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कबीर जीवन सार
India
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Hello friends, my name is vikky kumar pahaladiya.this youtube channel is an education.
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जीवन क्षणभंगुर है समझकर पहले ही हो जाओ सावधान
कबीर जीवन सार, जीवन क्षणभंगुर है समझकर पहले ही हो जाओ सावधान। मृत्यु के बाद कुछ नही होता है ।
zhlédnutí: 251
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ब्राह्मण कौन है ? । ब्राह्मण किसे कहते है ?। व्यक्ति गुणो से ब्राह्मण होता है या जाती से ।
zhlédnutí 248Před 2 hodinami
कबीर जीवन सार। ब्राह्मण कौन है ? । व्यक्ति गुणो से ब्राह्मण होता है या जाती से
मानव का लक्ष्य बाहर नही भीतर है ।
zhlédnutí 427Před 4 hodinami
कबीर सार #kabirkepravachan मानव का लक्ष्य बाहर नही भीतर है । @KabirJeevansaar567
संदेहशील व्यक्ति साफ बाते नही कर सकता है ।
zhlédnutí 42Před 7 hodinami
कबीर विचार #kabirgyan ।। क्या संदेहशील व्यक्ति विवेकपूर्ण बाते कर सकता है ?
स्वरूप राम में रमो # संसारिक राम को छोड़कर कर अंदर के चेतन्य राम में रमो
zhlédnutí 1,6KPřed 9 hodinami
कबीर विचार, स्वरूप राम में रमो # संसारिक राम को छोड़कर कर अंदर के चेतन्य राम में रमो
मन से संसार को कैसे निकाले ? # क्या संसार की आसक्ति में सुख है ?
zhlédnutí 1,1KPřed 12 hodinami
कबीर जीवन सार, मन से संसार को कैसे निकाले ? # क्या संसार की आसक्ति में सु है ?
मोह-माया पर कैसे विजय प्राप्त करे ? क्या ग्रहस्थ में रहकर मोह-माया का त्याग कर सकते है ?
zhlédnutí 765Před 14 hodinami
कबीर जीवन सार #मोह-माया पर कैसे विजय प्राप्त करे ?
आचरण कैसा होना चाहिए ?# आचरण का सुधार कैसे करे ?
zhlédnutí 875Před 16 hodinami
कबीर जीवन सार #kabirvichar ।आचरण कैसा होना चाहिए ?
भ्रम से जागो # कैसे भ्रम मे पडकर मनुष्य खुद का पतन कर रहा है
zhlédnutí 934Před 19 hodinami
कैसे भ्रम मे पडकर मनुष्य खुद का पतन कर रहा है।कबीर जीवन सार
मोक्ष तुम्हे खुद लेना पडेगा ।
zhlédnutí 801Před 21 hodinou
कबीर जीवन सार #kabirpravachan ।मोक्ष तुम्हे खुद लेना पडेगा ।
संसार ही दुखों का कारण है
zhlédnutí 591Před dnem
कबीर ज्ञान #kabirpravachan #कबीर ।संसार ही दुखों का कारण है
धर्म के नाम पर हिंसा मत करो
zhlédnutí 62Před dnem
कबीर विचार #motivation ।कैसे लोग धर्म के नाम पर हिंसा कर पागल बना रहे है ।
जीवन का मूल लक्ष्य क्या है ? अपने लक्ष्य को पहचान कर उसकी ओर लोटो । उर्ध्वरेता बनो
zhlédnutí 549Před dnem
कबीर विचार #motivation ।अपने लक्ष्य की ओर लोटो । उर्ध्वरेता बनो
अपने लक्ष्य को बाहर मत ढूंढो # भगवान को,राम को,ब्रह्म को,मोक्ष को अपने से बाहर मत ढूंढो ।
zhlédnutí 237Před 28 dny
अपने लक्ष्य को बाहर मत ढूंढो # भगवान को,राम को,ब्रह्म को,मोक्ष को अपने से बाहर मत ढूंढो ।
डर एक मानसिक कल्पना है इसे कैसे त्यागे ?
zhlédnutí 967Před měsícem
डर एक मानसिक कल्पना है इसे कैसे त्यागे ?
बहारी प्रपंच को छोड़कर चेतन्य राम की पहचान
zhlédnutí 1,5KPřed měsícem
बहारी प्रपंच को छोड़कर चेतन्य राम की पहचान
क्या सच में ईश्वर है ? # ईश्वरवादी लोगो से सावधान
zhlédnutí 56Před měsícem
क्या सच में ईश्वर है ? # ईश्वरवादी लोगो से सावधान
बाहर छोडकर अपने अन्दर के राम को पहचाने
zhlédnutí 1,3KPřed 3 měsíci
बाहर छोडकर अपने अन्दर के राम को पहचाने
ब्रह्म को जानने वाले को ब्राह्मण कहते हैं ब्राह्मण जाति से नहीं बनते हैं कर्म से बनते हैं
@@kuwarpandit333 Shai bat
@@kuwarpandit333 ek bar jaror video sune
@@kuwarpandit333 aapke vichar bhot aache h pandit ji
❤❤❤❤❤jai satguru ram ji❤❤❤❤❤❤❤❤
Jai satguru
भ्रम और धोखे में पटककर आजकल इंसान नीच निकम्मा हो गया है कि लोगो का धन दौलत रुपए पैसे हड़पने के लिए हर हथकंडे अपना लेता है। भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी करना अपना संवैधानिक अधिकार समझता है।ठगी ब्लेकमेलिंग छलकपट धोखाधड़ी ब्लेकमेलिंग करना आम बात है और झूठी कसमें खाना भी एक परम्परा बन गई है। प्रवचन में लाखो लोगो की भीड़ इकट्ठी होती है किन्तु इस भीड़ में से कितने लोग जीवन यात्रा में सत्ता न्याय नीति दया धर्म सहयोग समर्पण ईमानदारी श्रृद्धा भक्ति विश्वास पर जीवन यात्रा व्यतीत करने वाले कितने लोग हैं अपनी आत्मा से पूछ्ना चाहिए
Thanks
इन सब से बचकर निकलना है
Sat Saheb 🙏🙏
Sat saheb ji
हां भैया मोक्ष सबको अपनी खुद लेनी पड़ती है जिसका स्वभाव होगा मोक्ष लेने का वह स्वयंले लेगा
Thanks
Kabir Swayam Ram thae, Sant Roop mei swayam Parmatma Satlok sae utar kar Dharti par aye aur Joe Geeta ka Sar log samaj nahi sakae usae badi Samanya bhasha mei hame Gyan sae prakashit kiya 🌻🌻🌻🌻🌼🌼
Bhot Bhot Dhanyabad Babir sahib ko samjo bhai Thanks
Satsahib ji
Write knowledge
Thanks
Satsahib ji
।।जय श्री सच्चिदानंद परमेश्वराय नमो नमः।।::-कहत साँई अरुण जी महाराज सुनो भाई सारशब्दी संतो::-पांच तत्वन,का पूतला, मानुष धरियो नाम। सारशब्द से बीछडे, जाये लखचौरासी की ठाम।।01।।मन मैला तन ऊजला, बगुला कपटी अंग। तासे तो कौआ भला, तन मन एक ही रंग।।02।।आया था किस काम को, तू सोया चादर तान। सुरति सम्भाल ऐ गाफिल, अपने आप को पहचान।।03।।रस्सी बंधी पांव मे, तू क्यो सोवे सुख चैन। ये स्वांस नगाडे मौत के, बाज रहे दिन रैन।।04।।आत्मा परमात्मा संगति सारशब्द की, जो कोई पूछे बात। जैसे कुंवारी कन्या से पूछे, पति प्रेम की बात।।05।।::-टीप::तन बिगाड़ने वाले खान-पान से, मन बिगाड़ने वाले विचारो से और मानसिकता बिगाड़ने वाले नकली ढोंगी गुरुओ से सदा दूर ही रहना चाहिए और सच्चे परम भेदी गुरु की तलाश करनी चाहिए।।01।।अपने हर दिन को अंतिम दिन मानकर अखंड सारशब्द रमैया राम नाम परमात्मा परमेश्वर प्रेम का हर पल सुमिरण करना चाहिए। यही मानव जीवन का मूल उद्देश्य है। हमारे संतो ने इसे परममोक्षदाई बतलाया है।।02।।जो देही गुरु, संत-साधू और सन्यासी अपनी आत्मा से परिचित नही है तथा अपनी आत्मा की शक्ती को नही जानते है। ऐसे सब गुरु साधू संत सन्यासी महन्त मनमुखी होते है। ऐसे गुरु साधू संत सन्यासी महन्त के शिष्य भी मनमुखी ही होते है, जिस कारण उनका इस भव जगत का जन्म मरण का बंधन नही टूट सकता।।03।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय संत परिवार को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।00।।
Saheb bandagi saheb ji with respectfully and with honour 🙏🙏
Sahib bandagi
सतलोक में पूर्ण ब्रह्म नहीं है सतलोक में कबीर जी नहीं। सतलोक में अखंड मुक्ति नहीं है। सतलोक काल के गाल में है। जहां काल है वहां दयाल नहीं है और जहां दयाल है वहां काल नहीं है।
मै कौन हूँ ये जानना ह पहले
काल भी मनुष्य की अपनी मानंदी है
@@KabirJeevansaar567 काल भगवान है लेकिन पूर्ण ब्रह्म नहीं। वेद शिक्षा दे रहे हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। यह वेद ज्ञान है। लेकिन वह क्या है उसका वेदों को पता नहीं। यही बात गीता की है १५अधधाय१६वांशलोक। हे अर्जुन! दो पुरुष हैं क्षर अक्षर तीसरा उत्तम पुरुष अलग है। उनका पता नहीं। तभी तो कहा है। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। अब जिस को परमात्मा की गम नहीं है राम पाल उसका प्रमाण देता है। और जो सारे शास्त्रों का सार है भागवत उसके बारे में एक शब्द नहीं आता। उल्टा निंदा करता है किराधे राधे श्याम मिला दे क्या है। ब्रज और रास लीला जो पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद ने करी थी वह अक्षर ब्रह्म के चित में अखंड हो चुकी है। अब तीसरी जागनी लीला कलयुग की चल रही है। वह ब्रह्म आत्मा पहले ब्रज में आई फिर रास में आई अब तीसरी बार कलयुग में आई है उन्हें जगाने के लिए परम धाम का जागृत ज्ञान प्रगट हुआ है। इस के बाद पुरा क्षर ब्रह्मांड अक्षर ब्रह्म के मन में अखंड किया जाएगा।तब इस दुनिया को पता चलेगा कि ब्रज रास और कलयुग में पूर्ण ब्रह्म की लीला हुई थी उसके कारण हमें अखंड मुक्ति मिली।तब यह पूरा ब्रह्मांड जय जय कार करेगा। जिसे क़यामत कहते हैं।
@@KabirJeevansaar567 यह आपका प्रश्न बहुत उत्तम है। मैं कोन हु। और वह परमात्मा कहां है क्या है उनसे हमारा क्या रिश्ता है। वह कहां रहेता है। दुनिया परमात्मा को कण कण में मान रही है लेकिन ऐसा नहीं है। कबीर जी स्पष्ट शब्दों में कहें रहे हैं। पिंड में होता मरता न कोई ब्रह्मांड में होता देखता सब कोई। पिंड ब्रह्मांड दोऊ से न्यारा कहे कबीर सोई साईं हमारा।। यही बात वेद कह रहे हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। यह वेद की शिक्षा है लेकिन वह क्या है उसका वेद को भी पता नहीं। यही बात गीता कहे रही है।हे अर्जुन! दो पुरुष हैं क्षर और अक्षर तीसरा उत्तम पुरुष अलग है उसका गीता को भी पता नहीं। तभी तो कहा है। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। अब जिस परमात्मा की वेदों को गीता को गम नहीं है। उसका राम पाल प्रमाण देता है। तो पूर्ण ब्रह्म की प्राप्ति कैसे होगी? ब्रह्म काल निरंजन की प्राप्ति हो जायेगी। लेकिन काल निरंजन आदि नारायण सतलोकबैकुंठ खुद काल के गाल में है। तो तुम्हें अखंड मुक्ति कहां से दे गें बस इस पर ही विचार किया जाए इतना ही काफी है।
अज्ञानता के कपाट सतलोक बैकुंठ से नहीं खुलते। सतलोक बैकुंठ प्राकृतिक पन्ना केअंदर है। सतलोक बैकुंठ में अखंड मुक्ति नहीं है। पूर्ण ब्रह्म सतलोक बैकुंठ के अंदर नहींहै। कबीर सब सतलोक बैकुंठ में नहीं है। कलयुग में जो सपनों में बैकुंठ से परे है और उसके भी परे है। कोशिका जागृत ज्ञान कलयुग बुद्ध शाखा में प्रकट हुआहै इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।
साहेब बंदगी कलयुग को मानना मेरा अपना विचार है यही तो बाणी जाल मे गुरुवा लोग फसाते है इसी से बचना है
@@KabirJeevansaar567 प्रमाण के साथ बात करने चाहिए। बिना प्रमाण के कोई भी चीज सत्य नहीं हो ती।
ठीक है महाराज जी
पहले आप कलयुग सतयुग से बाहर निकलो
अभी तक इन्ही बाणी जाल मे फसे हो
Saheb bandagi saheb ji
Saheb bandagi ji
Sat saheb ji ❤❤❤❤❤❤
Satsahib ji thanks
Sarsahib ji
केअबीर पंथी भीमठ होते है हिंदू केअबीर ऐंठी से दूर रहें जय सिया राम
❤️❤️❤️
Sahib Bandagi bahut Sundar vichar ki prastuti
Sahib bandagi
श्रीमन नारायण नारायण नारायण लक्ष्मी नारायण नारायण नारायण गुरु नारायण नारायण नारायण जय श्री राम जय श्री कृष्ण
💯💯💯💯
Thanks