गढ़वाली सोंग परम तपस्वी परम शैव ब्रह्मलीन हिरेमठ जी के कंठ से.आपकी वाणी सदेव हम सभी लोगों के बीच अमर
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- čas přidán 14. 05. 2024
- गढ़वाली सोंग परम तपस्वी परम शैव ब्रह्मलीन हिरेमठ जी के कंठ से.आपकी वाणी सदेव हम सभी लोगों के बीच अमर
bramleen hiremath ji mahraj garhwali song
viral song
singer 🎤🎤🎤 bramleen hiramath ji maharaj
जय हो
समाचार पढ़ कर विश्वास नहीं हुआ,आप लाखों हृदयों में बसते हैं
बाबा केदारनाथ की स्तुति पहली बार आपके मुखारविंद से सुनी थी
जय केदार जय उत्तराखंड
उत्कृष्ट पस्तुती आपकी गाथा व अपके अमृत बाणी की गुंज हमारे बीच अमर रहेगी😢
आपकी, वाणी अमर रहे
ये हमारा सौभाग्य है कि हम गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के संगीत का आनंद ले रहे हैं 🔊🎹🎵
उत्तराखंड मेरि मातृभूमि, मातृभूमि मेरि पितृभूमि ओ भूमि तेरि जय जयकारा म्यार हिमाला🌋🗻🏔🌄
🙏🚩🍀🌷📿 शत् शत् अमर नमन📿🌻🍀🚩🙏
Jai ho balaji maharaj ki sa
आपकी बाणी अमर
😢 Om Shanti
,🙏🏻🌹 शत् शत् नमन 🌹🙏🏻
🙏🌹🙏🌹🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤❤❤
Waao ❤❤
Parmatma ki stuti h isko sahastrar par suno.
❤️🙏🏻
कृपया कोई सज्जन इस गाने का हिंदी अर्थ बताइए ...
उन बैरी लोगों की भी वृद्धि हो जाए जो पीठ में घाव लगा गए,
हमेशा खुश रहें वे दोस्त भी जो ठीक हो चुके घाव पुनः हरे कर गए,
सलाह तो दूसरों की ही होती है किंतु
सगोर ( काम करने या जीवन जीने का तरीका) तो अपना ही होता है..
नि खै जानी (अर्थात, मैं तब भी जीवन जीना नहीं सीख पाया)
क्य कन तब ( क्या करना है तब..)
लाया था अपना भाग्य छांट करके ही,
दिया था विधाता ने अपनी अंजुली से,
सलाह दूसरों की , सागोर अपना,
नि खै जानी, क्य कन तब.....!!😇
@@PiyushSundriyal बहुत बहुत धन्यवाद आपका..
@@manjaree109पिछली बार मैंने भी आपको शब्दार्थ की जगह भावार्थ बताया था, यह गीत आम इंसान का जिया भोगा सच है जिसे आध्यात्मिक आवरण देकर ख़ास गंभीर किस्म के दर्शकों के बीच अजर अमर कर दिया है, यह गीत पं हिरेमठ की आवाज में जायदा लोकप्रिय हो रहा है, दर्शकों की संख्या भले ही कम हो🙏🙏🙏
@@BharatSingh-fj4vj जी , बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏
🙏🙏❤️❤️
आपकी वाणी सदैव अमर रहेगी ,बाबा केदार् पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे 😢ॐ शांति 🙏🏼
हर हर महादेव