बीज के अंदर अंकुर ने अंगड़ाई ली | अशोक चक्रधर | Kavi Sammelan | Ashok Chakradhar
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- čas přidán 21. 04. 2024
- Beej Ke Andar Ankoor Ne Angdaai Li poetry by Prof. Ashok Chakradhar.
Ashok Chakradhar is a renowned Hindi poet, writer and a media personality. He has been a professor and head of the department of Hindi at Jamia Millia Islamia (Central University). After serving for 29 years, he took voluntary retirement to focus on working towards the propagation and development of the Hindi language. His contribution has been crucial in the standardization of Hindi for computers. In 2007 he became the Hindi co-ordinator at the Institute of Life Long Learning (ILLL) at the University of Delhi and in 2009 was appointed as the Vice Chairman of Hindi Academy, Government of Delhi and as the Vice Chairman of the Kendriya Hindi Shikshan Mandal, Ministry of HRD, Government of India. He is a celebrated poet, widely known for his unique style of poetry. His illustrious presence in kavisammelans or poetry recitals for almost half a century in India & abroad has made him a household name, especially in the genre of humour and satire.Prof. Chakradhar is the recipient of several awards and honours. Some prestigious awards are Government of India’s Padmashri, UP Government’s ‘Yash Bharti’ and ‘Vidya Bhooshan Sammaan’.
अशोक चक्रधर एक संजीदा समीक्षक, लेखक, प्रोफेसर, मीडियाकर्मी और लोकप्रिय कवि हैं। जामिआ मिल्लिआ इस्लामिया नामक विश्वविद्यालय में तीस बरस तक ये हिन्दी पढ़ाते रहे। अनेक वर्ष विभागाध्यक्ष रहे तथा देश में पहली बार किसी हिन्दी विभाग को मीडिया अध्ययन से जोड़ा। ये देश-विदेश के कविसम्मेलनों के लिए एक महत्वपूर्ण कवि हैं। ‘क़हक़हे’ से लेकर ‘रंग-तरंग तक ‘पोल टॉप टैन’ से लेकर ‘छोटी सी आशा’ तक और ‘वाह वाह’ से लेकर ‘चकल्लस’ तक, ‘मेरी बात’ से लेकर ‘पत्रिका’ तक पिछले चार दशक से टी.वी. पर मौजूद हैं। दूरदर्शन पर इनके साप्ताहिक कार्यक्रम ‘चले आओ चक्रधर चमन में’ ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए। अशोक चक्रधर ने अपनी मल्टी-मीडिया प्रस्तुतियों से हिन्दी को हाई-टैक करने की पहल करी। मंचीय हास्य-व्यंग्य को अपने विशिष्ट संचालन-कौशल के साथ नए-नए आयाम दिए। साठ से अधिक पुस्तकों के लेखक प्रो. चक्रधर हिन्दी पत्रकारिता में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए नियमित स्तम्भ लेखन भी कर रहे हैं। ये एक सम्पूर्ण मीडिया-व्यक्तित्व हैं। प्रो. अशोक चक्रधर दिल्ली विश्वविद्यालय के जीवंपर्यंत शिक्षण संस्थान के हिंदी समंवयक, केन्द्रीय हिन्दी शिक्षण मण्डल (मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार) एवं हिन्दी अकादमी (दिल्ली सरकार) के उपाध्यक्ष रहे। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शताधिक पुरस्कारों और सम्मानों से नवाज़े गए डॉ. अशोक चक्रधर भारत के राष्ट्रपति द्वारा ‘पद्मश्री’ की उपाधि से भी अलंकृत किए जा चुके हैं। कुछ अन्य उल्लेखनीय प्रतिष्ठित सम्मान एवं पुरस्कार हैं-- ‘आकाशवाणी अवार्ड’ (आकाशवाणी, भारत सरकार), सर्वश्रेष्ठ लेखन निर्देशन पुरस्कार (फ़िल्म फ़ेस्टीवल निदेशालय, भारत सरकार), ‘यशभारती सम्मान’ एवं ‘विद्याभूषण सम्मान’ (उत्तर प्रदेश सरकार), ‘दिल्ली के गौरव’ ‘बाल साहित्यकार पुरस्कार’, ‘काका हाथरसी पुरस्कार’ (दिल्ली सरकार), ‘आदित्य-अल्हड़ सम्मान’ (हरियाणा सरकार), ‘हास्य रत्न’, ‘राष्ट्रभाषा समृद्धि सम्मान’, ‘त्रिनिदाद हिन्दी शिखर सम्मान’, ‘कैफ़ी आज़मी अवार्ड’, ‘साहित्य शिरोमणि, न्यूयॉर्क अवार्ड’, माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी द्वारा ‘मोस्ट वेल्युएबल प्रोफेशनल (एम.वी.पी.) अवार्ड’ आदि।
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#ashokchakradhar #kavita #kavisammelan - Zábava
Very deep. We humans charge for everything. Mother Nature is beautiful because it is kind.
Sir, this very simple poem conveys a big message to the society wherein every body wants to take price of the smallest action. No one wants to become a helping hand to anyone in this harsh world.
Khoob bahut khoob!
बहुत सुन्दर
Bhut acchi kavita hai sir. Main mayank hu main aapse milne prayagraj aaya tha aap mere guru hai 🥰💓
बहुत ही शानदार महाशय🙏
लाजवाब प्रस्तुतीकरण है। ❤❤❤❤❤
ऐसा उदहारण इतना खूबसूरत और महत्वपूर्ण है। मनुष्य के लिए बहुत-बहुत सीखने और व्यावहारिकता प्रत्यक्ष रूप से सामने है।
वाह वाह वाह।
दिल बहुत खुश हुआ।
Waha sir
भाईसाहब
आप लाजवाब हैं
आभार प्रभु का हम आपको सुन पा रहे हैं
सादर
सुंदर!
Atti Sundar ❤
गजब कवि हैं।
अशोक चक्रधर जी! आज भी आप वैसे ही हैं जैसा आज से पैंतीस साल पहले आपको देखा-सुना था।
पारिश्रमिक वाली यह रचना बेजोड़ है।
आदरणीय भाई चक्रधर जी, पूरी ग़ज़ल बहर से ख़ारिज है। कथ्य के लिए ही कुछ कहना हो तो और भी विधाएं हैं। पहले शिल्प के अनुशासन में आएंँ अन्यथा मंचों पर सुनाने के लिए आपके पास न विषयों की कमी है न विधाओं की ।
Hum sab ne apki kavita suni kya sunvayi li 😀
समन्वयात्मक दर्शन का अच्छा उदाहरण !
Baramad ka shaayar - #RangaBilla top ten instilled - This time (Once in 5 year), we got low life Shayaar in Rajeev , who is doing #Traitior duo bidding by doing low grade shayari in front of summoned (godi)Media poodles
बेजोड़ काव्य।