kuch sujhta nahi ali Akbar jawab do💔 😭| Anjuman Gulshan E Islam bhaura Sadat| New Nauha 2024
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- čas přidán 14. 06. 2024
- कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो|kuch sujhta Nahi Ali Akbar jawab do|
#Newnauha2024
@zohairakberpuriofficial856
@mehdinetwork1472
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😢😢😢
Jazakallah
😭😭😭😭
😢😢
Mashaallah salamat raho
Mashallah 😢😢😢
Masshall
Mashallah salamat raho 😢😢😢😢😢
Haaye mere mola😭😭😭😭💔💔💔
Haayeee mera maula 😭😭
Lyrics bhi dala kare bhai
Mashallah, lyrics bhi dala karen please
[12/07, 11:41] aa: जब वक्ते asr बेटी का ख़त बाप ने पढ़ा
गुरबत पे अपने रोए शहंशाहे कर्बला
कड़यल जवा की लाश पे पहुंचे शहे हुडा
ख़त को पिसर के सीने पे रखकर के दी सदा
अकबर अकबर मेरे अकबर
सीने का दर्द अपने छिपाकर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
सुगरा के खत का ऐ मेरे दिलबर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 1
लीक्खा है बाबा जान तरस कुछ तो खाइए
सुगरा से सब्र होता नहीं आ भी जाईये
कुछ देर ही सही अली अकबर को लाइए
मरने से अपनी सुगरा को आकर बचाईए
तकती है रास्ता रोज़ वो दिलबर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 1
पूछा है कब तलक मुझे भैय्या बुलाएंगे
या यूं ही अपनी सुगरा से पीछा छुड़ाएंगे
कह देती हूं जो देर से थोड़ा भी आएंगे
सुगरा को फिर जहान में ज़िंदा ना पाएंगे
आंखों को खोलो मेरे गुले तर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 4
मुँह को कलेजा आता है ऐ लाल पढ़ के ख़त
लिखती है बार बार तुम्हारी ही खैरियत
मै बाप हूं समझता हूं बेटी की कैफियत
एक भाई एक बहन के मोहब्बत की अहमियत
उठकर के हम शबीहे पयम्बर जवाब दो
सीने का दर्द अपने छिपाकर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 3
लिख्खा है बाबा दर्द का तूफान है बहुत
सुनसान घर में सुगरा परीशान है बहुत
भेजा ना खत जो तुमने तो हैरान है बहुत
मिलने का हं मगर उसे अरमान है बहुत
क़ासिद को क्या जवाब दूं अकबर जवाब दो
सीने का दर्द अपने छिपाकर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 5
लिक्खा है खत में
रंजो आलम में कटता है सुगरा का हर पहर
दिवारो दर भी रोते ह सुगरा के हाल पर
होते ही रात लगती है सुगरा को तेरे डर
पूछा है खत्म होगा भला कब तलाक सफर
बहना के ख़त का उठके बरादर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 7
कासिद का दिल तड़प गया लिल्लाह क्या हुआ
अरमान एक बहन का है इस जां लुटा हुआ
गुलदस्ता जो दिया था वहीं है रखा हुआ
बहना का ख़त है भाई के खून में सना हुआ
कहते हैं लाशे से शहे सफ़दर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 6
अकबर का ब्याह होगा तो घर आएगी दुल्हन
अरमान ले के बैठी है परदेस में बहन
लिकखा है नेग लूंगी वो आएंगे जब वतन
कुछ आप भी तो बेटी को देंगे शहे ज़मन
लिखती है सुगरा गैर समझकर जवाब दो
सुग़रा के ख़त का ऐ अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 8
क़ासिद से शाह कहते थे ज़ोहैर और shajar
सुग़रा से कहना ख़तमा हुआ भाई का सफ़र
परदेस से ना आएगा अब कोई लौटकर
कुछ देर में कटेगा तेरे बाप का भी सर
जो देखा है वो आंखो से जाकर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
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[12/07, 11:41] aa: जब वक्ते asr बेटी का ख़त बाप ने पढ़ा
गुरबत पे अपने रोए शहंशाहे कर्बला
कड़यल जवा की लाश पे पहुंचे शहे हुडा
ख़त को पिसर के सीने पे रखकर के दी सदा
अकबर अकबर मेरे अकबर
सीने का दर्द अपने छिपाकर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
सुगरा के खत का ऐ मेरे दिलबर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 1
लीक्खा है बाबा जान तरस कुछ तो खाइए
सुगरा से सब्र होता नहीं आ भी जाईये
कुछ देर ही सही अली अकबर को लाइए
मरने से अपनी सुगरा को आकर बचाईए
तकती है रास्ता रोज़ वो दिलबर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 1
पूछा है कब तलक मुझे भैय्या बुलाएंगे
या यूं ही अपनी सुगरा से पीछा छुड़ाएंगे
कह देती हूं जो देर से थोड़ा भी आएंगे
सुगरा को फिर जहान में ज़िंदा ना पाएंगे
आंखों को खोलो मेरे गुले तर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 4
मुँह को कलेजा आता है ऐ लाल पढ़ के ख़त
लिखती है बार बार तुम्हारी ही खैरियत
मै बाप हूं समझता हूं बेटी की कैफियत
एक भाई एक बहन के मोहब्बत की अहमियत
उठकर के हम शबीहे पयम्बर जवाब दो
सीने का दर्द अपने छिपाकर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 3
लिख्खा है बाबा दर्द का तूफान है बहुत
सुनसान घर में सुगरा परीशान है बहुत
भेजा ना खत जो तुमने तो हैरान है बहुत
मिलने का हं मगर उसे अरमान है बहुत
क़ासिद को क्या जवाब दूं अकबर जवाब दो
सीने का दर्द अपने छिपाकर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 5
लिक्खा है खत में
रंजो आलम में कटता है सुगरा का हर पहर
दिवारो दर भी रोते ह सुगरा के हाल पर
होते ही रात लगती है सुगरा को तेरे डर
पूछा है खत्म होगा भला कब तलाक सफर
बहना के ख़त का उठके बरादर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 7
कासिद का दिल तड़प गया लिल्लाह क्या हुआ
अरमान एक बहन का है इस जां लुटा हुआ
गुलदस्ता जो दिया था वहीं है रखा हुआ
बहना का ख़त है भाई के खून में सना हुआ
कहते हैं लाशे से शहे सफ़दर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 6
अकबर का ब्याह होगा तो घर आएगी दुल्हन
अरमान ले के बैठी है परदेस में बहन
लिकखा है नेग लूंगी वो आएंगे जब वतन
कुछ आप भी तो बेटी को देंगे शहे ज़मन
लिखती है सुगरा गैर समझकर जवाब दो
सुग़रा के ख़त का ऐ अली अकबर जवाब दो
[12/07, 11:41] aa: 8
क़ासिद से शाह कहते थे ज़ोहैर और shajar
सुग़रा से कहना ख़तमा हुआ भाई का सफ़र
परदेस से ना आएगा अब कोई लौटकर
कुछ देर में कटेगा तेरे बाप का भी सर
जो देखा है वो आंखो से जाकर जवाब दो
कुछ सूझता नहीं अली अकबर जवाब दो
😢😢😢