कबीर : Kabir : रामेश्वर राय : Rameshwar Rai in Rachayita
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- čas přidán 9. 08. 2022
- हिंदी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण विचारधारा के प्रमुख कवि कबीर पर सुनें दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के प्रोफ़ेसर रामेश्वर राय जी का विशेष व्याख्यान
#रचयिता #rachayita #rachayitathecreator #रामेश्वर_राय #rameshwarrai - Zábava
कबीर को समझने की एक संवेदनशील,जीवनकेंन्द्री दृष्टि रामेश्वर जी के शब्दों से मिलती है।पुस्तक से दूर रहकर कैसे कबीर के शब्द को अनुभूत करनेका सबल प्रयास है।आभार।
आपका तहे दिल से शुक्रिया सर
सब पूर्ण सन्तो का उपदेश सारी मानवता के लिए साँझा होता है और एक ही उपदेश होता है कि परमात्मा से बिछुड़े हूये अंश आत्मा को कैसे परमात्मा से मिलाया जाये । उनके जन्म के उपर जातिवादी मानसिकता से ग्रसित स्वार्थी तत्वों ने कई भ्रम फैला रखे हैं इस पर न जाकर हमें उनके उपदेश को समझकर उस पर अमल करना चाहिए, पर अफ़सोस संन्तो की बाणी की सही व्याख्या कोई पूर्ण सन्त ही कर सकता है जिसको ख़ुद रूहानी मंडलों का अनुभव हो क्यों कि उनकी भाषा संकेतित होती है जो शाब्दिक अर्थ से अलग होती है धन्यवाद जी
पानी से पैदा नहीं स्वांसा नाहि शरीर
अन्न आहार करता नहीं ताका नाम कबीर
@@dharampaldahiya9808 बिल्कुल सही बात जी🙏❤️
💐तू कहता कागद की लेखी, मैं कहता आँखिन की देखी।
💐संस्कृत के लेखक,इतने सावधान थे की उन्होंने,लुंबनी, रुम्मिन दाईं,कपिलवस्तु, उरूवेला, कुसीनारा जैसे नगरों तक का भी उल्लेख क्यों नही किया??
💐कबीर का बौद्धिक आंदोलन ना तो भक्ति आंदोलन है,ना ही लोक जागरण, बल्कि यह हाशिए के लोगो का आंदोलन ।
💐भाई कबीर कुम्हार,जुलाहा,रंगरेज आदि को ही क्यों ईश्वर मानता है????
💐कबीर कृषि कर्म से जुड़ी धान की बुआई, निराई, गुड़ाई सहित पूरी प्रक्रिया का वर्णन क्यों करते है?
वे आंख के रोने को रहट का पानी क्यों कहते है??
कबीर के काव्य में कोल्हू,अहरनी,टांकी, धन,धवनी,आरा, लेंहडा, छछीहारी आदि शब्द बिंब कहां से आए??
💐कबीर के"अमरदेसवा"में कोई वर्ण / जाति भी नहीं है। ... ब्राह्मण छत्री न शुद्र बैसवा,मुगल ,पठान,नहीं सैय्यद,सेखवा।आदि जोति नहीं गौर गणेसवा,ब्रह्मा, विस्नु महेस न सेसवा।।... अमर रहे अमरदेसवा।।
💐कबीर पर भारत से ज्यादा विदेशो में शोध/ काम क्यों हुआ? इटालियन विदवान मार्को डेला तुम्बा का 1798 में ज्ञान सागर, इंग्लैंड के कैप्टन price द्वारा 1780 में बीजक, फ्रांस के विद्वान हैरियट ने " A memwa on Kabir" प्रकाशित की.
💐 हिंदी साहित्य का पहला इतिहास फ्रेंच भाषा में गर्सा दसोती द्वारa 1839 में छपा?
सिख समाज के आदि ग्रंथ में सबसे अधिक कबीर साहब की 224 वाणी है.
लेकिन भारत के नवजागरण काल में दयानंद सरस्वती ने ऊपहास किया? आचार्य रामप्रसाद शुक्ल ने कबीर की भाषा को saadhukadi/ पंचमेल खिचड़ी कहा?? हा, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को वाणी का dictator कहा..
💐 कबीर पर पश्चिम देशो में शोध कार्यों का कबीर का इसाईकरन का आरोप भी लगा.कबीर पर पहली पीएचडी इंग्लैंड में हुई.
भारत मे भी श्याम सुन्दर दास ने कबीर ग्रंथावली का सम्पादन किया.
तो फिर ऐसे महान कवि को राष्ट्रकवि क्यों नहीं माना जा सकता?? सस्नेह
Exellent proffesser saheb... Your review on kabeer is really outstanding...... Kabeer is a humanitarian voice of human civilization.... Which attacks on religious and rusted social customs 💐💐💐🙏🙏🙏🙏💐
आपका तहे दिल से शुक्रिया
पानी से पैदा नहीं स्वशा नहीं शरीर, ।
अन्न आहार करता नहीं ताका नाम कबीर।।
आपका तहे दिल से आभार।
काका केवल ब्रह्म है, ब बा बीज शरीर। रा रा सबमें राम रहा,ता का नाम कबीर।।
सुंदर
कबीर क्या कवि थे लेकिन कबीर का कृतित्व एवं व्यक्ति व्यक्तित्व के बारे में जानने के लिए बहुत बड़े विचारक बनना हैगा
कबीर के इतने सारे रूप जानने के बाद, आज समझ में आया क्यों हमें कबीर का रहस्य वाद पढ़ना चाहिए।
शायद वहीं की ओर से कोई रास्ता मिल जाए..
आपने बिलकुल सही कहा। कबीर को पढ़ना बेहद ज़रूरी है। कृपया इसे अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।
कबीर पूर्ण परमात्मा हैंं
शुक्रिया
कबीर बुद्ध के धम्म के महासंवाहक हैं।
शुक्रिया
Sat saheb ji
आपका तहे दिल से आभार
Kabir ke vicharon ko bharatvarsh mein failane ke liye aapko bahut bahut dhanyvad
तहे दिल से शुक्रिया
वैचारिक दरिद्रता का आदर्श नमूना है यह व्याख्यान। 'शास्त्र' की ऐसी व्याख्या आप ही कर सकते थे। धन्य है आपका ज्ञान। क्या हो गया है हम सबको। क्या सच में हम सबने पढ़ना-लिखना छोड़ दिया है?
Very good exposition of Kabir to begin with. Thank you, sir.
आपका तहे दिल से शुक्रिया
कबीर साहेब प्रकट हुए हैं कबीर का जन्म नहीं है वो अजनमा है
@@dharampaldahiya9808 आपका तहे दिल से शुक्रिया
निर्गुण धारा के.., रहस्य वादी महान संत ,विचारक
कवि..,, कबीर ..,के जन्म.., रचनाओं,, यथार्थ दर्शन के
विशद वर्णन के लिये आपको धन्याति ,धन्य डा.रामेश्वर महोदय.., वंदन...🙏🌺🍀
आपका तहे दिल से शुक्रिया। कृपया इसे अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।
कबीर की सच्ची धार्मिकविवेचना का सच्चाई से सम्बोधित किया है
आपका तहे दिल से शुक्रिया
कबीर सब के हित की बात करते है
बिलकुल जी
Bilkul sahi hai
Behatareen
आपका तहे दिल से शुक्रिया
❤❤❤❤❤
शुक्रिया जी, जरूर शेयर करें
बहुत ही विस्तार से प्रोफेसर साहब ने बताया। आपके विचार पाखंडवाद से अलग है वास्तविक है। मै आपके विचारों से पूर्ण रूप से सहमत हूँ। Sir गुरु रविदास के बारे मे व्याखान करे। साहेब बंदगी साहेब।
तहे दिल से शुक्रिया
Bilkul sir ji❤
Ha ji sir
@@DEEPAKCHARPOTAOFFICIAL तहे दिल से शुक्रिया सर
@@techstudy6486 तहे दिल से शुक्रिया सर
जहां तक कबीर के वैचारिक पक्ष का प्रश्न है,वह हिंदी साहित्य के शिखर पर बैठे दिखाई देते हैं।
तहे दिल से शुक्रिया
जो तोको कांटा बोए ताहि बोए तू फूल !
तोको फूल का फूल है ,वाको भी हो फूल !!
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤
तहे दिल से आभार
सत साहेब जी
तहे दिल से शुक्रिया
कबीर सबके मन और मानवता के है। कबीर के (सत्य) प्रेम सागर में डुब कर राम भी सबके हों जातें हैं। वहीं राम जो किसी निष्ठुर पत्थर के मुर्ति और किसी देश या संप्रदाय में नहीं,बल्कि धरती पर जहां भी मानवता और मानव सभ्यता जीवित हैं सभी जगह कबीर के राम ही राम है । कबीर के राम सुख के लिए है, दुःख के लिए नहीं। कबीर के राम(सत्य)प्रेम के लिए है,नफ़रत के लिए नहीं। .कबीर के राम लौकिक सत्ता के लिए है, हां ..भौतिक सत्ता के लिए कभी नहीं !
संसार के लोग भगवान की चर्चा ही करते रहे मैने प्रभू को पा लिया। कबीर साहेब की कृपा से।
बहुत सुंदर बात सर। आपका जीवन धन्य हो
Kabir supreme lord .,Saint Rampal is kabir lord kabir
Wish Kabeer is made mandatory in syllabus
कबीर syllabus में हैं और हमेशा रहेंगे
Vikash divyakriti Sir को सुनने के बाद आ गया. मजा आ गया.
तहे दिल से आभार
मै भी
आपके पूरे लेक्चर में एक बहुत बड़ा फॉल्ट है Jo sampreshan Ramanand se Kabir ko prapt hua और उन्होंने गुरु की महत्ता को जीवन भर प्रतिपादित किया उसका आपने अपने इस लेक्चर मे जिक्र तक नहीं किया क्योंकि आप केवल बौद्धिक हैं आध्यात्मिक नहीं 🕉️🙏
❤🙏
आपका तहे दिल से शुक्रिया
ऐसी कृपा दृष्टि नहीं हुई होगी जैसे मुझ अपराधी पर प्रभू ने की।
@@Vijay_pal_Singh734 आप धन्य हैं
साहेब बन्दगी
तहे दिल से शुक्रिया
राय साहब की तारीफ तो अपने शोध छात्र गुलाब से सुनता रहा हूँ, पर राय साहब को पहली बार सुना और ध्यान से सुना और वह भी कबीर पर, जिनको मैं वर्षों से पढ़ता -पढ़ाता ही नहीं, बल्कि जीता भी रहा हूँ।
अच्छा लगा। तारीफें गलत नहीं हैं। कम लोग हैं अब हिन्दी में, जो इतने सधे ढंग से इतनी सारी गंभीर बातें कर सकें।
जिन लोगों ने भी ये वीडियो बनाया है, उनको भी धन्यवाद और बधाई और शुभकामनाएं। वे राय साहब के और भी वीडियो बनाएं - दिखाएं, और औरों के भी।
पर ये 'और' भी इसी स्तर के हों।
आपका तहे दिल से शुक्रिया। हम इस तरह के video और भी जल्द यहाँ अपलोड करेंगे। हम जल्द एक offline भी इवेंट सर का करवाएँगे। तब तक अप कृपया इसे अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।
Bahoot Soondar prayash 🙏 Kabir jee ki bichaar yahaan rakhneki .
आपका तहे दिल से शुक्रिया जी
@@rachayitathecreator932 🙏
@@radhakantamahapatra5424शेयर जरूर करें 🙏🤗
बहुत विषद व्याख्यान के लिए डॉ रामेश्वर राय को साधुवाद। कबीर के काल की गहरी जानकारी मुहैया करायी है।
आपका तहे दिल से शुक्रिया। कृपया इसे अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।
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Sunkar mann ko badi Shanti aur sukun Mila gajab samiksha
आपका तहे दिल से आभार
तीक्ष्ण , सार्थक ,और समग्र चिन्तन परक व्याख्यान।सारी गुत्थियां को सुलझाने और सही पर्याय की तलाश में वक्ता की उन्मुखता
तहे दिल से शुक्रिया
पाखंड का विरोध, सतनाम का ज्ञान, आत्म का ज्ञान.
जी सही कहा आपने
11:18
प्रेम ही जीवन का वह रास्ता है जिससे हम जीवन को समझ सकते हैं या प्रेम भी जीवन का वह रास्ता है जिससे हम जीवन को समझ सकते हैं। जीवन का रास्ता जितना विविध व व्यापक होगा उतना ही समावेशी क्योंकि अंततः मनुष्य कोई गोभी का फूल तो नही जो हर बार उसी तरह उगे।
धन्य व प्रबुद्ध महसूस कर रहा हूं आपको सुनने के बाद।।।
तहे दिल से शुक्रिया
बहुत बहुत धन्यवाद" सर " इतना सटीक ज्ञान देने के लिए 🙏🙏✨
आपका आभार
Sat sahib ji Kabir is god
तहे दिल से आभार
सत साहेब
शुक्रिया
आदरणीय प्रोफेसर जी कबीर विषय बहुत जटिल है
बिलकुल है जी
आपको सुनने की बहुत दिली इच्छा थी जो पूरी हुई ...आपकी तारीफें तो भर भर के सुनी थी वास्तव में आपका के विश्लेषण का तरीका बहुत ही अच्छा है👏👏
आपका तहे दिल से शुक्रिया कि आपने यहाँ सुना। हम जल्द एक offline इवेंट करवाएँगे सर का उसमें ज़रूर आइएगा। तब तक के लिए इसे कृपया अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।
Namaskar ji. I couldn't not stop praising your evaluation of Kabir ji. Very well articulated and meaningful explanation. Thanks, please keep uploading such insightful videos. MAA saraswati has blessed you with such profound knowledge (gyana) let it be for common people and coming generations.thanks again.
@@anilsharmaenglish60k जी शुक्रिया, रामेश्वर जी का एक playlist है हमारे चैनल र जिसमें आप उनके अन्य लेक्चर्स भी सुन सकते हैं। धन्यवाद
आनंद आ गया आपको सुन कर 🥰❣️
आपका तहे दिल से आभार।
विस्तार से समझाने के लिए ❤ से प्रणाम सर जी
आपका तहे दिल से आभार
Kabir was humanist and reformer....of religious dogmas both hindu as well as Muslim...he is against the formal organization of religions...he is pure humanist...
आपका तहे दिल से शुक्रिया
पोथी पढी पढी जग मुआ ,हुआ न पंडित कोय !ढाई आखर प्रेम का पढे सो पंडित होय !!🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
सुंदर बात
🙏 साधुवाद , बहुत ही अच्छी और स्पष्ट व्याख्या।
तहे दिल से शुक्रिया
अद्भुत....सर सादर प्रणाम
तहे दिल से शुक्रिया
I have heard Prof. Agarwal, JNU and several other scholars' take on Kabir. I heard very first time Prof. Ray. He enlightens me with his selection of words and the way he proceeds in this particular talk on kabir is really inspiring for me. His portrayal is like river flows. I am really enthralled. Mind blowing work dear Rachayta team and specially Pushpam bhaiya. Lots of love.. 😍😍😍😍🥰 Thank for this lecture.
शुक्रिया
अद्भुत
बगैर प्रमाण की बातें करना मूर्खता का प्रमाण देना है
Jankari
बहुत शानदार सर
शुक्रिया
🙏🙏🙏
शुक्रिया
Bahut bahut dhanyawad sir
शुक्रिया
Upsc k dauran aapke sanidhya k karan hi sahitya ki asli samjh vikasit hui …
शुक्रिया
Pandit jii
तहे दिल से आभार
विधवा ब्राह्मणी का नाम, गांव, कोनसा है, विधवब्राह्मणी के किस्से अवेद सम्बन्ध थे,उसका नाम, गांव कोनसा है ब्राह्मणों ने इस चरित्र हीन ब्रह्माणी पर क्या एक्शन लिया, और इन घटनाओं को मूल स्रोत क्या है
Bahot dhanyawad sir
Aap Du me kon se subject ke professor hai
सर हिंदू कॉलेज में हिंदी के प्रोफेसर हैं।
भारतीय भाषा विज्ञान में पाली प्राकृत और हिंदी की परिक्रमा के पथ से हिंदी साहित्य जो विश्व विद्यालय में पढ़ाया जाता है उसमें कबीर को आप वर्तमान हिंदी साहित्य लिखा जाए तो आप उन्हें किस स्थान पर स्थापित करेंगे?
महत्व ये नहीं कि कहां और किस मां के गर्भ मे जन्म लिए महत्वपूर्ण योगदान ज्ञान का है
Church'a jari rakhe kabirji sunaneko milenge
आपका तहे दिल से शुक्रिया
हकीकत तो यह है कि जो कुछ भी हम कबीर के बारे में पढ़ते सुनते हैं वो दूसरों ने लिखी और कही है और वो भी अपने अपने पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो कर क्योंकि कबीर ने भौतिक पढ़ाई-लिखाई नहीं की थी और न ही भौतिक जीवन जीया!!
जी हो सकता है आपकी बातें सच हो
It is nice talk. You used to talk the same way when in Jublee Hall. North Campus. Atul kumar
तहे दिल से शुक्रिया
आभार, प्रेम ❤❤
तहे दिल से शुक्रिया
क्या अभाव और समकालीन परिस्थितियों ने कबीर को इतना चिंतनशील बनाया ?
अगर कबीर का जन्म उस समय न होकर आज के डेट में हुआ होता तो क्या कबीर की दृष्टिकोण इतनी तेज और मोहक होता ??
15 वीं शाताब्दी में तो लेखन कला और सरंक्षण गृहों का काफ़ी विकास हो चुका था फिर कबीर का जन्म और वर्णों को लेकर इतना डाउट क्यों ??
कबीर प्रकृति के अनुयायी थे,संसार में जो कुछ घटित हो रहा है वह अटल है और प्रकृति के नियम अनुकुल है.वेद शास्त्र सब मानव ने अपनी स्वार्थ को ध्यान में रख कर बनाये है इसलिय उनसे मानव कल्याण की अपेक्षा नहीं की जा सकती है.
कबीर कहते की जब तक मानव प्रकृति के अनुरुप नहीं चलेगा, दुख पाता रहेगा.आज यानव इतना विकास करके भी क्यों दुखी है, क्योंकि वह प्रकृति विरुद्ध आचरण कर रहा हैं.
Respected. Professor saheb you should read Kabir beejak trijya aap Kabir ke aas pass bhi nhi h .aap unki ek Ramaini ka bhi arth bataeye
Kabir is god
तहे दिल से आभार
Excellant. Sir, kabhi kabhi Sant Rabidas ji ko bhi boliey
आपका तहे दिल से शुक्रिया, जरूर आगे हम उनपर भी वीडियो लाएँगे
Or batao sir Kabir saheb k baare me
आपका तहे दिल से शुक्रिया
अद्भुत लाजवाब जी ! हमारे चैनल पर आपका अतिथि के रूप में स्वागतम !!!💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
तहे दिल से शुक्रिया आपका
प्रोफेसर साहब नमस्कार।
आपके विचार एवं भाषण पूर्ण रूप से एक मूर्खतापूर्ण ही मानने योग्य हैं।
कबीर साहेब का ज्ञान आपके पास बिल्कुल ऐसे नहीं जैसे गधे के पास सींग नहीं।
जो लोग कबीर साहेब को मानने वाले हैं उन लोगों में से आप नहीं हो सकता।
आपके तार सीधे मनुवादियों से जुड़े हुए समझ आ रहे हैं।
आप स्वयं एक बार वीडियो सुनें।
और में आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि भविष्य में इस तरह का भाषण न दें।
आप कागज़ और अक्षरों के ज्ञाता है कबीर साहेब का ज्ञान कागज़ और वावन अक्षरों से परे।
जानने की जिज्ञासा है तो समय के तत्वदर्शी की शरण में जायें।
धन्यवाद।
आप स्वयं जिम्मेदार हैं जो आपके समझ में नहीं आया ये प्रोफेसर साहब को ब्यर्थ दोष दै रहे हैं
Aap ne bhuat hi acchi Tare aap ne samjha sahab ko ley kar par Mera question hai aap sahab ko kya samjhte hai ye or dusra question hai ki aap pad kar samze hai ya samz kar pade hai
👏👏👏
@@aanandprembhu1139 शुक्रिया जी
@@aanandprembhu1139 शुक्रिया जी
Sir very good
Apse ek request hai ki main ne 40sal tak spiritual matters me study Kiya hai.aspecially about lord kabirsahab.
Kabir sahab apni ma ke kookg se kanme the.
Normal birth tha unka.
Kabir sahab ka kanam vankar ya bunkar jati me janam hua tha.dusri bate galat hai.
Talab se mile ye bat joothi hai
महोदय उनके जन्म के बाद उनके माता पिता से तालाब के किनारे छोड़ दिए थे जिसके बाद उन्हें जुलाहे माता-पिता जिनका नाम नीमा और नीरू था उन्होंने उनका पालन पोषण किया था।
Sat sahib satguru sant rampal ji maharaj.
संत रामपाल जो कबीर को वेदों में देखता है जबकि कबीर वेद को मानते ही नहीं है😂😂😂
Kabir sahab ka kursinama hai 4 yug me 18 bar brhmanda chir kar dharti par aagman kar chuke hai brha manda yani ishwar ki khopdi tad kar aate rahe hai aur jeev cheta kar param purush ka pas chale jate hain tin lok brha mand ke bahar se aate hai aur jate hain jees dadh me aatma ka mul swrup hai
यदि हमें सही नहीं यह पता है कबीर का जन्म कैसे हुआ तो मैं यहां मान लेता हूं कि मेरे जैसा हुआ मतलब आम मनुष्य की तरह अब बात यह है कि महत्व जन्म रखता महत्व कबीर के महत्व संत कबीर के कर्म का है अब मानवता के लिए यह हितकर है कबीर के कर्म को आत्मसात करे
कबीर को जानना है तो संत रामपाल जी का साहित्य पढिए
सर नमस्ते,
संत रामपाल जी को उनके शिष्य लोग, कबीर परमात्मा मानते हैं, और कबीर को अजन्मा बताते हैं, संत रामपाल जी कहते हैं कि कबीर न जन्म लिया और न ही मरा है, और मंत्र से मानव जीवन से मोक्ष देने वाली मंत्र देते हैं।
क्या कितना सही हो सकता है?
IS it not ironical : Jo Kabir Samraday ke viruddh the fir bhi unke nam se hi ek panth hai , Kabir Panth
Kabir panth me jude
शुक्रिया
इतने बड़े होकर इतनी छोटी बाते बगैर सबूत के बोलते जा रहे हो
एक एसोसिएट प्रोफेसर के मुंह से हिंदुस्तान शब्द सुनकर संविधानवाद शर्मिंदा है।
ऐसा क्यों महोदय??
हाड़ चाम लहू न मेरे, न मेरे घर दासी।
जुल्हे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरी ह
हाशि।।
सुंदर
But if u don't take him as a " sant" than the deeper meanings of spirituality & paths will be lost...
अच्छा जी
पहली ही पंक्ति से भ्रमित करना शुरू"हम किस कबीर की बात करें",बुद्धिजीवियों को बात घुमा के करने की आदत हो गई है।
Kabir sahab aatam gyan aatam swrup ki jankari dye hai sansar me fasa jeev ke eis dukhdai brhamand se bahar nikalne ki bat kiye hai aatma aur jeev ke bich bhed hai jeev aatma me sarpit ho jata hai tow jagat se utrin yani puran mukti jeev eis sansar me kabhi nahi aayega
जन्म के झंझट में नही पड़ना चाहिए
तहे दिल से शुक्रिया
Kabir ka koi jati nahi hai, no ho payega
जी बिलकुल
Foreign books me likha hai ki Kabir sahab unki ma ke kookh se janma tha.lord kabirsahab schedule caste ke the.bunkar kapda banane vala
जी बात सही है
Bed satyhai tome bed malumnahia hai
आप कहना क्या चाह रहे हैं कृपया साफ साफ कहें
Guru kabir ke bena Gyan nahi
@@sandhyawankhede8489 आपका तहे दिल से शुक्रिया
Kabir ka gaya gyage 3 lok main maar khayaga kbur ka gaya bujega antergat ko sujega..... Mera gurudev ka siwaya koi bhi ezplanation nahi de sakta hunha
Apni ma ke kookh se janme the
@@natubhaijadav4519 आपका तहे दिल से शुक्रिया
परमात्मा कबीर जी ने जो ज्ञान दिया था वो कबीर सागर में लिखा गया था कालांतर में कुछ अज्ञानी जीवो द्वारा उस में मिलावट की गई फिर कबीर जी ने अपना ज्ञान संत गरीब दास जी छुड़ानी जिला जज्जर हरियाणा वाले के मुखारविंद से परकट किया जिस को संत रामपाल जी महाराज अब कलयुग की बीच की पीढ़ी को कबीर जी का मूल ज्ञान समझा रहे ह 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Wrong preaching about kabir saheb