Gehlot & Congress Crisis : कांग्रेस बचाने.. बड़ा फ़ैसला लेने जा रहा 10 जनपथ
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- čas přidán 25. 09. 2022
- #punyaprasunbajpai #ashokgehlot #sachinpilot #congress #soniagandhi #rajasthan #rahulgandhi #priyankagandhi #politics #news #bjp
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माननीय अशोक गहलोत जी को कांग्रेस इतना बड़ा सम्मान दे रही थी और आपने दुनिया को दिखा दिया कि आपका दिल कितना बड़ा है आप को जीत ही हमेशा मिली ऐसा तो नहीं है आपने अच्छा नहीं किया मैं उत्तराखंड से हूं
अशोक गहलोत स्वाभिमानी व्यक्ति हैं उन्हें रिमोट कंट्रोल से चलना रास नहीं आ सकता, वो समझ चुके हैं कि सीएम की कुर्सी गंवाकर अध्यक्ष बनने में कोई समझदारी नहीं है, आगे होने वाली चुनावी हारों का ठीकरा उनके सिर फोड़कर उन्हें बाहर निकाल दिया जायेगा, पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी की तरह
Very nice, welldon Punya ji you are a true and great journalist.
धन्यवाद जी ,बिल्कुल सत्य कमेन्ट।
Aap Rajasthan. Se nh h yahi problem h
Gehlot ki vjh s cngress h raj m cngres hi vjh s nhi h gehlot 2bar modi ko dhul chata chuka h iska name gehlot h
जब एक व्यक्ति जो चाय बेचते हुए प्रधानमंत्री बन कर 10 लाख का सूट पहन सकता है तो जिस व्यक्ति के पिता/दादी और परदादा सालों देश के प्रधानमंत्री रहे हो और वो खुद देश के सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष रह चुका हो वर्तमान में सांसद हो अगर 41000/00 की टी-शर्ट पहन रहा हो तो कौन से आश्चर्य की बात है ???
Prize and normal pahnabe me antar hota hai ...kuchh smjha karo bhai
562 riyaste bhi thi aj unki kya halat hai hai kuch malum thoda biyond vision bhi dekh or soch liya karo
Sar ismein Koi shak Nahin Hai ki Rajkumar Hai Hamare Rahul Gandhi Hamen Koi aapatti Nahin Hai Sar ham log Congress ko hi vote barabar dete the lekin 2014 ki Hawa Humko hi nahin Sabko Badal diya tha aur Humne bhi Modi ko vote Diya do chij Satya Hai Sar Modi ke Raj mein Ek Hamare ghar light Lag Gai aur dusri Hamare Ghar Ke Samne Ek Sadak Thi Jo Kabhi vah banne Yog Nahin Thi Jo Koi banva Nahin Pa raha tha per Ab Chahe Yogi ko kahen ya Modi ko kahen vah Sadak ban gai Sar isliye Humne Do Bar Bhajpa ko vote Diya lekin ab Nahin Denge sar lekin Sar Fir Bhi Ham aapko program barabar dekhte hain Agar Rahul Gandhi Khud Ko Aage Nahin Karenge to Congress ke liye bahut Mushkil Hoga sar Jay Hind
Both are right and they have right to make choice also. No need to comment.
Good
स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी जी से एक बार सवाल हुआ कि कांग्रेस को कौन हरा सकता है ?
जवाब दिलचस्प था-कांग्रेस को केवल कांग्रेस ही हरा सकती है कोई और नहीं …
राजस्थान को देखने के बाद यकीन बढ़ गया कि वाकई कितनी दूरदर्शी थीं इंदिरा गांधी जी 🙏
बामण भी कांग्रेस के एन्टी है यार
वो सभी जाति मे है, नही तो आप ही बताये की इस समय कांग्रेस के साथ कौन सा पुरा समाज है।।
वाकई में जो कांग्रेस की इस हालात से जो निराश हो गये थे, उनमें आपने जान फूंक दी।
Cong aa jb bhi phir se power me aa skti h bs dharam dekh ke kisi ghtna pe react krna bnd kr de hindu atankwad ka jhuth failana bnd kr de tustikaran ki soch bnd kr de
जिन्होंने सारी जिंदगी "तोड़ने" का ही काम किया हो उन्हें "भारत जोड़ो यात्रा" से तकलीफ ही होगी.
जो भारत जोड़ने निकले है वो पहले कांग्रेस को तो जोड़ ले 😊
Bahut achha Ravish gee
Good
Sar main Kah Raha Hun Jis Din Rahul ji ka naam Samne a Jaega use Din Desh Ka 1 second mood Badalte time Nahin Lage Aur Rahul ji ko log Pradhanmantri ke roop Mein dekh Lenge Koi Kitna bhi Jale Koi Kitna bhi todne ki koshish karen per Koi Nahin Tod payega Jis Din Naam hi Samne a jaega
@@shyamendrachitranshi9683 Bharat should be everyone's priority rather than any party....but andhbhakts have all stupid reasons to defame Congress and Gandhis.
Happy Birthday
Dr. Manmohan Singh Ji... 💐💐
Our Best P M & Economist !
Kullad.me.gud.fodna..he..Sachin..hekya.haba.habae.adpa.choon.pull.pe.rasoe
Happy birthday to rajasthani banayengey thoko taali
@@mahavirprasadmachhi8277 अरे मोदी के लल्ले वो जादूगर है नाम अशोक गहलोत हैं ये वो करके बताएंगे जो कभी मोदी शाह भी नही सोच्च सकते...
Many many happy returns💕 Manmohan singh ji
😂😂😂😂😂
बहुत दुख की बात है देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी आज अपने अस्तित्व के लिये लड़ रही है इस पार्टी को अपनो ने ही बर्बाद कर दिया ।इस समय सोनिया जी को कड़ा कदम लेना चाहिये।इससे ज्यादा कांग्रेस का बुरा दिन नही आयगा।
ऐसे पत्रकार को लाखों लाखो बार प्रणाम
जी-गैस
डी-डीज़ल
पी-पेट्रोल
वाकई बहुत ऊपर जा रही.🤔😇😂
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
गहलोत को अब कांग्रेस का अध्यक्ष नही बनाना चाहिए, गहलोत ने ही सारा रायता फैलाया है!
कांग्रेस की बड़ी मुहिंम भारत जोड़ो यात्रा पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है!
Sar Aise Logon Ko Ab margdarshan ke liye rakhna chahie aur ismein koi shak Nahin Hai Sachin Pilot Ek yuva neta Hai Shayad Congress ka bhavishya aur Rajasthan ka bhavishya Badal sakta hai tumko Ek chance Dena chahie
right
गेहलोत जैसे लोगों को निष्काषित करना चाहिए , simple
Congress का बेडा। गर्क करके छोड़ेंगे ये
अब जो पोजीशन सामने आरही हैँ उस से पता चल रहा गहलोत को अब अध्यक्ष नहीं बनाएँगे और नहीं बनाना चाहिये सारी बीमारी की जड़ यही हैँ अध्यक्ष बनने के बाद ये कांग्रेस को और बर्बाद करदेगा इसे चाहिये था अध्यक्ष इसे बनाते तो सचिन को ये राजस्थान की कमान देदेते जिस के दिल में बदले की भावना हो वो अध्यक्ष कैसे बनसकता अध्यक्ष तो सब को साथ लेकर चलने वाला होना चाहिये
sahi
पायलेट को अध्यक्ष भी बनाये तो कांग्रेस की शानदार वापसि निशचित है । बंदा कर्मठ, नेक व लोकप्रिय युवा है।
आपका बहुत सुन्दर और विवेक़पूर्ण विश्लेषण और कांग्रेस के लिए दिशा दर्शन , मुश्किल राह है निर्णय लेना अपरिहार्य हे , शून्यता की स्थिति है , सब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बुद्धि और विवेक पर निर्भर करता है , पता नहीं ऊंट किस करवट बैठता है।
सही विश्लेषण था आज का, यह समय कांग्रेस के लिए संकट पैदा करने वालों को दूर करने के लिए कड़े फैसले लेने का है, साथ ही किसी ऐसे वरिष्ठ नेता को खोजने का है जो सभी को नेतृत्व के एक दायरे में ला सके। देखते हैं इस बार क्या नतीजा निकलता है।
mushqil milega,prsun j congres bhakt h
Correct Brother
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
राहुल गांधी जी के पास इतनी क्षमता है इतनी परिपक्वता है कि वह अपने बल पर अकेले कांग्रेस पार्टी को पूरे देश में चमका देगे
I agree ...bus thoda sa agressive ho jaye ...sadko per .....
भाईसाहब जी आप लोगो को बहुत बड़ी गलतफहमी है, जल्दी ही दूर हो जायेगी. ललना के पांव पलना में ही दिखते हैं.तथैव अब आपको ललना 60 के आसपास पहुँच रहा है, कब तक इन्तजार करोगे भाई
Kya joke tha. gajab
सही बात बोल रहे हैं चतुर्वेदी जी। राहुल गांधी को अब युवा पीढ़ी को लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
@@sourav3001
सारे अंधभक्तों को यही दिखाई देता हैँ कियूँ की राहुल झूठा मक्कार नहीं हैँ और जनता को झूठा राजनेता चाहिये
देशवासियों आओ 🇮🇳भारत जोड़ों यात्रा 🇮🇳 में शामिल होकर ,
देश , समाज और लोकतंत्र को बचाओ ! 🇮🇳🌳🤚❤️🙏
Very Very Good Yes 👍 jai Rahul Gandhi jai jai jai PG jai
आदरणीय सर जी जय हिन्द, सादर प्रणाम 🇮🇳🌹🙏
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
आदरणीय पुण्य प्रसून वाजपेई जी शानदार विष्लेषण और निडर निर्भीक पत्रकारिता को सैल्यूट सर..!!🇮🇳🙏
Ek no ka gatiya patrkaar
Copy kr ke rakhte ho
Isme kya nirbhi nidar jaisi bat hui
@@shivanitiwari8623 तानाशाह जैसी सरकार से सवाल करना निडर और निर्भीक आदमी ही हो सकता है बहना।
cogress bhakt h yeh,neutal nhi he
बेबस गिरते राजमहल का एक एक
कोना गिर रहा है। हो सकता है।
निष्ठावान पत्रकार भी और कोई
छायादार वृक्ष की छाया आश्रय की
तलाश करें।
कांग्रेस को सख्त निर्णय लेने का समय आ गया है
आपकी पत्रकारिता को दिल से सलाम करते हैं सर।
साहेब ने पूरी ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार सच बोला था... रुपया उसी देश का गिरता है जहां का प्रधानमंत्री गिरा हुआ होता है..!!🇮🇳🙏😇
Iski suruat to 1948 se hi ho gyi thi1947 me to 1rupya 1 dollar ke brabar tha
😄😄😄😄😄😄👍👍👍👍👍👍👍👍💯%
@@Hitler-xb7om 4 ka rate tha 1947 mai aur 4 hi tab Tha jab 1962 mai nehru chod kr giya
Good
True
आप जो इस डर के दौर में कर रहे है वो सराहनीय है🙏🙏🙏
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
VERY VERY IMPORTANT👍 MESSAGE BY YOU SIR 👍 100℅ TRUE ANALYSIS. & ADVISE👌 THANKS A LOT
Aye D K BOSE massage nahi woh message hai. Burqe se nikaal baahar
धारीवाल को पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए 10 साल के लिए
जैसे जैसे भारत जोड़ो यात्रा आगे बढ़ती जाएगी बीजेपी की बौखलाहट भी बढ़ती जाएगी.
Khan market gang spotted 🤪🤪🤪🤪🤪
जज्बे को सलाम।
कैसा लगा मेरा मजाक😄😃😜😜
Yahi soch soch ke aur sapne dekh kar aap allah ko pyare honge...
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
मौसम-विभाग की गंभीर चेतावनी-
जैसे जैसे "LOKSABHA" के चुनाव करीब आएंगे हिंदुत्व पर खतरे के "🌩" बादल घने और घने होते जायेंगे.
और बेवकूफ हिंदू झांसे में आ जाएंगे
बाजपेयी साहब बहुत बढ़िया विश्लेषण। कांग्रेस को जो निर्णय 10 साल पहले लिए जाने थे उस पर अब सोचना शुरू किया है वो भी शायद मजबूरी में। अब इस परिस्थिति का फायदा बीजेपी उठाए तो इसमें कमियां कांग्रेस की ही हैं।
Thanq. Parsun ji
राहुल गांधी इमानदार नेता है कम से कम झूठ तो नही बोलते
जय किसान मजदूर एकता जिंदाबाद 🇮🇳
Very right
Very good
Imandar but Tallent less
आदरणीय श्री प्रसून बाजपेयी जी, राहुल गांधी की जय हो, जय जवान जय किसान, कांग्रेस में अनुशासन की जरूरत है ।
भाई जी राहुल गांधी राजस्थान की जनता से किसानो का कर्ज माफ करने की बोले थे हमारी सरकार राजस्थान मे बनाते हो तो सभी किसानो का दस दिन मे कर्ज माफ कर दिया जाएगा जो आजकल नही हुआ देश के अन्नदाता के साथ इतना बड़ा विश्वासघात किया है आप इससे बड़ा और कौनसा झूठ बुलवाना चाहते है।
एक तरफ राहुल गांधी जी सड़क पर संघर्ष करके किसी तरह से सता दिलवाते हैं और कुछ लालची नेता अपने फायदे के लिए सब बर्बाद कर देते हैं ☺
Ine sabhi pareshaniyon ko jad ghohlot hai are Itni Salon Tak Congress Ne aapko bahut Kuchh diya jo aapane Apne Munh Se Khud kaha hai to aapko to Ek mamuli karykarta Ki Tarah kam Karke party ko majbut karna chahie lekin Satta ke liye Khud party ka Tamasha kar rahe hain
👍👍👍👍👍🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳💯%
@@make-all-video.by.sahil.
बिलकुल आप की एक एक शब्द सही हैँ इन लालची लोगों ने कांग्रेस को बर्बाद करने के सिवा कुछ नहीं किया केवल सत्ता का लालच हैँ
Right ✅
कोर्ट के बेल पर राहुल बाहर है
Excellent Sir thanks so much sir 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
कांग्रेस मै अनुशासन नाम का कोई चीज नही है कड़ा फैसला लेना होगा इस बार
की आगे चलकर कोई हिम्मत ना करे
गहलोत और सचिन पायलट दोनों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। सचिन पायलट की जिद समझ से परे है। एक साल के शेष कार्यकाल में क्या कर लेंगे। उसी तरह से गहलोत क्यों जरा सा त्याग नहीं कर सकते? उन्हें राहुल गांधी से सबक लेना चाहिए, जिन्होंने अध्यक्ष पद ठुकरा दिया।
Rahul baba bhle hi adhyasks nhi h but vo ho congress ko chlate h
जिद गहलोत और उसके साथ लगे ठगों की है.जिनका भ्रष्टाचार के धन से पेट खराब हो चूका है.इस कारण बुद्धि काम नही कर रही है.
@@pareshprajapati142 tu chlale
Kisane bola Sachin ek sal ki cm ki bat kr rha h
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
पुण्य प्रसून भाई राम-राम🙏🙏 आपकी सच्ची पत्रकारिता को मेरा सैलूट🙏
एक ही राहुल गांधी है जो सब के साथ है जो इस देश को चाहते हैं। वर्ना देश नहीं अपना मतलब, वाह क्या देश है। कोई आप के घर में कोई है जो इस देश में कोई कुर्बानी देने को तैयार हूं
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
राहुल गांधी ऐसे ही अगर लगातार जमीनपर जनता के बीच चलते रहे तो कांग्रेस के बड़े बड़े
स्वार्थी और अवसरवादी नेता कहीं जाए या कुछ करें कोई फर्क नहीं पड़ता!
प्रियंका गाँधी तय हो गयी है आपके विश्लेषण से 🙏🙏🙏
हमारे साहेब 🎅 कितने दयालु है इसलिए अब उन्होंने ऐसा काम किया की अब रोटी में घी या मक्खन लगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी.
क्योकि GST पहले ही लगा दिया है.
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
बधाई व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी के अंकल आंटियो को सरकार ने रेलवे किराये में सीनियर सिटीजन्स में मिलने वाली रियायत को ख़त्म कर दिया.
और कांग्रेस ने आतंकवादी भारतद्रोही PFI से गठबंधन किया था।
उस पर कुछ बोलोगे क्या रवीश कुमार पांडे जी।
बस एक बात कहना चाहूंगा , कोंग्रेस का ज़िंदा रहना भारत के लिए बहुत् आवश्यक है । यदि कोंग्रेस नहीं बची तो भाजपा देश का बेडा गर्क कर देगी ।
बहुत बढिया विश्लेषण । ❤️🙏🔥
बीजेपी सरकार की खास बात-
सवाल पूछो - जवाब देंगे
🚀 रक्षा मंत्री से - विदेश मंत्री
💰 वित्त मंत्री से - कानून मंत्री
⚖ कानून मंत्री से -पर्यावरण मंत्री
✈ विदेश मंत्री से - परिवहन मंत्री
"हद है भाई इस सरकार की"..
पुत्र मोह में फस गया गहलोत जो राज्य त्याग में सकता है वह राष्ट्र कैसे त्याग करेगा ऐसे नेता को बाहर कर देना चाहिए अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और पक्ष को यही नेता कमजोर करने में लगे हैं
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
@@manojmukati7782l
एक दम सही बात। राजस्थान पर कड़ा फैसला लेना चाहिए। चाहें राज्य में सरकार को गंवाना पड़े। तुरंत बर्खास्त
Bilkul sahi
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Sachin Pilot should be made Congress chief! He could be a game changer!
भारत जोड़ो यात्रा मैं शामिल भारत यात्री कल भारत मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभाऐ
🎅 साहेब कहते है अमृतकाल चल रहा मगर वास्तव में इस समय देश में "इ.डी." काल चल रहा है.
Fatt k flower ho gayi hai kyu🤬
Mere yaha ED nahi aaya
कर्म ही ऐसे ना करें कि ED CBI के एक्शन की जरूरत आन पड़े, ये दोनों तो बस जांच एजेंसी है आरोपों पर फैसला तो माननीय कोर्ट को करना होता है
Tumhare me dane nahi or dosh bjp par phele apne girahban me jhaak chamche
Waah re gulam vajpayee
गोदी मीडिया के जितने भी एंकर है उनके लिए नया नाम "हुड़कचुल्लु" 😎
कैसा रहेगा कृपया कमैंट्स के माध्यम से अपनी राय जरूर दे.
Sahi rahega
सही रहेगा
Sahee rahega
Good
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Excellent presentation thanks so much mimicry and true news analysis
50,50 साल तक राजनीति की फिर भी कुर्सी की लालच गई नहीं एसे नेता न देश का भला न जनता का भला न पार्टी का भला कर पाते ह नई पीढ़ी के नेता आने चाहिए नई सोच देश अअगे ले जाएंगे सिंधिया सचिन नई सोच के नेता थे नौजवान ह बूढे लोग अब रिटायर हो जाना चाहिए
न हिंदू खतरे मे है और न मुस्लिम खतरे मे है
वास्तव मे गोदी मीडिया के वजह से अपना हिंदुस्तान खतरे मे है।गोदी मीडिया के खिलाफ सड़को पे आओ मेरे भाईयो
👍👍👍👍👍
PFI के इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के कारण देश खतरे में है।
सर, इतनी सच्चाई शायद ही कोई बताए जो आपने कही है
आप जैसे पत्रकार हमेशा याद रखें जायेंगे 🙏
हम भारत जोड़ो यात्रा के साथ है हम राहुल गांधी जी के साथ है 🙏🏻🇮🇳🇮🇳🇮🇳
बहुत शानदार विश्लेषण सर...
राजस्थान के इस खेल के पीछे गहलोत ही है, पीछे सिर्फ पियादे ही है, दस दिन पहले ही गहलोत और धारीवाल की मीटिंग हुई थी उसमे ही साफ हो गया था....
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
पंडित नेहरू जी को नकारने वाले यह स्पष्ट तौर पर जानले पिछले 8 सालों से देश की जिन संपत्तियों को बेच-बेच कर सरकार चला रहे वो सभी नेहरू जी के द्वारा ही बनायीं गयी थी.
Bahut achhai
Nehru ghar se laya tha kya ye janta ke paiso se banna h
Right
Sar Agar is bar Modi a gaye to ismein Bhi Koi shak Nahin Hoga Ki ham log na Bik Jaaye vah kab kisse advance Lekar baith Jaaye Ham logon ka aur bad Mein Koi Ham Logon Ko Gulam banaa le Kyunki paristhiti aise hi hai isliye Kahta hun Rahul Gandhi Ji ko Samne Aana Hi Padega Desh Ke
@@make-all-video.by.sahil. bhai congressiyo ko taayaar karo 2024 ke liye aur thoko taali
इ वी एम मशीन का विरोध कीजिये सर जी.आप और आपके चानल को सलाम है सर जी.
👍👍 right
आप सत्य के साथ चलते हैं आपको शत-शत नमन
क्या गजब चल रहा देश में-
कभी सीबीआई को तोता कहा गया था
तो अब ई डी क्या है तोती !!
सबसे हास्यास्पद यह है की गोदी मीडिया की खबरों पर आम जनता तो छोड़िये स्वयं अंधभक्त भी भरोसा नहीं करते पीठ पीछे वो भी यह कहते पाए जाते है बिके हुए है सब.
Sabhi apna alag chasma pahne hue hai
Sabhi aadmi ko yahi lagta hai ek hum hi sahi bol rahe hai baki sab murkh hai
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
नाचने वाले के बिकने की कीमत हर रात अलग होती है।
ईटली 😂🤣😀
राहुल गांधी की यात्रा चलती रहे 👍 असते कोई बाधा न आये 🙏
Good 💯❤️💝👍💪👏🤲🤝 good
युवाओं को आगे बढ़ाया जाए और साठिया बूढ़ों को बाहर निकाल दिया जाए
राहुल गांधी गलती कर रहे हैं। उन्हें Congress प्रेसीडेंट पद का चुनाव लड़ने का निर्णय करना चाहिए
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
Aapki jay ho sir sach bolne ke liye aapko ishvar ki aashirvad mile
आदरणीय पुण्य प्रसून बाजपेयी जी की कसमसाहट, दिल की तकलीफ समझी जा सकती है
Happy birthday Manmohan Singh G you are really the greatest leader of Country
Happybrhday
पुरे भारत वर्ष में सबसे जादा आप ही उमीद लगाये बैठे हैं प्रसूनजी बहोत बहोत धन्यवाद.
समय एक जैसा हमेशा नहीं रहता। एक से बढ़कर एक शासक आए और चले गए। भाजपा भी जाएगी।
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
कहीं फैसला पंजाब की तरह न निकले?
सत्य कड़वा होता है, सच्चाई की जीत अवश्य होती है,समय बड़ा बलवान होता है
Itna patience do logo me hota h
First, upsc aspirant
Second, Khali baithe ch*tiyo me
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
बहुत सही विश्लेषण प्रसून जी यदि हाई कमान की इज्जत नहीं कर सकते उन्हे बाहर चले ही जाना चाहिए देखना गहलोत एक दिन गुलाम या अमरिंदर जरूर बनेंगे
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
कांग्रेस को पुराने और युवा कांग्रेस नेताओं के सामंजस्य से कांग्रेस को चलाना चाहिए। पुराने कांग्रेस नेताओं से नए युवा नेताओं को उनके अनुभव से साथ रहकर सीखना चाहिए। पर आजकल राजनीति में देखा जा रहा है कि कुछ काम किया और इनाम (पद )हाथों-हाथ चाहिए नहीं तो विरोधियों से मिलने को तैयार हो जाते है। युवाओं नेताओं को धर्य रखना चाहिए। उनके पास लम्बा जीवन है। अगले चुनाव तक अपने को और पार्टी को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए। लड़ाई विचारों की है पद की नहीं। दल बदल लेने से जातिगत समुदाय भी मतदान में मन बदल लेता हैं। पत्रकार महोदय आप का विश्लेषण सटीक और निष्पक्ष है। मेरे विचार से सचिन जी को अभी मुख्यमंत्री के पद का विचार त्याग देना चाहिए और कांग्रेस को अगले चुनाव में वापस स्थापित करने का प्रयास करना चाहिये। अभी मुख्यमंत्री पद लेना काटों का ताज है। आपसी लड़ाई भूल कर कांग्रेस को मजबूत करने में सहयोग करे। आला कमान को कहकर आप (सचिन जी)गहलोत जी को ही मुख्यमंत्री स्वीकार कर लीजिए। आप का कद बहुत बढ़ जायगा। कांग्रेस वापस स्थापित हो जाएगी। और निश्चित रूप से आप ही मुख्यमंत्री बनेंगे। बाकी ईश्वर की कृपा।
दबंग धारदार शानदार पत्रकारिता श्री वाजपेयी जी
आयरन लेडी बनिए, इंदिरा जी की पार्टी है..... I इंदिरा की बहू हो ।।💪💪💪
कांग्रेस पार्टी के द्वारा शुरू की गई पद यात्रा में जो भीड़ हो रही है उसकी चकाचौंध किसी जगह कोई दिखाने को तैयार नही, फिर राजस्थान का राजनैतिक घटना क्रम ,बहुत कुछ कहती है, अब तो कांग्रेस के सामने कांग्रेस ही खड़ी हो गयी है
Prsun ji apko nawaratri ki Hardin suhbh kamnay
कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद।
बीजेपी की एक महिला प्रवक्ता है उनका कहना है की 2014 में गैस सिलिंडर का दाम 1250/00
साहेब 🎅 2022 में 1050/00 का दे रहे तो जनता को 200/00 का शुद्ध मुनाफा.
वाह भाई क्या गजब ज्ञानी लोग भरे हुए है बीजेपी में.
BJP Mai donkeys ki koi kami nahi hai...
Priyank Gandhi must take over - Desh aur Congress ki majbooti isi me hai
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
सर आपको सादर नमस्ते मे ने आपसे बहुत सीखा हे दहन्यवादसार
Always True Sir Prasoon ji...
आपका अंदाज़ वही पर विषय बिलकुल अलग. हमारे देव साहब 😊! बहुत भाया आज का एपिसोड. ख़ुशी के आँसू कब उमड़ पड़े पता ही नहीं चला….
सितंबर 2021 ➡️पंजाब
सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
"दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
(( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
और
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
साथ - ही - साथ
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
"झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
फिर ऐसा करने से चाहे
कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।
देश में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का उत्थान कांग्रेस पार्टी ही कर सकती हैं 🙏
Jai Jai Rajasthan
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
राहुल गांधी को कङे फैसले लेने होंगे
जिसको जाना था जाऐ और वो जा भी चुके हैं
अब खोने को कुछ नहीं है
जो होगा हासिल ही होगा
एक इतिहास लिखा जा रहा है
गद्दारों का और
वफादारौं का
Thanks a lot Prasun Ji for analytical and critical analysis of all political problems you have been doing. Majority of right thinking persons Salute yr truthful and impartial Journalism
Incredible analysis Sir 🇮🇳 👌👍
Congress. High command Rahul gandhi 2024 log shabha ka candidate Vijay ki chuniti Dene wale ho us ko tictac candidate ho Vijay wale Vijay wala
बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान ज़ी 🙏🙏🙏🙏🙏
बीजेपी से सवाल-
अरे भाई जब आपको यक़ीन है की पिछले 8 सालों के शाषन में आपने देश को अच्छे दिनों से लाद दिया है तो इतनी बेचैनी क्यों है ?
Bharatiya janata party ka no problem, problem is rabish kumar ka hai.
कहाँ है बेचैनी 🤔🤔
प्रियंका गांधी बेस्ट ऑप्शन है.. इस वक्त...
सर आप का एक एक शब्द अनमोल है।
सही कह रहे हैं सर अशोक गहलोत से किसी को भी ऐसी घटिया पन की उम्मीद नहीं थी
CONGRESS KO SAKHAT FAISLE LENE HONGE AUR BELGAM HO RHE NETAON KI LGAM KHICHNI HOGI TBHI KAAM CHALEGA
बहुत सुंदर पत्रकारिकता।
कांग्रेस मुक्त हो
बहुत अच्छे
Happy birth day Dr sh Manmoha g baar baar 🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 nice nice nice purab PM jai Bharat jai hind
देश को बचाने के लिए कांग्रेस की आवश्यकता है।
चुनाव की घोषणा करेगा 10 जनपथ।
जब एक तरफ सारा मीडिया नतमस्त हो गया है तब आप एक सच्ची पत्रकारिता कर रहे हो इतिहास आप को याद रखेगा 👏👏
कांग्रेस एक ऐसा पार्टी है जो बर्बाद होने के लिए किसी का मोहताज़ नहीं है🙏🙏🙏!
बहुत सही विश्लेषण आदरणीय वाजपेई जी