Gehlot & Congress Crisis : कांग्रेस बचाने.. बड़ा फ़ैसला लेने जा रहा 10 जनपथ

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  • čas přidán 25. 09. 2022
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Komentáře • 2K

  • @online_earning-money
    @online_earning-money Před rokem +157

    माननीय अशोक गहलोत जी को कांग्रेस इतना बड़ा सम्मान दे रही थी और आपने दुनिया को दिखा दिया कि आपका दिल कितना बड़ा है आप को जीत ही हमेशा मिली ऐसा तो नहीं है आपने अच्छा नहीं किया मैं उत्तराखंड से हूं

    • @rk_bhartiya
      @rk_bhartiya Před rokem

      अशोक गहलोत स्वाभिमानी व्यक्ति हैं उन्हें रिमोट कंट्रोल से चलना रास नहीं आ सकता, वो समझ चुके हैं कि सीएम की कुर्सी गंवाकर अध्यक्ष बनने में कोई समझदारी नहीं है, आगे होने वाली चुनावी हारों का ठीकरा उनके सिर फोड़कर उन्हें बाहर निकाल दिया जायेगा, पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी की तरह

    • @dansinghrawat1109
      @dansinghrawat1109 Před rokem

      Very nice, welldon Punya ji you are a true and great journalist.

    • @jagmalsingh9906
      @jagmalsingh9906 Před rokem +1

      धन्यवाद जी ,बिल्कुल सत्य कमेन्ट।

    • @kautilayaeducation2643
      @kautilayaeducation2643 Před rokem

      Aap Rajasthan. Se nh h yahi problem h

    • @rafalerafale9590
      @rafalerafale9590 Před rokem +1

      Gehlot ki vjh s cngress h raj m cngres hi vjh s nhi h gehlot 2bar modi ko dhul chata chuka h iska name gehlot h

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +794

    जब एक व्यक्ति जो चाय बेचते हुए प्रधानमंत्री बन कर 10 लाख का सूट पहन सकता है तो जिस व्यक्ति के पिता/दादी और परदादा सालों देश के प्रधानमंत्री रहे हो और वो खुद देश के सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष रह चुका हो वर्तमान में सांसद हो अगर 41000/00 की टी-शर्ट पहन रहा हो तो कौन से आश्चर्य की बात है ???

    • @rishishankarsinha1572
      @rishishankarsinha1572 Před rokem +4

      Prize and normal pahnabe me antar hota hai ...kuchh smjha karo bhai

    • @Hitler-xb7om
      @Hitler-xb7om Před rokem +1

      562 riyaste bhi thi aj unki kya halat hai hai kuch malum thoda biyond vision bhi dekh or soch liya karo

    • @make-all-video.by.sahil.
      @make-all-video.by.sahil. Před rokem

      Sar ismein Koi shak Nahin Hai ki Rajkumar Hai Hamare Rahul Gandhi Hamen Koi aapatti Nahin Hai Sar ham log Congress ko hi vote barabar dete the lekin 2014 ki Hawa Humko hi nahin Sabko Badal diya tha aur Humne bhi Modi ko vote Diya do chij Satya Hai Sar Modi ke Raj mein Ek Hamare ghar light Lag Gai aur dusri Hamare Ghar Ke Samne Ek Sadak Thi Jo Kabhi vah banne Yog Nahin Thi Jo Koi banva Nahin Pa raha tha per Ab Chahe Yogi ko kahen ya Modi ko kahen vah Sadak ban gai Sar isliye Humne Do Bar Bhajpa ko vote Diya lekin ab Nahin Denge sar lekin Sar Fir Bhi Ham aapko program barabar dekhte hain Agar Rahul Gandhi Khud Ko Aage Nahin Karenge to Congress ke liye bahut Mushkil Hoga sar Jay Hind

    • @sanjeevkaushik4272
      @sanjeevkaushik4272 Před rokem +4

      Both are right and they have right to make choice also. No need to comment.

    • @maqboolkhan2717
      @maqboolkhan2717 Před rokem +3

      Good

  • @SUSHILMISHRA1442
    @SUSHILMISHRA1442 Před rokem +13

    स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी जी से एक बार सवाल हुआ कि कांग्रेस को कौन हरा सकता है ?
    जवाब दिलचस्प था-कांग्रेस को केवल कांग्रेस ही हरा सकती है कोई और नहीं …
    राजस्थान को देखने के बाद यकीन बढ़ गया कि वाकई कितनी दूरदर्शी थीं इंदिरा गांधी जी 🙏

    • @drr.k5622
      @drr.k5622 Před rokem

      बामण भी कांग्रेस के एन्टी है यार

    • @SUSHILMISHRA1442
      @SUSHILMISHRA1442 Před rokem

      वो सभी जाति मे है, नही तो आप ही बताये की इस समय कांग्रेस के साथ कौन सा पुरा समाज है।।

  • @rambabusharma115
    @rambabusharma115 Před rokem +26

    वाकई में जो कांग्रेस की इस हालात से जो निराश हो गये थे, उनमें आपने जान फूंक दी।

    • @shivam_7718
      @shivam_7718 Před rokem

      Cong aa jb bhi phir se power me aa skti h bs dharam dekh ke kisi ghtna pe react krna bnd kr de hindu atankwad ka jhuth failana bnd kr de tustikaran ki soch bnd kr de

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +187

    जिन्होंने सारी जिंदगी "तोड़ने" का ही काम किया हो उन्हें "भारत जोड़ो यात्रा" से तकलीफ ही होगी.

    • @shyamendrachitranshi9683
      @shyamendrachitranshi9683 Před rokem +5

      जो भारत जोड़ने निकले है वो पहले कांग्रेस को तो जोड़ ले 😊

    • @thakursufisalimkhanqaimkha9824
      @thakursufisalimkhanqaimkha9824 Před rokem

      Bahut achha Ravish gee

    • @maqboolkhan2717
      @maqboolkhan2717 Před rokem

      Good

    • @make-all-video.by.sahil.
      @make-all-video.by.sahil. Před rokem

      Sar main Kah Raha Hun Jis Din Rahul ji ka naam Samne a Jaega use Din Desh Ka 1 second mood Badalte time Nahin Lage Aur Rahul ji ko log Pradhanmantri ke roop Mein dekh Lenge Koi Kitna bhi Jale Koi Kitna bhi todne ki koshish karen per Koi Nahin Tod payega Jis Din Naam hi Samne a jaega

    • @sandeshdutt4742
      @sandeshdutt4742 Před rokem

      @@shyamendrachitranshi9683 Bharat should be everyone's priority rather than any party....but andhbhakts have all stupid reasons to defame Congress and Gandhis.

  • @shaikhmujahed
    @shaikhmujahed Před rokem +362

    Happy Birthday
    Dr. Manmohan Singh Ji... 💐💐
    Our Best P M & Economist !

    • @shrabankumargupta5077
      @shrabankumargupta5077 Před rokem

      Kullad.me.gud.fodna..he..Sachin..hekya.haba.habae.adpa.choon.pull.pe.rasoe

    • @mahavirprasadmachhi8277
      @mahavirprasadmachhi8277 Před rokem

      Happy birthday to rajasthani banayengey thoko taali

    • @beautifuljaniya4834
      @beautifuljaniya4834 Před rokem

      @@mahavirprasadmachhi8277 अरे मोदी के लल्ले वो जादूगर है नाम अशोक गहलोत हैं ये वो करके बताएंगे जो कभी मोदी शाह भी नही सोच्च सकते...

    • @ssmeena8340
      @ssmeena8340 Před rokem

      Many many happy returns💕 Manmohan singh ji

    • @akashkumarmishra7799
      @akashkumarmishra7799 Před rokem +1

      😂😂😂😂😂

  • @aryanshukla5092
    @aryanshukla5092 Před rokem +5

    बहुत दुख की बात है देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी आज अपने अस्तित्व के लिये लड़ रही है इस पार्टी को अपनो ने ही बर्बाद कर दिया ।इस समय सोनिया जी को कड़ा कदम लेना चाहिये।इससे ज्यादा कांग्रेस का बुरा दिन नही आयगा।

  • @dashrathdashrath7826
    @dashrathdashrath7826 Před rokem +28

    ऐसे पत्रकार को लाखों लाखो बार प्रणाम

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +59

    जी-गैस
    डी-डीज़ल
    पी-पेट्रोल
    वाकई बहुत ऊपर जा रही.🤔😇😂

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @reussiteprojects5951
    @reussiteprojects5951 Před rokem +358

    गहलोत को अब कांग्रेस का अध्यक्ष नही बनाना चाहिए, गहलोत ने ही सारा रायता फैलाया है!
    कांग्रेस की बड़ी मुहिंम भारत जोड़ो यात्रा पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है!

    • @make-all-video.by.sahil.
      @make-all-video.by.sahil. Před rokem +4

      Sar Aise Logon Ko Ab margdarshan ke liye rakhna chahie aur ismein koi shak Nahin Hai Sachin Pilot Ek yuva neta Hai Shayad Congress ka bhavishya aur Rajasthan ka bhavishya Badal sakta hai tumko Ek chance Dena chahie

    • @MaheshKumar-yb1rx
      @MaheshKumar-yb1rx Před rokem +3

      right

    • @robinhoodoutfits8292
      @robinhoodoutfits8292 Před rokem

      गेहलोत जैसे लोगों को निष्काषित करना चाहिए , simple
      Congress का बेडा। गर्क करके छोड़ेंगे ये

    • @mrak9418
      @mrak9418 Před rokem +11

      अब जो पोजीशन सामने आरही हैँ उस से पता चल रहा गहलोत को अब अध्यक्ष नहीं बनाएँगे और नहीं बनाना चाहिये सारी बीमारी की जड़ यही हैँ अध्यक्ष बनने के बाद ये कांग्रेस को और बर्बाद करदेगा इसे चाहिये था अध्यक्ष इसे बनाते तो सचिन को ये राजस्थान की कमान देदेते जिस के दिल में बदले की भावना हो वो अध्यक्ष कैसे बनसकता अध्यक्ष तो सब को साथ लेकर चलने वाला होना चाहिये

    • @kmustafa2967
      @kmustafa2967 Před rokem +3

      sahi

  • @Omeshwaray
    @Omeshwaray Před rokem +6

    पायलेट को अध्यक्ष भी बनाये तो कांग्रेस की शानदार वापसि निशचित है । बंदा कर्मठ, नेक व लोकप्रिय युवा है।

  • @shriramanshrivastava8121

    आपका बहुत सुन्दर और विवेक़पूर्ण विश्लेषण और कांग्रेस के लिए दिशा दर्शन , मुश्किल राह है निर्णय लेना अपरिहार्य हे , शून्यता की स्थिति है , सब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बुद्धि और विवेक पर निर्भर करता है , पता नहीं ऊंट किस करवट बैठता है।

  • @kothabhaskar1052
    @kothabhaskar1052 Před rokem +46

    सही विश्लेषण था आज का, यह समय कांग्रेस के लिए संकट पैदा करने वालों को दूर करने के लिए कड़े फैसले लेने का है, साथ ही किसी ऐसे वरिष्ठ नेता को खोजने का है जो सभी को नेतृत्व के एक दायरे में ला सके। देखते हैं इस बार क्या नतीजा निकलता है।

    • @amitgoyal2675
      @amitgoyal2675 Před rokem

      mushqil milega,prsun j congres bhakt h

    • @deepaksuman76
      @deepaksuman76 Před rokem

      Correct Brother

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @e.h.dr.arunkumarchaturvedi7101

    राहुल गांधी जी के पास इतनी क्षमता है इतनी परिपक्वता है कि वह अपने बल पर अकेले कांग्रेस पार्टी को पूरे देश में चमका देगे

    • @AmanKhan-yu8ct
      @AmanKhan-yu8ct Před rokem +3

      I agree ...bus thoda sa agressive ho jaye ...sadko per .....

    • @jpguru1065
      @jpguru1065 Před rokem +4

      भाईसाहब जी आप लोगो को बहुत बड़ी गलतफहमी है, जल्दी ही दूर हो जायेगी. ललना के पांव पलना में ही दिखते हैं.तथैव अब आपको ललना 60 के आसपास पहुँच रहा है, कब तक इन्तजार करोगे भाई

    • @sourav3001
      @sourav3001 Před rokem +1

      Kya joke tha. gajab

    • @sribhagwansingh6929
      @sribhagwansingh6929 Před rokem +4

      सही बात बोल रहे हैं चतुर्वेदी जी। राहुल गांधी को अब युवा पीढ़ी को लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

    • @mrak9418
      @mrak9418 Před rokem +9

      @@sourav3001
      सारे अंधभक्तों को यही दिखाई देता हैँ कियूँ की राहुल झूठा मक्कार नहीं हैँ और जनता को झूठा राजनेता चाहिये

  • @VipinSharma-xi1ms
    @VipinSharma-xi1ms Před rokem +7

    देशवासियों आओ 🇮🇳भारत जोड़ों यात्रा 🇮🇳 में शामिल होकर ,
    देश , समाज और लोकतंत्र को बचाओ ! 🇮🇳🌳🤚❤️🙏

  • @guddurajput5179
    @guddurajput5179 Před rokem +2

    Very Very Good Yes 👍 jai Rahul Gandhi jai jai jai PG jai

  • @sainikarvindyadav
    @sainikarvindyadav Před rokem +41

    आदरणीय सर जी जय हिन्द, सादर प्रणाम 🇮🇳🌹🙏

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @pushpendrasingh2691
    @pushpendrasingh2691 Před rokem +377

    आदरणीय पुण्य प्रसून वाजपेई जी शानदार विष्लेषण और निडर निर्भीक पत्रकारिता को सैल्यूट सर..!!🇮🇳🙏

    • @madanlalparmar5187
      @madanlalparmar5187 Před rokem +1

      Ek no ka gatiya patrkaar

    • @shivanitiwari8623
      @shivanitiwari8623 Před rokem

      Copy kr ke rakhte ho
      Isme kya nirbhi nidar jaisi bat hui

    • @pushpendrasingh2691
      @pushpendrasingh2691 Před rokem

      @@shivanitiwari8623 तानाशाह जैसी सरकार से सवाल करना निडर और निर्भीक आदमी ही हो सकता है बहना।

    • @amitgoyal2675
      @amitgoyal2675 Před rokem

      cogress bhakt h yeh,neutal nhi he

    • @kanhailalupadhyay4106
      @kanhailalupadhyay4106 Před rokem

      बेबस गिरते राजमहल का एक एक
      कोना गिर रहा है। हो सकता है।
      निष्ठावान पत्रकार भी और कोई
      छायादार वृक्ष की छाया आश्रय की
      तलाश करें।

  • @mahendrapaltyagi3507
    @mahendrapaltyagi3507 Před rokem +2

    कांग्रेस को सख्त निर्णय लेने का समय आ गया है

  • @ashokmehlawat7041
    @ashokmehlawat7041 Před rokem +3

    आपकी पत्रकारिता को दिल से सलाम करते हैं सर।

  • @pushpendrasingh2691
    @pushpendrasingh2691 Před rokem +307

    साहेब ने पूरी ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार सच बोला था... रुपया उसी देश का गिरता है जहां का प्रधानमंत्री गिरा हुआ होता है..!!🇮🇳🙏😇

    • @Hitler-xb7om
      @Hitler-xb7om Před rokem +1

      Iski suruat to 1948 se hi ho gyi thi1947 me to 1rupya 1 dollar ke brabar tha

    • @mrak9418
      @mrak9418 Před rokem

      😄😄😄😄😄😄👍👍👍👍👍👍👍👍💯%

    • @jobansandhu4928
      @jobansandhu4928 Před rokem

      @@Hitler-xb7om 4 ka rate tha 1947 mai aur 4 hi tab Tha jab 1962 mai nehru chod kr giya

    • @starone1281
      @starone1281 Před rokem +3

      Good

    • @sharadbhatnagar9057
      @sharadbhatnagar9057 Před rokem +3

      True

  • @amitvikrampandey1322
    @amitvikrampandey1322 Před rokem +105

    आप जो इस डर के दौर में कर रहे है वो सराहनीय है🙏🙏🙏

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @hanifpatelhanifpatel297
    @hanifpatelhanifpatel297 Před rokem +11

    VERY VERY IMPORTANT👍 MESSAGE BY YOU SIR 👍 100℅ TRUE ANALYSIS. & ADVISE👌 THANKS A LOT

    • @BKCC420
      @BKCC420 Před rokem

      Aye D K BOSE massage nahi woh message hai. Burqe se nikaal baahar

  • @vinaysinghhada8049
    @vinaysinghhada8049 Před rokem +1

    धारीवाल को पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए 10 साल के लिए

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +109

    जैसे जैसे भारत जोड़ो यात्रा आगे बढ़ती जाएगी बीजेपी की बौखलाहट भी बढ़ती जाएगी.

    • @Hitler-xb7om
      @Hitler-xb7om Před rokem +2

      Khan market gang spotted 🤪🤪🤪🤪🤪

    • @rabindrakumar5190
      @rabindrakumar5190 Před rokem

      जज्बे को सलाम।

    • @ajaykaushik6150
      @ajaykaushik6150 Před rokem

      कैसा लगा मेरा मजाक😄😃😜😜

    • @avinashsatav805
      @avinashsatav805 Před rokem

      Yahi soch soch ke aur sapne dekh kar aap allah ko pyare honge...

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +84

    मौसम-विभाग की गंभीर चेतावनी-
    जैसे जैसे "LOKSABHA" के चुनाव करीब आएंगे हिंदुत्व पर खतरे के "🌩" बादल घने और घने होते जायेंगे.

    • @rk_bhartiya
      @rk_bhartiya Před rokem

      और बेवकूफ हिंदू झांसे में आ जाएंगे

  • @kkkushwaha3549
    @kkkushwaha3549 Před rokem +2

    बाजपेयी साहब बहुत बढ़िया विश्लेषण। कांग्रेस को जो निर्णय 10 साल पहले लिए जाने थे उस पर अब सोचना शुरू किया है वो भी शायद मजबूरी में। अब इस परिस्थिति का फायदा बीजेपी उठाए तो इसमें कमियां कांग्रेस की ही हैं।

  • @jaidevsinghrathore5875

    Thanq. Parsun ji

  • @jagatkamboj9975
    @jagatkamboj9975 Před rokem +554

    राहुल गांधी इमानदार नेता है कम से कम झूठ तो नही बोलते
    जय किसान मजदूर एकता जिंदाबाद 🇮🇳

    • @rameshkumarverma6998
      @rameshkumarverma6998 Před rokem +12

      Very right

    • @sfm7272
      @sfm7272 Před rokem +12

      Very good

    • @youthindian1593
      @youthindian1593 Před rokem +5

      Imandar but Tallent less

    • @VijayYadav-rn2ct
      @VijayYadav-rn2ct Před rokem +5

      आदरणीय श्री प्रसून बाजपेयी जी, राहुल गांधी की जय हो, जय जवान जय किसान, कांग्रेस में अनुशासन की जरूरत है ।

    • @bhagatsingh4061
      @bhagatsingh4061 Před rokem +2

      भाई जी राहुल गांधी राजस्थान की जनता से किसानो का कर्ज माफ करने की बोले थे हमारी सरकार राजस्थान मे बनाते हो तो सभी किसानो का दस दिन मे कर्ज माफ कर दिया जाएगा जो आजकल नही हुआ देश के अन्नदाता के साथ इतना बड़ा विश्वासघात किया है आप इससे बड़ा और कौनसा झूठ बुलवाना चाहते है।

  • @mathsperfect511
    @mathsperfect511 Před rokem +530

    एक तरफ राहुल गांधी जी सड़क पर संघर्ष करके किसी तरह से सता दिलवाते हैं और कुछ लालची नेता अपने फायदे के लिए सब बर्बाद कर देते हैं ☺

    • @make-all-video.by.sahil.
      @make-all-video.by.sahil. Před rokem +9

      Ine sabhi pareshaniyon ko jad ghohlot hai are Itni Salon Tak Congress Ne aapko bahut Kuchh diya jo aapane Apne Munh Se Khud kaha hai to aapko to Ek mamuli karykarta Ki Tarah kam Karke party ko majbut karna chahie lekin Satta ke liye Khud party ka Tamasha kar rahe hain

    • @mrak9418
      @mrak9418 Před rokem

      👍👍👍👍👍🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳💯%

    • @mrak9418
      @mrak9418 Před rokem +11

      @@make-all-video.by.sahil.
      बिलकुल आप की एक एक शब्द सही हैँ इन लालची लोगों ने कांग्रेस को बर्बाद करने के सिवा कुछ नहीं किया केवल सत्ता का लालच हैँ

    • @kcjohn5905
      @kcjohn5905 Před rokem +1

      Right ✅

    • @ravindrasonar6189
      @ravindrasonar6189 Před rokem

      कोर्ट के बेल पर राहुल बाहर है

  • @PkPk-vk4or
    @PkPk-vk4or Před rokem +5

    Excellent Sir thanks so much sir 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @kundankumargkgs2058
    @kundankumargkgs2058 Před rokem +1

    कांग्रेस मै अनुशासन नाम का कोई चीज नही है कड़ा फैसला लेना होगा इस बार
    की आगे चलकर कोई हिम्मत ना करे

  • @sureshkumarverma4188
    @sureshkumarverma4188 Před rokem +48

    गहलोत और सचिन पायलट दोनों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। सचिन पायलट की जिद समझ से परे है। एक साल के शेष कार्यकाल में क्या कर लेंगे। उसी तरह से गहलोत क्यों जरा सा त्याग नहीं कर सकते? उन्हें राहुल गांधी से सबक लेना चाहिए, जिन्होंने अध्यक्ष पद ठुकरा दिया।

    • @pareshprajapati142
      @pareshprajapati142 Před rokem +1

      Rahul baba bhle hi adhyasks nhi h but vo ho congress ko chlate h

    • @dharmsinghgodara862
      @dharmsinghgodara862 Před rokem

      जिद गहलोत और उसके साथ लगे ठगों की है.जिनका भ्रष्टाचार के धन से पेट खराब हो चूका है.इस कारण बुद्धि काम नही कर रही है.

    • @studywithgouravjoshi3495
      @studywithgouravjoshi3495 Před rokem

      @@pareshprajapati142 tu chlale

    • @shivanitiwari8623
      @shivanitiwari8623 Před rokem +1

      Kisane bola Sachin ek sal ki cm ki bat kr rha h

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @pardeepbhambhurmg13
    @pardeepbhambhurmg13 Před rokem +200

    पुण्य प्रसून भाई राम-राम🙏🙏 आपकी सच्ची पत्रकारिता को मेरा सैलूट🙏

    • @jitenderverma1868
      @jitenderverma1868 Před rokem

      एक ही राहुल गांधी है जो सब के साथ है जो इस देश को चाहते हैं। वर्ना देश नहीं अपना मतलब, वाह क्या देश है। कोई आप के घर में कोई है जो इस देश में कोई कुर्बानी देने को तैयार हूं

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @SUNNYKUMAR-hq8hh
    @SUNNYKUMAR-hq8hh Před rokem +9

    राहुल गांधी ऐसे ही अगर लगातार जमीनपर जनता के बीच चलते रहे तो कांग्रेस के बड़े बड़े
    स्वार्थी और अवसरवादी नेता कहीं जाए या कुछ करें कोई फर्क नहीं पड़ता!

  • @amitsrivastav5615
    @amitsrivastav5615 Před rokem +1

    प्रियंका गाँधी तय हो गयी है आपके विश्लेषण से 🙏🙏🙏

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +97

    हमारे साहेब 🎅 कितने दयालु है इसलिए अब उन्होंने ऐसा काम किया की अब रोटी में घी या मक्खन लगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी.
    क्योकि GST पहले ही लगा दिया है.

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +63

    बधाई व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी के अंकल आंटियो को सरकार ने रेलवे किराये में सीनियर सिटीजन्स में मिलने वाली रियायत को ख़त्म कर दिया.

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      और कांग्रेस ने आतंकवादी भारतद्रोही PFI से गठबंधन किया था।
      उस पर कुछ बोलोगे क्या रवीश कुमार पांडे जी।

  • @OSCARNEWSAGENCY
    @OSCARNEWSAGENCY Před rokem +1

    बस एक बात कहना चाहूंगा , कोंग्रेस का ज़िंदा रहना भारत के लिए बहुत् आवश्यक है । यदि कोंग्रेस नहीं बची तो भाजपा देश का बेडा गर्क कर देगी ।

  • @ravikantpadalwar3544
    @ravikantpadalwar3544 Před rokem +3

    बहुत बढिया विश्लेषण । ❤️🙏🔥

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +112

    बीजेपी सरकार की खास बात-
    सवाल पूछो - जवाब देंगे
    🚀 रक्षा मंत्री से - विदेश मंत्री
    💰 वित्त मंत्री से - कानून मंत्री
    ⚖ कानून मंत्री से -पर्यावरण मंत्री
    ✈ विदेश मंत्री से - परिवहन मंत्री
    "हद है भाई इस सरकार की"..

    • @manojmukati7782
      @manojmukati7782 Před rokem +1

      पुत्र मोह में फस गया गहलोत जो राज्य त्याग में सकता है वह राष्ट्र कैसे त्याग करेगा ऐसे नेता को बाहर कर देना चाहिए अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और पक्ष को यही नेता कमजोर करने में लगे हैं

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

    • @VijayKumar-gy1gr
      @VijayKumar-gy1gr Před 11 měsíci

      @@manojmukati7782l

  • @ManojKumar-ih1rg
    @ManojKumar-ih1rg Před rokem +51

    एक दम सही बात। राजस्थान पर कड़ा फैसला लेना चाहिए। चाहें राज्य में सरकार को गंवाना पड़े। तुरंत बर्खास्त

    • @tufailahmad472
      @tufailahmad472 Před rokem +2

      Bilkul sahi

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @MrSandip14
    @MrSandip14 Před rokem +8

    Sachin Pilot should be made Congress chief! He could be a game changer!

  • @master_gaming269
    @master_gaming269 Před rokem

    भारत जोड़ो यात्रा मैं शामिल भारत यात्री कल भारत मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभाऐ

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +75

    🎅 साहेब कहते है अमृतकाल चल रहा मगर वास्तव में इस समय देश में "इ.डी." काल चल रहा है.

    • @milansopariwala1350
      @milansopariwala1350 Před rokem

      Fatt k flower ho gayi hai kyu🤬

    • @pritampriyadarshi8876
      @pritampriyadarshi8876 Před rokem +1

      Mere yaha ED nahi aaya

    • @shyamendrachitranshi9683
      @shyamendrachitranshi9683 Před rokem +2

      कर्म ही ऐसे ना करें कि ED CBI के एक्शन की जरूरत आन पड़े, ये दोनों तो बस जांच एजेंसी है आरोपों पर फैसला तो माननीय कोर्ट को करना होता है

    • @SurenderSingh-of8lv
      @SurenderSingh-of8lv Před rokem

      Tumhare me dane nahi or dosh bjp par phele apne girahban me jhaak chamche

    • @SurenderSingh-of8lv
      @SurenderSingh-of8lv Před rokem

      Waah re gulam vajpayee

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +53

    गोदी मीडिया के जितने भी एंकर है उनके लिए नया नाम "हुड़कचुल्लु" 😎
    कैसा रहेगा कृपया कमैंट्स के माध्यम से अपनी राय जरूर दे.

    • @subodhgmsingh4913
      @subodhgmsingh4913 Před rokem

      Sahi rahega

    • @omveeryadav5500
      @omveeryadav5500 Před rokem

      सही रहेगा

    • @shivlalpal7652
      @shivlalpal7652 Před rokem

      Sahee rahega

    • @pransultiwari4011
      @pransultiwari4011 Před rokem

      Good

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @rampyare2641
    @rampyare2641 Před rokem +1

    Excellent presentation thanks so much mimicry and true news analysis

  • @razzakaazmi1108
    @razzakaazmi1108 Před rokem +1

    50,50 साल तक राजनीति की फिर भी कुर्सी की लालच गई नहीं एसे नेता न देश का भला न जनता का भला न पार्टी का भला कर पाते ह नई पीढ़ी के नेता आने चाहिए नई सोच देश अअगे ले जाएंगे सिंधिया सचिन नई सोच के नेता थे नौजवान ह बूढे लोग अब रिटायर हो जाना चाहिए

  • @india3205
    @india3205 Před rokem +112

    न हिंदू खतरे मे है और न मुस्लिम खतरे मे है
    वास्तव मे गोदी मीडिया के वजह से अपना हिंदुस्तान खतरे मे है।गोदी मीडिया के खिलाफ सड़को पे आओ मेरे भाईयो

    • @mrak9418
      @mrak9418 Před rokem

      👍👍👍👍👍

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      PFI के इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के कारण देश खतरे में है।

  • @sonusinghsikarwar3466
    @sonusinghsikarwar3466 Před rokem +11

    सर, इतनी सच्चाई शायद ही कोई बताए जो आपने कही है
    आप जैसे पत्रकार हमेशा याद रखें जायेंगे 🙏

  • @RajuSharma-fy8gn
    @RajuSharma-fy8gn Před rokem +1

    हम भारत जोड़ो यात्रा के साथ है हम राहुल गांधी जी के साथ है 🙏🏻🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @dilipverma5099
    @dilipverma5099 Před rokem +31

    बहुत शानदार विश्लेषण सर...
    राजस्थान के इस खेल के पीछे गहलोत ही है, पीछे सिर्फ पियादे ही है, दस दिन पहले ही गहलोत और धारीवाल की मीटिंग हुई थी उसमे ही साफ हो गया था....

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +151

    पंडित नेहरू जी को नकारने वाले यह स्पष्ट तौर पर जानले पिछले 8 सालों से देश की जिन संपत्तियों को बेच-बेच कर सरकार चला रहे वो सभी नेहरू जी के द्वारा ही बनायीं गयी थी.

    • @hemlatapanwar6408
      @hemlatapanwar6408 Před rokem +1

      Bahut achhai

    • @mahavirprasadmachhi8277
      @mahavirprasadmachhi8277 Před rokem +2

      Nehru ghar se laya tha kya ye janta ke paiso se banna h

    • @omveeryadav5500
      @omveeryadav5500 Před rokem

      Right

    • @make-all-video.by.sahil.
      @make-all-video.by.sahil. Před rokem +2

      Sar Agar is bar Modi a gaye to ismein Bhi Koi shak Nahin Hoga Ki ham log na Bik Jaaye vah kab kisse advance Lekar baith Jaaye Ham logon ka aur bad Mein Koi Ham Logon Ko Gulam banaa le Kyunki paristhiti aise hi hai isliye Kahta hun Rahul Gandhi Ji ko Samne Aana Hi Padega Desh Ke

    • @mahavirprasadmachhi8277
      @mahavirprasadmachhi8277 Před rokem +1

      @@make-all-video.by.sahil. bhai congressiyo ko taayaar karo 2024 ke liye aur thoko taali

  • @anandarozade4458
    @anandarozade4458 Před rokem +2

    इ वी एम मशीन का विरोध कीजिये सर जी.आप और आपके चानल को सलाम है सर जी.

  • @user-tf1mx9li6m
    @user-tf1mx9li6m Před rokem

    आप सत्य के साथ चलते हैं आपको शत-शत नमन

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +40

    क्या गजब चल रहा देश में-
    कभी सीबीआई को तोता कहा गया था
    तो अब ई डी क्या है तोती !!

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +80

    सबसे हास्यास्पद यह है की गोदी मीडिया की खबरों पर आम जनता तो छोड़िये स्वयं अंधभक्त भी भरोसा नहीं करते पीठ पीछे वो भी यह कहते पाए जाते है बिके हुए है सब.

    • @pritampriyadarshi8876
      @pritampriyadarshi8876 Před rokem +2

      Sabhi apna alag chasma pahne hue hai

    • @pritampriyadarshi8876
      @pritampriyadarshi8876 Před rokem +2

      Sabhi aadmi ko yahi lagta hai ek hum hi sahi bol rahe hai baki sab murkh hai

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      नाचने वाले के बिकने की कीमत हर रात अलग होती है।
      ईटली 😂🤣😀

  • @hemachavan9241
    @hemachavan9241 Před rokem +1

    राहुल गांधी की यात्रा चलती रहे 👍 असते कोई बाधा न आये 🙏

  • @kamrulislamkamrulislam3642

    Good 💯❤️💝👍💪👏🤲🤝 good

  • @mohammadatif7814
    @mohammadatif7814 Před rokem +5

    युवाओं को आगे बढ़ाया जाए और साठिया बूढ़ों को बाहर निकाल दिया जाए

  • @sajanjha614
    @sajanjha614 Před rokem +20

    राहुल गांधी गलती कर रहे हैं। उन्हें Congress प्रेसीडेंट पद का चुनाव लड़ने का निर्णय करना चाहिए

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @sushilaekka7448
    @sushilaekka7448 Před rokem

    Aapki jay ho sir sach bolne ke liye aapko ishvar ki aashirvad mile

  • @vinodjain7648
    @vinodjain7648 Před rokem

    आदरणीय पुण्य प्रसून बाजपेयी जी की कसमसाहट, दिल की तकलीफ समझी जा सकती है

  • @Godara_Gaming_YT
    @Godara_Gaming_YT Před rokem +18

    Happy birthday Manmohan Singh G you are really the greatest leader of Country

  • @shrikanttubaji21
    @shrikanttubaji21 Před rokem +35

    पुरे भारत वर्ष में सबसे जादा आप ही उमीद लगाये बैठे हैं प्रसूनजी बहोत बहोत धन्यवाद.

    • @stressout11
      @stressout11 Před rokem +1

      समय एक जैसा हमेशा नहीं रहता। एक से बढ़कर एक शासक आए और चले गए। भाजपा भी जाएगी।

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @riteshkr.agrawal846
    @riteshkr.agrawal846 Před rokem +1

    कहीं फैसला पंजाब की तरह न निकले?

  • @daleepsingh4749
    @daleepsingh4749 Před rokem +35

    सत्य कड़वा होता है, सच्चाई की जीत अवश्य होती है,समय बड़ा बलवान होता है

    • @shivanitiwari8623
      @shivanitiwari8623 Před rokem

      Itna patience do logo me hota h
      First, upsc aspirant
      Second, Khali baithe ch*tiyo me

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @RajeshVishwakarma-zr3br
    @RajeshVishwakarma-zr3br Před rokem +44

    बहुत सही विश्लेषण प्रसून जी यदि हाई कमान की इज्जत नहीं कर सकते उन्हे बाहर चले ही जाना चाहिए देखना गहलोत एक दिन गुलाम या अमरिंदर जरूर बनेंगे

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @sulemanzaid8723
    @sulemanzaid8723 Před rokem

    कांग्रेस को पुराने और युवा कांग्रेस नेताओं के सामंजस्य से कांग्रेस को चलाना चाहिए। पुराने कांग्रेस नेताओं से नए युवा नेताओं को उनके अनुभव से साथ रहकर सीखना चाहिए। पर आजकल राजनीति में देखा जा रहा है कि कुछ काम किया और इनाम (पद )हाथों-हाथ चाहिए नहीं तो विरोधियों से मिलने को तैयार हो जाते है। युवाओं नेताओं को धर्य रखना चाहिए। उनके पास लम्बा जीवन है। अगले चुनाव तक अपने को और पार्टी को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए। लड़ाई विचारों की है पद की नहीं। दल बदल लेने से जातिगत समुदाय भी मतदान में मन बदल लेता हैं। पत्रकार महोदय आप का विश्लेषण सटीक और निष्पक्ष है। मेरे विचार से सचिन जी को अभी मुख्यमंत्री के पद का विचार त्याग देना चाहिए और कांग्रेस को अगले चुनाव में वापस स्थापित करने का प्रयास करना चाहिये। अभी मुख्यमंत्री पद लेना काटों का ताज है। आपसी लड़ाई भूल कर कांग्रेस को मजबूत करने में सहयोग करे। आला कमान को कहकर आप (सचिन जी)गहलोत जी को ही मुख्यमंत्री स्वीकार कर लीजिए। आप का कद बहुत बढ़ जायगा। कांग्रेस वापस स्थापित हो जाएगी। और निश्चित रूप से आप ही मुख्यमंत्री बनेंगे। बाकी ईश्वर की कृपा।

  • @mohanlallakshkar6019
    @mohanlallakshkar6019 Před rokem

    दबंग धारदार शानदार पत्रकारिता श्री वाजपेयी जी

  • @ghanshyamtailors376
    @ghanshyamtailors376 Před rokem +14

    आयरन लेडी बनिए, इंदिरा जी की पार्टी है..... I इंदिरा की बहू हो ।।💪💪💪

  • @mangeshyadav744
    @mangeshyadav744 Před rokem +16

    कांग्रेस पार्टी के द्वारा शुरू की गई पद यात्रा में जो भीड़ हो रही है उसकी चकाचौंध किसी जगह कोई दिखाने को तैयार नही, फिर राजस्थान का राजनैतिक घटना क्रम ,बहुत कुछ कहती है, अब तो कांग्रेस के सामने कांग्रेस ही खड़ी हो गयी है

  • @saiprasadomane7735
    @saiprasadomane7735 Před rokem

    Prsun ji apko nawaratri ki Hardin suhbh kamnay

  • @ashokmehlawat7041
    @ashokmehlawat7041 Před rokem

    कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद।

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +67

    बीजेपी की एक महिला प्रवक्ता है उनका कहना है की 2014 में गैस सिलिंडर का दाम 1250/00
    साहेब 🎅 2022 में 1050/00 का दे रहे तो जनता को 200/00 का शुद्ध मुनाफा.
    वाह भाई क्या गजब ज्ञानी लोग भरे हुए है बीजेपी में.

    • @DON-ch4un
      @DON-ch4un Před rokem

      BJP Mai donkeys ki koi kami nahi hai...

  • @aanjaneypcsclasses
    @aanjaneypcsclasses Před rokem +19

    Priyank Gandhi must take over - Desh aur Congress ki majbooti isi me hai

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ...........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @mohammedismail2233
    @mohammedismail2233 Před rokem

    सर आपको सादर नमस्ते मे ने आपसे बहुत सीखा हे दहन्यवादसार

  • @bbtiwari194
    @bbtiwari194 Před rokem +1

    Always True Sir Prasoon ji...

  • @Madhu2405
    @Madhu2405 Před rokem +84

    आपका अंदाज़ वही पर विषय बिलकुल अलग. हमारे देव साहब 😊! बहुत भाया आज का एपिसोड. ख़ुशी के आँसू कब उमड़ पड़े पता ही नहीं चला….

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      सितंबर 2021 ➡️पंजाब
      सितंबर 2022 ➡️राजस्थान
      ज्योतिरादित्य सिंधिया , कपिल सिब्बल , गुलाम नबी आजाद , अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , गोवा के 8 कांग्रेस विधायक आदि द्वारा जिस राह पर चलते हुए कांग्रेस छोड़ने पर जिस अशोक गहलोत ने राग दरबारी गाते हुए उन सभी को खरी खोटी सुनाई थी , आज वही अशोक गहलोत भी उसी राह पर जा रहा है।
      "दूसरे का घाव तमाशा और खुद का घाव दर्दनाक " - अशोक गहलोत
      पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस सरकार के पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए
      एक पूर्व क्रिकेटर रह चुके कांग्रसी को बगावत करने के लिए जुलाई 2021 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया
      (( जिसे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हुए चार साल भी नहीं हुए थे और भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पप्पू की उपाधि से अलंकृत किया था ))
      और
      अपनी ही पार्टी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में फूट पड़वाई।
      साथ - ही - साथ
      एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी बना दिया जिस कारण ये कांग्रेसी प्रभारी पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान देने में असमर्थ रह गए।
      सितंबर 2021 में पूर्व सैनिक रहे कांग्रेसी मुख्यमंत्री के हटने पर क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने बकरी का दूध निकालने की योग्यता रखने वाले किसी चवन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
      ये क्रिकेटर रह चुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अब उस चवन्नी को ठिकाने लगाने के लिए फिर से अपनी ही पार्टी कांग्रेस को... ..... ....
      नतीजा ➡️दोनों सीटों से चुनाव हार जाने पर चवन्नी 8 महिने बाद तक विदेश में रहा और पता ही नहीं चलने दिया कि वो किस देश में है।
      दोनों ही राज्यों में कांग्रेस जहाँ सरकार में थी सरकार गंवा दी जहाँ सरकार बना सकती थी उसे भी गंवा दिया
      और कांग्रेस के साथ - साथ कांग्रेस के उपरोक्त सभी बड़े नेता भी चुनावों में ........🤔🤔🤔🤔
      क्रिकेटर रहे चुके प्रदेश अध्यक्ष से ठीक पहले अध्यक्ष रहे मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार पूर्व लोकसभा सांसद वरिष्ठ नेता ने चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कुछ महिनों बाद
      भाजपा का दामन संभाल लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें केवल इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वो एक हिंदू है।
      ये वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर
      "झाड़ू" लेकर कांग्रेस को उतना नुकसान शायद ही पहुंचा पाते जितना उन्होंने "हाथ" पकड़े हुए पहुंचा दिया है।
      लगभग प्रत्येक प्रांत की कांग्रेस इकाई के साथ शीर्ष नेतृत्व ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। पद देते समय पार्टी या देश प्रदेश का हित देखने के बजाय व्यक्तिगत पसंद को वरीयता दी जाती है और युवाओं को तो मुख्यमंत्री बनाया ही नहीं जाता कि कहीं वे मजबूत होकर राहुल गांधी से आगे ना निकल जाएं इसके उदाहरण ➡️जगन मोहन रेड्डी , सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि।
      फिर ऐसा करने से चाहे
      कांग्रेस की चुनावों में "जनता पर पकड़" भले ही ढीली पड़ जाए लेकिन कोई क्षेत्रीय मजबूत कांग्रेस नेता आने से "परिवार की पकड़" कांग्रेस से ढीली नहीं होनी चाहिए।

  • @wonder764
    @wonder764 Před rokem +5

    देश में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का उत्थान कांग्रेस पार्टी ही कर सकती हैं 🙏

  • @narendraranka1305
    @narendraranka1305 Před rokem

    Jai Jai Rajasthan

  • @user-cv3dy1gv6n
    @user-cv3dy1gv6n Před rokem

    जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम

  • @jagatkamboj9975
    @jagatkamboj9975 Před rokem +7

    राहुल गांधी को कङे फैसले लेने होंगे
    जिसको जाना था जाऐ और वो जा भी चुके हैं
    अब खोने को कुछ नहीं है
    जो होगा हासिल ही होगा

  • @tarasinghkhalsa2001
    @tarasinghkhalsa2001 Před rokem +21

    एक इतिहास लिखा जा रहा है
    गद्दारों का और
    वफादारौं का

    • @tekchand9180
      @tekchand9180 Před rokem

      Thanks a lot Prasun Ji for analytical and critical analysis of all political problems you have been doing. Majority of right thinking persons Salute yr truthful and impartial Journalism

  • @tanveerkhan-mi2zr
    @tanveerkhan-mi2zr Před rokem +4

    Incredible analysis Sir 🇮🇳 👌👍

  • @nawabalikhan7766
    @nawabalikhan7766 Před rokem +1

    Congress. High command Rahul gandhi 2024 log shabha ka candidate Vijay ki chuniti Dene wale ho us ko tictac candidate ho Vijay wale Vijay wala

  • @nirmalbharti9373
    @nirmalbharti9373 Před rokem +7

    बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान ज़ी 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ravishkumar9089
    @ravishkumar9089 Před rokem +64

    बीजेपी से सवाल-
    अरे भाई जब आपको यक़ीन है की पिछले 8 सालों के शाषन में आपने देश को अच्छे दिनों से लाद दिया है तो इतनी बेचैनी क्यों है ?

    • @niranjanpradhan4911
      @niranjanpradhan4911 Před rokem +1

      Bharatiya janata party ka no problem, problem is rabish kumar ka hai.

    • @user-xj3fu6du4n
      @user-xj3fu6du4n Před rokem

      कहाँ है बेचैनी 🤔🤔

  • @bharatk6120
    @bharatk6120 Před rokem +1

    प्रियंका गांधी बेस्ट ऑप्शन है.. इस वक्त...

  • @baljinderdhiman1282
    @baljinderdhiman1282 Před rokem +1

    सर आप का एक एक शब्द अनमोल है।

  • @RajeshKumar-fb6dy
    @RajeshKumar-fb6dy Před rokem +35

    सही कह रहे हैं सर अशोक गहलोत से किसी को भी ऐसी घटिया पन की उम्मीद नहीं थी

    • @rameshbharara8858
      @rameshbharara8858 Před rokem

      CONGRESS KO SAKHAT FAISLE LENE HONGE AUR BELGAM HO RHE NETAON KI LGAM KHICHNI HOGI TBHI KAAM CHALEGA

  • @mkbymithilesh7760
    @mkbymithilesh7760 Před rokem +12

    बहुत सुंदर पत्रकारिकता।

  • @kamalraj-ll7uu
    @kamalraj-ll7uu Před rokem

    कांग्रेस मुक्त हो

  • @devendrasingh9092
    @devendrasingh9092 Před rokem

    बहुत अच्छे

  • @satishkishanhaitaojahanhai8913

    Happy birth day Dr sh Manmoha g baar baar 🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 nice nice nice purab PM jai Bharat jai hind

  • @vishal-sir.
    @vishal-sir. Před rokem +3

    देश को बचाने के लिए कांग्रेस की आवश्यकता है।

  • @rishik4730
    @rishik4730 Před rokem

    चुनाव की घोषणा करेगा 10 जनपथ।

  • @bhoopendrasingh5210
    @bhoopendrasingh5210 Před rokem +4

    जब एक तरफ सारा मीडिया नतमस्त हो गया है तब आप एक सच्ची पत्रकारिता कर रहे हो इतिहास आप को याद रखेगा 👏👏

  • @sushiloraon3338
    @sushiloraon3338 Před rokem +20

    कांग्रेस एक ऐसा पार्टी है जो बर्बाद होने के लिए किसी का मोहताज़ नहीं है🙏🙏🙏!

  • @arjunsondhiya9665
    @arjunsondhiya9665 Před rokem +10

    बहुत सही विश्लेषण आदरणीय वाजपेई जी