मैं कहानियाँ सुनाता हूँ !! Episode 33
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- čas přidán 13. 05. 2024
- मैं तो यह चाहता हूँ कि अपने कुल रगों का खून आप लोगों में रुजू कर दूँ। मगर अफ़सोस ये होता है कि इसके लिए न तो कोई ऐसा magnet बनता है नई ही कोई इस जज़्बे की कद्र करता है। भला यह थोड़ी सी बात है कि ब्रह्म विद्या सीखने जाएँ और Cooperate न करें ! किस कदर काबिले - अफ़सोस है।
बाबू जी साहब
बहुत सुंदर भाई साहब.... आपकी आवाज और अंदाज इस तरह का है कि पूज्य बाबू जी महाराज के शब्द हृदय को छू जाते हैं.... आपका हार्दिक आभार....❤❤
आपका बहुत बहुत आभार और धन्यवाद, सच में आपका प्रस्तुतिकरण ऐसा लगता है कि जैसे परम् पूज्य मालिक श्री बाबू जी ने महाराज आपको इसी काम के लिए तैयार किया हो, पुनः धन्यवाद ,🙏
हर खत सुनने के बाद अगले खत का इन्तजार शुरू हो जाता है। खत पढ़ने का आपका अन्दाज बहुत अच्छा लगा।