Jo Mere Ghar Kabhi Nahin Aayenge | Vyomesh Shukla | Episode 2 | Hindinama Originals
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- čas přidán 21. 03. 2024
- #Vyomeshshukla #Vyomeshshuklainterview #Hindinamaoriginals
Credits:-
Hosted by - Kriti Baranwal
Produced and Directed by - Ankush Kumar
Assistant Director - Ujjwal Bhadana
Editor - Shubham Biswas
Director Of Photography - Maqsud Hassan
'जो मेरे घर कभी नहीं आएँगे' के दूसरे एपिसोड में हम आए हैं व्योमेश शुक्ल जी के यहाँ उनके साथ पूरा एक दिन बिताने, जिसमें हम जानेंगे उनकी पूरी दिनचर्या के बारे में। उनके घर परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में। और यह भी कि एक लेखक व रंगकर्मी अपने जीवन में कैसा होता है। तो ये सब जानने के लिए देखिए हमारा यह नया एपिसोड। आपकी प्रतिक्रियाओं का कॉमेंट में इंतज़ार रहेगा।
शृंखला के बारे में
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'जो मेरे घर कभी नहीं आएँगे' ये शृंखला हिन्दीनामा के लिए एक सपना था। हम बहुत बार देखते हैं कि बड़े-बड़े बॉलीबुड हीरो-हीरोइन पर आधारित कई बार ऐसा कुछ किया जाता है कि लोग उसे देखने में दिलचस्पी लें, उनके निजी जीवन को थोड़ा बहुत जान सकें। तो हमें लगा ऐसा हिन्दी साहित्यकारों और अन्य कलाकारों के साथ क्यों नहीं किया जा सकता। बस इसी की उपज है यह शृंखला।
इस शृंखला में हिन्दीनामा के माध्यम से हम जा रहे हैं ऐसे ही लेखकों और कलाकारों के घर जिनके बारे में हम सभी कुछ जानना चाहते हैं। हम आपके लिए लेकर आ रहे हैं उनकी पूरी दिनचर्या।
यह शृंखला करना हमारे लिए बहुत आसान नहीं था। बहुत कठिनाइयों और ढेर सारे परिश्रम के बाद जल्दी ही दूसरा एपिसोड आपके सामने आने वाला है। आशा है आपको यह ज़रूर पसंद आएगा, और हिन्दी में किए गए इस प्रयोग को आप दोगुना प्रेम देंगे।
धन्यवाद।
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व्योमेश शुक्ल के बारे में -
व्योमेश शुक्ल का जन्म 25 जून, 1980 को वाराणसी में हुआ। बचपन यहीं बीता और एम. ए. तक की पढ़ाई भी यहीं से हुई। लिखने की शुरुआत शहर के जीवन, अतीत, भूगोल और दिक़्क़तों पर एकाग्र निबंधों और प्रतिक्रियाओं के साथ हुई।
उन्होंने इराक़ पर हुई अमेरिकी ज़्यादतियों के बारे में मशहूर अमेरिकी पत्रकार इलियट वाइनबर्गर की किताब ‘व्हाट आई हर्ड अबाउट ईराक़’ का हिंदी अनुवाद किया, जिसे हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘पहल’ ने एक पुस्तिका के तौर पर प्रकाशित किया है। इसके अलावे उन्होंने विश्व-साहित्य से नॉम चोमस्की, हार्वर्ड ज़िन, रेमंड विलियम्स, टेरी इगल्टन, एडवर्ड सईद और भारतीय वाङ्मय से महाश्वेता देवी और के, सच्चिदानंदन के लेखन का भी अँग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद किया है।
अपनी कविताओं के लिए आरंभ से ही चिह्नित होने लगे थे और 2008 में ‘अंकुर मिश्र स्मृति पुरस्कार’ और 2009 में ‘भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार’ से सम्मानित हुए। 2009 में ही उनका पहला काव्य-संग्रह ‘फिर भी कुछ लोग’ प्रकाशित हुआ। दूसरा काव्य संग्रह ‘काजल लगाना भूलना’ एक अंतराल के बाद 2020 में प्रकाशित हुआ है। 2020 में ही ‘कठिन का अखाड़ेबाज़ और अन्य निबंध’ शीर्षक निबंध-संग्रह भी प्रकाशित हुआ है। उसके बाद विष्णु खरे पर एकाग्र उनकी कृति...। का भी प्रकाशन हुआ है। फिलहाल 'आग और पानी' के बाद 'गार्जियनता' उनकी नवीनतम कृति है।
कविताओं के अतिरिक्त उनकी रुचि आलोचनात्मक लेखन में रही है, जिसके लिए 2011 में ‘रज़ा फ़ाउंडेशन फ़ेलोशिप’ पाया है। उनकी प्रतिष्ठा युवा रंग-निर्देशक और संस्कृतिकर्मी के रूप में भी बढ़ रही है। संस्कृति-कर्म के लिए भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता के ‘जनकल्याण सम्मान’ और नाटकों के निर्देशन के लिए संगीत नाटक अकादेमी के ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ युवा पुरस्कार’ से नवाज़े गए हैं।
उनकी कविताओं के अनुवाद विभिन्न भारतीय भाषाओं के साथ-साथ कुछ विदेशी भाषाओं में हुए हैं। लेखन के साथ-साथ उनका रंग-कर्म जारी है।
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प्रस्तुतकर्ता के बारे में -
पश्चिमी चंपारण के बेतिया जिले की रहने वाली कृति बरनवाल 12वीं करने के बाद बी.एच.यू. से अंग्रेज़ी साहित्य से स्नातक हैं। उसके बाद उन्होंने IIMC से Marketing & PR में PG डिप्लोमा किया है। पिछले तीन साल से MSL India नाम की कंपनी से जुड़ा रहने के बाद फिलहाल हिन्दीनामा के साथ कार्य कर रही हैं।
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वाह अद्भुत❤️
बहुत ही मन को टटोलने वाला संवाद ! धन्यवाद ।😊😊
एक सशक्त कवि - रंगकर्मी का एक कमजोर इंटरव्यू
व्योमेश के भाषा को बरतने का अंदाज़❤
कमाल का एपिसोड। हिंदीनामा और पूरी टीम को बधाई। इस सीरीज को जारी रखा जाना चाहिए और साथ ही एपिसोड के बीच के समयांतराल को कम किए जाने की कोशिश की जाए , जिससे दर्शक को अगले एपिसोड के लिए ज्यादा इंतजार न करना पड़े। ❤🎉
धन्यवाद
पूरा एपिसोड बहुत सुंदर है.
Very good.
Behtreen Kriti 👏🏻
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति .. 👍👍
बहुत सुंदर एपिसोड ❤❤❤❤
बहुत अच्छा साक्षात्कार, कमाल की बातें हुई लेकिन ये अलग ही लगा, पहला एपिसोड काफी बेहतर था और ऐसा लग रहा था कि एक कवि अपना जीवन बता रहा है लेकिन इसमें कृति जी ने बहुत बनी बनाई सवाल पूछ कर शांत हो गई। कोई भी साक्षात्कार दो व्यक्तियों का बात चीत होना चाहिए था। मुदित भाई, मुदित भैय्या के बात करने का तौर ही अलग है। काफी अच्छी लेकिन थोड़ा बेहतर और हो सकता है अंकुश भाई।
कमाल की प्रस्तुति ❤
धन्यवाद।
बहुत ख़ूब, शुभकामनाएँ...
बेहद सुखद ।
Aap Mahaan kaam kar raha hai ❤❤ aap ambani elon musk se bhi jyada safaal hai❤❤
👌🏻
आनंद आया❤
बहुत सुंदर।
बहुत अच्छा काम ❤🎉
Shaandar 👌👌👍
अच्छा है पर बहुत लंबाहै थोड़ा छोटा होना चाहिए 🎉🎉❤❤
वाह ❤
धन्यवाद।
Waaah, Sundar Interview 🌻
धन्यवाद।
अद्भुत
धन्यवाद.
धन्यवाद
बहुत ही मन को टटोलने वाला संवाद ! धन्यवाद ।😊😊