न्यायपालिका ने जनता का विश्वास खो दिया है: सुप्रीम कोर्ट के जज ने माना

Sdílet
Vložit
  • čas přidán 16. 01. 2024
  • Judiciary has lost public confidence: Hon'ble Supreme Court Judge admitted
    न्यायपालिका ने जनता का विश्वास खो दिया है: सुप्रीम कोर्ट के जज ने माना
    I like to share and discuss complex issues in simple words for you.
    About Vijay Sardana:
    ➢Advocate, Supreme Court of India, Delhi High Court, National Green Tribunal and Tribunals
    ➢Independent Director on Corporate Boards & on Expert Committees Techno-legal, Techno-commercial & Techno-Economic Policy Expert
    ➢Agribusinesses Value Chain Investment Strategy & Trade Advisor
    ➢Research & Innovation Management Advisor
    Alumni of PGDM (IIM, Ahmedabad), LLB, M.Sc. (Food Tech) (CFTRI), B.Sc. (Dairy Tech), IPR (WIPO); PGD in Arbitration, Intl. Trade Laws & Alt. Dispute Resolution (ILI, New Delhi), ESG (CFI, US); Intl. Trade Laws (UNCITRAL, Vienna), Contract Law (Yale, USA); Justice (Harvard), International Environmental Laws; Negotiation Strategy (Michigan), Bankruptcy Law (Moscow), Ph.D. (Circular Bio-economy) (in progress) (JGU)
    Learning, Awareness, and Education is the purpose of this channel. As Technocrat, Lawyer, professional trainer and educator whose expertise lies in doing simplified and objective explainers of complex topics. This channel is created to share the insights based on FACTS on various areas of your interest. Educate & Empower yourself on important issues which matter in your life and learn how you can make the world a better place for yourself and for everyone else.
    Join in by clicking the SUBSCRIBE button!
    #vijaysardana​​​​​​​​​ #economy #policy #law #science # technology #business #trade #India
    -----
    ► FOLLOW US & SUBSCRIBE on:
    CZcams: / @vijaysardanainsights
    Facebook: / vijaysardanaonline
    Instagram: / vijaysardana

Komentáře • 1,2K

  • @kakasahebgunjal7940
    @kakasahebgunjal7940 Před 5 měsíci +65

    सचमुच न्यायव्यवस्था चेहरा देखकर, गुट देखकर,पार्टी देखकर न्याय करती हैं इसलिए जणता का न्यायव्यवस्था पर भरोसा दिन ब दिन कम हो रहा हैं।

  • @dhananjaychauhan5181
    @dhananjaychauhan5181 Před 5 měsíci +18

    तीस्ता सीतलवाड़ को खड़े-खड़े सुप्रीम कोर्ट ज़मानत दे देता है

    • @unnikrishnanhr
      @unnikrishnanhr Před 29 dny

      SC only exist to protect hardcore and powerful Corrupt Criminals. Only money matters for the them. Most unfortunate 😂😂😂😂❤❤❤❤

  • @kishorilaltageja1161
    @kishorilaltageja1161 Před 27 dny +2

    सुप्रीम कोर्ट का विशवाश का लेवल समाज में जीरो है

  • @ManglaRam-sw9ph
    @ManglaRam-sw9ph Před měsícem +7

    सुप्रीम कोर्ट ने साबित किया है कि खरीद दार होना चाहिए सुप्रीम कोर्ट में कुछ जज बिकने के लिए तैयार है केजरीवाल ने सही कीमत लगाई

  • @MadanSingh-bx9hk
    @MadanSingh-bx9hk Před měsícem +16

    राष्ट्रपति जी को केजरीवाल केस में सुप्रीम कोर्ट के रै्वये के खिलाफ संज्ञान में लेना चाहिए |

  • @tejramkharal1179
    @tejramkharal1179 Před 5 měsíci +87

    कोई भी नहीं मानता है कि जज साहब निस्पक्छ होते हैं खास करके हिंदू धर्म के लिए।

  • @devendrajoshi957
    @devendrajoshi957 Před 5 měsíci +71

    जज महोदय ओक साहब को सच बोलने के लिए प्रणाम । कोई तो है जो न केवल सही सोचता है बल्कि पद में रहते हुए भी सच कहने का साहस करता है,वह निसंदेह साधुवाद का पात्र होता है ।

    • @pramodkatke8089
      @pramodkatke8089 Před 5 měsíci

      जज्ज, सरकारी कर्मचारी है | लेकिन निर्लज्जता कुट कुट कर भरी हुई है आखिर पप्पू चाट जैसे पार्टी का नमक जो चाट रखा है | सुधरे तो ठीक नही तो गुब्बारा बनाके फोड दो. अब उसके सियाय इन्होने चारा रखा नही है | लगता है यह करनेका वक्त आ गया है | वंदे मातरम . भारत माता की जय |🇮🇳🇮🇳🇮🇳

    • @sadaramshravanlalnarware2564
      @sadaramshravanlalnarware2564 Před 4 měsíci +1

      सहमत

    • @SeekerWay
      @SeekerWay Před měsícem

      ये भी दूध के धुले नही है कल ही इन्होंने ED की शक्तियों को घटा दिया ED अब पहले जैसे गिरफ्तारी नहीं कर सकती

  • @BalbirSingh-bw1sc
    @BalbirSingh-bw1sc Před měsícem +3

    जिस तरह से न्यायालय के फैसले आते है उससे तो यही लगता है कि देश की आम जनता विश्वास हटना स्वाभाविक है जब कोलिजन व्यवस्था समाप्त होगी तभी आम आदमी को कुछ न्याय मिलेगा

  • @padmalochannath6426
    @padmalochannath6426 Před 5 měsíci +43

    नुपुर शर्मा ने कोई ग़लत नहीं कहा था तर्क में, किसी को आहत होने बाला नहीं था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट कि जज ने जिस तरह से कहा था,उदय निधि मारन और जितना हिन्दू धर्म के खिलाफ बोला था, सुप्रीम कोर्ट एक शब्द भी नहीं बोला हिन्दू पक्ष में। इसलिए ऐसे लगता है अंग्रेजों कि जैसे हिन्दू के खिलाफ कोर्ट का ।बर्ताव दिखाई देता है।

  • @hemantkumar3219
    @hemantkumar3219 Před 5 měsíci +145

    ये काॅलेजियम सिस्टम के कारण ही आजकल योग्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर संदेह उठना लाजिमी है

    • @pramodkatke8089
      @pramodkatke8089 Před 5 měsíci

      जज्ज, सरकारी कर्मचारी है | लेकिन निर्लज्जता कुट कुट कर भरी हुई है आखिर पप्पू चाट जैसे पार्टी का नमक जो चाट रखा है | सुधरे तो ठीक नही तो गुब्बारा बनाके फोड दो. अब उसके सियाय इन्होने चारा रखा नही है | लगता है यह करनेका वक्त आ गया है | वंदे मातरम . भारत माता की जय |🇮🇳🇮🇳🇮🇳

    • @biswarupbanerjee226
      @biswarupbanerjee226 Před 4 měsíci +3

      ❤❤❤❤❤❤❤❤
      Judges have made a mockery of our jidiciary

    • @goldandsilverassociation2510
      @goldandsilverassociation2510 Před 23 dny

      रोबोटिक्स जज का निर्माण किया जाय

    • @goldandsilverassociation2510
      @goldandsilverassociation2510 Před 23 dny

      रोबोटिक्स जज का लाभ सभी विषयों कि सटीक सही जानकारी प्रदान कर सकता है सभी केषो कि डिटेल्स डीजीटल फुट पीन्ट रेकॉर्ड सभी लेबोरेटरी रीपोर्ट संभाल सकता है डायरेक्ट मशीनरी में जो रीपोर्ट बनेगा फिजिकल कोपी के बीना डायरेक्ट रोबोटिक्स सर्वर पर भेजा जा सकता है जीस से सबुतो के साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकती है लाईव डीजीटल ऐफ आर आई करना अनिवार्य बनाने से सबुतो व्यक्ति की ब्यान सभी लाईव रेकॉर्ड होने से जेसी परीसितथी में डेटा रेकॉर्ड हो वैसे ही बना रहे अगर कोई अपना ब्यान बदलना चाहे तो पुराना मीटेगा नहीं दुसरा रेकॉर्ड होगा अदालत में दोनों ब्यान देख सकते हैं। टेक्नोलॉजी का उपयोग ही गंदगी न्यायालय को सही दिशा दे सकता है। डीजीटल रेकॉर्ड को रोबोटिक्स जज शुरू से अंत तक का किसी भी रेकॉर्ड को किसी भी केश कि जानकारी सेकंडों में दे सकता है ऐक तरह केश का नंबर बोलेगा ओर दुसरी तरफ रोबोटिक्स पुरी पीकचर पुलिस ने क्या काम करके जवाबदारी बजाई है दोनों वकीलों ने क्या क्या सबूत बतायें है । जामीन की कहानी सब रेकॉर्ड अनिवार्य होने से जज साहब को सरलता बनी रहेगी जज के निर्णयों को वकिल कि दलित और कार्य पद्धति का आंकलन करके ही रोबोटिक्स जज भविष्य के उन्नत जज कि नियुक्ति करने में सक्षम बनाया जा सकता है।

  • @omprakashpandey598
    @omprakashpandey598 Před 5 měsíci +77

    इस देश में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण निष्पक्ष और त्वरित न्याय का नहीं होना ही है जिसके लिए न्यायपालिका पूरी तरह से उत्तरदायी है। जस्टिस ओक और आप को इतना साहस दिखाने के लिए साधुवाद और नमन।

    • @sadaramshravanlalnarware2564
      @sadaramshravanlalnarware2564 Před 5 měsíci +2

      मैं भी पूरे तौर से सहमत

    • @maharajB109
      @maharajB109 Před 5 měsíci +2

      there should be a study on co- relation between delay / pendency of justice and rise in cases of corruption and crime. Also its effect on growth and development of the nation.

  • @bhaveshbaba5119
    @bhaveshbaba5119 Před 5 měsíci +9

    न्यायाधीश की नियुक्ति यूपीएससी की तरह ही परीक्षा लेकर होना चाहिए

  • @ranbirsinghnag8323
    @ranbirsinghnag8323 Před 5 měsíci +51

    न्यायालय जब तक परिवारवाद के गिरफ्त में रहेगा, निश्चित न्यायालय महाभ्रष्ट ही कहलायेगा।

    • @pramodkatke8089
      @pramodkatke8089 Před 5 měsíci

      जज्ज, सरकारी कर्मचारी है | लेकिन निर्लज्जता कुट कुट कर भरी हुई है आखिर पप्पू चाट जैसे पार्टी का नमक जो चाट रखा है | सुधरे तो ठीक नही तो गुब्बारा बनाके फोड दो. अब उसके सियाय इन्होने चारा रखा नही है | लगता है यह करनेका वक्त आ गया है | वंदे मातरम . भारत माता की जय |🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @bekasoormanav9731
    @bekasoormanav9731 Před 5 měsíci +58

    आदरणीय श्रीमान सरदाना जी प्रणाम।
    सर ज्यूडिशियरी के नंगेपन की जड़ है कम्युनिस्ट मानसिकता के जजों की बेशर्मी और जजों की बेधड़क और निर्लज्ज मानसिकता पर कोई भी प्रभावशाली चेक एंड कंट्रोल की व्यवस्था का नितांत अभाव।
    और इस सब के मूल में संविधान की नपुंसकता जिस का चंद्रचूड़ जैसे जज जम कर दोहन कर रहे हैं।

    • @deepakkumr
      @deepakkumr Před 5 měsíci +1

      जब सुप्रीम कोर्ट सक SC -ST एक्ट को हल्का करता है तो फिर सरकार नए कानून ला के उसे और कठोर बनती है , अगर लगता है की हिन्दू से साथ अन्याय हो रहा है फिर हिन्दु लिए अलग कानून लावो , मुस्लिम के लिए कठोर दंड का प्रावधान करो , जैसे गरीब के लिए आरक्छन है वैसे ही , उद्दंड के लिए दंड कठोर हो

    • @Ratan-cw2oe
      @Ratan-cw2oe Před měsícem

      Aapney.bilkul.thik.kha.gadaro.ornatao.keliy.to.rat.ķo.cort.k.darwajey.khul.jatey.hai.unkoensaf.daneyko.lakin.iMandarin.ko.lAtka.k.rakha.jAta.hai

  • @SudeshKumar-sk1es
    @SudeshKumar-sk1es Před 5 měsíci +24

    आम आदमी शोशल मिडिया के कारण न्यायालयो के क्रिया कलापों को समझ पा रही है। न्याय व्यवस्था गरीब और मध्यम परिवारों के लिए प्रताड़ना का विषय बन जाती है 😢😢

  • @scsrivastava481
    @scsrivastava481 Před měsícem +5

    जब तक जज साहब ही जज साहब को चुनेंगे, दशा नहीं बदलेगी।

  • @RajendraIngavale-zi7sk
    @RajendraIngavale-zi7sk Před 5 měsíci +115

    हाल ही, मे ,, विधायक जितेंद्र आव्हाड ने श्री राम के बारे इतनी गंदी बात कर के 100 करोड हिंदू का, ओर धर्म का अपमान करणे बाद भी उनके उपर कूच भी कारवाई नहीं हुई हैं ????😡

    • @kamleshbajaj909
      @kamleshbajaj909 Před 5 měsíci +7

      Judiciary has lost it respect since when the have stated behaving as opposition party rather than Me Lord's ( means as Impartial) . Why they have started entertaining directly not through proper channels.
      Rather I suggest government, opposition & Judiciary should come together to give justice to needy.
      Viewers teach the parties lessons if they are Anti Nationalist

    • @praheladprajapati4411
      @praheladprajapati4411 Před 5 měsíci

      माफ़ करना मुझे, ये ,शंकराचार्य,है,या कंकराचर्य ? बोलना पड़ता है
      ============
      जोलोग किसीके हाथो बिक जाते है किसीके गुलाम हो जाते है किसीके
      बहकावमे आ जाते है या अपनी सत्ता संपत्ति वैभव शान बान आन बचाने के
      लिए असत्य ,अधर्म या जन भावनाओंके खिलाफ बोलते या ऐसा व्यवहार
      करते है उनको हम कैसे माने की वो हमारे हिन्दू सनातनियोके विद्वान धर्म
      गुरु है ? पुरे देशमे अरे पुरी दुनिया जब राम मई हो गई है तब ये लोग कुछ
      विधर्मीयोंके बहकावमे आ जाते है ? कुछ धर्म द्रोहियोके गुलाम हो जाते है ?
      कुछ पुरानी सत्ता संपत्ति वाले जिन्होंने हिन्दू सनातनपे आक्रमण किया है
      जिन्होंने अपनी हिन्दू विरासतको लूटी है बदनाम कीहै हिन्दू संस्कृतिको
      हानि पहुंचाई है और कन्वर्जन द्वारा हिन्दू सनातनी संस्कृतिको नष्ट करनेकी
      हर साजिसे रची है ऐसे लोगोके बहकावमे आ जाने वाले हमारे पूजनीय संत
      हमारी हिन्दू सनातनी धरोहरको बचाने के अलावा उन लोगोके हथ्थे बन गए है ?
      जिन्होंने हमारे घरको लुटा है और लुटवाया है ? वैसे लोगोके प्रतक्ष्य या परोक्ष रीते
      गुलाम हो गए है ? ऐसे हमारे संत लोगोको हम मांन सम्मान देते है ? धर्म में
      बाधा डालने की कोशिश करते है ? अरे भाई साहब मेरे
      पूजनीय संतो गुड़ जभी खाओ अंधेरेमे या उजालेमे ऑखे बांध करके या
      खुली रखके वो हमेशा मीठा ही लगता है रामका नाम भगवानका नाम
      पूजा व स्थापना आराधना के लिए कोई मुहूर्त देखनेकी जरूरत नहीं है
      हमें शुद्ध मनसे शुद्ध निति रीतिसे शुद्ध व्हवहारसे कभी भी भजन कीर्तन
      या स्थापना प्राण प्रतिष्ठा की जाती है ऐसे उस हवनमें हाडके फेक कर उसे
      प्रदुसित न करे ऐसे हमारी हदयसे प्रार्थना है ,आप शंकराचार्य रहो हमें
      उससे कोई आपत्ति नहीं है ,लेकिन आप ककंराचार्य बनाने जा रहर हो
      उसका हमें दुःख है आप हमारी विरासतके पुजारी हो हमारी संस्कृतिके
      निभाने वाले संत हो हमारी वर्षो पुरानी वैदक संस्कृतिकी परम्पराको
      बचाने वाले और रख रेखावके रखेवाल हो आप हवनमे हाडके डालके
      राक्षसोंका काम न कीजिए ये हमारी आपको हदय दिलसे गुजारिश है
      वर्षोंके बाद हमें अपनी पवित्र भारत भूमिको धार्मिक नेतागिरी मिली है
      जो हमारा अहोभाग्य है एक पवित्र मनवाला शाशक मिला है मोदीजीके
      रूपमे उनको हम साथ और सहकार दे उनकी शुद्ध और कठिन तपस्याको
      उनकी साधनाको उनकी ये श्री रामजिकी पवित्र प्राण प्रतिष्ठामे
      बाधाए न डाले आपको आना न आना ये आपकी मर्जी है आपको कोई
      फोर्स या जबर जस्ती नहीं है आप अपने पद पर बने रहिये हमें कोई
      आपत्ति नहीं है ,,,, लेकिन ये पवित्र प्राण प्रतिष्ठा में बाधा न डाले ,,,नमन
      जय श्री राम ,जयश्री राम जय जय श्रीराम
      ===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,१८/१/२०२४

  • @umeshgupta8820
    @umeshgupta8820 Před 5 měsíci +53

    क़ानून बनाने वाला यदि उसे तोड़ता है तो उसको ज़्यादा बड़ी सज़ा होनी चाहिए बनिस्बत आम आदमी के।

  • @karnsharma6050
    @karnsharma6050 Před 5 měsíci +4

    माननीय राष्ट्रपति जी के अधीन पांच जजों का एक बैंच होना चाहिए जो SC की कार्यशैली पर monitoring करे और sc की ग़लतीयौ को उजागर करे।

  • @vivekghate3678
    @vivekghate3678 Před 5 měsíci +6

    सुप्रीम कोर्ट अपने आप को राजनिती से अलग नही रख पा रहा है यह वास्तविकता है.

  • @anilkumar-pl4vc
    @anilkumar-pl4vc Před 5 měsíci +61

    गाहे बगाहे न्यायपालिका के रवैये को लेकर चिंता तो बहुत व्यक्त की गई,लेकिन इसका समाधान निकलता दिखाई नहीं दे रहा है। क्या एक दिन जनता को ही इनके विरुद्ध सड़क पर उतरना पड़ेगा??

    • @nagarmal7045
      @nagarmal7045 Před 5 měsíci +2

      यही एक रास्ता बचा है अभी तो BUT आम जनता इस पचड़े में पड़ना नहीं चाहती 😊😊😊😊😊😊😊😊

    • @pramodkatke8089
      @pramodkatke8089 Před 5 měsíci

      जज्ज, सरकारी कर्मचारी है | लेकिन निर्लज्जता कुट कुट कर भरी हुई है आखिर पप्पू चाट जैसे पार्टी का नमक जो चाट रखा है | सुधरे तो ठीक नही तो गुब्बारा बनाके फोड दो. अब उसके सियाय इन्होने चारा रखा नही है | लगता है यह करनेका वक्त आ गया है | वंदे मातरम . भारत माता की जय |🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @dipakpandya6897
    @dipakpandya6897 Před 5 měsíci +63

    I fully agree. It is also common perception that the judiciary system is fully corrupt

    • @lokanathmahapatra3205
      @lokanathmahapatra3205 Před 5 měsíci

      The judiciary is the most corrupted institution in the country.

    • @s9820309493
      @s9820309493 Před 5 měsíci

      U can buy judgment & no l tax CBI Ed raid

  • @Pradeep_Srivastava12
    @Pradeep_Srivastava12 Před měsícem +1

    सुप्रीम कोर्ट के जजों से ज्यादा हाइकोर्ट के जजों के फैसले न्यायिक सत्यता के अत्यधिक करीब होते हैं। न्याय मे सामान्यता एवं विशिष्टता का भेद रखने पर , न्याय व्यवस्था का क्षरण होना स्वाभाविक है। सुप्रीम जजों को यह जल्दी समझना होगा।
    जनता का विश्वास ही, एक "जज" को "सुप्रीम जज" बनाता है।

  • @neerajkedia7481
    @neerajkedia7481 Před 5 měsíci +9

    न्यायमूर्ति ओक द्वारा की गई टिप्पणियां असाधारण है। आपकी व्याख्या एक साहसिक कदम है। यह सही है कि सभी हितधारकों की सहभागिता से ही इस दुराचरण को परिवर्तित किया जा सकता है। आपसे आग्रह है कि ऐसे हितधारकों के समूह, जिनकी कोई न्यायिक व्यवस्था में सुनवाई ही नही है, उन्हें कैसे संस्थागत कर न्यायिक व्यवस्था तक पहुंच बनाई जाय, का मार्ग यदि संभव हो तो प्रशस्त करने की कृपा करे

  • @user-yy1yf1gg5u
    @user-yy1yf1gg5u Před 5 měsíci +37

    यह वास्तविक बात है कि लोग अब आपसी बातचीत में "न्यायालय" को "अन्यायालय" कहने लगे हैं 😢😢😢

  • @drmadanmohansingh8725
    @drmadanmohansingh8725 Před 5 měsíci +52

    Supreme court is totally responsible for this perception of people

  • @rakeshshukla4482
    @rakeshshukla4482 Před 5 měsíci +1

    आपका कथन सामयिक सत्य है।
    मेंरा मानना है कि कोलिजियम सिस्टम कांग्रेस के कमजोर होने के बाद ही चलन मे आया। उसके पहले कांग्रेस ही जजो की नियुक्तियां कर थी जो परिवार वाद की पोषक थी। मिलीजुली सरकारों के दौरान जजो की प्रकृति बदलने की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती।
    आज भी इसी के कारण सु० जज कांग्रेस के जरखरीद गुलाम है।

  • @ibarora4344
    @ibarora4344 Před 5 měsíci +31

    जब तक आम आदमी बिना भय के न्याय पालिका के सामने न जा पायेगा तब तक आम आदमी न्यायपालिका पर विश्वास नहीं कर पायेगा।

    • @pramodkatke8089
      @pramodkatke8089 Před 5 měsíci

      जज्ज, सरकारी कर्मचारी है | लेकिन निर्लज्जता कुट कुट कर भरी हुई है आखिर पप्पू चाट जैसे पार्टी का नमक जो चाट रखा है | सुधरे तो ठीक नही तो गुब्बारा बनाके फोड दो. अब उसके सियाय इन्होने चारा रखा नही है | लगता है यह करनेका वक्त आ गया है | वंदे मातरम . भारत माता की जय |🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @VallabhSukhdev-ic7mz
    @VallabhSukhdev-ic7mz Před 5 měsíci +34

    अपनी करतूतों से॥ कोई इज़्ज़त की निगाह से नहीं देंखता॥ कुछ लोगों के गिरफ़्त में है॥

  • @jainarayan2354
    @jainarayan2354 Před 5 měsíci +15

    आज से 15वर्ष पहले जजों को भगवान का दर्जा प्राप्त था। लेकिन आज उनके कारनामों को जनता जान कर सिर पीट रही है।

  • @vatsalpardeshi4025
    @vatsalpardeshi4025 Před 29 dny +1

    आपने जितने भी मुद्दे उठाए हैं। ये एक आम आदमी की आवाज है समाज की आवाज है उनकी आहत भावनाओं की गूंज को दर्शाती है। आप जनता की तरफ से इसी तरह आवाज उठाते रहिएगा। शुभकामनाएँ।

  • @jagannathpandit3525
    @jagannathpandit3525 Před 5 měsíci +58

    विजय सर, आपके द्वारा प्रस्तुत सभी उदाहरण अति महत्वपूर्ण हैं। निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता पर भरोसा उठना अति स्वाभाविक लग रहा है। आपके द्वारा उठाए गये सवालों पर कोर्ट को गंभीरता से सोचना होगा।
    जय हिन्द। जय भारत।

  • @Mukeshkumar-um1rz
    @Mukeshkumar-um1rz Před 5 měsíci +37

    Sc का जज अपने निर्णय के कारण आम लोगों के बीच अपना बिस्वास खो चुका है bampanthi मानसिकता के चलते ये हाल है. Sc किसी को बता पाएगा कि तीस्ता सीतलवाड़ को किस आधार पर bail दिया गया

  • @divinemantrashakti
    @divinemantrashakti Před 26 dny

    देश की प्रत्येक संस्था की तटस्थ समीक्षा बहुत आवश्यक है ताकि सुव्यवस्था को स्थापित किया जा सके।इसलिए सुप्रीम कोर्ट को भी अपनी भूमिका स्पष्ट रूप से समझना चाहिए।

  • @umeshgupta8820
    @umeshgupta8820 Před 5 měsíci +20

    Lalu Yadav is out of jail on health ground but roaming in the whole country.

  • @suryakanthakale1117
    @suryakanthakale1117 Před 5 měsíci +10

    " जिसकी लाठी उसी की भैंस " इसी सिद्धांत
    पर चलती है हमारे देश की अदालते ।

  • @darshanirawat6488
    @darshanirawat6488 Před 5 měsíci

    सरदाना जी आप बिल्कुल सही कह रहे है जनता को न्याय व्यवस्था पर भरोसा उठ गया है ये न्यायलय खास लोगों के लिए बने है ना कि गरीब जनता के लिए।

  • @ashokanandswami7750
    @ashokanandswami7750 Před 5 měsíci +2

    वास्तव में मनमाने ढंग से भारतीय न्याय व्यवस्था के काम करने पर नजर रखने वाली कोई संस्था होनी चाहिये। न्याय व्यवस्था में पुलिस जांच की अवधि , केस के फैसले की अवधि निश्चित होनी चाहिए। न्याय व्यवस्था के समक्ष सर्व साधारण तथा प्रभावशाली लोगों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। कॉलेजियम व्यवस्था तत्काल समाप्त होनी चाहिए।

  • @chandrabhushanprasadgupta1165
    @chandrabhushanprasadgupta1165 Před 5 měsíci +11

    SC तो बीजेपी और हिंदुओ का अपमान करने में किसी विरोधी पार्टी से कम नही है

    • @deepakkumr
      @deepakkumr Před 5 měsíci

      जब सुप्रीम कोर्ट सक SC -ST एक्ट को हल्का करता है तो फिर सरकार नए कानून ला के उसे और कठोर बनती है , अगर लगता है की हिन्दू से साथ अन्याय हो रहा है फिर हिन्दु लिए अलग कानून लावो , मुस्लिम के लिए कठोर दंड का प्रावधान करो , जैसे गरीब के लिए आरक्छन है वैसे ही , उद्दंड के लिए दंड कठोर हो

  • @BhagwanSingh-uf8pj
    @BhagwanSingh-uf8pj Před 5 měsíci +12

    बिल्कुल सही विश्लेषण है ।सरदाना जी सुपरीम कोर्ट हिन्दुओं के खिलाफ काम कर रहा है ।

  • @kishorgavhane322
    @kishorgavhane322 Před 5 měsíci +1

    सरढाणा आपने जो मुद्दे उठाये, सारे सामान्य जनताके,राष्ट्रवादी भारतीय समाजके, मनके है,विश्लेषण बहुत अच्छे है सर जीं
    आपका धन्यवाद 🙏
    जय हिंद 🇮🇳

  • @jpnsingh967
    @jpnsingh967 Před 5 měsíci +3

    सरदाना साहब आप बिल्कुल सही है पता नहीं सुप्रीम कोर्ट क्या एक विराट जन आंदोलन की प्रतीक्षा ऊं रहा है सुप्रीम कोर्ट को सुधारने की आवश्यकता है

  • @madhuriswarnkar9463
    @madhuriswarnkar9463 Před 5 měsíci +20

    😊मानवाधिकार मानव के लिए हैं। आम तौर पर जनता न्यायपालिका की नजर में इंसान नहीं है।

  • @trilokinathgupta8059
    @trilokinathgupta8059 Před 5 měsíci +7

    इन सभी जजों की संपत्ति गहनता से जांच होनी चाहिए

  • @rajiv1252
    @rajiv1252 Před 5 měsíci +1

    श्री विजय सरदाना जी, बिलकुल सच्चा किस्सा। पूना में एक कंपनी, जिसकी कैपिटल मात्र 15 लाख, मुंबई की कंपनी पर 200 करोड़ कैश देने का दावा, और मुंबई की कंपनी की तरफ से फर्जी मालिक को पेश करके मन मर्जी का आदेश प्राप्त कर। मुंबई की कंपनी
    असल कंपनी को एक वर्ष तक पता नहीं चला और बहुत परेशान है अपने को सही साबित करने में। और उसके इन्वेस्टर परेशान है मैं भी उनमें से एक।

  • @bcjoshi4797
    @bcjoshi4797 Před 5 měsíci +1

    ये भी सब प्रभु श्री राम की कृपा है कि आज भारतहिंद राष्ट्र का आम जागरूक व्यक्ति सोसियल मीडिया के जरिये अपनी स्वतत्र अभिव्यक्ति व्यक्त कर उच्च पदों पर शासन-प्रशासन में हरेक जिम्मेदार को सचेत कर रहा है।श्री विजय सरदाना जैसे उच्च शिक्षित बुद्धिजीवी लोग आम आदमी को आदर्श समाज बनाने में गंभीर उत्तरदायित्व को निभा रहे हैं।वंदेमातरम।।

  • @Bhaktidargam
    @Bhaktidargam Před 5 měsíci +10

    मैं आपके विचारों से सौ प्रतिशत सहमत हूं, न्यायिक प्रभारियों को इन का एहसास होना चाहिए।

  • @thakurdassgupta1228
    @thakurdassgupta1228 Před 5 měsíci +55

    My salute to Sri Vijay Sardana Ji for his arguments and analysis on current affairs of society

  • @vntiwari6078
    @vntiwari6078 Před měsícem +3

    आपने एकदम सही वस्तु स्थिति का वर्णन किया है। ऐसा लगता है कि नेताओं ने कोर्ट खरिद लिया है।

  • @Common_Roster
    @Common_Roster Před 24 dny

    देश में जितनी भी संस्थाएं चल रही हैं जिनका आम आदमी से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सामना होता है उनमें से सबसे अव्यवस्थित संस्था है हमारी न्याय पालिका, जहां सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार और आम आदमी का शोषण हो रहा है|

  • @ArvindSharma-wt8gt
    @ArvindSharma-wt8gt Před 5 měsíci +10

    बहुत ही सुन्दर और सार्थक विश्लेषण किया है और यह लगभग सभी लोग जो जागरूक हैं महसूस कर रहे हैं।
    न्याय व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया या समय से सुधार नहीं किया गया तो इसका मतलब यह होगा कि समाज में अराजकता और अफरातफरी का माहौल। अतः यह आवश्यक है कि सभी लोग इस बात को स्वीकार करें कि कहीं न कहीं चूक तो हो ही गयी है।

  • @ramshankarsrivastava5729
    @ramshankarsrivastava5729 Před 5 měsíci +25

    Your opinion is hundred percent correct sir. The common man of the country is feeling helpless.

  • @kalyanmakhija5069
    @kalyanmakhija5069 Před 5 měsíci +1

    देश के न्यायतंत्र का मखौल तो खजेलीवार एंड गैंग ने बना रखा है? रोज रोज एक ही केस में या किसी न किसी केस में बार बार लोवर कोरट, हाई कोरट, सुप्रीम कोर्ट में बार बार एक ही केस में कोरट में अपने बड़े बड़े वकील खड़े कर देते हैं और आश्चर्यजनक रूप से राहत भी पा जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए।

  • @ashwinikumar9061
    @ashwinikumar9061 Před 5 měsíci +2

    न्यायालयों, न्यायप्रणाली व न्यायधीशों के चयन मे आमूलचूल परिवर्तन अपेक्षित है। इसके हुए बिना हमारा राष्ट्र कमजोर बना रहेगा।

  • @rampratapgour3620
    @rampratapgour3620 Před 5 měsíci +1

    इससे यह इष्ट हो गया है कि हाईकोर्ट ओर सर्वोच्च न्यायालय सिर्फ धनवान लोगों को तत्काल सुरक्षा देता है जिसके वो अधिकारी नहीं है। ओर भारत सरकार को काम करने मैं अड़चन पैदा कर रहा है जो देश हित मे नहीं है। सुप्रीम कोर्ट सिर्फ कांग्रेस पार्टी का समर्थन कर रहा है। बर्खास्त किया जाना चाहिए ऐसे न्यायाधीशों को।

  • @kalyanmakhija5069
    @kalyanmakhija5069 Před 5 měsíci +6

    मनीष कश्यप के साथ एपेकस कोरटट ने बहुत अन्याय किया और सिमीलर केस में जुबेर को पूरी राहत दे दी

  • @ARVINDKUMAR-tk6wi
    @ARVINDKUMAR-tk6wi Před 5 měsíci +1

    आपको हार्दिक साधुवाद! इतनी सत्य बातें कहने के लिए!❤

  • @atulomk
    @atulomk Před měsícem

    बहुत सही कहा न्यायधीश महोदय ने, हम सब यही चर्चा करते हैं कि एक बार जमानत अर्जी खारिज होने के बाद फिर जमानत पर सुनवाई होने लगती है खास लोगों की। एैसा लगता है कि अदालत में सिर्फ खास लोगों के लिए ही समय ही समय है।

  • @subhashkapoor8571
    @subhashkapoor8571 Před 5 měsíci +7

    विजय जी आपने जो न्यायपालिका के विषय पर आपके विचार उत्तम हैं और उनका सरकार और न्यायपालिका तक पहुँचना चाहिए !
    🙏🏻आपका धन्यवाद ! जय भारत 🇧🇴

  • @nagarmal7045
    @nagarmal7045 Před 5 měsíci +10

    सर, हमेशा की तरह आज भी आपने बहुत गम्भीर विषय पर चर्चा की, आपका आभार, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार तो निचली अदालतों में ही होता है और यही वजह है कि खासकर ग्रामीण लोग अदालतों के चकर में पड़ना ही नहीं चाहते 😊 ये हमारे देश की न्याय प्रणाली> > > वंदे मातरम 🙏🙏👌👌🌹🌹

  • @gopalkrishna418
    @gopalkrishna418 Před 24 dny

    बहुत हिम्मत का
    बहुत आवश्यक और
    देश का आज के समय में सबसे बड़े नासूर का विश्लेषण आप ने किया है
    इस न्यायपालिका को समूल नष्ट करके एक नई और ईमानदार न्याय व्यवस्था लाने की आवश्यकता है

  • @rajendrachourey7060
    @rajendrachourey7060 Před 5 měsíci +1

    न्यायपालिका की इस प्रकार की गतिविधियां जनता के मन मे न केवल अविश्वास अपितु यह भी विचार आता हे कि वहां भी पैसा चलता होगा

  • @shashankbhalerao4372
    @shashankbhalerao4372 Před 5 měsíci +3

    विजयजी जस्टिस ओक ने जो मुद्दें उठाये हैं वे इस देशके हर सामान्य नागरिक के मन में उठते हैं। आपने इस विश्लेषण में बहुत सटीक तरीके से हर मुद्दे का विवेचन किया है। आप स्वयं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं मैं चाहूंगा कि इस विश्लेषण में प्राप्त हर प्रतिक्रिया को किसी भी माध्यम से हमारी न्यायपालिका के समक्ष विचार के लिए पहुंचाना आवश्यक है ताकि भविष्य में आम जनमानस का हमारी न्यापालिका में विश्वास बढ़े जो इस देशके लोकतंत्र को मज़बूत करने में एक अच्छी पहल होगी। 🙏

  • @jyotiprasad1366
    @jyotiprasad1366 Před 5 měsíci +3

    जजों के बहाली प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन लाया जाये।

  • @madhusahni7316
    @madhusahni7316 Před měsícem

    विजय सरदाना जी! आपने देशवासियों की बहुत बड़ी चिंता का विषय उठा लिया है।इसकी सफाई व्यवस्था का पूरा कार्यक्रम बन चुका है। वामपंथी विचारधारा के न्यायाधीशों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इसलिए अगले बचे तीन चरणों में इनका ही हिसाब होने जा रहा है।

  • @yogindernathgupta2528
    @yogindernathgupta2528 Před 5 měsíci +36

    Tons of kudos to Sardana Ji for your Frank analysis of partiality by judiciary.

  • @nalinsoti4722
    @nalinsoti4722 Před 5 měsíci +4

    बहुत ही महत्वपूर्ण विषय उठाया, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय से निराशा ही मिली रही है,

  • @rajendraprasadjha8705
    @rajendraprasadjha8705 Před 5 měsíci +1

    विजय सरदना जी! आप को अनेकशः धन्यवाद उस पुरुषार्थ के लिए जिससे कल्याणकारी सत्य में हम भारतवंशियों को. अवबोधित करते हैं। न्यायालय के माध्यम से अब भी हम अब्राहमिक साम्राज्यवाद के क्रूर अत्याचार के दास बने हुए है। इससे हमें मुक्त करावें।

  • @sanjaydubey8673
    @sanjaydubey8673 Před 5 měsíci +1

    सत्य यही है कि न्यायालय पर किसी का भरोसा नहीं है, सिर्फ अवमानना के हंटर के कारण लोग मुह बंद किये हैं, अन्यथा राजनीतिज्ञों से ज़्यादा अविश्वास न्यायपालिका पर है और जनता की नजरों में ये अधिक भ्रष्ट हैं।
    राजनीतिज्ञ तो जनता के लिए काम करते हैं और उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाता हैं जबकि न्यायपालिका सिर्फ अपने लिए काम करती है, सारे अधिकार, सारी सुरक्षा, सारी सुविधाएं बिना किसी जिम्मेदारी बिना किसी तरह के दंडात्मक व्यवस्था के, मनमानी करने जनता के धन पर ऐश करते हुए जनता के धन को लूटते हुए इन्हें जो लगता है वह करते हैं।😢

  • @kalyanmakhija5069
    @kalyanmakhija5069 Před 5 měsíci +1

    JNU चांसलर महोदया ने, तीस्ता केस में, सुप्रीम कोर्ट से बहुत गंभीर सवाल किया है, इसका जवाब देश के आम नागरिक भी चाहते हैं। इस पर रिपीटेड एनालिसिस होना चाहिए, जब तक सवाल का जवाब न मिल जाए

  • @work2484
    @work2484 Před 5 měsíci +4

    मुझे ऐसा लगता है कि अगर जनता को पुलिस, सरकार, वकील और जजों का डर ना हो तो जनता आज की न्याय व्यवस्था और पुलिस व्यवस्था को उखाङ फेंकती। आज भी जनता में यही रोस है। इस पर सरकार व न्याय व्यवस्था को गहन चिंतन करने की जरूरत है। यदि ये दोनों व्यवस्था कोशिश करेंगी तो सब कुछ एकदम ठीक हो सकता है।प्रत्येक समस्या का हल निकल सकता है। मगर आशा यही है कि ये दोनों व्यवस्थाऐं कुछ नहीं करेंगी। फिर भी जिन जज महोदय ने इस पर अपना वक्तव्य दिया, चिंता व्यक्त की उनहें ससम्मान साधुवाद। आपने एक अच्छे विषय को पब्लिक किया आपको धन्यवाद, साधुवाद। जय श्रीराम।

  • @gireeshmathur8596
    @gireeshmathur8596 Před 5 měsíci +6

    आज का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण था। इस पर सोशल मीडिया पर अन्य वीडियो दमदार तर्कों सहित उठाया जाएं।

  • @b.lsharma1207
    @b.lsharma1207 Před měsícem

    आज कोर्ट ही जनता के लिए समस्या बनी हुई है न्यायालय से आम आदमी जो अपेक्षा रखता है न्यायालय उसके विपरीत निर्णय देता है तो आश्रित होगा ही

  • @shishirkumar3957
    @shishirkumar3957 Před 5 měsíci

    न्यायाधीश जी की सोच का मैं समर्थन करता हूँ। आप का विशलेषण सराहनीय है।

  • @thakurdassgupta1228
    @thakurdassgupta1228 Před 5 měsíci +16

    Very intelligent judiciary analysis on current affairs in different parts of the country by Sri Vijay Sardana ji deserve commandable respect

  • @laxmanmhatre6263
    @laxmanmhatre6263 Před 4 měsíci

    विजय सार्डाना जी राम राम,आपनें बिलकुल सारे विश्लेषण कि जानकारी सहि मायने में सौ टक्का सहि रुप से कहा है, आपने जो भी विचार न्यायाल्य पर जो खुलकर और बिना विरोध , कहा है आपको बहुत बहुत बधाई।हमारी न्यायालय को बीसवी शताब्दी में नही रहना चाहिए किंव की अब हर घर में पाँच ,छे ,मोबाईल होते ही है जिससे हर एक को देश में हो रहे हर गतिविधीयोंका तुरंत पत्ता होता है और उसकी प्रतिक्रिया भी तुरंत होती हैं और नेता,न्यायालय , में जो भी फ़ैसला होता हैं लोगो तक उसी वक्त पोहोच जाता है और जो चोर,भ्रस्टाचारी नेता है उनकी कोर्ट में तीस ,चालीस साल केस चलती रहती है और फ़िर ये नेता बा ईजत बरी हो जाते है और ज्यादातर हिन्दुओंको जेल भेज दिया जाता है और आक्रान्ता औंको छोड़ देते हैं फिर ओ जेल से बाहर आने के बाद और जोर जोर से गुण्डा गर्दी करता है।जय हिंद जय भारत अखण्ड हिन्दू स्थान।

  • @rajendramarkandey3392
    @rajendramarkandey3392 Před 5 měsíci

    सरदाना साहब.....न्याय व्यवस्था की खामियों/विरोधाभासी निर्णयों की विवेचना बहुत अच्छे से की ...आज जनता में सुप्रीम कोर्ट के प्रति सम्मान बहुत कम हो चुका है..वह देखती/सुनती है रसूखदार के प्रति और साधारण आदमी के कितना घोर पक्षपात हो रहा है... साधारण गरीब, मध्यम श्रेणी की जनता न्यायालय में जाने से ही डरती है...वह सोचती है आर्थिक तौर पर बर्बादी और मानसिक त्रास ही मिलेगा...इस इस व्यवस्था से जुड़े...बार व बेंच को जनता में साख बचाने हेतु ईमानदार से निष्पक्ष प्रयास करने होंगे..... सरदाना साहब आपको सादर प्रणाम....

  • @parveensabharwal1460
    @parveensabharwal1460 Před 5 měsíci +20

    This is a very serious matter. The neglect of Hindu sentiments and priorities to minorities especially one. All that you are saying is very very relevant and important.

  • @MahendraSaxena-nr9hb
    @MahendraSaxena-nr9hb Před 5 měsíci +5

    विजय जी, आपका एक एक शब्द शतप्रतिशत सही और सामायिक है। हम उम्मीद करते हैं कि देश के जिम्मेदार लोग इसका संज्ञान लेंगे और हम अपने जीवन काल में बदलाव की शुरुआत देखेंगे। आपका विष्लेषण बहुत अच्छा लगा। धन्यवाद।

  • @user-zs3cc5xn7t
    @user-zs3cc5xn7t Před měsícem +1

    आज के परिदृश्य का बहुत ही सुंदर एवं सटीक/सराहनीय विश्लेषण ❤❤❤❤❤

  • @balwantsinghrawat9842
    @balwantsinghrawat9842 Před 4 měsíci

    आपने सत्य कहा। मैं स्वयं कोर्ट से परेशान हुं। अब मैं कोर्ट से बाहर आकर राष्ट्रपति को लिख चुका हुँ।

  • @arakabhaskarrao3979
    @arakabhaskarrao3979 Před 5 měsíci +5

    This is what our Mahamahim Smt. Murmuji reciting again and again in public forums but nobody cares. Hope we learn it sooner the better. Thanks Sardanaji.

  • @navinchandrafulera9973
    @navinchandrafulera9973 Před 5 měsíci +5

    निश्चित ही न्यायपालिकाओं ने ऐसे उदाहरण देकर देश के सामने कुछ कहने का अवसर दिया है।

  • @kantimahantivenkatrao475
    @kantimahantivenkatrao475 Před měsícem

    आम नागरिक को जुडिशियरी के खिलाफ क्रिटिसाइज करने पर कंटेम्ट आफ कोर्ट के अनुसार कार्यवाही नहीं होना चाहिए ....क्रिटिसाइज करने का अधिकार और आजादी मिलना चाहिए हर नागरिक को ..... high and mighty, rich and influential,beaurocrats, politicians,big business houses r actually enjoying the services of judiciary

  • @anshumandixit5819
    @anshumandixit5819 Před 5 měsíci

    VIJAY SARDANA SIR KO koti koti 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

  • @JamesPinto-jz6fd
    @JamesPinto-jz6fd Před 5 měsíci +4

    100% जनता की आवाज़ 👌🏻

  • @chandrahasnarnoli7156
    @chandrahasnarnoli7156 Před 5 měsíci +3

    माननीय श्री सरदानाजी, आपकी विद्वता को कोटि कोटि नमन, बहुत ही सुंदर, उच्च गुणवत्ता का विश्लेषण, सुप्रीम कोर्ट के माननीय सर्वोच्च न्यायाधीश के आम जनता की भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए इनको कोटि कोटि प्रणाम। धन्यवाद।🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @murlidharpandey9346
    @murlidharpandey9346 Před 5 měsíci

    शतप्रतिशत सही कहा आपने न्यायालय न्याय नहीं देते हैं फैसले करता है ।

  • @shailendrachauhan3804
    @shailendrachauhan3804 Před 5 měsíci +1

    अधिकतर जज देश के विरोध काम कर रहे है।

  • @AshokKumar-is1pe
    @AshokKumar-is1pe Před 5 měsíci +3

    तीसलासीतवाड़ कपिल सिब्बल मनु सिंघवी 370 अफजल गुरू यह सब साख ही को ख़राब करेंगें।

  • @mansharam9177
    @mansharam9177 Před 5 měsíci +8

    If any one in INDIA expects justice from courts,then he should avoid going to court at any cost.

  • @kashmirsingh3304
    @kashmirsingh3304 Před měsícem +1

    Yes prompt action was required for safe guard all religions including Sanatan Dharma.

  • @pankajkhandelwal2524
    @pankajkhandelwal2524 Před měsícem

    धन्यवाद विजयजी, ऐसे ज्वलंत मुद्दे पर वीडियो डालने हेतु। यकीनन भारत को अपनी न्याय व्यवस्था एवम पुलिस व्यवस्था में आज के समय के अनुसार आमूलचूल परिवर्तन तो करने ही होंगे।
    न्यायाधीशों के चयन हेतु कॉलेजियम व्यवस्था को सर्वप्रथम हटाकर एक निष्पक्ष व्यवस्था कायम करने की नितांत आवश्यकता है। इसके साथ ही पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें काटनी भी होंगी। तब तक देश के साथ न्याय हो ही नहीं सकता।

  • @promilajain9774
    @promilajain9774 Před 5 měsíci +10

    I wish this video should reach our SCJudges, who time & again make us realise that justice in India is only for few people who are either anti- Modi anti-nationals or belong to those NGOs who toe their lines ie the line of leftists.

    • @balasubramanian9675
      @balasubramanian9675 Před 5 měsíci

      Even if this video reaches or many comments about the 3rd class characterless Supreme quota judges , even if someone spits in their face , they will shameless rub that also and the behavior would be same. They will never improve or change their attitude , only divine justice in the form of worst curse will teach them lession

  • @garg050519
    @garg050519 Před 5 měsíci +11

    In my opinion by this article, a naked truth regarding working of Supreme Court brought out and a mirror has been shown. Salute 🙌

  • @rabindranathsingh2022
    @rabindranathsingh2022 Před měsícem

    यथार्थ तर्क संगत विश्लेषण के लिए कोटिशः धन्यवाद महोदय

  • @rakeshsharma-dm6eu
    @rakeshsharma-dm6eu Před 22 dny

    सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पिछले कुछ दिनों में लीए गए निर्णय यां दिए गए फेसलो के कारण अपनी साख गवां बेठा है और अब इसका सज्ञांन सूप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज ने भी सपष्ट तौर पर कह दिया हजय भारत जय हिन्द वन्दे मातरम 🇮🇳

  • @suhasbhide5773
    @suhasbhide5773 Před 5 měsíci +15

    We need legal reforms desperately, unfortunately modi government did nothing in ten years. In coming years ARTIFICIAL INTELLIGENCE will play very important role in delivering justice

    • @balasubramanian9675
      @balasubramanian9675 Před 5 měsíci

      Its not question of any technology or AI , its only matters to the intention and honesty of the self proclaimed Milord Judges if they themselves want to be politically correct and be biased and casual, lenient in their behavior and they lack the basic will to eradicate corruption, what way technology can help them.

  • @rajendraprasadsharma2109
    @rajendraprasadsharma2109 Před měsícem +3

    कॉलेजियम व्यवस्था को समाप्त कर योग्यता के मापदंड निर्धारित करके ही नियुक्ति होनी चाहिए।

  • @niranjandevsharma7631
    @niranjandevsharma7631 Před 29 dny

    सरदाना जी आपने यह बहुत महत्वपूर्ण विषय लिया है और इस सन्दर्भ में और शायद मेरे जैसे करोड़ों करोड़ों भारतवासी शत-प्रतिशत सहमत होंगे। और बहुत से तो इस सडे हुए न्याय तन्त्र के मुक्त भोगी भी होंगे। सड़क ( पुलिस) से लेकर सुप्रीम कोठे तक हर दिन कानून की बखिया उधेड़ी जाती है असंख्य कानून के रक्षक चाहे वो एक साधारण सिपाही हो अथवा सुप्रीम कोठे का अध्यक्ष सभी साधारण मानव है और इनसे भी गलतियां कुछ अनजाने में और कुछ जानबूझकर अपने स्वार्थ पूर्ति में की जाती है। लेकिन इनपर अधिकांशतः कोई कठोर कार्रवाई या सजा मिलनी अथवा सजा दिलवाने में लोगों के तोते उड़ जाते हैं। मेरे विचार में उनपर भी एक साधारण नागरिक की तरह केस चले और सजा हो। लेकिन छोटे बड़े सभी कोठे दलाल से भरे होते हैं इनके माध्यम से सबकुछ पैसे या अन्य लाभ देकर सैट किया जाता है। कपिल सिब्बल अभिषेक मनु सिंघवी प्रशान्त भूषण जैसे अधिवक्ताओं ने तो जैसे न्याय खरीद रखा है उसको बंधक बना रखा है इन लोगों और इन जैसी सोच और हरामीपन रखने वाले असंख्य लोग न्याय प्रणाली में भरें है जो कानून को अपनी लोडी की तरह मानते और प्रयोग करते हैं ये लोग तीस्ता सीतलवाड़ कन्हैया कुमार अफजल जैसे देश विरोधी लोगों को भी हर प्रकार से बचाने का प्रयास करते हैं और इस काम में कोठे के तथाकथित मालिक इनका भरपूर सहयोग करते हैं। विश्व भर में कालेजियम प्रणाली शायद केवल भारत में ही है। क्या देश इनके बाप का है कि ये दलाल अपनी इच्छा से किसी को भी बिना परीक्षा किसी भी न्यायालय में जज बना देते हैं ये भी किसी ना किसी रूप में महाभ्रष्ट आचार नहीं है तो क्या है। यहां क्या भाई भतीजावाद या रिश्तेदारी निभाई जाती है। क्या कोई एमपी,एम एल ए किसी को भी एम एल ए नियुक्त कर सकता है। न्यायालय क्या प्राईवेट कंपनी है कि पांच आदमी जो चाहे करें। सेकंडों बार विभिन्न जजों ने अपने निर्णयों से देश और न्याय प्रणाली को शर्मिंदा किया है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होना अत्यावश्यक है। विधायिका का कार्य नियम कानून बनाना है जो कि जनता द्वारा चुने गए उनके सैकड़ों विधायकों द्वारा निष्पादित किया जाता है। ऐसा कोन सा जज है जिसे इस प्रकार चुना गया हो ? न्याय की मूर्तियों का कार्य है कि विधायिका द्वारा सर्व सम्मति से बनाए गए कानून का अक्षरश: पालन करवाना है । न्याय प्रणाली कभी भी प्रजा तन्त्र पर हावी नहीं होना चाहिए। ‌सरदाना जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद ऐसे विषय को चुनने के लिए।