माघ महीने की शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि. सं. 1575 को कबीर साहेब के मगहर से सशरीर सतलोक गमन के समय जो सुगंधित फूल पाए गए थे उनमें से कुछ फूल लाकर काशी में जहाँ कबीर परमेश्वर एक चबूतरे ( चौरा ) पर बैठकर सत्संग किया करते थे वहाँ काशी चौरा नाम से यादगार बनाई गयी। अब वहाँ पर बहुत बड़ा आश्रम बना हुआ है। महगर में दोनों यादगारों के बीच एक साझा द्वार है, आपस में कोई भेदभाव नहीं है।
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहां जुलाहे न पाया॥ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कबीर साहेब के 627वें प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा प्रचार प्रसार किया जा रहा है। साथ ही कबीर साहेब के प्रकट दिवस पर होने वाले विशाल भंडारे में सपरिवार आने का निमंत्रण भी दिया जा रहा है।
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
गरीब, जीव हिंसा जो करते हैं, या आगे क्या पाप। कंटक जुनी जिहान में, सिंह भेड़िया और सांप।। जो जीव हिंसा करते हैं उससे बड़ा पाप नहीं है। जीव हत्या करने वाले वे करोड़ो जन्म शेर, भेड़िया और साँप के पाते हैं।
Bandi chhod satguru rampal ji bhagwan ji ki Jay ho🙏🙏
❤❤❤❤
माघ महीने की शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि. सं. 1575 को कबीर साहेब के मगहर से सशरीर सतलोक गमन के समय जो सुगंधित फूल पाए गए थे उनमें से कुछ फूल लाकर काशी में जहाँ कबीर परमेश्वर एक चबूतरे ( चौरा ) पर बैठकर सत्संग किया करते थे वहाँ काशी चौरा नाम से यादगार बनाई गयी। अब वहाँ पर बहुत बड़ा आश्रम बना हुआ है। महगर में दोनों यादगारों के बीच एक साझा द्वार है, आपस में कोई भेदभाव नहीं है।
Permatma ji hmm nicho per aapke daya Banya rekhna ❤❤❤
बंदी छौड़ ततव्दर्सी संत रामपाल जी के चरणों में कोटि कोटि दंडबत प्रणाम 👏👏👏👏👏👏👏👏
परमात्मा का गीतजी का ज्ञान
Anmol gayan
Jai ho bandi shod ki
Sat sahib ji
Very nice gayn
Bandi Chhod Jagatguru tatvdarshi Sant Rampal Ji Maharaj ke Shri Charanon Mein Das Bhola ka Koti Koti padhaai
अनमोल वचन 🙏
बहुत अच्छा ज्ञान
Sat.saheb.ji
सत साहेब जी ❤❤❤❤😢😢
कबीर, ये तन विष की बेलड़ी, गुरु अमृत की खान।
शीश दिए जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान।।
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहां जुलाहे न पाया॥
देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कबीर साहेब के 627वें प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में उनके अनुयायियों द्वारा प्रचार प्रसार किया जा रहा है। साथ ही कबीर साहेब के प्रकट दिवस पर होने वाले विशाल भंडारे में सपरिवार आने का निमंत्रण भी दिया जा रहा है।
कबीर राज तजना सहज है सहज त्रिया का नेहा मान बड़ाई ईर्ष्या दुर्लभ तजना ए सत् साहेब जी
Kabir Is God 🙏
Anant koti bharmand ka ek rati nahi bhar satguru purush kabir Hain kul ke sirjan har
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
कबीर साहेब के अनुसार मांस खाना और जीव हिंसा करना पाप है
गरीब, जीव हिंसा जो करते हैं, या आगे क्या पाप। कंटक जुनी जिहान में, सिंह भेड़िया और सांप।।
जो जीव हिंसा करते हैं उससे बड़ा पाप नहीं है। जीव हत्या करने वाले वे करोड़ो जन्म शेर, भेड़िया और साँप के पाते हैं।
गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागूं पाय बलिहारी गुरु आपने जिन्हें गोविंद दियो मिलाय अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक ज्ञान गंगा।
बहुत अच्छा ज्ञान