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Ved Kranti
India
Registrace 13. 09. 2023
हम भारतीय धर्म संस्कृति के आधार वेद और प्राचीन भारतीय विज्ञान/विद्या को सरल रूप में जन मानस तक पहुंचाने हेतु प्रतिबद्ध है।
"जन जन वेद घर घर वेद"
"जन जन वेद घर घर वेद"
स्वराज्य सूक्त(ऋग्वेद, मण्डल 01 सूक्त 80) मंत्र ३(व्याख्या: स्वामी शरण जी) #ved #vedkranti #dharma
स्वराज्य सूक्त(ऋग्वेद, मण्डल 01 सूक्त 80) मंत्र ३(व्याख्या: स्वामी शरण जी) #ved #vedkranti #dharma
zhlédnutí: 5
Video
Samved 1.५.७ || ved vyakhya Swami sharan ji || #vedikdharm || #vedkranti ||
zhlédnutí 13Před 2 hodinami
Samved 1.५.७ || ved vyakhya Swami sharan ji || #vedikdharm || #vedkranti ||
Samved 1.५.६ || ved vyakhya Swami sharan ji || #vedikdharm || #vedkranti ||
zhlédnutí 7Před 2 hodinami
Samved 1.५.६ || ved vyakhya Swami sharan ji || #vedikdharm || #vedkranti ||
स्वराज्य सूक्त(ऋग्वेद, मण्डल 01 सूक्त 80) मंत्र २(व्याख्या: स्वामी शरण जी) #ved #vedkranti #dharma
zhlédnutí 56Před 2 hodinami
स्वराज्य सूक्त(ऋग्वेद, मण्डल 01 सूक्त 80) मंत्र २(व्याख्या: स्वामी शरण जी) #ved #vedkranti #dharma
Samved 1.५.५ || ved vyakhya Swami sharan ji || #vedikdharm || #vedkranti ||
zhlédnutí 21Před 4 hodinami
Samved 1.५.५ || ved vyakhya Swami sharan ji || #vedikdharm || #vedkranti ||
हिंदुओं की अनेक समस्याओं के समाधान का मार्ग संगठित सनातनी हिन्दू समाज #ved #vedkranti #dharma
zhlédnutí 34Před 9 hodinami
हिंदुओं की अनेक समस्याओं के समाधान का मार्ग संगठित सनातनी हिन्दू समाज #ved #vedkranti #dharma
स्वराज्य सूक्त(ऋग्वेद, मण्डल 01 सूक्त 80) मंत्र १(व्याख्या: स्वामी शरण जी) #ved #vedkranti #dharma
zhlédnutí 28Před 9 hodinami
स्वराज्य सूक्त(ऋग्वेद, मण्डल 01 सूक्त 80) मंत्र १(व्याख्या: स्वामी शरण जी) #ved #vedkranti #dharma
सामवेद की विस्तृत जानकारी। #samved #ved #vedkranti
zhlédnutí 8Před 14 hodinami
सामवेद की विस्तृत जानकारी। #samved #ved #vedkranti
Samved 1.५.४ || ved vyakhya Swami sharan ji || #vedikdharm || #vedkranti ||
zhlédnutí 18Před 14 hodinami
Samved 1.५.४ || ved vyakhya Swami sharan ji || #vedikdharm || #vedkranti ||
क्या यजुर्वेद कर्मकाण्ड प्रधान है? क्या वेद किसी तरह के कर्मकांड का ग्रंथ है? #ved #vedik #vedkranti
zhlédnutí 24Před 19 hodinami
क्या यजुर्वेद कर्मकाण्ड प्रधान है? क्या वेद किसी तरह के कर्मकांड का ग्रंथ है? #ved #vedik #vedkranti
जादू, टोना क्या है? क्या वेदों में नदियों का वर्णन है? पुनर्जन्म? साप्ताहिक सत्र। वेद
zhlédnutí 97Před dnem
जादू, टोना क्या है? क्या वेदों में नदियों का वर्णन है? पुनर्जन्म? साप्ताहिक सत्र। वेद
68महाभारत वनपर्व(अ०4)द्रोपदी का युधिष्ठिर को भड़काना
zhlédnutí 5Před 14 dny
68महाभारत वनपर्व(अ०4)द्रोपदी का युधिष्ठिर को भड़काना
83महाभारत वनपर्व(अ०24,1)यक्ष युधिष्ठिर संवाद
zhlédnutí 30Před 14 dny
83महाभारत वनपर्व(अ०24,1)यक्ष युधिष्ठिर संवाद
80महाभारत, दुर्योधन का आमरण अनशन ,कर्ण,दुःशासन का उन्हें समझाना
zhlédnutí 14Před 14 dny
80महाभारत, दुर्योधन का आमरण अनशन ,कर्ण,दुःशासन का उन्हें समझाना
Om
Jai shree Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जब पांचो पांडव और द्रौपदी को वनवास हो गया था राजा विराट ने उनको शरण दी थी और अपने नाम बदल लिए थे यह जानने के लिए आप देखें साधना चैनल रात्रि 7:30
सामान्य रूप से बोले इतना स्लो सही नही लगता
@@YuvaVision CZcams pr option h, aap Fast krke sun sakte h 🙏
0:26
Yajurved me 40 adhyay hai guruji 10 nahi
हांजी, 40 ही है।
Guruji इन्द्राग्नी kya hai , ye shabd bahut hai Ved me
यह एक पद है, ईश्वर के लिए प्रयुक्त किया जाता है, दो गुण इंद्र और अग्नि को एक साथ मिलाकर यह शब्द बन जाता है, वेद में इस प्रकार अनेकों प्रकार के शब्द मिल सकते है जो विभिन्न गुणों का समावेश करके बनाए जाते है, उदाहरण के रूप में लोक में जैसे राम प्रकाश अर्थात जो रमणीय है एवं प्रकाश करने वाला है,
Guru ji Abp Dharma pe Amit Gaur ji Ka Podcast Dekhiyega aap 🙏
Dhanyavaad
Jay shree Ram jay sanatan vedic wishwa Dhanyawad
हे राजा ! विद्वान ! ज्ञानस्वरूप अग्रणी मार्गदर्शक ईश्वर ! ब्रह्मांड के गृहपति ! समाज या प्रजा के ग्रहपति! आप के द्वारा (ज्ञान मार्गदर्शन रक्षा से) *हम भी सु = अच्छा - आदर्श - अनुकरणीय और प्रशंसनीय गृहपति बनें।* अच्छे व्यवस्थित - अनुशासित और सर्वप्रिय "सुगृहपति" आप की कृपा सहयोग और प्रेरणा से बन जाऊं।
Dayanand Saraswati Ji ka kehna tha mujhe Ved ka bhasya Adhyatmik AdhiDevik aur Adhibhautik Artha me karne ke liye 400 sal chahiye , ye baat ajeev lag sakta hai ki Ved Mantra ke bhasya me itna samay Chahiye ? Par ye baat Satya hai , kisi ne Ved ke Mantra ka bhasya kiya wo Ye baat dawe ke sath nahi keh sakta ki maine jo Artha kar diya iske baad Ye Ved mantra Aur koi Artha nahi dega , Ved ke Mantra ka Artha bahut Vyapak hai , Adhidevik Artha me Ved me bahut se Shristi Niyam tak Chipe hue hai , kuch din Purva Arya Samajiyo ne Brahman Granth ka Sahara lekar Kaise 2 Vayu(Gas) , Vidyut ( Electricity ) ke sampark me Retah(jal/water) ki uttpati karte hai ye to khoja Hai Ved me , Vyakran Praman ke sath Surwat ke Rigved ke Mantro ka Dayanand Saraswati Ji ne Bahut Vistar Artha kiya hai , Par baad ke Mantra Me Samay Abhav ke karan unhone Kai Kai पद ko Chor diya hai Mantra bhasya karne me , Aur Unhone Sanskrit me bhasya kiya hai To jo hindi Anuvadak hai bahut Trutiya unse bhi hui hai , jaise Yajurveda 25/7 me Rishi Dayanand Ved bhasya pe Samay kanha de paye the , unka samay jagah jagah Prachar Prasar me hi beeta , Unka main Goal tha bharat samaj jo Ved ko bhool Gaya hai , us Ved ko Sthapit Karo, ki Ved hi humara mool hai Halaki Mai Shankrachary Parampara ke Siddhant Advait ko manta hoon , Par Dayanand Saraswati Ji ka bahut samman karta hoon , us insan ka bahut Yogdan hai Ved ko bachane me , Nahi To Phiche 1200 sal me jo Ved ka Durdusha hua tha , Agar Rishi Dayanand nahi aate to aaj ka samaj Ved ka itna Charcha nahi karta Naman karta hoon mai Dayana Saraswati Ji ko Aur bahut samman bhi karta hoon
बहुत सुंदर
बहुत ही संक्षिप्त और सटीक वेद विषयक जानकारी। धन्यवाद। जिज्ञासु योग वेद साधक!
❤❤❤
जय आर्य जय आर्यावर्त 🙏🏻🕉️🚩
जय आयुर्वेद 🙏🏻🙏🏻🕉️🚩
पुलकित जी उत्तम
नमस्ते स्वामी जी, वेदो मे मिलावट बचाने के लिए जो प्रकृतिपाठ तथा विकृतिपाठ है। जैसे -1. संहितापाठ, 2. पदपाठ तथा 3. क्रमपाठ- ये तीन प्रकृतिपाठ हैं और 1. जटा, 2. माला, 3. शिखा, 4. रेखा, 5. ध्वज, 6. दण्ड, 7. रथ और 8. घन- ये 8 विकृतिपाठ हैं। इन विविध पाठों के द्वारा वेदमंत्रों को नाना प्रकार से कंठस्थ करने के कारण ही वेद सृष्टि के प्रारम्भ से आजतक यथावत सुरक्षित हैं। यह पाठ कैसे किया जाता है इसपर विस्तृत पर विडियो बनाइए जिससे वेद को ईश्वरकृत सिद्ध कर सके और नास्तिक को मुहतोड़ जवाब भी दिया जा सके ।🙏🙏🙏
उत्तमम्....
Ved Upnishad Darshan ki jay
एको रसः करुण एव निमित्त भेदाद्भिन्नः पृथक्पृथगिवाश्रयते विवर्तान्। आवर्तबुदबुदतरंगमयानविकारान्नंभो सलिलमेव तु तत्समग्रम्।। गुरुदेव यह उदाहरण मैंने केवल समाधि की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए दिया है। मेरे विचार से समाधि की तुलना भंवर, बुलबुले और तरंग आदि विकारों से रहित जल की प्रशान्तावस्था की तरह मन की प्रशान्त स्थिति से देना अधिक उपयुक्त होगा। 🌹🌹🙏 🙏🌹🌹
अत्यन्त सारगर्भित व्याख्या के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद। 🌹🌹🙏 🙏🌹🌹
Awaz samaj nahi aa rahi hai
Ji, kuch videos me samasya h, ye purani videos re-upload ki gai h, Nayi video me thik h
आवाज सुनाई नही आ रही हैं
जी, इसमें थोड़ी कम है, प्रयास करें subtitle के साथ देखें, फिर भी समझ न आए, तो इस वेद गोष्ठी में जुडें, और प्रश्न पूछ लें
Nivedan 🙏mukhya mantra rigved ke batae
वेदायन पुस्तक देखें
Bahut Sundar Guru ji , bharat me Vedic marga ki Sthapna ho jaye , Phir Chamatkar Adambar Andhvishwas ka khud Nash ho jayega
Indra hi parmatma hai 😎😊
नमस्ते स्वामी जी, मै भी मानता हुँ कि वेद ईश्वरीय ज्ञान है परंतु वेद अभी तक सुरक्षित कैसे है 1. इसमे मिलावट क्यों नही हो सकता है। 2. मान लिजिए वेद एकाद पेज फट जाए अथवा मंत्र किसी कारण वश पता ना चले तो हम उसके मंत्र को कैसे ढुढ पायेंगे 🙏🙏🙏
श्रुति परंपरा के कारण,
वेदपाठी ब्राह्मणों को वेद की सुरक्षा का दायित्व है, वे पीढ़ी दर पीढ़ी वेद मंत्रों को आगे बढ़ाते रहते है,
धन्यवाद स्वामी जी 🙏🙏🙏
हरि ॐ
🙏🏻🙏🏻सादर नमस्ते आचार्य जी
अति सुंदर वचन
नमस्ते भाई जी आपने बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया 🙏
Namaste ji shubh sandhya
हरिॐ
हरिॐ
हरिॐ
स्वामीजी 🙏 सम avartat , दिशा श्रोतात, अकल्पयन की भी व्याख्या चाहिए
पुरुष सूक्त की प्लेलिस्ट में जाकर पिछले मंत्रों को देखें, फिर भी स्पष्ट न हो तो मेसेज करें 🙏
हरिॐ
हरिॐ
नमस्ते स्वामी जी, मुझे एक शंका यह है कि जब मनुष्य के पास ज्ञान है तो अच्छे कर्म करेगा और ज्ञान नहीं है पाप कर्म करेगा । लेकिन मनुष्य जब तक पृथ्वी पर है तो अपनी योग्यतानुसार पाप या पुण्य कर्म करता रहेगा अर्थात उसके पाप -पुण्य के आधार पर जन्म-मरण भी होते रहेंगे तो कर्म कभी भी समाप्त ही नही होगा तो मोक्ष किस आधार पर मिलेगा ? या मोक्ष सिर्फ कल्पना मात्र है ?🙏🙏🙏
मृत्यु के बाद मोक्ष कल्पना है या सत्य यह कहना उचित नही होगा, किंतु मृत्यु से मुक्त होना ही मोक्ष है, जो हमें वेद सिखाता है, जो हम क्षण क्षण मर रहे है, इनसे, सुख दुख, मोह, आसक्ति आदि सभी से मुक्त होना मोक्ष है। मृत्यु के भय से मुक्ति भी मोक्ष है, मोक्ष का अर्थ ही है मुक्त होना।
नमस्ते स्वामी जी, क्या वेद मे चर्म (चमड़ा) उद्योग का वर्णन है। अगर यदि है तो मंत्र की संख्या एवं कौन से वेद मे है कृप्या बताएँ।🙏🙏🙏
जी, चर्म उद्योग जैसा शब्द वेद में नही मिल सकता क्योंकि वेद में उद्योग का अर्थ है किंतु कुछ मंत्रों में चर्म के शोधन, छेदन, भेदन का वर्णन मिलता है, चारो वेद में लगभग 30 मंत्रों में चर्म शब्द है, इनमें से कुछ मंत्रों में ही चर्म के भेदन, शोधन की बातें है, जैसे अथर्ववेद 11.1.9 ऋग्वेद 1.85.5 किंतु यहां इतना स्पष्ट कर दें की जीव को मारने की या चर्म कैसे प्राप्त हो, ऐसी बातें नही लिखी है, किंतु वैदिक काल से ही चर्म का उपयोग सामान्य उपयोग की वस्तुओं में किया जाता रहा है।
@@vedkranti अर्थात स्वामी जी इसका तात्पर्य यह है कि वेद किसी स्वाभाविक मृत पशु (हिंसारहित) चर्म उपयोग करना आदेश देता है।🙏🙏🙏
जी, हिंसा का विरोध है, प्राकृतिक रूप से उपलब्ध वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए, प्राचीन काल से ही होता आया है, प्रत्यंचा, ढोलक आदि
Very good step but please voice should be more clear
जी, ये पुरानी वीडियोस है, एडिट करके डाली जा रही है, जो नई विडियोज है, उनमें वॉयस आदि का ध्यान रखा गया है।
बहुत सुंदर
जय श्री कृष्णा
जय श्री कृष्ण🙏🏻🕉️
सार्थक प्रयास और विद्वता का का अभिमान रहित , भावार्थ सहित आपका ग्यान प्रकाशित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद श्रीमान ❤
Bahut accha aap, karte rahiea ved paath
Santosh aarya dehli
🎉🎉🎉❤❤❤
भाई अति उत्तम।। 🎉🎉🎉🎉 मुझे लगता है की आज मुझे आप पर फक्र है कल सारे जमाने को होगा । धन्यवाद 🙏🙏