much 😀
Gajab observation 👏👏👍